Haryana government - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 08 Jun 2024 11:59:31 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Haryana government - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 दिल्ली में हुए जल संकट को लेकर आतिशी ने हरियाणा सरकार को घेरा कहा अगर दिल्ली को पानी नहीं दिया गया तो पूरी दिल्ली में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। https://chaupalkhabar.com/2024/06/08/water-crisis-in-delhi-open-in-google-translate-feedback-google-translate-google-translate-https-translate-google-co-in-googles-service-offered-free-of-charge-instantly-translates-wo/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/08/water-crisis-in-delhi-open-in-google-translate-feedback-google-translate-google-translate-https-translate-google-co-in-googles-service-offered-free-of-charge-instantly-translates-wo/#respond Sat, 08 Jun 2024 11:59:31 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3526 दिल्ली में जल संकट की समस्या लगातार बनी हुई है। राजधानी में पानी की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार पर पानी रोकने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों से दिल्ली को मिलने …

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दिल्ली में जल संकट की समस्या लगातार बनी हुई है। राजधानी में पानी की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार पर पानी रोकने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों से दिल्ली को मिलने वाली पानी की मात्रा लगातार घट रही है, जिससे जल संकट और गहरा रहा है। आतिशी ने कहा, “अगर हरियाणा की ओर से 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है तो कम से कम 1000 क्यूसेक पानी दिल्ली तक पहुंचना चाहिए। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में यह मात्रा घटकर 1 जून को 924 क्यूसेक और 2 जून को सिर्फ 848 क्यूसेक रह गई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा की नहरों से पानी दिल्ली के सात जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) तक आता है। इनमें वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्र शामिल हैं। जब हरियाणा से पानी की आपूर्ति कम होती है, तो इन संयंत्रों में कम पानी पहुंचता है, जिससे दिल्ली के नागरिकों को पर्याप्त पेयजल नहीं मिल पाता है। आतिशी ने हरियाणा सरकार पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा, “हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रच रही है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है, परंतु हरियाणा सरकार लगातार दिल्ली के हिस्से के पानी को रोक रही है।”

आतिशी ने कहा, “अगर हरियाणा की ओर से 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है तो कम से कम 1000 क्यूसेक पानी दिल्ली तक पहुंचना चाहिए। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में यह मात्रा घटकर 1 जून को 924 क्यूसेक और 2 जून को सिर्फ 848 क्यूसेक रह गई है।”

उन्होंने कहा कि इस कारण वजीराबाद जलाशय का जल स्तर गिरता जा रहा है। “दो जून को जल स्तर 671.3 फीट था और सात जून को घटकर 669.7 फीट रह गया है,” आतिशी ने कहा। उनका आरोप है कि जब यह मामला दो जून को सुप्रीम कोर्ट में गया, उसी दिन से हरियाणा ने दिल्ली की तरफ पानी छोड़ना कम कर दिया दिल्ली जल आपूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना नदी में वही पानी आता है, जो हरियाणा से छोड़ा जाता है। अगर हरियाणा से कम पानी छोड़ा जाएगा, तो इसका असर दिल्ली के जल उपचार संयंत्रों पर पड़ेगा और इससे कम उपचारित पेयजल मिलेगा।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पानी की समस्या सुलझाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से मामले की गंभीरता को समझने और समाधान निकालने की अपील की है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह दिल्ली को उसके हिस्से का पानी देने में कोई कोताही न बरते। हिमाचल प्रदेश ने भी दिल्ली को पानी देने की पेशकश की है, लेकिन हरियाणा सरकार इसे रोक रही है। हिमाचल प्रदेश से मिलने वाला पानी दिल्ली तक पहुंचने में हरियाणा सरकार बाधा डाल रही है। इस पर आतिशी ने कहा, “हिमाचल प्रदेश ज्यादा पानी देने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा दिल्ली के हक का पानी रोक रहा है और जारी नहीं कर रहा है।”

कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह दिल्ली को उसके हिस्से का पानी देने में कोई कोताही न बरते।

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दिल्ली में पानी की कमी से स्थिति गंभीर होती जा रही है। जलमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली को पानी नहीं दिया गया तो पूरी दिल्ली में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरी दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। अगर हरियाणा ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं तो स्थिति और बिगड़ सकती है।” इससे पहले, शुक्रवार को जल मंत्री आतिशी ने वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने वहाँ की स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रही है। “वजीराबाद जलाशय का जल स्तर गिरता जा रहा है, जिससे दिल्ली के लोगों को पेयजल की कमी हो रही है। हरियाणा सरकार के इस रवैये से दिल्लीवासियों को काफी परेशानी हो रही है।

