Germany - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 29 Mar 2024 09:40:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Germany - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 अमेरिका, जर्मनी के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आंतरराष्ट्रीय चिंता, UN ने की टिप्पणी. https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/america-germany-after-cage/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/america-germany-after-cage/#respond Fri, 29 Mar 2024 09:40:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2768 संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने उनकी बातचीत में भारतीय चुनावों के लिए नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह आशा है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रहेगी, जिससे हर नागरिक मतदान करने में सक्षम होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी …

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने उनकी बातचीत में भारतीय चुनावों के लिए नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह आशा है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रहेगी, जिससे हर नागरिक मतदान करने में सक्षम होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मामले में, संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी टिप्पणी जाहिर की।

उन्होंने इस बारे में कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारत में चुनावों में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा होगी। पहले जर्मनी और अमेरिका ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अपने विचार व्यक्त किए थे।भारत ने उन देशों के विदेश दूतों के खिलाफ कठोर रूप से विरोध दिया था, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी। उसके बाद भारत ने कड़ा एतराज जताते हुए जर्मन और अमेरिकी डिप्लोमैट को तलब किया था।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि उनकी उम्मीद है कि भारत में चुनावों में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा होगी। वह उम्मीद करते हैं कि भारत की कानूनी प्रक्रियाएं अद्वितीय और समय पर निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी।अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता के प्रति पूरा भरोसा है और वे इस केस में निष्पक्षता की प्रक्रिया का समर्थन करेंगे।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और जर्मनी के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों का कड़ा खंडन किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां भारतीय न्यायिका प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश हैं और इसे अस्वीकार्य ठहराया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत का कानूनी तंत्र दृढ़ और जीवंत लोकतंत्र है, और यह अपने विचारधारा और न्यायपालिका के माध्यम से सभी विवादों को हल करेगा। इस प्रकार की टिप्पणियों का उन्होंने खण्डन किया और कहा कि इससे भारतीय न्यायपालिका को बदलाव करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता और न्याय के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए, और इस मामले में भी विचारधारा को समझाना महत्वपूर्ण है।भारत की राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर विदेशी दबाव का खंडन करते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय न्यायिका प्रक्रिया की मजबूती और स्वतंत्रता का समर्थन किया है। इसके साथ ही, भारत ने अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतंत्र के प्रति अपना गर्व और समर्थन जताया है।भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे स्वतंत्र और मजबूत लोकतंत्र की संरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, और किसी भी प्रकार के पक्षपातपूर्ण धारणाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

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इस प्रकार, भारत ने अपने न्यायिका प्रक्रिया और लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति अपना प्रतिबद्धता दिखाया है और विदेशी दबाव को सामने करते हुए अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। भारत का यह स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका प्रक्रिया पर विश्वास व उसका समर्थन न्यूनतम है।

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केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी की टिप्पणी बाद मोदी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया. https://chaupalkhabar.com/2024/03/28/on-arrest-of-kejriwal/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/28/on-arrest-of-kejriwal/#respond Thu, 28 Mar 2024 07:33:14 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2730 अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की तरफ  से की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने जर्मन विदेश मंत्रालय की कड़ी निंदा की और टिप्पणी पर भारत ने कड़ा एतराज जताया।  जिसके बाद भारत द्वारा कहा गया की  हम  ऐसी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते है क्योकि यह  हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप …

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अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की तरफ  से की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने जर्मन विदेश मंत्रालय की कड़ी निंदा की और टिप्पणी पर भारत ने कड़ा एतराज जताया।  जिसके बाद भारत द्वारा कहा गया की  हम  ऐसी टिप्पणियों की कड़ी निंदा करते है क्योकि यह  हमारी न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करने के रूप में दिखाती है जिसके बाद जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया है

भारत और जर्मनी के बीच हाल ही में हुई घटनाओं ने दुनिया की ध्यान में आने वाले दो बड़े लोकतंत्रों के बीच उत्तेजना और विवाद का माहौल पैदा किया है। अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री, की गिरफ्तारी पर जर्मन विदेश मंत्रालय की टिप्पणी ने भारत सरकार को आपत्ति जताने पर मजबूर किया।भारत ने कहा कि ऐसी  टिप्पणिया हमारी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करती हैं।

जर्मन विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई पहली टिप्पणी के बाद, भारत ने जर्मन दूतावास के उप प्रमुख को तलब किया। इसके परिणामस्वरूप, जर्मनी ने अपने बयान से यू-टर्न ले लिया।जर्मन विदेश मंत्रालय ने भारत के विवादित मुद्दों में टिप्पणी करते हुए कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और उन्हें उम्मीद है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखा जाएगा। इस विवाद के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने जर्मन दूतावास के उप प्रमुख को तलब किया और कड़ी आपत्ति जताई।

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जर्मनी विदेश मंत्रालय ने भारत के संविधान की महत्वपूर्णता को मानते हुए कहा कि भारत एक जीवंत और मजबूत लोकतंत्र है। इसके बावजूद, जर्मन विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों के बीच हुई गोपनीय बातचीत पर किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार किया।इस परिस्थिति में, दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। भारत और जर्मनी दोनों लोकतंत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं और संविधानिक मानवाधिकारों का सम्मान करते हैं।

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दोनों देशों को एक दूसरे के साथ सहयोग करके विश्व की लोकतंत्रिक मूल्यों को मजबूत करने का संकल्प लेना चाहिए।भारत के तरफ से, जर्मन विदेश मंत्रालय के बयान के साथ उनकी आपत्ति और उनके संविधान के प्रति समर्थन का व्यापक समर्थन किया जाता है। भारत और जर्मनी दोनों देशों के बीच विवादों को समाधान करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें आपसी बातचीत के माध्यम से हल करने का प्रयास किया जाए।अंत में, भारत और जर्मनी के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए, दोनों देशों को आपसी समझदारी, सहयोग, और समर्थन की आवश्यकता है। इसके लिए, दोनों देशों के बीच गहरी बातचीत और समझौते के माध्यम से आगे बढ़ा जाना चाहिए।

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