Hemant Biswa sharma - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 03 Sep 2024 12:49:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Hemant Biswa sharma - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 मधु कोड़ा की बीजेपी में एंट्री, पार्टी के लिए चुनावी तुरुप का पत्ता या नैरेटिव पर संकट? https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/madhu-koda-in-bjp/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/madhu-koda-in-bjp/#respond Tue, 03 Sep 2024 12:49:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4615 झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को लेकर बीजेपी के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर विवाद बना हुआ है। हाल ही में यह चर्चा तेज हो गई कि कोड़ा बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन राज्य के बीजेपी नेताओं का कहना है कि कोड़ा पिछले हफ्ते नहीं, बल्कि कई महीने पहले ही पार्टी …

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झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को लेकर बीजेपी के भीतर और बाहर दोनों जगहों पर विवाद बना हुआ है। हाल ही में यह चर्चा तेज हो गई कि कोड़ा बीजेपी में शामिल हो गए हैं, लेकिन राज्य के बीजेपी नेताओं का कहना है कि कोड़ा पिछले हफ्ते नहीं, बल्कि कई महीने पहले ही पार्टी में शामिल हो चुके थे। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, जिससे स्थिति पर रहस्य का पर्दा बना हुआ है। कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा, जो कि फरवरी में बीजेपी में शामिल हुई थीं, ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके पति मधु कोड़ा भी अब बीजेपी का हिस्सा हैं और पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर कोड़ा के पार्टी में शामिल होने की घोषणा नहीं की है, लेकिन कोड़ा की हालिया गतिविधियों से इस बात का संकेत मिलता है कि वे पार्टी में सक्रिय हो चुके हैं।

पिछले शनिवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के बागी नेता लोबिन हेमब्रोम के बीजेपी में शामिल होने के मौके पर कोड़ा को भी बीजेपी नेताओं के साथ मंच साझा करते देखा गया। झारखंड बीजेपी प्रमुख बाबूलाल मरांडी और राज्य प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा ने कोड़ा और हेमब्रोम दोनों को बीजेपी की भगवा पट्टी पहनाई। इस घटना के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि कोड़ा भी पार्टी में शामिल हो गए हैं। हालांकि, इस कार्यक्रम के बाद बीजेपी की ओर से सिर्फ हेमब्रोम के पार्टी में शामिल होने की घोषणा की गई।

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बीजेपी के नेताओं का कहना है कि मधु कोड़ा फरवरी से ही पार्टी के लिए काम कर रहे हैं। झारखंड बीजेपी महासचिव मनोज सिंह ने कहा, “कोड़ा बीजेपी परिवार का हिस्सा हैं और वह पार्टी में शामिल हो चुके हैं। वह पार्टी की विभिन्न गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं और उन्होंने हाल ही में एक रैली में भी हिस्सा लिया था।” कोड़ा की बीजेपी में बढ़ती सक्रियता को लेकर जेएमएम और कुछ बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री को 2017 में कोयला खनन घोटाले में दोषी ठहराया गया था और बीजेपी ने उन्हें “भ्रष्टाचार का प्रतीक” कहा था। अब, जब बीजेपी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्य चुनावों में उतरने की तैयारी कर रही है, तो कोड़ा की मौजूदगी पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा कर सकती है।

जेएमएम ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। पार्टी के नेताओं ने कहा कि एक ओर बीजेपी भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना रही है, जबकि दूसरी ओर वह एक ऐसे नेता को गले लगा रही है, जिसे वह पहले भ्रष्टाचार का प्रतीक मानती थी। जेएमएम के महासचिव विनोद पाण्डेय ने कहा, “भाजपा कोड़ा को भ्रष्टाचार का प्रतीक कहती थी, लेकिन आज वह उन्हें अपने साथ लेकर चल रही है।” मधु कोड़ा का राजनीतिक सफर बीजेपी के साथ शुरू हुआ था, जब उन्होंने 2000 में जगन्नाथपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी। लेकिन 2005 में बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीतकर बीजेपी सरकार को समर्थन दिया। बाद में, 2006 में, उन्होंने जेएमएम और कांग्रेस के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई, लेकिन उनकी सरकार ज्यादा दिन नहीं चली और उन्हें 2008 में इस्तीफा देना पड़ा।

