delhi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Thu, 03 Oct 2024 09:53:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg delhi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 दिल्ली में वायु प्रदूषण, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा- सिर्फ चर्चा हो रही है, कार्रवाई नहीं https://chaupalkhabar.com/2024/10/03/air-pollution-in-delhi/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/03/air-pollution-in-delhi/#respond Thu, 03 Oct 2024 09:53:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5199 सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर गहरी चिंता जताई। न्यायालय ने कहा कि हर साल दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन …

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सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण पर गहरी चिंता जताई। न्यायालय ने कहा कि हर साल दिल्ली में प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है, लेकिन इसे रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के निर्देशों का पालन करने वालों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हो रही है। न्यायमूर्ति एएस ओका की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, “हर कोई जानता है कि इस मामले में सिर्फ चर्चा हो रही है, और कुछ भी ठोस नहीं किया जा रहा है। यह एक कड़वी सच्चाई है।” पीठ में न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति एजी मसीह भी शामिल थे।

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पिछले हफ्ते, सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम से हलफनामा दायर करने को कहा था, जिसमें पराली जलाने से निपटने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण मांगा गया था। कोर्ट ने इस पर फोकस किया कि पराली जलाना, दिल्ली में खराब हवा के प्रमुख कारणों में से एक है, लेकिन इसके समाधान के लिए अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए हैं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को आयोग की संरचना के बारे में जानकारी दी। लेकिन इस पर न्यायमूर्ति ओका ने तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की पिछले नौ महीनों में केवल तीन बार बैठक हुई, और इनमें भी पराली जलाने पर कोई चर्चा नहीं हुई। जस्टिस ओका ने कहा, “आखिरी बैठक 29 अगस्त को हुई थी, जबकि पूरे सितंबर में कोई बैठक नहीं हुई।”

अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि जब इस समिति में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी भी शामिल हैं, जो नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी रखते हैं, तब भी कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया। न्यायमूर्ति ओका ने नाराजगी जताई कि 29 अगस्त के बाद से अब तक एक भी बैठक नहीं हुई है। उन्होंने कहा, “जब नियमों को लागू करने की बात आती है, तो कार्रवाई में इस प्रकार की गंभीरता दिखाई दे रही है।” न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह ने भी इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “क्या यही गंभीरता दिखाई जा रही है?” उन्होंने यह सवाल उठाया कि सुरक्षा और प्रवर्तन पर एक उप-समिति की बैठक केवल 11 सदस्यों के साथ क्यों आयोजित की गई।

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सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि उन्होंने एक लोक सेवक के आदेशों की अवज्ञा से संबंधित धारा के तहत एफआईआर दर्ज की है। इस पर न्यायमूर्ति ओका ने कहा कि सरकार ने मुकदमा चलाने के लिए सबसे हल्का प्रावधान चुना है। उन्होंने कहा, “सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 और धारा 15 के तहत कठोर कदम उठाने के प्रावधान हैं, लेकिन आपने इनका इस्तेमाल नहीं किया।”

सरकारी वकील ने तर्क दिया कि कठोर कदम इसलिए नहीं उठाए गए क्योंकि वायु प्रदूषण का स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है। लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि जब तक सख्त नियमों को जमीनी स्तर पर लागू नहीं किया जाएगा, तब तक कोई भी इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेगा। अदालत ने कहा कि आदेशों का सही तरीके से कार्यान्वयन होना जरूरी है, नहीं तो ये सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएंगे।

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पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया ठिकाना, कहां रहेंगे परिवार के साथ? https://chaupalkhabar.com/2024/10/03/ex-chief-minister-arvind/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/03/ex-chief-minister-arvind/#respond Thu, 03 Oct 2024 06:54:42 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5192 दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं। पहले शराब नीति घोटाले में फंसने के बाद उनकी गिरफ्तारी, फिर जेल से रिहाई और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक, केजरीवाल का राजनीतिक सफर पिछले कुछ महीनों में काफी घटनाओं से भरा रहा है। अब उनके सरकारी आवास छोड़ने की …

