The post दिल्ली हाईकोर्ट में बृजभूषण शरण सिंह की याचिका पर आपत्ति, यौन उत्पीड़न मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को. first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>बृजभूषण शरण सिंह पर छह महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं। इन शिकायतों के आधार पर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। इन महिला पहलवानों ने आरोप लगाया था कि बृजभूषण ने उनके साथ यौन उत्पीड़न किया और उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई। ट्रायल कोर्ट ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया था। ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री मौजूद है, जिसके आधार पर बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं। इस आदेश को चुनौती देते हुए बृजभूषण ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
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दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण की याचिका की स्वीकार्यता को चुनौती दी है। पुलिस का कहना है कि इस याचिका के माध्यम से बृजभूषण मुकदमे को लंबा खींचने का प्रयास कर रहे हैं और यह न्याय प्रक्रिया में रुकावट पैदा कर सकता है। पुलिस का तर्क है कि ट्रायल कोर्ट के आदेश में कोई कानूनी खामी नहीं है, और इसलिए हाईकोर्ट को इस याचिका को खारिज कर देना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह के वकील से दो सप्ताह में एक संक्षिप्त नोट तैयार करने को कहा है। इस नोट में उन्हें यह स्पष्ट करना होगा कि उन्होंने एक ही याचिका में आरोप तय करने के आदेश और कार्यवाही को चुनौती क्यों दी है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि बृजभूषण की याचिका पर गहन विचार करने की आवश्यकता है, क्योंकि यह मामला केवल बृजभूषण की प्रतिष्ठा से नहीं, बल्कि कई महिला पहलवानों की गरिमा से भी जुड़ा हुआ है।
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इस मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी। इस दौरान कोर्ट यह तय करेगा कि बृजभूषण की याचिका पर आगे क्या कार्रवाई की जाए। यदि कोर्ट बृजभूषण की याचिका को स्वीकार करती है, तो इससे मुकदमे की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। दूसरी ओर, अगर याचिका खारिज होती है, तो बृजभूषण को ट्रायल का सामना करना होगा। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के चलते यह मामला न केवल कानूनी दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत संवेदनशील है।
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]]>The post दिल्ली हाईकोर्ट से पूजा खेडकर को मिली राहत, बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की गिरफ्तारी पर 21अगस्त तक लगायी गयी रोक. first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>एक अगस्त को ट्रायल कोर्ट ने पूजा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि उन पर लगे आरोप गंभीर हैं और उनकी गहन जांच की आवश्यकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि इस साजिश में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं, इसकी जांच के लिए आरोपितों से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले की निष्पक्ष जांच करने का निर्देश भी दिया था। पूजा खेडकर ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में कहा था कि उन्हें गिरफ्तारी का डर है और उन्हें सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने इस याचिका को ठुकराते हुए कहा था कि यह मामला गंभीर है और इस मामले की तह तक जाने के लिए आरोपित से पूछताछ करना जरूरी है।
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दिल्ली हाई कोर्ट में पूजा की ओर से यह तर्क दिया गया कि उन्हें इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है और उन्हें अग्रिम जमानत दी जानी चाहिए। कोर्ट ने इस पर विचार करते हुए फिलहाल पूजा को गिरफ्तारी से राहत दी है और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि वे 21 अगस्त तक उन्हें गिरफ्तार न करें। यह मामला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें एक पूर्व आईएएस प्रशिक्षु के खिलाफ आरक्षण का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इसमें आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे का गलत इस्तेमाल किया गया है। दिल्ली पुलिस अब इस मामले की आगे की जांच कर रही है और यह देखना होगा कि मामले की जांच में क्या निष्कर्ष सामने आते हैं।
