Constitution club - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 04 Sep 2024 08:41:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Constitution club - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 एससी/एसटी आरक्षण, उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर पर बढ़ता विवाद. https://chaupalkhabar.com/2024/09/04/sc-st-reservation-sub-category/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/04/sc-st-reservation-sub-category/#respond Wed, 04 Sep 2024 08:41:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4636 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसने दलित समुदायों के बीच खलबली मचा दी है। इस फैसले के बाद से पूरे देश में विभिन्न दलित संगठनों ने इसके विरोध में बैठकें और रैलियां आयोजित करनी शुरू कर दी हैं। इस मुद्दे ने सरकार और …

The post एससी/एसटी आरक्षण, उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर पर बढ़ता विवाद. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी आरक्षण के उप-वर्गीकरण को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया, जिसने दलित समुदायों के बीच खलबली मचा दी है। इस फैसले के बाद से पूरे देश में विभिन्न दलित संगठनों ने इसके विरोध में बैठकें और रैलियां आयोजित करनी शुरू कर दी हैं। इस मुद्दे ने सरकार और दलित संगठनों के बीच एक गंभीर विवाद को जन्म दे दिया है। अखिल भारतीय स्वतंत्र अनुसूचित जाति संघ (एआईआईएससीए) ने हाल ही में दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक महत्वपूर्ण चर्चा आयोजित की, जिसमें निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग उठाई गई। चर्चा के दौरान, विभिन्न दलित नेताओं ने सरकार और सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कड़ी आलोचना की। इनमें पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, लेखिका और कार्यकर्ता अनीता भारती, बीएसपी नेता रितु सिंह, और जेएनयू के प्रोफेसर हरीश वानखेड़े जैसे प्रमुख नाम शामिल थे।

गौतम ने सुप्रीम कोर्ट के 1 अगस्त 2024 के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, “इस फैसले को देखकर ऐसा लगता है कि यह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और आरएसएस की विचारधारा का प्रतिबिंब है।” उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस बात का कोई डेटा नहीं है कि एससी/एसटी की किस जाति को कितना लाभ मिला है, और इस निर्णय के बिना समुदाय को सुने बगैर लिया गया। गौतम के अनुसार, यह फैसला समाज को विभाजित करने का प्रयास है। सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ ने 6:1 के बहुमत से एससी/एसटी आरक्षण के उप-वर्गीकरण को परिभाषित करने का फैसला सुनाया। हालांकि, पीठ की एकमात्र असहमति जताने वाली न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी थीं। इस बीच, नरेंद्र मोदी सरकार ने क्रीमी लेयर की किसी भी संभावना को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, जिससे विवाद और गहरा हो गया।

खबर भी पढ़ें : IC 814 कंधार हाईजैक: आतंकियों के हिंदू नामों पर विवाद और पूर्व RAW प्रमुख के बड़े खुलासे

मोदी सरकार के सहयोगियों में भी इस मुद्दे पर मतभेद दिखा। एलजेपी (रामविलास) के चिराग पासवान और आरएलडी के जयंत चौधरी ने इस उप-वर्गीकरण का विरोध किया, जबकि टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। इस मुद्दे पर कुछ दलित नेताओं का मानना है कि आरक्षण ने नेतृत्व की संरचना को बदलने में असफलता पाई है। राजेंद्र पाल गौतम ने भारत के शीर्ष 10 पीएसयू बैंकों का उदाहरण देते हुए कहा कि 147 में से 135 पद उच्च जातियों के लोगों द्वारा भरे गए हैं। उन्होंने कहा, “एससी/एसटी को वह हिस्सा नहीं मिल रहा है जो मिलना चाहिए।”

खबर भी पढ़ें : Haryana Election: बीजेपी की पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी, जाट वोट बैंक और चुनावी चुनौतियों पर नजर

गौतम और अन्य दलित नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें उप-वर्गीकरण से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि इसे कैसे लागू किया जाएगा। प्रोफेसर वानखेड़े ने कहा कि अधिक भागीदारी से सत्ता का लोकतंत्रीकरण होगा। उन्होंने निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग करते हुए कहा, “निजी अर्थव्यवस्था का भी लोकतंत्रीकरण होना चाहिए, और उसे इस देश की विविधता को दर्शाना चाहिए।” बीएसपी नेता रितु सिंह ने इस मुद्दे पर संसद की निष्क्रियता पर चिंता जताई और समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया का हवाला देते हुए कहा कि “सड़कें खामोश हो जाएं तो संसद आवारा हो जाएगी।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब वक्त आ गया है कि सड़कों पर आवाज उठाई जाए।

 

The post एससी/एसटी आरक्षण, उप-वर्गीकरण और क्रीमी लेयर पर बढ़ता विवाद. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/04/sc-st-reservation-sub-category/feed/ 0