Home Minister Amit Shah - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 17 Sep 2024 11:23:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Home Minister Amit Shah - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे, ‘एक देश, एक चुनाव’ की घोषणा और उत्पादन क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/third-task-of-modi-government/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/third-task-of-modi-government/#respond Tue, 17 Sep 2024 11:23:33 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4937 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा गया। इस मौके पर अमित शाह ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार इस कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ की …

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें सरकार की उपलब्धियों को सामने रखा गया। इस मौके पर अमित शाह ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सरकार इस कार्यकाल में ‘एक देश, एक चुनाव’ की योजना को लागू करेगी। यह योजना बीजेपी के घोषणा पत्र का हिस्सा रही है, और हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में भी इसका जिक्र किया था।

अमित शाह ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी, जिसने इस मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सरकार इसी कार्यकाल में इस अहम कदम को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “60 साल बाद देश को एक ऐसा नेता मिला है जो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनकर देश का नेतृत्व कर रहा है, जिससे राजनीतिक स्थिरता आई है।”

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अमित शाह ने देश के विकास में मोदी सरकार की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत अब दुनिया का सबसे पसंदीदा उत्पादन केंद्र बन चुका है। उन्होंने कहा, “पिछले दस सालों में बाहरी और आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में बड़े कदम उठाए गए हैं, जिससे भारत अब पहले से अधिक सुरक्षित है।” सरकार की नई शिक्षा नीति के बारे में भी चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि इस नीति के तहत शिक्षा प्रणाली में कई सुधार किए गए हैं जो देश को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

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स्थानीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए अमित शाह ने कहा कि किसी भी देश का विकास उसकी भाषाओं के संरक्षण और संवर्धन के बिना संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी का देश की अन्य स्थानीय भाषाओं के साथ कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। सरकार एक ऐसा पोर्टल ला रही है जिससे संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं में लेखों का त्वरित अनुवाद संभव होगा। अमित शाह ने इस अवसर पर मोदी सरकार की नीतियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये नीतियां भारत को आर्थिक और सामाजिक रूप से एक नए स्तर पर ले जाने में मदद कर रही हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 74वें जन्मदिन पर देशभर से मिली शुभकामनाएं. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/prime-minister-narendra-mod-5/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/prime-minister-narendra-mod-5/#respond Tue, 17 Sep 2024 08:50:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4932 आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिवस पर देशभर में शुभकामनाओं की बाढ़ सी आ गई है। पक्ष-विपक्ष के नेताओं समेत जनता ने भी प्रधानमंत्री को इस खास दिन पर बधाई दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई …

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आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिवस पर देशभर में शुभकामनाओं की बाढ़ सी आ गई है। पक्ष-विपक्ष के नेताओं समेत जनता ने भी प्रधानमंत्री को इस खास दिन पर बधाई दी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, बीएसपी सुप्रीमो मायावती, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई विपक्षी नेताओं ने भी प्रधानमंत्री को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य गुजरात के दौरे पर हैं, जहां वे अहमदाबाद के राजभवन में ठहरे हुए थे। आज सुबह गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें फूलों का गुलदस्ता और एक किताब भेंट करते हुए जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी उन्हें विशेष रूप से बधाई दी। उन्होंने कहा, “आज प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिवस है और पूरे देश में कई संस्थाएं इसे सेवा पखवाड़े के रूप में मना रही हैं।” शाह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 15 से अधिक देशों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान देकर भारत का गौरव बढ़ाया है। शाह ने प्रधानमंत्री मोदी की राजनीतिक यात्रा और उनके नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा, “60 वर्षों के बाद कोई नेता लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बना है और इस दौरान भारत में राजनीतिक स्थिरता आई है। पिछले दशक में मोदी सरकार ने देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को सुदृढ़ करने में बड़ी सफलता पाई है।” शाह ने आगे कहा कि भारत अब दुनिया में सबसे पसंदीदा उत्पादन केंद्र बन चुका है, और इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी नीतियों को जाता है।