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पूजा खेडकर के खिलाफ लगे आरोपों और उन्हें मिली राहत से यह मामला और भी जटिल हो गया है। जहां एक तरफ हाई कोर्ट ने उन्हें अस्थायी राहत दी है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की आवश्यकता बनी हुई है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की कानूनी प्रक्रिया में क्या मोड़ आते हैं और न्यायालय का अंतिम निर्णय क्या होता है।
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]]>The post दिल्ली के स्कूल को बम धमाके की धमकी, देर रात ई-मेल के बाद खाली कराई गई बिल्डिंग… first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>प्रिंसिपल शालिनी अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने हमारी हर संभव मदद की और तुरंत कार्रवाई की। स्कूल प्रशासन ने सभी छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और अभिभावकों को सूचित किया। फिलहाल, कुछ ही छात्र स्कूल में बचे हैं, और उनके अभिभावक उन्हें लेने आ रहे हैं। यह घटना सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर है, क्योंकि मई महीने में भी दिल्ली और नोएडा के करीब 150 स्कूलों को बम धमकी मिली थी। उन धमकियों के बाद दिल्ली सरकार ने सभी स्कूलों को परामर्श जारी किया था कि वे अपने आधिकारिक ई-मेल की नियमित जांच करें ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
समर फील्ड्स स्कूल को मिली इस धमकी ने फिर से स्कूलों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। हालांकि पुलिस की तत्परता और स्कूल प्रशासन की सूझबूझ से किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सका है। लेकिन इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि स्कूलों को अपनी सुरक्षा व्यवस्था और भी कड़ी करनी होगी और प्रशासन को ऐसे मामलों में और सतर्क रहना होगा। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस धमकी के पीछे कौन था, और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। स्कूल प्रशासन और पुलिस की ओर से सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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]]>The post “दिल्ली के GTB अस्पताल में मरीज की गोली मारकर हत्या, सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल” first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>घटना के बाद, रियाजुद्दीन की पत्नी ने दावा किया कि उनके पति गलत पहचान का शिकार हुए हैं। पुलिस ने Hospital मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज खंगालकर आरोपी की पहचान करने की कोशिश की जा रही है। शाहदरा के अतिरिक्त डीसीपी विष्णु शर्मा ने कहा कि हमारी टीम मौके पर पहुंची और पुष्टि की कि मृतक रियाजुद्दीन था। हम यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि हमले के पीछे कोई रंजिश या मकसद था या नहीं। गोलीबारी की इस घटना ने अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों में भी भय और असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है। यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस एंड गुरु तेग बहादुर अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स असोसिएशन ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने 15 जुलाई से हड़ताल की घोषणा की है और कहा है कि जब तक सुरक्षा व्यवस्था नहीं बढ़ाई जाएगी, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इस दौरान अस्पताल में केवल इमरजेंसी सेवाएं ही जारी रहेंगी।
अस्पताल के सर्जरी वार्ड में हुई इस हत्या ने स्वास्थ्य सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद, पुलिस अधिकारियों ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं और अस्पताल प्रशासन को भी सुरक्षा उपायों को सख्त करने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से मिले सबूतों के आधार पर जांच जारी है और आरोपी की पहचान कर उसे जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है। रियाजुद्दीन की हत्या ने न केवल अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों को, बल्कि वहां के मरीजों और उनके परिजनों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस घटना ने अस्पताल में सुरक्षा की कमी को उजागर किया है और अस्पताल प्रशासन को मजबूर किया है कि वे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को पुनः जांचें और मजबूत करें। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल और उनके द्वारा की जा रही मांगों ने अस्पताल प्रशासन और सरकार के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है।