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दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बीते कुछ समय से लगातार सुर्खियों में हैं। पहले शराब नीति घोटाले में फंसने के बाद उनकी गिरफ्तारी, फिर जेल से रिहाई और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने तक, केजरीवाल का राजनीतिक सफर पिछले कुछ महीनों में काफी घटनाओं से भरा रहा है। अब उनके सरकारी आवास छोड़ने की खबरें भी मीडिया में जोर पकड़ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल अपने परिवार के साथ जल्द ही दिल्ली स्थित फिरोजशाह रोड पर बंगला नंबर 5 या 10 में रहने जा सकते हैं। यह दोनों बंगले आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसदों के आवास हैं। बंगला नंबर 5 अशोक मित्तल का है, जो कि पंजाब से AAP के राज्यसभा सांसद हैं, जबकि बंगला नंबर 10 एनडी गुप्ता का है, जो कि दिल्ली से राज्यसभा सांसद हैं। दिलचस्प बात यह है कि दोनों सांसद इन आवासों में खुद नहीं रहते हैं। मित्तल दिल्ली में नहीं रहते जबकि एनडी गुप्ता राजधानी के गुलमोहर पार्क स्थित एक निजी आवास में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं।

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आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता केजरीवाल को अपने घर में रहने की पेशकश कर चुके हैं। हालांकि, केजरीवाल ने इस संबंध में अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है कि वह किस आवास को चुनेंगे। उनका कहना था कि नवरात्रि के दौरान वह सीएम आवास खाली कर देंगे। केजरीवाल को करीब तीन महीने जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट से 13 सितंबर को जमानत मिली थी। जमानत के कुछ दिनों बाद, 17 सितंबर को उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और AAP नेता आतिशी को राजधानी की बागडोर सौंप दी। इस्तीफा देते वक्त केजरीवाल ने स्पष्ट किया था कि वह तब तक मुख्यमंत्री पद पर वापस नहीं आएंगे, जब तक दिल्ली की जनता उन्हें दोबारा चुनाव में नहीं जिताती। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि इससे संकेत मिलते हैं कि वह भविष्य में दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

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अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक स्थिति अभी अनिश्चित है, और उनके भविष्य के कदमों को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। इसी बीच, उनके आवास को लेकर उठे सवालों ने दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस छेड़ दी है। उनके समर्थकों का कहना है कि केजरीवाल एक साधारण जीवन जीते हैं और उन्हें किसी आलीशान आवास की जरूरत नहीं है। वहीं, उनके विरोधियों का कहना है कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बावजूद सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना उनके सिद्धांतों के खिलाफ है। हालांकि, केजरीवाल ने साफ किया था कि वह सरकारी आवास नवरात्रि के दौरान खाली कर देंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह और उनका परिवार किस आवास में रहने का निर्णय लेते हैं। AAP के नेताओं और समर्थकों ने उन्हें आवास की पेशकश की है, लेकिन अंतिम फैसला केजरीवाल का होगा।

अरविंद केजरीवाल की अगली चाल क्या होगी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं, खासकर जब वह अगले चुनावों में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की तैयारी कर रहे हैं।

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दिल्ली एमसीडी चुनाव विवाद, सिसोदिया का बीजेपी पर आरोप, संविधान की हत्या https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/delhi-mcd-election-viva/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/delhi-mcd-election-viva/#respond Fri, 27 Sep 2024 06:19:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5120 दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अचानक चुनाव कराने का आदेश जारी किया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। आप के वरिष्ठ नेता …

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दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अचानक चुनाव कराने का आदेश जारी किया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

मनीष सिसोदिया ने गुरुवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर दिनभर हंगामा होता रहा। कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा और अंततः मेयर ने तय किया कि पांच अक्टूबर को चुनाव कराया जाएगा। सदन स्थगित होने के बाद अधिकांश पार्षद अपने-अपने घर जा चुके थे। लेकिन शाम को अचानक आठ बजे उपराज्यपाल ने कमिश्नर को पत्र लिखकर आदेश दिया कि रात 10 बजे तक चुनाव कराए जाएं। सिसोदिया ने इस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि रात 10 बजे चुनाव कराने का आदेश जारी करना पड़ा? जब अधिकांश पार्षद अपने घर जा चुके थे, तो यह चुनाव कैसे हो सकता है?”