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प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन के अवसर पर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को उनके 74वें जन्मदिन पर बधाई दी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस के साथ ही विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर भी प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके जन्मदिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उनके नेतृत्व में देश की प्रगति की कामना करता हूं।”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी प्रधानमंत्री को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। 2047 तक विकसित भारत का जो सपना उन्होंने देखा है, उसे पूरा करने की शक्ति उन्हें मिले, यही मेरी कामना है।” शिंदे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र भी प्रधानमंत्री मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, “21वीं सदी भारत की सदी है, क्योंकि देश के कप्तान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।” प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। पिछले 10 वर्षों में भारत की वैश्विक स्थिति में जो सुधार देखा गया है, वह उनके दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों में सुधार हुआ है और देश ने वैश्विक मंच पर एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है।

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प्रधानमंत्री मोदी का जन्मदिवस देशभर में विभिन्न प्रकार के आयोजनों के माध्यम से मनाया जा रहा है। “सेवा पखवाड़ा” के तहत देशभर में कई सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण अभियान और अन्य सेवामूलक गतिविधियाँ शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने गुजरात दौरे के बाद आज उड़ीसा के लिए रवाना हो गए। उनकी इस यात्रा के तहत कई महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत की उम्मीद की जा रही है, जिससे देश के विकास में एक नया अध्याय जुड़ेगा।

 

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“डोडा मुठभेड़ में पांच जवान शहीद, ओवैसी और महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना” https://chaupalkhabar.com/2024/07/16/doda-encounter-in-five-jawa/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/16/doda-encounter-in-five-jawa/#respond Tue, 16 Jul 2024 12:16:18 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3929 जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में रविवार देर रात आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच जवान बलिदान हो गए। सेना ने मंगलवार को इन बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस घटना के बाद, जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने …

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जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में रविवार देर रात आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच जवान बलिदान हो गए। सेना ने मंगलवार को इन बलिदानी जवानों को श्रद्धांजलि दी। इस घटना के बाद, जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियों पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटना को केंद्र सरकार की विफलता बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा, “मोदी जी आप तो कहते थे ‘घर में घुस कर मारेंगे’, फिर यह क्या है?” ओवैसी ने चेतावनी दी कि जम्मू में हालात बहुत खतरनाक होते जा रहे हैं और केंद्र सरकार आतंकवाद को नियंत्रित करने में असफल हो रही है।

सोमवार की रात 11 बजे के आसपास डोडा के देसा क्षेत्र के जंगल में सेना और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक अधिकारी समेत पांच जवान बलिदान हो गए। यह मुठभेड़ पिछले 35 दिनों में डोडा क्षेत्र में चौथी मुठभेड़ थी। सोमवार को जम्मू और कठुआ जिलों में भी संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पांच जवानों की जान जाने के बावजूद किसी की कोई जवाबदेही नहीं है। उन्होंने कहा, “अब तक तो सभी के सिर कट जाने चाहिए थे। डीजीपी को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था।” महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि मौजूदा डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में व्यस्त हैं और लोगों तथा पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है।

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महबूबा मुफ्ती द्वारा भी आरोप लगाया गया है कि मौजूदा डीजीपी राजनीतिक रूप से चीजों को ठीक करने में व्यस्त हैं और लोगों तथा पत्रकारों को परेशान किया जा रहा है।

जो सैनिक मुठभेड़ में शहीद हुए है उन सैनिकों की पहचान कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश और सिपाही बिजेंद्र, सिपाही अजय के रूप में की गयी है। भारतीय सेना द्वारा अपने बलिदानी जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की गयी और कहा कि सेना इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ी है। यह घटना कश्मीर घाटी के बाद अब जम्मू संभाग को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने की बढ़ती घटनाओं का हिस्सा है। पिछले 32 महीनों में लगभग 50 सैनिकों ने अपनी जान गंवाई है, लेकिन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इस बीच, सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखे हुए हैं, लेकिन राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है।