इस घटना ने दिल्ली के स्वास्थ्य व्यवस्था और सुरक्षा उपायों पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। प्रशासन को इस मामले की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीज और वहां काम करने वाले डॉक्टर सुरक्षित महसूस कर सकें।
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]]>The post स्वाति मालीवाल केस: बिभव कुमार को कोर्ट से कोई राहत नहीं, पेशी के बाद भेजे गए जेल first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>कोर्ट ने पहले बिभव को 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा था। हिरासत की अवधि खत्म होने पर बिभव को फिर से कोर्ट में पेश किया गया जहां से उन्हें 4 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस दौरान पुलिस ने अपराध स्थल का पुनः निर्माण करने के लिए बिभव को दोबारा मुख्यमंत्री आवास ले गई। इससे पहले स्वाति मालीवाल को भी ले जाकर घटना का पुनः निर्माण किया गया था। जांच के दौरान पुलिस बिभव को मुंबई भी लेकर गई थी। बताया जा रहा था कि बिभव ने मुंबई में ही अपना फोन फॉर्मेट किया था। ऐसे में यह पता करने के लिए कि फोन मुंबई में कहां और कैसे फॉर्मेट किया गया, पुलिस बिभव को मुंबई ले गई ताकि डेटा रिट्रीव किया जा सके। इस दौरान दिल्ली पुलिस ने जो सबूत बरामद किए, वे मुंबई एयरपोर्ट के नजदीकी इलाके से थे। 17 मई की रिपोर्ट के मुताबिक, बिभव कुमार ने शहर में किसी अन्य व्यक्ति या डिवाइस पर डेटा ट्रांसफर करने से पहले अपने फोन को फॉर्मेट कर दिया था। दिल्ली पुलिस उस डेटा को वापस पाने के लिए उन्हें मुंबई के उपनगर कलिना में फोरेंसिक लैब ले गई।
पुलिस ने दिल्ली की एक स्थानीय अदालत तीस हजारी को बताया कि बिभव ने मुंबई में कथित तौर पर अपना फोन फॉर्मेट किया था। इसलिए, सबूत जुटाने के लिए उन्हें मुंबई ले जाना जरूरी था। पुलिस का कहना था कि यह भी पता लगाना है कि फोन से डिलीट किया गया डेटा सबूत मिटाने के लिए किया गया या किसी अन्य वजह से नष्ट किया गया था। स्वाति मालीवाल के आरोपों के बाद बिभव कुमार के खिलाफ मामला काफी संगीन हो गया है। पुलिस ने इस मामले में जांच तेज कर दी है और सबूत जुटाने में लगी हुई है। बिभव की गिरफ्तारी और फोन फॉर्मेटिंग के मामले ने इसे और भी पेचीदा बना दिया है। पुलिस को अब यह साबित करना होगा कि बिभव ने सबूतों को मिटाने के लिए जानबूझकर फोन फॉर्मेट किया या इसके पीछे कोई और कारण था।
इस पूरे मामले ने अरविंद केजरीवाल की सरकार को भी सवालों के घेरे में ला दिया है। बिभव कुमार के खिलाफ लगे आरोपों और उनकी गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और स्वाति मालीवाल को न्याय दिलाने की मांग की है। स्वाति मालीवाल ने पुलिस से निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है और कहा है कि उन्हें न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने बिभव कुमार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि ऐसे मामलों में किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए।
इस मामले में आगे की जांच जारी है और देखना होगा कि पुलिस किस तरह से इस मामले में सबूत जुटाती है और कोर्ट में किस तरह से पेश करती है। बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत का समय 28 मई को खत्म होगा और उसके बाद कोर्ट में आगे की सुनवाई होगी। यह मामला न केवल स्वाति मालीवाल और बिभव कुमार के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे लेकर दिल्ली की राजनीतिक स्थिति भी प्रभावित हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है और कोर्ट का क्या फैसला आता है।
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]]>The post स्वाति मालीवाल केस पर अरविंद केजरीवाल के माता पिता से पूछताछ, सीएम केजरीवाल के दावे पर क्या कहा दिल्ली पुलिस ने first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त कानून व्यवस्था रवींद्र सिंह यादव का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी और उनके माता-पिता से पूछताछ करने की योजना थी, लेकिन केजरीवाल ने समय ही नहीं दिया। यादव ने बताया कि आज पूछताछ का निर्णय लिया गया था, लेकिन मीडिया को घर के बाहर बुलाकर आरोप-प्रत्यारोप के कारण पूछताछ स्थगित कर दी गई है। अब जरूरत पड़ने पर पुलिस तय करेगी कि पूछताछ की जाए या नहीं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि केजरीवाल ने पूछताछ के लिए समय नहीं दिया और अपनी पत्नी और माता-पिता को तैयार कर फोटो खिंचवाकर मीडिया को भेज दिया। पुलिस के अनुसार, स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट और छेड़छाड़ के मामले में विभव के खिलाफ जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस ने केजरीवाल से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने बात नहीं की। केजरीवाल केवल मीडिया से ही बात कर आरोप-प्रत्यारोप लगाते हैं।