इस पूरे मामले पर हरियाणा सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि, हरियाणा के अधिकारियों ने बार-बार दावा किया है कि वे दिल्ली को उसके हिस्से का पानी दे रहे हैं और किसी भी तरह की कमी नहीं हो रही है। लेकिन दिल्ली सरकार के आरोप और आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। दिल्ली के जल संकट पर राजनीति भी गरमा गई है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हो रही है। दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता आतिशी ने भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह दिल्लीवासियों के साथ अन्याय कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए हरियाणा पर आरोप लगा रही है।

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इस बीच, दिल्लीवासियों को जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण और जल प्रबंधन के उपाय अपनाने की अपील की जा रही है। जल संकट के इस गंभीर समय में लोगों से पानी की बर्बादी न करने और जितना हो सके पानी बचाने की अपील की जा रही है। दिल्ली सरकार भी इस दिशा में कई कदम उठा रही है और लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक कर रही है। जल संकट का समाधान निकट भविष्य में निकल पाएगा या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, दिल्ली के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं और हरियाणा सरकार के रवैये से नाराज हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रयास और हिमाचल प्रदेश की पेशकश इस मामले में क्या बदलाव ला पाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

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हरियाणा में सियासी हलचल तेज़ी पर, CM सैनी और खट्टर से मिले चंडीगढ़ में JJP के विधायक https://chaupalkhabar.com/2024/06/06/haryana-in-political-stir-t/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/06/haryana-in-political-stir-t/#respond Thu, 06 Jun 2024 06:47:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3453 हरियाणा में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज्य सरकार वर्तमान में अल्पमत में है, लेकिन सरकार गिरने का कोई स्पष्ट खतरा नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दो असंतुष्ट विधायकों से मुलाकात …

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हरियाणा में हालिया राजनीतिक घटनाक्रम ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है। राज्य सरकार वर्तमान में अल्पमत में है, लेकिन सरकार गिरने का कोई स्पष्ट खतरा नहीं है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के दो असंतुष्ट विधायकों से मुलाकात की है। जेजेपी के ये विधायक हैं जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद हरियाणा में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। हरियाणा में बीजेपी को 2019 में मिली 10 सीटों की तुलना में इस बार केवल 5 सीटें ही मिली हैं। इसके साथ ही, तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में बीजेपी की सरकार अल्पमत में आ गई है।

बीजेपी ने 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया है, जबकि वास्तविकता में उनके पास 40 विधायक हैं। राज्य की मौजूदा विधानसभा में कुल 88 सदस्य हैं और बहुमत का आंकड़ा 45 है। सरकार के पास 43 विधायकों का समर्थन है, जिसमें एक एचएलपी और दो निर्दलीय विधायक शामिल हैं। इससे स्पष्ट है कि बीजेपी को बहुमत के लिए दो विधायकों की कमी है। बीजेपी इस सियासी संकट से उबरने के लिए जेजेपी के कुछ विधायकों को साधने में जुटी है। जेजेपी के दस विधायकों में से पांच असंतुष्ट गुट के हैं, जो हाल ही में बीजेपी के संपर्क में आए हैं। इन विधायकों में राम कुमार गौतम, जोगी राम सिहाग, ईश्वर सिंह, देवेंद्र सिंह बबली और राम निवास सुरजाखेड़ा शामिल हैं। जेजेपी मुखिया दुष्यंत चौटाला ने दिल्ली में जब अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी, तो इनमें से पांच विधायक नहीं पहुंचे थे। इसके बाद से कहा जा रहा है कि ये पांचों विधायक बीजेपी के साथ मिल गए हैं।

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लोकसभा चुनाव के दौरान पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान और नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदल ने हरियाणा की बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया था। इस ऐलान के बाद ये तीनों विधायक रोहतक पहुंचे थे और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया। हरियाणा विधानसभा में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, सदन में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जेजेपी के 10 विधायक हैं। जेजेपी ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इसके बावजूद, हाल के दिनों में जेजेपी के कुछ विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का संकेत दिया था।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 13 मार्च को ही उन्होंने बहुमत साबित किया था और नियम के अनुसार, इसके छह महीने तक कोई विश्वास मत परीक्षण नहीं हो सकता है। इसका मतलब है कि 13 सितंबर तक कोई भी विश्वास मत परीक्षण का प्रस्ताव नहीं ला सकता है। बीजेपी ने जेजेपी के असंतुष्ट विधायकों से मुलाकात करके अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है। हरियाणा की मौजूदा राजनीति में जेजेपी का समर्थन बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है। यदि जेजेपी के असंतुष्ट विधायक बीजेपी का समर्थन करते हैं, तो सरकार बहुमत हासिल कर सकती है।