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अमित शाह की हाईलेवल मीटिंग: मणिपुर हिंसा पर चर्चा, जल्द हो सकता है बड़ा कदम. https://chaupalkhabar.com/2024/06/17/amit-shahs-high-level-meeting/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/17/amit-shahs-high-level-meeting/#respond Mon, 17 Jun 2024 12:32:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3615 सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पुनः सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार की पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। इस बैठक में कई उच्च अधिकारियों ने …

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सोमवार शाम को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के पुनः सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार की पहली उच्च स्तरीय बैठक थी। इस बैठक में कई उच्च अधिकारियों ने हिस्सा लिया, जिनमें केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, सेना प्रमुख (पदनाम) लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, थ्री कोर के जीओसी एचएस साही, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल थे।

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मणिपुर में पिछले साल 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसक संघर्ष चल रहा है, जिसमें अब तक कम से कम 225 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 50,000 लोग बेघर हो गए हैं। ये बेघर लोग अभी भी राहत केंद्रों में शरण लेने पर मजबूर हैं। पिछले कुछ हफ्तों में मणिपुर में कई नई हिंसक घटनाएं हुई हैं। पिछले सप्ताह, सशस्त्र उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा दल के काफिले पर कांगपोकपी जिले में घात लगाकर हमला किया, जिसमें एक नागरिक चालक और एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए थे।

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गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों के तहत मेतेई और कुकी दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ नौ शांति बैठकें की थीं। हालांकि, इन बैठकों के बावजूद हिंसा में कोई कमी नहीं आई है। इस ताजा बैठक में भी राज्य में बढ़ती हिंसा को रोकने और शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदमों पर विचार-विमर्श किया गया।

अधिकारियों के अनुसार, मणिपुर की सुरक्षा स्थिति को नियंत्रित करने और हिंसा को समाप्त करने के लिए विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की गई। बैठक में मौजूद सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए त्वरित और प्रभावी उपायों की आवश्यकता पर जोर दिया। अमित शाह ने निर्देश दिया कि स्थानीय और केंद्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय को बढ़ाया जाए ताकि हिंसक घटनाओं पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई की जा सके। यह उच्च स्तरीय बैठक मणिपुर की जनता को सुरक्षा और शांति की दिशा में केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत देती है, और सरकार की कोशिश है कि राज्य में जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल की जा सके।

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दिल्ली के जंतर मंतर की ओर बढ़े किसान, सभी बॉर्डर पर निगरानी को बढ़ाया गया… https://chaupalkhabar.com/2024/03/06/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%93%e0%a4%b0-%e0%a4%ac/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/06/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a4%b0-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%93%e0%a4%b0-%e0%a4%ac/#respond Wed, 06 Mar 2024 07:30:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2458 किसानों का आंदोलन देशभर में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। सरकारी कानून बनाने की मांग पर उनकी आंदोलनबाजी तेजी से फैल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर किसानों की मांगें बढ़ती जा रही हैं। 3 मार्च को, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने देशभर के किसानों …

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किसानों का आंदोलन देशभर में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना हुआ है। सरकारी कानून बनाने की मांग पर उनकी आंदोलनबाजी तेजी से फैल रही है। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर किसानों की मांगें बढ़ती जा रही हैं। 3 मार्च को, किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने देशभर के किसानों को दिल्ली पहुंचने के लिए आह्वान किया। उन्होंने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी सहित मांग कि है। इसके बाद, 10 मार्च को देशव्यापी रेल रोको आंदोलन की भी घोषणा की गई है।

किसान बुधवार को शंभू बॉर्डर पर एकत्रित हो गए। उन्होंने जंतर मंतर कूच का ऐलान किया, जो किसान आंदोलन के अभियान का हिस्सा बनेगा। किसान नेताओं ने सरकार से अपने नुकसान की भरपाई करने की मांग भी की है। किसान नेता तेजवीर सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार के किसान भी दिल्ली मार्च के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि देश में हो रही लूट को रोकने के लिए किसान लड़ाई लड़ रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है और कई जगहों पर धारा-144 लागू कर दी गई है। प्रधानमंत्री आवास और गृहमंत्री के आस-पास भारी फोर्स को भी  तैनात किया गया है। सभी रास्तों पर पुलिस बैरिकेड लगाई गई है।