इस विवाद के बीच, स्वाति मालीवाल के समर्थन में और उनके खिलाफ दोनों ही तरफ से बयानबाजी जारी है। विपक्ष का कहना है कि यह घटना सरकार की नाकामी का प्रतीक है और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है। वहीं, आम आदमी पार्टी इसे भाजपा की साजिश करार दे रही है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि स्वाति मालीवाल को भाजपा के इशारे पर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में दिल्ली पुलिस और अरविंद केजरीवाल के बीच की तनातनी से राजनीतिक माहौल और गरमा गया है। केजरीवाल का आरोप है कि पुलिस उनके माता-पिता को परेशान करने की कोशिश कर रही है, जबकि पुलिस का कहना है कि उनके पास इस मामले से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करनी है। इस सब के बीच, स्वाति मालीवाल खुद इस मामले में चुप्पी साधे हुए हैं।
स्वाति मालीवाल के साथ हुई बदसलूकी की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक अखाड़े में होने वाली खींचतान को एक बार फिर उजागर कर दिया है। इस मामले में सही और गलत का निर्धारण करना मुश्किल है, क्योंकि दोनों ही पक्ष अपने-अपने तर्कों के साथ खड़े हैं। एक ओर जहां विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है, वहीं सरकार अपनी बेगुनाही साबित करने की कोशिश में जुटी है। इस घटनाक्रम से स्पष्ट है कि महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीति की रोटियां सेंकने का काम जारी है। इस बीच, जनता को भी इस मुद्दे पर स्पष्टता की जरूरत है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में जाता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इस पूरे प्रकरण से यह साफ होता है कि महिलाओं की सुरक्षा के मामले में राजनीतिक दलों के बीच की खींचतान ने इसे और जटिल बना दिया है। अब यह देखना बाकी है कि इस विवाद का अंत किस रूप में होता है और क्या वास्तव में इस मामले में न्याय हो पाता है या नहीं।
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]]>The post बिभव कुमार को दिल्ली पुलिस द्वारा CM House से गिरफ्तार किया गया स्वाति मालीवाल बदसलूकी केस में चल रहे थे फरार first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बिभव कुमार मुकदमा दर्ज होने के बाद से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के अंदर ही थे या कहीं और जाकर छिप गए थे। पुलिस का यह भी कहना है कि बिभव को पकड़ने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी और अब उनसे पूछताछ के बाद ही पूरा सच सामने आ पाएगा। वहीं, बिभव कुमार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील करण शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमें अभी तक पुलिस से कोई जानकारी नहीं मिली है। हमने उन्हें एक ई-मेल भेजा है कि हम जांच में सहयोग करेंगे।” करण शर्मा का यह बयान इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करता है और इस बात पर भी जोर देता है कि आरोपी के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, आप लीगल सेल के प्रदेश अध्यक्ष संजीव नासियार ने भी बिभव कुमार की गिरफ्तारी पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “हमने कोर्ट में अर्जी दाखिल की है कि हमें अभी तक एफआईआर की कॉपी नहीं मिली है। आदेश शाम 4 बजे तक सुरक्षित है लेकिन अब मुझे पता चला है कि उसे बिना किसी सूचना के यहां लाया गया है। अब हम अंदर (सिविल लाइंस पीएस) जाना चाहते हैं लेकिन हमें अंदर जाने से रोका जा रहा है।” संजीव नासियार की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट होता है कि पार्टी के अंदर भी इस गिरफ्तारी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने इस घटना को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “विभव कुमार जी ने 24 घंटे पहले दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है। स्वाति मालीवाल जी के मामले में पुलिस तुरंत सक्रिय हो जाती है। एफआईआर दर्ज कर लेती है और मीडिया में चलवा देती है। वहीं सीएम की सुरक्षा मामले पर पुलिस चुप है।” आतिशी का यह बयान इस बात को उजागर करता है कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं और इसे राजनीतिक रंग भी दिया जा रहा है। इस पूरे मामले को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। एक ओर जहां पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी इस कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े कर रही है। पार्टी का कहना है कि पुलिस ने बिभव कुमार की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वहीं, स्वाति मालीवाल के मामले में पुलिस तुरंत सक्रिय हो गई और एफआईआर दर्ज कर ली।
पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठाना स्वाभाविक है, क्योंकि यह मामला न केवल राजनीतिक है बल्कि इसमें एक महिला सांसद के साथ बदसलूकी के आरोप का भी है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई को कुछ लोग सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ लोग इसे राजनीतिक दबाव का परिणाम मान रहे हैं। बिभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद अब पुलिस उनसे पूछताछ कर मामले की सच्चाई का पता लगाने की कोशिश करेगी। बिभव कुमार की गिरफ्तारी के बाद अब सवाल यह भी उठता है कि वह इतने दिनों तक कहां छिपे हुए थे और पुलिस उन्हें क्यों नहीं पकड़ पाई। पुलिस की इस कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर बिभव कुमार को मुख्यमंत्री के आवास से ही क्यों गिरफ्तार किया गया और क्या वह इतने दिनों तक वहीं छिपे हुए थे। इन सभी सवालों के जवाब पुलिस की जांच के बाद ही सामने आएंगे।
इस घटना ने दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने इस गिरफ्तारी को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं और पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया है। इस पूरे मामले से यह साफ है कि दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर तनाव का माहौल बन गया है और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक विवाद हो सकता है। पुलिस की जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि बिभव कुमार के खिलाफ लगे आरोप कितने सही हैं और इस मामले में कौन-कौन शामिल है। तब तक इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी रहेगा।
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]]>The post स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, शरीर के इन हिस्सों पर लगी चोट first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>एमएलसी रिपोर्ट में चोटों का विवरण देते हुए बताया गया है कि स्वाति के शरीर पर जो चोटें पाई गईं, वे विभिन्न अंगों पर थीं। रिपोर्ट के अनुसार, पहली चोट उनके दाहिने कंधे पर थी, जो एक गहरे चोट का निशान था। दूसरी चोट उनकी बाईं कोहनी पर थी, जिसमें सूजन और गहरे नीले रंग का निशान देखा गया। तीसरी चोट उनकी पीठ के निचले हिस्से में थी, जो मांसपेशियों में गहरी चोट का संकेत दे रही थी। चौथी और सबसे गंभीर चोट उनके बाएं घुटने पर पाई गई, जिसमें हड्डी के पास की मांसपेशियों में गंभीर क्षति का संकेत था। इन चोटों की जानकारी मिलते ही दिल्ली महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष रेणुका शर्मा ने कहा कि यह घटना महिलाओं की सुरक्षा के प्रति हमारे समाज की उदासीनता को दर्शाती है और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वाति मालीवाल की स्थिति को देखते हुए उनकी सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्वाति मालीवाल ने अपनी एमएलसी रिपोर्ट मिलने के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके ऊपर हमला महिलाओं की आवाज को दबाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगी और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेंगी। स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा कि यह हमला सिर्फ उनके ऊपर नहीं बल्कि हर उस महिला पर हमला है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करती है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि घटना के बाद पुलिस ने तुरंत और प्रभावी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि हमलावरों को पकड़ने में देरी हुई और मामले की जांच में पुलिस ने लापरवाही बरती। उन्होंने यह भी मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