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कोड़ा के बीजेपी में शामिल होने की संभावना इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि उनकी पत्नी गीता कोड़ा ‘हो’ अनुसूचित जनजाति से आती हैं, जो सिंहभूम क्षेत्र में प्रभावशाली है। बीजेपी इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए कोड़ा परिवार पर भरोसा कर रही है। राज्य के बीजेपी नेताओं का मानना है कि आदिवासी क्षेत्रों में पार्टी की पैठ बनाने के लिए कोड़ा की मदद की जा सकती है। हालांकि, बीजेपी के भीतर कुछ नेता इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कोड़ा की उपस्थिति पार्टी के भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव को कमजोर कर सकती है। लेकिन चुनावी रणनीति के तहत पार्टी कोड़ा के साथ जुड़ने का जोखिम उठाने के लिए तैयार दिख रही है।

गीता कोड़ा ने इस बात को स्पष्ट किया कि वे और उनके पति मधु कोड़ा अब एक इकाई के रूप में बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं और झारखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए प्रयासरत हैं। अब यह देखना बाकी है कि बीजेपी कोड़ा के साथ किस तरह का तालमेल बैठाती है और चुनावी मैदान में किस तरह से उतरती है।

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ममता बनर्जी के बयान पर बवाल, बीजेपी के हमलों के बाद दी सफाई, कोलकाता रेप केस से जुड़ा विवाद. https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamta-banerjees-statement-on-bava/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamta-banerjees-statement-on-bava/#respond Fri, 30 Aug 2024 10:31:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4546 पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस 28 अगस्त को आयोजित किया गया, जिसे कोलकाता रेप केस में जान गंवाने वाली PG ट्रेनिंग महिला डॉक्टर को समर्पित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया और भाषण दिया, लेकिन उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया, जिस …

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस 28 अगस्त को आयोजित किया गया, जिसे कोलकाता रेप केस में जान गंवाने वाली PG ट्रेनिंग महिला डॉक्टर को समर्पित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया और भाषण दिया, लेकिन उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया, जिस पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया पर भी ममता बनर्जी के बयान की तीखी आलोचना हुई, जिससे उन्हें सफाई देनी पड़ी। ममता बनर्जी के 28 अगस्त वाले बयान पर नजर डालें तो उन्होंने कहा, “जो लोग सोचते हैं कि यह बांग्लादेश है, उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं बांग्लादेश का सम्मान करती हूं। वह भी इसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बांग्लादेश एक अलग राष्ट्र है और भारत एक अलग देश है।”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी, आप चाहते हैं कि वह आग बंगाल में फैले, तो आपको समझ लेना चाहिए कि अगर आग बंगाल में लगेगी तो असम, नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे।” इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी को ‘राष्ट्रविरोधी’ तक कह दिया। बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर ममता को आड़े हाथों लिया। ममता बनर्जी ने इस विवाद पर सफाई देते हुए अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “कल मैंने एक भाषण दिया था, जिसका कुछ मीडिया संस्थान दुष्प्रचार कर रहे हैं। मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने छात्र विरोध के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। मैं उनके विरोध का समर्थन करती हूं, उनका आंदोलन सच्चा है। मैंने कभी उन्हें धमकी नहीं दी।”

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ममता बनर्जी ने अपने बयान में आगे कहा, “मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने इसलिए बोला क्योंकि बीजेपी और भारत सरकार मिलकर हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।” बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने ममता बनर्जी पर राजनीति के लिए कुछ भी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दीदी अपने फायदे के लिए राज्य में आतंकवादियों को भी रहने दे सकती हैं। जितनी बड़ी घटना घटेगी, उतना बड़ा आतंकवादी होगा, वह सबको वहां रहने के लिए कहेंगी, क्योंकि उनका उद्देश्य सत्ता पाना है।”