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जेजेपी के असंतुष्ट गुट में पांच विधायक हैं, और यदि ये सभी बीजेपी के समर्थन में आ जाते हैं, तो बीजेपी के पास कुल 45 विधायकों का समर्थन होगा, जो बहुमत के लिए पर्याप्त है। हरियाणा में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और इससे पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद बीजेपी की सरकार अल्पमत में आ गई है, लेकिन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जेजेपी के असंतुष्ट विधायकों से मुलाकात करके स्थिति को संभालने की कोशिश की है।

इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि जेजेपी के असंतुष्ट विधायक किस दिशा में जाते हैं और हरियाणा की राजनीति का अगला अध्याय किस प्रकार लिखा जाएगा। बीजेपी ने भले ही 47 विधायकों के समर्थन का दावा किया हो, लेकिन वास्तविकता में उनके पास 40 विधायक हैं और उन्हें बहुमत के लिए अभी भी दो विधायकों की आवश्यकता है। जेजेपी के असंतुष्ट विधायकों का समर्थन इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।हरियाणा की राजनीति में यह घटनाक्रम आने वाले दिनों में और भी दिलचस्प मोड़ ले सकता है। विधानसभा चुनाव से पहले की यह सियासी हलचल राज्य की राजनीति में नए समीकरण बना सकती है।

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हरियाणा के नूंह में धू-धूकर जली उठी श्रद्धालुओं से भरी बस, 20 से ज्‍यादा घायल, 9 लोगों की मौत https://chaupalkhabar.com/2024/05/18/smoke-in-the-nuh-of-haryana/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/18/smoke-in-the-nuh-of-haryana/#respond Sat, 18 May 2024 06:19:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3280 कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर नूंह जिले के धुलावट गांव के पास एक भयावह हादसा हुआ जिसमें चलती बस में आग लगने से नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में झुलसे करीब बीस लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। यह हादसा देर रात करीब पौने दो बजे हुआ, …

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कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर नूंह जिले के धुलावट गांव के पास एक भयावह हादसा हुआ जिसमें चलती बस में आग लगने से नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में झुलसे करीब बीस लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। यह हादसा देर रात करीब पौने दो बजे हुआ, जब बस मथुरा और वृंदावन से चंडीगढ़ लौट रही थी। बस में सवार सभी यात्री पंजाब के होशियारपुर और चंडीगढ़ के निवासी थे। वे एक टूरिस्ट कंपनी की बस से सात दिन के धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए निकले थे। हादसे के वक्त बस में करीब साठ लोग सवार थे। नूंह के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में नौ शव रखे गए हैं, जिनमें छह महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।

हादसे में झुलसी सरोज पुंज और पूनम ने बताया कि रात करीब डेढ़ से दो बजे के बीच बस केएमपी पर धुलावट गांव की सीमा में पहुंची। तभी एक बाइक सवार युवक ने बस को रुकवाया और बताया कि बस के पिछले हिस्से में आग लगी हुई है। इस सूचना के मिलते ही बस में सवार लोग घबरा गए और आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं। आग लगते ही गांव के लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बस के शीशे तोड़कर यात्रियों को निकालने का प्रयास किया। बस रुकते ही आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। कुछ यात्री गेट और खिड़कियों से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन पीछे बैठे आठ लोग बस से नहीं निकल पाए और जिंदा जल गए। इस बीच, एक अन्य व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार, सदर थाना प्रभारी जितेंद्र, डीएसपी मुकेश कुमार और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भेज दिया। दमकल विभाग की चार गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी। घायलों में कई की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि बस के पिछले हिस्से में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी, लेकिन इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

हादसे के बाद से स्थानीय लोग और मृतकों के परिवारजनों में शोक का माहौल है। नूंह जिले के प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की गई है। यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और वाहन निरीक्षण के महत्व को उजागर करता है। बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, यात्रियों को भी आपात स्थिति में बस से बाहर निकलने के सुरक्षित मार्गों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