मारपीट की इस घटना ने दिल्ली के राजनीतिक और सामाजिक माहौल में भी हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह हमला एक साजिश के तहत किया गया है ताकि स्वाति मालीवाल की आवाज को दबाया जा सके। पार्टी ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से प्रमुखता से उठाया है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। स्वाति मालीवाल की मारपीट की यह घटना समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाती है और यह स्पष्ट करती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
स्वाति मालीवाल ने अपनी चोटों और इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि यह उनकी हिम्मत को तोड़ने की कोशिश थी, लेकिन वे और मजबूत होकर उभरेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले को न्यायालय तक ले जाएंगी और सुनिश्चित करेंगी कि दोषियों को उनके अपराध की सजा मिले। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति हमारे समाज की उदासीनता को दर्शाती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
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]]>The post दिल्ली में सड़क किनारे जुमें की नमाज पढ़ रहे युवकों को पुलिसकर्मी ने मारी लात, थाना प्रभारी सस्पेंड… first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>कांग्रेस सासंद इमरान प्रतापगढ़ी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करके दिल्ली पुलिस पर सवाल उठाया है। प्रतापगढ़ी ने लिखा, “नमाज पढ़ते हुए व्यक्ति को लात मारते हुए ये दिल्ली पुलिस का जवान शायद इंसानियत के बुनियादी उसूल नहीं समझता। दिल्ली पुलिस से अनुरोध है कि इस जवान के खिलाफ़ उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाये और एवं सेवा समाप्त को समाप्त किया जाये। जिसके बाद “इस मामले पर डीसीपी नॉर्थ मनोज मीणा का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। और आरोपी पुलिसकर्मी को सस्पेंड कर दिया गया है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हमारी लोगों से अपील है कि वह शांति बनाए रखें।
वायरल वीडियो में दिखाई दे रहा है कि सड़क किनारे पर कुछ युवक नमाज पढ़ रहे हैं और पुलिस उन्हें हटाने की कोशिश कर रही है। पुलिसकर्मी नमाजियों के साथ बदसलूकी से पेश आई, जिससे मौजूद लोगों में आक्रोश भड़का। वहीं, पुलिसकर्मी के लात मारने के बाद भीड़ जमा हो गई और सभी पुलिसकर्मी को घेरकर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे। इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की चर्चा हो रही है। कई लोग इस घटना की निंदा कर रहे हैं और पुलिसकर्मी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, कुछ लोग इसे बेहद दुखद और शर्मनाक मान रहे हैं और इस पर विचार करने की आवश्यकता को उजागर कर रहे हैं।
इस घटना के बाद सामाजिक रूप से भी यह प्रश्न उठा है कि क्या भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन हो रहा है या नहीं। धार्मिक समूहों ने इस मामले में अपनी आलोचना जताई है और सार्वजनिक रूप से अपने अधिकार की रक्षा करने की मांग की है।इसी संदर्भ में, यह भी महत्वपूर्ण है कि संविधान द्वारा स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता की गारंटी दी गई है। भारतीय संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का प्रावधान है और हर व्यक्ति को अपने धर्म और आस्था के अनुसार जीने का अधिकार है।
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]]>The post दिल्ली के जंतर मंतर की ओर बढ़े किसान, सभी बॉर्डर पर निगरानी को बढ़ाया गया… first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>किसान बुधवार को शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हो गए। उन्होंने जंतर मंतर कूच का ऐलान किया, जो किसान आंदोलन के अभियान का हिस्सा बनेगा। किसान नेताओं ने सरकार से अपने नुकसान की भरपाई करने की मांग भी की है। किसान नेता तेजवीर सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार के किसान भी दिल्ली मार्च के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश में हो रही लूट को रोकने के लिए किसान लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है और कई जगहों पर धारा-144 लागू कर दी गई है। प्रधानमंत्री आवास और गृहमंत्री के आस-पास भारी फोर्स को भी तैनात किया गया है। सभी रास्तों पर पुलिस बैरिकेड लगाई गई है।
किसानों का आंदोलन देश के गहरे संघर्ष का परिचय देता है। वे अपने हक की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार से मांगें पूरी नहीं होने पर वे आगे भी अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। इसमें किसान नेताओं का अहम योगदान है जो अपने समूह को एकजुट रखकर उनकी मांगों को सामने रख रहे हैं।
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