दिल्ली पुलिस ने भी अलर्ट जारी किया है और कई जगहों पर धारा-144 लागू कर दी गई है।

किसानों का आंदोलन देश के गहरे संघर्ष का परिचय देता है। वे अपने हक की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। सरकार से मांगें पूरी नहीं होने पर वे आगे भी अपने आंदोलन को जारी रखेंगे। इसमें किसान नेताओं का अहम योगदान है जो अपने समूह को एकजुट रखकर उनकी मांगों को सामने रख रहे हैं।

 

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Loksabha में Amit Shah द्वारा नए Criminal Bill को कराया गया पास https://chaupalkhabar.com/2023/12/21/new-criminal-bill-passed-by-amit-shah-in-lok-sabha/ https://chaupalkhabar.com/2023/12/21/new-criminal-bill-passed-by-amit-shah-in-lok-sabha/#respond Thu, 21 Dec 2023 08:10:46 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2045 लोकसभा में अमित शाह जी द्वारा प्रस्तुत 3 नए क्रांतिकारी कानूनों को बुधवार को लोकसभा में पास कर दिया गया। यह बिल लोकसभा में विपक्ष के नेताओं की अनुपस्थिति में पास किया गया जिन्हें निलंबित किया गया था इसके बाद यह बिल राज्यसभा में रखा जाएगा, वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के …

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लोकसभा में अमित शाह जी द्वारा प्रस्तुत 3 नए क्रांतिकारी कानूनों को बुधवार को लोकसभा में पास कर दिया गया। यह बिल लोकसभा में विपक्ष के नेताओं की अनुपस्थिति में पास किया गया जिन्हें निलंबित किया गया था इसके बाद यह बिल राज्यसभा में रखा जाएगा, वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

भारत न्यायायिक व्यवस्था पिछले 7 दशकों से 160 वर्ष पूराने ब्रिटिशों के कानून IPC, CrPC, इंडियन एविडेंस एक्ट से चलता था। तब यह कानून ब्रिटिश शासन के हितों के अनुकूल बनाए गए थे न कि जनता केंद्रित। गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गुलामी की निशानी से भरे IPC, CrPC एवं इंडियन एविडेंस एक्ट निरस्त कर न्याय देने वाले तीन नए बिल लाए गए हैं।

 

जिन्हें बुधवार को लोकसभा में पास करा दिया गया भारतीय न्यायिक व्यवस्था में इन आवश्यक बदलावों को स्थापित करना अति आवश्यक था, आजादी के 7 दशकों बाद भी हम ब्रिटिशों की कैद में थे, वर्तमान सरकार ने कॉलेजियम को हटाकर भारतवासियों के हित में नए कानूनों को लाया है, जो भारत के नागरिकों के हितों में बनाया गया है। कानून व्यवस्था को आधुनिकता से जोड़कर न्याय प्रणाली को तीव्र किया है ताकि इंसाफ का मांग के लिए एक आदमी अपनी पूरी जिंदगी दाव पर न लगा दे। इन तीन नए कानूनों में बदलाव से भारत में वो हुआ है जो आज से पहले कभी नहीं हुआ।

भारतीय संविधान के तहत, कानूनों का महत्त्वपूर्ण योगदान है जो समाज की सुरक्षा और न्याय को सुनिश्चित करते हैं। हाल ही में हुए कुछ महत्त्वपूर्ण तीन नए क्रिमिनल बिलों की मंजूरी और उनके लोकसभा में पारित होने पर चर्चा का केंद्रीय बिंदु बना है। इन बिलों के पारित होने से पहले के कानूनों में सुधार की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। यह न केवल अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना लेकर आता है, बल्कि नए कानून मानवीय संरक्षा और समाज की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देने का वादा करता है। इन परिवर्तनों के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में व्यापक परिवर्तन होने का दावा किया गया है। यह संशोधन सीआरपीसी, बीएनएस, और बीएसए को समेकित करके भारतीय न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास किया गया है।