इस विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश मत कीजिए। विभाजनकारी भाषा बोलना आपको शोभा नहीं देता।” ममता बनर्जी के बयान का संदर्भ कोलकाता के एक दर्दनाक केस से जुड़ा है। 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक ट्रेनिंग महिला डॉक्टर बेहोशी की हालत में मिली थीं, जहां बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आरोप है कि उनके साथ रेप के बाद उनकी हत्या की गई। इस मामले में संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने केस को CBI को ट्रांसफर कर दिया।

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20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को जनता की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बीजेपी और CPI ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इस मामले में सबूत मिटाने की कोशिश की है। ममता बनर्जी ने इसी संदर्भ में 28 अगस्त को अपने बयान में बात की थी, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी।

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असम सरकार ने खत्म किया शुक्रवार का जुम्मा ब्रेक, विधानसभा में नया नियम लागू https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/assam-government-has-ended-the-mourning/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/assam-government-has-ended-the-mourning/#respond Fri, 30 Aug 2024 10:08:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4543 असम सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य विधानसभा में शुक्रवार के दिन दिए जाने वाले दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। यह ब्रेक हर शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज अदा करने …

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असम सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य विधानसभा में शुक्रवार के दिन दिए जाने वाले दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को समाप्त कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। यह ब्रेक हर शुक्रवार को मुस्लिम विधायकों के लिए नमाज अदा करने के उद्देश्य से दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक दिया जाता था। इस व्यवस्था के तहत विधानसभा की कार्यवाही को इस अवधि के दौरान स्थगित कर दिया जाता था, ताकि मुस्लिम विधायक आराम से नमाज अदा कर सकें।

हालांकि, अब इस व्यवस्था को खत्म करने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के दौरान लिया गया, जिसमें सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया। इस नए नियम के तहत अब शुक्रवार को विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कोई ब्रेक नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने ट्वीट में कहा कि यह निर्णय एक सही दिशा में उठाया गया कदम है, क्योंकि देश की अन्य विधानसभाओं में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। लोकसभा, राज्यसभा और अन्य राज्यों की विधानसभाओं में नमाज के लिए किसी भी प्रकार का ब्रेक नहीं दिया जाता। इसलिए असम विधानसभा में भी ब्रिटिश काल के इस नियम को समाप्त कर दिया गया है।

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विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरी ने इस फैसले के बारे में बताते हुए कहा कि यह कदम असम को एक और अधिक समावेशी और धर्मनिरपेक्ष समाज की ओर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सभी धर्मों के प्रति समान दृष्टिकोण रखा जाना चाहिए, और कोई विशेष सुविधा किसी विशेष धर्म के लिए नहीं दी जानी चाहिए। इस निर्णय को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। कुछ लोगों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया है, जबकि कुछ अन्य ने इसे धार्मिक भावनाओं के खिलाफ बताया है। बावजूद इसके, राज्य सरकार ने इस फैसले को लागू करने का निश्चय कर लिया है, और अब शुक्रवार को असम विधानसभा में कोई जुम्मा ब्रेक नहीं होगा।

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कपिल सिब्बल ने हिमंत सरमा के मुसलमानों पर दिए बयान की कड़ी आलोचना की. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/kapil-sibal-himant-sarma/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/kapil-sibal-himant-sarma/#respond Wed, 28 Aug 2024 07:05:05 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4474 राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मुसलमानों पर की गई टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सिब्बल ने बुधवार को सरमा के बयान को लेकर गहरी नाराजगी जताई और इसे ‘शुद्ध सांप्रदायिक जहर’ करार दिया। दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था …

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राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की मुसलमानों पर की गई टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। सिब्बल ने बुधवार को सरमा के बयान को लेकर गहरी नाराजगी जताई और इसे ‘शुद्ध सांप्रदायिक जहर’ करार दिया। दरअसल, हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में कहा था कि ‘मिया मुसलमानों को राज्य पर कब्जा नहीं करने देंगे।’ इस बयान की आलोचना करते हुए सिब्बल ने कहा कि ऐसे बयान को चुप्पी से नहीं छोड़ा जा सकता है और यह साफ तौर पर सांप्रदायिक विभाजन को बढ़ावा देने वाला है।