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सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर भी निशाना साधा और कहा, “एलजी साहब जो अमेरिका या पता नहीं कहां बैठे हैं, वो रात के समय चुनाव करवाने का आदेश दे रहे हैं। इसका क्या मतलब है?” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के आदेश से साफ है कि बीजेपी लोकतंत्र की मर्यादा को नजरअंदाज कर रही है। सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर दिल्ली एमसीडी में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। आप नेता ने बीजेपी पर संविधान की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अधिकांश पार्षद बाहर जा चुके थे, तब बीजेपी के पार्षद सदन में टिके हुए थे। उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद तो जा चुके थे, लेकिन बीजेपी के पार्षद वहां डटे रहे। सारे सांसद और पदाधिकारी वहीं मौजूद थे। यह साफ तौर पर संविधान की हत्या है।”

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सिसोदिया ने चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में बीजेपी की बेशर्मी सामने आई थी और अब दिल्ली में भी वही किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी में थोड़ी भी शर्म है तो इस चिट्ठी को वापस लें। हालाँकि, मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन लोकतंत्र का थोड़ा सम्मान तो करना चाहिए।” एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव पहले से ही विवादों में रहा है। चुनाव की तिथि पहले भी कई बार स्थगित की जा चुकी है, और अब उपराज्यपाल के इस आदेश से राजनीतिक विवाद और गहरा हो गया है। जहां आम आदमी पार्टी इसे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता रही है, वहीं बीजेपी ने अभी इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है।इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि दिल्ली की राजनीति में एमसीडी चुनाव को लेकर अभी और गरमाहट देखने को मिल सकती है।

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दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ कड़े कदम, पटाखों पर प्रतिबंध और ऑड-ईवन योजना लागू https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/metropolitan-magistrate-court/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/metropolitan-magistrate-court/#respond Thu, 26 Sep 2024 09:03:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5109 दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर हर साल गंभीर होता जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस वर्ष, दिल्ली की आतिशी सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के उद्देश्य से नए नियमों और योजनाओं की घोषणा की है। वायु …

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दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर हर साल गंभीर होता जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस वर्ष, दिल्ली की आतिशी सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के उद्देश्य से नए नियमों और योजनाओं की घोषणा की है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने इस बार सख्त निर्णय लेते हुए राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने और ऑड-ईवन नियम को फिर से लागू करने का फैसला किया है। ये नियम 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेंगे।

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इस साल पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। राजधानी में हर साल दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिसके चलते सांस लेने में परेशानी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पिछले साल भी केजरीवाल सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था, और इस साल भी यह फैसला लागू रहेगा। सरकार का मानना है कि इससे वायु प्रदूषण में गिरावट आएगी, जिससे शहर की आबोहवा साफ-सुथरी रहेगी और लोगों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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दिल्ली में वाहनों की संख्या बढ़ने से वायु प्रदूषण में भी बढ़ोतरी होती है। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, निजी वाहनों के लिए अलग-अलग दिन तय किए गए हैं। ऑड-ईवन नियम के अनुसार, अगर वाहन की नंबर प्लेट का आखिरी अंक ऑड (विषम) है, तो वह ऑड (विषम) तारीखों पर चलेगा। वहीं, अगर नंबर प्लेट का आखिरी अंक ईवन (सम) है, तो वह ईवन (सम) तारीखों पर सड़कों पर चलाया जा सकेगा।

यह नियम 1 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा। इसके तहत सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आने की संभावना है। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि यातायात की भीड़ में भी कमी आएगी और लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी। इसके अलावा, इस योजना से लोग सार्वजनिक परिवहन का भी अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे प्रदूषण को और कम किया जा सकेगा।