 

गृहमंत्री अमित शाह ने इन नए क्रिमिनल बिलों के माध्यम से एक नयी यात्रा की घोषणा की है, जहां अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस की भी ज़िम्मेदारी बढ़ाई गई है। इन बिलों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है, जो समाज के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

क्रिमिनल लॉ परिवर्तनों में अदालती प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का प्रयास किया गया है। इन संशोधनों में अपराध की परिभाषा में विस्तार किया गया है और इसने जुर्माने और सजा में भी बदलाव किया है। संशोधित कानूनों में विभिन्न अपराधों की परिभाषा में वृद्धि की गई है जिसमें संगठित अपराध, आतंकवाद, धोखे से महिलाओं का यौन शोषण, छीनना, भारत की संप्रभुता और एकता को खतरे में डालने वाले कृत्य शामिल हैं। इन संशोधनों से अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना बढ़ी है।

साथ ही, इलेक्ट्रानिक और डिजिटल रिकॉर्ड्स को भी अब अपराधी के साक्ष्य के रूप में माना जाएगा, जो अदालती प्रक्रिया को और विश्वसनीय बनाएगा। इन संशोधनों का असर यह हो सकता है कि अब जुर्माने और सजा में वृद्धि होने से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे जनता में भरोसा बढ़ सकता है कि न्यायिक प्रक्रिया में तेजी होगी और अपराधियों को जल्द से जल्द सजा होगी।

क्रिमिनल लॉ के इन संशोधनों के माध्यम से जानकारी को इलेक्ट्रानिक रूप से रखा गया है जिससे कि पुलिस और अन्य न्यायिक अधिकारियों को तुरंत और सही सूचना मिल सके। इस संशोधन के माध्यम से कानूनी प्रक्रिया में बदलाव लाने की कोशिश की गई है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में तेजी और अनुकूलता आ सके। शाह ने बताया कि इन बिलों के माध्यम से सरकार ने समाज में उन बुराईयों को मिटाने की कड़ी इच्छा दर्शाई है, जो विभिन्न स्तरों पर मानवता को चोट पहुंचाती थीं।

 

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इस संदर्भ में, नए कानूनों के माध्यम से समाज में जागरूकता और सच्चाई की बात करने की ज़रूरत है। लोगों को इसके महत्त्व को समझाने और समर्थन देने की आवश्यकता है ताकि ये कानून समाज में समर्थन पा सकें और उनकी सफलता में सहायता कर सकें। इन कानूनों के माध्यम से उठाए गए कदमों की व्यापक जानकारी और समझ लोगों को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। समाज को इसकी महत्ता समझाने के लिए उचित साधनों का उपयोग करना चाहिए ताकि इस दिशा में होने वाले प्रगति को बढ़ावा मिल सके।

 

यह नए कानून समाज में जागरूकता, सुरक्षा, और न्याय की महत्ता को समझाते हैं। इन्हें समर्थन देने से पहले उनकी व्यापक समझ और गहरी जानकारी होनी चाहिए ताकि वे समाज के हित में योगदान कर सकें।

 

इस तरह के कानूनों का मानवीय स्तर पर जोरदार प्रभाव होता है जो समाज के हर व्यक्ति की सुरक्षा और सम्मान को सुनिश्चित करता है। इन नए कानूनों के माध्यम से देश में न्याय प्रणाली में सुधार लाने का यह प्रयास आगे बढ़ावा देता है और मानवीयता को सशक्त बनाता है। इस प्रकार, नए कानूनों का पारित होना एक नयी दिशा की ओर एक महत्त्वपूर्ण कदम है जो समाज में सुरक्षा, न्याय, और मानवीयता को मजबूत करता है।

 

 

 