हिमंत सरमा ने यह टिप्पणी असम विधानसभा में नागांव जिले में 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार के मुद्दे पर चर्चा के दौरान की थी। उन्होंने विपक्षी दलों द्वारा राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर उठाए गए स्थगन प्रस्तावों के संदर्भ में यह बयान दिया। ‘मिया’ शब्द का उपयोग पारंपरिक रूप से बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए एक अपमानजनक संदर्भ में किया जाता है। इसे अक्सर बांग्लादेशी अप्रवासी के रूप में पहचानने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि, हाल के वर्षों में इस शब्द को कुछ मुसलमानों ने अपने समुदाय की पहचान के रूप में अपनाया है और इसे एक तरह की अवज्ञा के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

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सिब्बल ने सरमा की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के बयान सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाने वाले होते हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर चुप्पी साधने को एक गलत संकेत बताया और कहा कि ऐसे बयानों का विरोध करना जरूरी है ताकि समाज में भाईचारे और समानता को बनाए रखा जा सके।

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सिब्बल ने जोर देकर कहा कि राजनीति में इस तरह की सांप्रदायिक टिप्पणियों की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि समाज और राजनीति के अन्य हिस्से इस मुद्दे पर सजग रहेंगे और ऐसे भड़काऊ बयानों का विरोध करेंगे।

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Sam Pitroda के बयान पर मचा घमासान कहा पूर्वोत्तर भारत के लोग चाइनीज तो दक्षिण के लोग… https://chaupalkhabar.com/2024/05/08/sam-pitrodas-statements-created-a-controversy-said/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/08/sam-pitrodas-statements-created-a-controversy-said/#respond Wed, 08 May 2024 08:59:03 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3143 कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विवादित बयानों ने एक बार फिर राजनीतिक दलों के बीच खड़ा कर दिया है। सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर टिप्पणी की और इसके बाद उन्होंने देश के पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र के राज्यों में रहने वाले लोगों को लेकर भी एक बयान दिया। उनके बयानों के मध्यस्थ बनते हुए, …

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कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के विवादित बयानों ने एक बार फिर राजनीतिक दलों के बीच खड़ा कर दिया है। सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर टिप्पणी की और इसके बाद उन्होंने देश के पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र के राज्यों में रहने वाले लोगों को लेकर भी एक बयान दिया। उनके बयानों के मध्यस्थ बनते हुए, भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों ने उनके खिलाफ आलोचना की है। विवादों की उस्ताद बने सैम पित्रोदा ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत की विविधता को उजागर करते हुए कहा कि हम सभी अलग-अलग दिखते हैं, परंतु हम सभी एक हैं।

सैम पित्रोदा के बयान पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कड़ा पलटवार किया। उन्होंने अपने एक पोस्ट में लिखा,”सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!” सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। “यह एक दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।”

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कांग्रेस नेता के बयान का जवाब देते हुए, भाजपा ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि आम लोगों की संपत्ति का बंटवारा किया जाए। विवादित बयानों के बावजूद, सैम पित्रोदा ने विविधता को मजबूती मानते हुए कहा कि हम सभी एक हैं और हमें इसको स्वीकार करना चाहिए। यह विविधता ही हमारे राष्ट्र की ताकत है। इस बारे में विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच विवाद चल रहा है, और सामाजिक मीडिया पर इसकी चर्चा हो रही है।

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अतीत में भी सैम पित्रोदा ने कई मौकों पर विवादित बयान दिए हैं, जो कि राजनीतिक और सामाजिक दलों के बीच विवाद उत्पन्न करते रहे हैं। विवादित बयानों के बावजूद, सैम पित्रोदा ने विविधता की महत्वता को उजागर किया है और भारतीय समाज को एकता और सामंजस्य की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया है।

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