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प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने इस साल ‘वर्क फ्रॉम होम’ (WFH) को भी बढ़ावा देने का फैसला किया है। इससे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी होती है, इसलिए इस बार सरकार आर्टिफिशियल बारिश की भी योजना बना रही है। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी गई है। आर्टिफिशियल बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक कण धरती पर गिर जाएंगे, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि प्रदूषण का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे एनसीआर के राज्यों में भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस साल “विंटर एक्शन प्लान” के तहत सामूहिक प्रयासों की थीम “मिलकर चलें और प्रदूषण से लड़ें” रखी है। इस थीम के जरिए सरकार सभी संबंधित राज्य सरकारों से अपील कर रही है कि वे एक साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करें। गोपाल राय ने यह भी कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सभी सरकारों का संयुक्त प्रयास बेहद आवश्यक है। अगर दिल्ली और एनसीआर के राज्य मिलकर काम करेंगे, तो प्रदूषण को कम करने में आसानी होगी। इसलिए सामूहिक रूप से इस समस्या का सामना करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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दिल्ली की 8वीं मुख्यमंत्री बनीं आतिशी, LG ने 5 अन्य मंत्रियों को भी दिलाई शपथ. https://chaupalkhabar.com/2024/09/21/8th-chief-minister-of-delhi/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/21/8th-chief-minister-of-delhi/#respond Sat, 21 Sep 2024 12:11:42 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5052 आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद यह सम्मान पाने वालीं। 43 वर्ष की आतिशी ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने बेहतरीन काम की वजह से देशभर में पहचान …

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आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी, सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद यह सम्मान पाने वालीं। 43 वर्ष की आतिशी ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में अपने बेहतरीन काम की वजह से देशभर में पहचान बनाई है और अब वह राष्ट्रीय राजधानी की सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचने वाली हैं। शपथ समारोह से पहले आतिशी अपने आवास से निकलकर राजभवन के लिए रवाना हो चुकी हैं, वहीं, पार्टी के अन्य मंत्री और विधायक भी शपथ लेने के लिए तैयार हैं। दिल्ली सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभालने वाली आतिशी का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प और चुनौतियों से भरा रहा है। साल 2013 में आतिशी ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और जल्द ही पार्टी की प्रमुख नेताओं में शामिल हो गईं। आतिशी की नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है, विशेषकर शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए सुधारों की पूरे देश में सराहना हुई।

2015 में, उन्होंने मध्य प्रदेश में जल सत्याग्रह में भाग लिया, जो उनकी समाज सेवा की भावना को प्रदर्शित करता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में, उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार को एक सीख के रूप में लिया और 2020 के विधानसभा चुनावों में कालकाजी सीट से शानदार जीत दर्ज की। उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार को 11,000 से अधिक वोटों से हराया।

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आतिशी की शिक्षा और नीति-निर्माण में गहरी समझ और उनके अनुभव ने उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया। अब, वह मुख्यमंत्री के रूप में नई जिम्मेदारियों को संभालने के लिए तैयार हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले मंगलवार को उपराज्यपाल (LG) को अपना इस्तीफा सौंपा था। इस्तीफे के बाद, आतिशी ने सरकार बनाने का दावा पेश किया। पार्टी के अंदर और बाहर आतिशी को इस भूमिका के लिए उपयुक्त नेता के रूप में देखा जा रहा है। आतिशी के साथ, पार्टी ने उनकी नई कैबिनेट में चार अन्य मंत्रियों को भी जगह दी है, जो उनके साथ काम करेंगे। इनमें गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल हैं, जो पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

एक नए चेहरे के रूप में, सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत को भी कैबिनेट में जगह दी गई है। मुकेश अहलावत अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। अब दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्रियों की टीम होगी। शपथ ग्रहण समारोह से पहले आतिशी, प्रस्तावित मंत्रियों के साथ, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से मिलने उनके घर पहुंची थीं। यह मुलाकात नई सरकार के एजेंडे और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण थी। बैठक के बाद, आतिशी और अन्य मंत्री केजरीवाल के साथ राजनिवास के लिए निकल गए, जहां वह शपथ लेंगे।

दिल्ली के कैबिनेट मंत्री के रूप में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शपथ लेंगे। इन मंत्रियों के साथ, दिल्ली की नई सरकार जनता के कल्याण और विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अपने कार्यकाल को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शपथ ग्रहण से पहले, आप नेता गोपाल राय ने कहा, “जनता के लिए काम करना हमारी प्राथमिकता है और दिल्ली की जनता ने हमें काम करने के लिए चुना है।” उन्होंने यह भी कहा कि सरकार में बदलाव विशेष परिस्थितियों के कारण हुआ है, लेकिन उनका लक्ष्य बचे हुए महीनों में लंबित कामों को पूरा करना है।