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अमित शाह ने तेलंगाना में पिछड़े वर्ग का मुख्यमंत्री बनाने का वादा कर विपक्ष को चौंकाया https://chaupalkhabar.com/2023/10/28/amit-shahpromises-telangana-a-backward-class-cm-springs-a-surprise-for-opposition/ https://chaupalkhabar.com/2023/10/28/amit-shahpromises-telangana-a-backward-class-cm-springs-a-surprise-for-opposition/#respond Sat, 28 Oct 2023 09:08:50 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1914 एक आश्चर्यजनक कदम में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि यदि पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो भाजपा पिछड़े वर्ग के एक नेता को तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाएगी। उनकी घोषणा ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल भाजपा का मुकाबला करने के लिए …

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एक आश्चर्यजनक कदम में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को घोषणा की कि यदि पार्टी राज्य में सत्ता में आती है तो भाजपा पिछड़े वर्ग के एक नेता को तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनाएगी।

उनकी घोषणा ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दे के रूप में ओबीसी प्रतिनिधित्व के संदर्भ में जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं।

 

ऐसा लगता है कि शाह के दिमाग में राष्ट्रीय और राज्य दोनों राजनीति हैं। पिछड़े वर्ग का कोई नेता कभी अविभाजित आंध्र प्रदेश का भी मुख्यमंत्री नहीं रहा। 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद से, के चंद्रशेखर, जो कि फॉरवर्ड वेलामा समुदाय से हैं, यहां के सीएम रहे हैं।

 

तेलंगाना में भाजपा के पास पिछड़े वर्ग के दो मजबूत नेता हैं – बंदी संजय कुमार और ईटेला राजेंदर, जिन्होंने केसीआर और सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को टक्कर देकर अपनी पकड़ बनाई है। जबकि बंदी संजय कुमार शक्तिशाली मुन्नरु कापू समुदाय (कापू समुदाय का एक उप-संप्रदाय) से हैं, राजेंद्र समान रूप से प्रभावशाली मुदिराज समूह से हैं।

 

राज्य में 134 पिछड़ा वर्ग समूह हैं, जो कुल मिलाकर राज्य की आबादी का 52% होने का अनुमान है।

 

तेलंगाना भाजपा प्रमुख के रूप में, कुमार ने केसीआर सरकार पर आक्रामक रूप से निशाना साधा था, और ऐसा देखा गया था कि उन्होंने राज्य में भाजपा को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था। लेकिन जुलाई में कुमार को हटा दिया गया.

अब बीजेपी ने कुमार को करीमनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है. जबकि वह 2018 में निर्वाचन क्षेत्र से हार गए थे, उन्होंने एक साल बाद करीमनगर लोकसभा सीट जीतकर वापसी की थी। कुमार को न केवल 50 लाख मजबूत मुन्नरु कापू समुदाय, बल्कि अन्य बीसी समुदायों पर भी मजबूत पकड़ के रूप में देखा जाता है।

 

 

पार्टी की राज्य चुनाव समिति के प्रमुख राजेंद्र को उनकी वर्तमान सीट हुजूराबाद के अलावा गजवेल से मैदान में उतारा गया है। यह महत्वपूर्ण है क्योंकि केसीआर कामारेड्डी सीट के अलावा गजवेल से भी चुनाव लड़ रहे हैं और राजेंद्र को कभी बीआरएस (पूर्व में टीआरएस) में नंबर 2 के रूप में देखा जाता था।

हुजूराबाद से बीआरएस से चार बार विधायक रहे राजेंद्र ने जमीन हड़पने के आरोप में केसीआर द्वारा मंत्री पद से हटाए जाने के बाद जून 2021 में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। इस सीट पर हुए उपचुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की, जबकि बीआरएस ने उन्हें हराने की पूरी कोशिश की थी।