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इस घटना ने धार्मिक यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए एक काले दिन की तरह यादें छोड़ी हैं। हादसे में बचे यात्रियों को इलाज के बाद उनके घरों को सुरक्षित पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम हादसे के कारणों की तहकीकात में जुटी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में हादसे के शिकार लोगों के परिवारजनों का तांता लगा हुआ है। हर कोई अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी पाने के लिए बेचैन है। मृतकों के शवों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। घायलों का इलाज जारी है और उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।

अधिकारियों ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है। दमकल विभाग की टीम ने बस की राख हो चुकी संरचना की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि कहीं आग का कोई और स्रोत न हो। हादसे के बाद से ही इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग इस भयावह घटना के सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।

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हरियाणा सरकार एक ही गांव और एक ही जाति में होने वाली शादियों पर रोक लगा रही है. https://chaupalkhabar.com/2023/08/17/haryana-government-passed-rule-in-which-marriage-in-same-village-or-caste-are-banned/ https://chaupalkhabar.com/2023/08/17/haryana-government-passed-rule-in-which-marriage-in-same-village-or-caste-are-banned/#respond Thu, 17 Aug 2023 09:46:45 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1415 हरियाणा सरकार एक ही गांव और एक ही जाति में होने वाली शादियों पर रोक लगा रही है.हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक ही गांव और जाति में विवाह पर प्रतिबंध लगाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस निर्णय का उद्देश्य इन यूनियनों से उत्पन्न होने वाले संभावित संघर्षों को संबोधित करते हुए समुदायों …

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हरियाणा सरकार एक ही गांव और एक ही जाति में होने वाली शादियों पर रोक लगा रही है.हरियाणा सरकार ने हाल ही में एक ही गांव और जाति में विवाह पर प्रतिबंध लगाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस निर्णय का उद्देश्य इन यूनियनों से उत्पन्न होने वाले संभावित संघर्षों को संबोधित करते हुए समुदायों के भीतर पारिवारिक संबंधों और सामाजिक सद्भाव को मजबूत करना है। इस नए फैसले के तहत एक ही गांव और जाति के लोगों के बीच विवाह पर रोक होगी।

 

इस फैसले के पीछे सरकार की मंशा अंतर-जातीय और अंतर-ग्राम विवाह को प्रोत्साहित करना, विभिन्न समुदायों के बीच विविधता और एकता को बढ़ावा देना है। राज्य सरकार के अधिकारियों ने कहा है कि इस कदम का उद्देश्य मजबूत रिश्तों को बढ़ावा देना और परिवारों के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देना है। एक ही गांव और जाति के भीतर विवाह को हतोत्साहित करके, सरकार लोगों के लिए अलग-अलग पृष्ठभूमि के व्यक्तियों के साथ संबंध स्थापित करने के अवसर पैदा करना चाहती है।

 

इस निर्णय को समाज के विभिन्न वर्गों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। प्रतिबंध के समर्थकों का मानना है कि इससे अधिक सामंजस्यपूर्ण सामाजिक गतिशीलता और एकीकरण को बढ़ावा मिलेगा, जबकि विरोधियों का तर्क है कि यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और विकल्पों का उल्लंघन करता है। हरियाणा सरकार का निर्णय सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अंतर-जाति और अंतर-ग्राम विवाह को प्रोत्साहित करके, सरकार उन बाधाओं को तोड़ने की उम्मीद करती है जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से समुदायों को विभाजित किया है।

 

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह प्रतिबंध केवल हरियाणा राज्य के भीतर रहने वाले व्यक्तियों पर लागू होगा और क्षेत्र के बाहर के लोगों को प्रभावित नहीं करेगा। सरकार का लक्ष्य सांस्कृतिक विविधता को संरक्षित करना और यह सुनिश्चित करना है कि स्थानीय समुदाय फलते-फूलते रहें। इस मामले पर विविध राय के मद्देनजर, हरियाणा सरकार ने नागरिकों के बीच खुली बातचीत और चर्चा को प्रोत्साहित किया है। सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि इस तरह के प्रतिबंध से संभावित लाभों और चुनौतियों पर उचित और सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद निर्णय लिया गया था।

 

हरियाणा सरकार के इस कदम ने जहां सांस्कृतिक प्रथाओं और व्यक्तिगत अधिकारों के बारे में चर्चा छेड़ दी है, वहीं यह एक सामंजस्यपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।

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