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आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडे ने भी शपथ से पहले अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “पूरी दिल्ली और देश ने देखा कि कैसे बीजेपी ने आम आदमी पार्टी को तोड़ने के इरादे से संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया। उन्होंने ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के जरिए हमारे नेताओं को गिरफ्तार करने की कोशिश की। लेकिन अदालतों और संविधान ने हमें न्याय दिया।” मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी की प्राथमिकता दिल्ली की जनता के लिए बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी सेवाओं को उपलब्ध कराना होगा। आतिशी का मानना है कि दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए बुनियादी ढांचे में सुधार और नई तकनीकों का उपयोग बेहद जरूरी है।

पार्टी के सूत्रों के अनुसार, आतिशी का कार्यकाल पार्टी के एजेंडे को और आगे ले जाने का प्रयास करेगा, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा, शिक्षा में और सुधार और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर जोर दिया जाएगा।

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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी, तीसरी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ, कैबिनेट में भी बदलाव https://chaupalkhabar.com/2024/09/21/new-chief-minister-of-delhi-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/21/new-chief-minister-of-delhi-2/#respond Sat, 21 Sep 2024 11:33:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5048 दिल्ली में राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह अपने कालकाजी आवास से राजभवन के लिए निकल चुकी हैं, जहां मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, आतिशी दिल्ली …

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दिल्ली में राजनीति के नए अध्याय की शुरुआत हो चुकी है। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी आज मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। वह अपने कालकाजी आवास से राजभवन के लिए निकल चुकी हैं, जहां मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही, आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, जो कि सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद इस पद पर पहुंचेंगी। आतिशी के साथ दिल्ली की कैबिनेट में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। सुल्तानपुर माजरा से विधायक मुकेश अहलावत भी मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं।

आतिशी के मुख्यमंत्री बनने का यह सफर कई महत्वपूर्ण पड़ावों और संघर्षों से भरा रहा है। 43 वर्षीय आतिशी न केवल दिल्ली की सबसे युवा मुख्यमंत्री बनेंगी, बल्कि वह आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। उन्होंने पार्टी की नीतियों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है और पार्टी के विभिन्न अभियानों में उनका योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है। अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद, आतिशी ने दिल्ली में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था और उनकी पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया था।

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आतिशी की राजनीतिक यात्रा का आरंभ 2013 में हुआ, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ली। इसके बाद उन्होंने कई सामाजिक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाई। 2015 में उन्होंने मध्य प्रदेश के जल सत्याग्रह में भी भाग लिया, जहां उनकी सक्रियता और नेतृत्व क्षमता की सराहना की गई। हालाँकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गौतम गंभीर के खिलाफ करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें वह चार लाख से अधिक मतों से हार गईं। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कालकाजी से भाजपा नेता को 11 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराकर अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत कर ली।

मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी की शपथ के साथ ही दिल्ली की कैबिनेट में भी कई बदलाव किए गए हैं। पार्टी द्वारा घोषित मंत्रिपरिषद में सुल्तानपुर माजरा के विधायक मुकेश अहलावत को शामिल किया गया है, जो कि अनुसूचित जाति वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह राजकुमार आनंद की जगह कैबिनेट में आए हैं। इसके अलावा, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन को भी दोबारा मंत्री बनाया गया है।

दिल्ली सरकार में कुल छह मंत्रियों का प्रावधान है, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ पांच अन्य मंत्रियों ने शपथ ली है। गोपाल राय ने शपथ ग्रहण से पहले कहा कि दिल्ली की जनता के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा, “सरकार में यह बदलाव विशेष परिस्थितियों के कारण हुआ है, लेकिन हमारा लक्ष्य इन बचे हुए महीनों में लंबित कामों को तेजी से पूरा करना है।” शपथ ग्रहण से पहले आतिशी और उनके साथ प्रस्तावित मंत्रियों ने अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की। इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं और दिल्ली की जनता के लिए लगातार काम करने की प्रेरणा दी। मुलाकात के बाद आतिशी, अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण समारोह के लिए ‘राजनिवास’ की ओर रवाना हो गईं।

