foreign Minister - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 11 Jun 2024 07:32:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg foreign Minister - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 विदेश मंत्री का पदभार संभालते ही जयशंकर द्वारा चीन-पाकिस्तान को दी गई यह नसीहत https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/possible-to-take-over-as-foreign-minister/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/possible-to-take-over-as-foreign-minister/#respond Tue, 11 Jun 2024 07:32:20 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3551 डॉ. एस. जयशंकर ने आज (11 जून) को विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हम सभी को पूरा विश्वास है कि यह हमें ‘विश्व बंधु’ के रूप में स्थापित करेगा, एक ऐसा देश जो बहुत ही अशांत दुनिया में है, एक बहुत ही विभाजित दुनिया में है, …

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डॉ. एस. जयशंकर ने आज (11 जून) को विदेश मंत्री का कार्यभार संभाल लिया है। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हम सभी को पूरा विश्वास है कि यह हमें ‘विश्व बंधु’ के रूप में स्थापित करेगा, एक ऐसा देश जो बहुत ही अशांत दुनिया में है, एक बहुत ही विभाजित दुनिया में है, संघर्षों और तनावों की दुनिया में है।” हालाँकि जयशंकर 2019 से ही देश के विदेश मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के रिश्तों पर भी अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “जहां तक पाकिस्तान और चीन का सवाल है, उन देशों के साथ हमारे संबंध अलग-अलग हैं और वहां की समस्याएं भी अलग-अलग हैं।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इन दोनों देशों के साथ संबंधों में विविधता और चुनौतीपूर्ण मुद्दे मौजूद हैं।

डॉ. एस. जयशंकर का विदेश मंत्री के रूप में कार्यकाल महत्वपूर्ण और घटनाओं से भरपूर रहा है। 2019 में इस पद को संभालने से पहले, वह 2015 से 2018 तक भारत के विदेश सचिव के रूप में कार्यरत थे। वह विदेश मंत्री की भूमिका निभाने वाले पहले पूर्व विदेश सचिव भी बने। इस नई जिम्मेदारी के साथ उन्होंने भारत की विदेश नीति को नई दिशा दी और वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को मजबूत किया। जयशंकर के कार्यकाल के दौरान कई बड़ी वैश्विक घटनाएं घटीं। रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजरायल-हमास युद्ध, और कोविड-19 महामारी जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं का सामना करना पड़ा। इन सभी चुनौतियों के बीच जयशंकर ने भारत की विदेश नीति को कुशलता से संभाला और वैश्विक मंच पर देश की स्थिति को सुदृढ़ किया।

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कोविड-19 महामारी के दौरान, उन्होंने विभिन्न देशों के साथ समन्वय स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। महामारी के समय में उन्होंने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत विभिन्न देशों को वैक्सीन प्रदान करने में भी अहम भूमिका निभाई, जिससे भारत की वैश्विक छवि और मजबूत हुई। इसके साथ ही उन्होंने महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए। रूस-यूक्रेन संघर्ष और इजरायल-हमास युद्ध जैसी घटनाओं के दौरान भी जयशंकर ने भारत की तटस्थ और संतुलित नीति को बनाए रखा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग करते हुए भारत के हितों की रक्षा की और वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए अपना योगदान दिया।

जयशंकर के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिले। उन्होंने विभिन्न देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को और सुदृढ़ किया। उनके कुशल नेतृत्व और रणनीतिक दृष्टिकोण ने भारत को एक मजबूत और विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित किया। जयशंकर ने अपने कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने विभिन्न मंचों पर भारत के हितों की पुरजोर वकालत की और वैश्विक मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत किया। उनके नेतृत्व में भारत ने विभिन्न देशों के साथ व्यापार, सुरक्षा, और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत किया।

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विदेश मंत्री के रूप में डॉ. एस. जयशंकर का कार्यकाल न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है। उनके नेतृत्व में भारत ने एक मजबूत और स्थिर विदेश नीति का पालन किया और वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति को मजबूत किया। जयशंकर के अनुभव और दूरदर्शिता ने भारत को वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाया और भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए।

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