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दिल्ली की राजनीति में हाल के बदलावों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आप नेता दिलीप पांडे ने कहा कि भाजपा ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर आम आदमी पार्टी के नेताओं को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “ईडी और सीबीआई जैसी संस्थाओं का उपयोग करके भाजपा ने आप नेताओं को गिरफ्तार कराया, लेकिन अदालतों और संविधान की बदौलत हमें न्याय मिला और भाजपा को करारा जवाब मिला।” उन्होंने कहा कि भाजपा ने दिल्ली की जनता से बदला लेने के इरादे से यह सब किया था, क्योंकि तीन बार भाजपा को दिल्ली की जनता ने नकार दिया था।

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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी, कैबिनेट में जातीय संतुलन की कवायद https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/new-chief-minister-of-delhi/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/new-chief-minister-of-delhi/#respond Thu, 19 Sep 2024 10:20:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4983 आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए AAP ने अपने रणनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। इस संदर्भ में आतिशी की कैबिनेट को लेकर …

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आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए AAP ने अपने रणनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। इस संदर्भ में आतिशी की कैबिनेट को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल इस बार मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। सूत्रों के अनुसार, आतिशी की कैबिनेट में वर्तमान कैबिनेट के कुछ प्रमुख चेहरे जैसे गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल रहेंगे। इन सभी नेताओं का दिल्ली की राजनीति में गहरा प्रभाव है और ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं। इन चारों नेताओं ने पहले भी केजरीवाल कैबिनेट में प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं।

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इस बार चर्चा का एक प्रमुख विषय यह है कि आतिशी की कैबिनेट में एक दलित नेता को भी शामिल किया जा रहा है। नए चेहरों में सबसे प्रमुख नाम मुकेश अहलावत का सामने आया है। अहलावत सुल्तानपुर माजरा से विधायक हैं और दिल्ली में दलित समाज के बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं। वह 2020 में पहली बार विधायक बने थे, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राम चंदर चावड़िया को 74,573 वोटों से हराया था। जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 26,521 और कांग्रेस उम्मीदवार जय किशन को 9,033 वोट मिले थे।

मुकेश अहलावत पार्टी के साथ-साथ अपने समाज में भी एक मजबूत पकड़ रखते हैं, जो उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है। पिछले कुछ समय से पार्टी में उन्हें एक महत्वपूर्ण भूमिका देने की अटकलें थीं, और अब वह आतिशी कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से ही अहम भूमिका निभाते आए हैं। निवर्तमान अरविंद केजरीवाल सरकार में कोई दलित मंत्री शामिल नहीं था, जो विपक्ष के लिए आलोचना का एक प्रमुख कारण बना। पहले राजेंद्र पाल गौतम, जो दलित समाज के एक प्रमुख नेता थे, केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री थे, लेकिन एक विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उनके बाद राज कुमार आनंद को मंत्री पद दिया गया था, लेकिन उन्होंने भी कुछ समय पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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अब जब आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कैबिनेट में दलित समुदाय को भी प्रतिनिधित्व मिले। पहले कुलदीप कुमार का नाम मंत्री पद के लिए सामने आया था, लेकिन अब मुकेश अहलावत इस दौड़ में उनसे आगे निकल गए हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव भी महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में AAP की रणनीति यही है कि जातीय संतुलन और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संतुलन बना रहे। मुकेश अहलावत का नाम पहले नॉर्थ वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में भी चर्चा में रहा था। हालांकि, गठबंधन के चलते यह सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई थी।

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स्वाति मालीवाल का बागी अंदाज़, पार्टी क्यों नहीं कर पा रही है सख्त कार्रवाई? https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/swati-maliwal-ka-bagi-an/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/swati-maliwal-ka-bagi-an/#respond Wed, 18 Sep 2024 08:31:14 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4956 दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की संभावित अनुपस्थिति के बाद आतिशी को दिल्ली की बागडोर सौंपने की घोषणा के साथ ही पार्टी के भीतर विवाद भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को “डमी सीएम” करार दिया …

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दिल्ली की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की संभावित अनुपस्थिति के बाद आतिशी को दिल्ली की बागडोर सौंपने की घोषणा के साथ ही पार्टी के भीतर विवाद भी शुरू हो गया है। आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने आतिशी को “डमी सीएम” करार दिया है, जिसे लेकर काफी विवाद खड़ा हो गया है। स्वाति ने इस निर्णय को दिल्ली के लिए “दुर्भाग्यपूर्ण दिन” कहा है।

मालीवाल के इस बयान के बाद, आप पार्टी ने उनसे राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की मांग की है। यह पहला मौका नहीं है जब स्वाति मालीवाल ने पार्टी के नेताओं पर सार्वजनिक रूप से तीखे हमले किए हैं। इससे पहले भी वो आप नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी करती रही हैं, लेकिन इसके बावजूद पार्टी ने उन्हें अब तक बाहर का रास्ता नहीं दिखाया। सवाल उठता है कि आखिरकार क्यों पार्टी लगातार पार्टी विरोधी बयानों के बाद भी उन्हें बर्खास्त नहीं कर रही है, और अगर उन्हें पार्टी से बाहर किया जाता है तो इसका पार्टी पर क्या असर पड़ेगा?

स्वाति मालीवाल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आप पार्टी के पास तीन प्रमुख विकल्प हैं:

1.  अगर पार्टी स्वाति मालीवाल को निलंबित करती है, तो उन्हें पार्टी के निर्देशों का पालन करना होगा, लेकिन उनकी राज्यसभा सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वो राज्यसभा में अपनी भूमिका जारी रख सकेंगी।

2.  यदि पार्टी उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर देती है, तो इस स्थिति में स्वाति पार्टी से तो बाहर हो जाएंगी, लेकिन उनकी राज्यसभा सदस्यता बरकरार रहेगी। इसका नुकसान आप पार्टी को ही होगा क्योंकि संसद में उसका एक सांसद कम हो जाएगा। इसके अलावा, स्वाति मालीवाल पर पार्टी के निर्देशों का पालन करने का कोई दबाव नहीं रहेगा।

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3.  पार्टी के लिए सबसे सही विकल्प यही होगा कि स्वाति मालीवाल खुद राज्यसभा से इस्तीफा दे दें। इसके अलावा, एक और तरीका यह हो सकता है कि यदि वो सदन में पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर किसी प्रस्ताव पर वोट करती हैं या वोटिंग से अनुपस्थित रहती हैं, तो पार्टी उनके खिलाफ संविधान के तहत कार्रवाई कर सकती है। इस स्थिति में पार्टी उनकी सदस्यता रद्द करवाने का प्रयास कर सकती है। पार्टी को 15 दिनों के भीतर शिकायत दर्ज करनी होती है, जिसके बाद उनके खिलाफ उचित प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

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अब सवाल यह है कि आप पार्टी स्वाति मालीवाल के खिलाफ कौन सा कदम उठाएगी। निलंबन से उनकी सदस्यता सुरक्षित रहेगी और बर्खास्तगी से पार्टी को संसद में नुकसान उठाना पड़ेगा। इसलिए पार्टी चाहती है कि या तो स्वाति खुद इस्तीफा दे दें या फिर किसी ऐसे मुद्दे पर पार्टी लाइन के खिलाफ वोट करें, जिससे पार्टी उनकी सदस्यता रद्द करवाने की स्थिति में आ सके। इस विवाद के बीच यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्वाति मालीवाल और आप के बीच यह रस्साकशी किस ओर जाती है, और इसका दिल्ली की राजनीति पर क्या असर होता है।

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शिक्षक से लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री तक, आतिशी का सफर और उपलब्धियाँ. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/from-teacher-to-delhis-mother/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/from-teacher-to-delhis-mother/#respond Tue, 17 Sep 2024 07:28:23 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4925 आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी, जो 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं, अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यह फैसला विधायक दल की …

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी, जो 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं, अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यह फैसला विधायक दल की बैठक में मंगलवार को लिया गया। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता, विजय सिंह और त्रिप्ता वाही, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रोफेसर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित स्प्रिंगडेल्स स्कूल, पूसा रोड से हुई। बाद में उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा का सफर यहीं नहीं रुका। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर्स करने का अवसर मिला। इसके बाद रोड्स स्कॉलरशिप के तहत भी उन्होंने ऑक्सफोर्ड से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

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राजनीति में कदम रखने से पहले आतिशी ने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव में लगभग 7 वर्षों तक काम किया। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास और अंग्रेज़ी पढ़ाया। शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें दिल्ली के शिक्षा संस्थानों में सुधार के लिए एक अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया। उनके प्रयासों का असर दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखा गया।

खबर भी पढ़ें : आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, AAP विधायकों ने केजरीवाल के प्रस्ताव पर दी सर्वसम्मति से मंजूरी.

आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2015 से 2018 तक मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम किया। 2019 में उन्होंने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि वे गौतम गंभीर से हार गईं। लेकिन 2020 में उन्होंने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और दिल्ली विधानसभा में पहुंचीं। 9 मार्च 2023 को आतिशी पहली बार दिल्ली सरकार में मंत्री बनीं। उनके पास शिक्षा और PWD समेत 13 मंत्रालयों का प्रभार था। आतिशी का दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने का सफर उनके नेतृत्व, शिक्षा के प्रति समर्पण और जनता की सेवा में निरंतरता का प्रमाण है।

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आतिशी होंगी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री, AAP विधायकों ने केजरीवाल के प्रस्ताव पर दी सर्वसम्मति से मंजूरी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/atishi-will-be-delhis-new-mother/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/atishi-will-be-delhis-new-mother/#respond Tue, 17 Sep 2024 06:55:53 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4922 आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक में आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है। अरविंद केजरीवाल ने खुद आतिशी का नाम नए मुख्यमंत्री पद के लिए रखा, जिसे पार्टी के सभी विधायकों ने तुरंत समर्थन दे दिया। यह …

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आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक में आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है। अरविंद केजरीवाल ने खुद आतिशी का नाम नए मुख्यमंत्री पद के लिए रखा, जिसे पार्टी के सभी विधायकों ने तुरंत समर्थन दे दिया। यह निर्णय उस समय आया जब केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया, जो पहले से ही कई अटकलों का विषय था।

बसे करीबी सहयोगियों में से एक माना जाता है। वह वर्तमान में दिल्ली सरकार में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों का कार्यभार संभाल रही हैं। उनके काम करने का तरीका और जनता के बीच उनकी लोकप्रियता के कारण उनका नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे ऊपर रहा। उनके नाम पर आम आदमी पार्टी के भीतर न सिर्फ सहमति थी, बल्कि पार्टी के नेता भी उनकी योग्यता पर भरोसा करते हैं।

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यह बैठक 26 सितंबर को सुबह 11 बजे शुरू हुई, जिसमें सभी विधायकों की मौजूदगी थी। जैसे ही अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, बैठक में मौजूद सभी विधायकों ने इसका समर्थन किया। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया था। इस बैठक में तय हुआ कि दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र 26-27 सितंबर को बुलाया जाएगा, जिसमें आतिशी का शपथ ग्रहण भी संभावित है।

अरविंद केजरीवाल शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 5 महीने तक तिहाड़ जेल में बंद थे। हालांकि अब वह जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अदालत ने उनके ऊपर कई पाबंदियां लगा दी हैं। जेल में रहते हुए भाजपा ने केजरीवाल पर नैतिक आधार पर इस्तीफा देने का दबाव बनाया था। भाजपा का कहना था कि जेल में रहते हुए केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद पर बने रहना सही नहीं है। जब केजरीवाल जमानत पर बाहर आए, तो उन्होंने पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की।

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आतिशी के लिए यह पद एक बड़ी जिम्मेदारी है। दिल्ली जैसे बड़े और विविध शहर की मुख्यमंत्री के रूप में उनकी भूमिका में चुनौतियाँ होंगी। सबसे बड़ी चुनौती उनके सामने पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा किए गए कार्यों को आगे बढ़ाना और सरकार की नीतियों को सफलतापूर्वक लागू करना होगा। इसके अलावा, विपक्षी दलों, विशेष रूप से भाजपा द्वारा उठाए गए सवालों और आरोपों का सामना करना भी उनकी जिम्मेदारियों में शामिल होगा।

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