कई लोग शाह की पिछड़े वर्ग के मुख्यमंत्री की घोषणा को केसीआर पर कटाक्ष के रूप में देख रहे हैं, जिनके बारे में माना जाता है कि जब उन्हें खतरा महसूस हुआ तो उन्होंने राजेंद्र को छोड़ दिया। “राजेंदर हमेशा खुद को केसीआर सरकार में दूसरे नंबर के नेता और उत्तराधिकारी मानते थे, हालांकि बीआरएस प्रमुख अपने बेटे का राज्याभिषेक करना चाहते थे। भाजपा के एक नेता ने शुक्रवार को कहा, ”राजेंदर की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं के कारण केसीआर ने उन्हें हटा दिया।”

 

 

 

संयोग से, 8 अक्टूबर को मुदिराज महासभा फिशरीज एसोसिएशन ने हैदराबाद में एक विशाल बैठक की, जहां इसके नेताओं ने अपने समुदाय के नेताओं को टिकट आवंटित नहीं करने के लिए बीआरएस की आलोचना की।

तेलंगाना में मुदिराज की आबादी लगभग 60 लाख है, और वे उत्तरी तेलंगाना और हैदराबाद के कुछ हिस्सों में फैले हुए हैं।

शाह की घोषणा के बाद पिछड़े वर्ग के एक और नेता हैं जिन पर अब निगाहें टिकी हैं: धर्मपुरी अरविंद, आंध्र प्रदेश के पूर्व पीसीसी प्रमुख डी श्रीनिवास के छोटे बेटे और निज़ामाबाद से लोकसभा भाजपा सांसद।

रणजी ट्रॉफी में हैदराबाद के लिए खेलने वाले एक शौकीन क्रिकेटर, अरविंद ने अपना पहला चुनाव 2019 में भाजपा का रास्ता अपनाते हुए लड़ा, जबकि उनके पिता टीआरएस (अब बीआरएस) में चले गए थे। केसीआर की बेटी के कविता के खिलाफ हल्दी किसानों के बीच असंतोष की लहर पर सवार होकर, उन्होंने 70,000 से अधिक वोटों से जीत हासिल की।

कथित तौर पर अरविंद 2024 के लिए अपनी सांसद सीट बरकरार रखने के इच्छुक थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें निज़ामाबाद लोकसभा क्षेत्र के एक विधानसभा क्षेत्र कोरात्ला से मैदान में उतारा है। चीजें उनके लिए कठिन हो सकती हैं क्योंकि केंद्र ने वादे के अनुसार हल्दी बोर्ड के बजाय, निज़ामाबाद में एक क्षेत्रीय मसाला बोर्ड कार्यालय स्थापित किया है।

 

 

इससे पहले, अरविंद के पिता श्रीनिवास को 2004 और 2009 में आंध्र में कांग्रेस की सत्ता में वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए देखा गया था।

शाह ने शुक्रवार को सूर्यापेट में ‘जन गर्जना सभा’ में यह घोषणा की, जहां उन्होंने फिर से बीआरएस पर “एक परिवार संचालित पार्टी” के रूप में हमला किया। उन्होंने कहा कि बीआरएस गरीब और दलित विरोधी है और नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री रहते केवल भाजपा ही तेलंगाना का विकास कर सकती है। “बीआरएस ने साबित कर दिया है कि वह दलित विरोधी है। केसीआर ने दलित मुख्यमंत्री का वादा किया था, क्या हुआ?” शाह ने कहा.

 

 

कांग्रेस नेताओं ने स्वीकार किया कि शाह की घोषणा ने आश्चर्य और कुछ चिंता पैदा की है। भाजपा के पक्ष में पिछड़े वर्ग के वोटों के एकजुट होने से बीआरएस विरोधी वोटों का विभाजन होगा।

 

राज्य प्रमुख के रूप में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में भाजपा द्वारा केसीआर और बीआरएस सरकार के खिलाफ अपने हमलों को कम करने के बाद, कांग्रेस को विश्वास हो गया है कि भाजपा का अभियान कमजोर हो गया है। हालाँकि, शाह की घोषणा स्पष्ट रूप से पिछड़े वर्गों तक पहुँचने का प्रयास दिखाती है।

 

Brajesh Kumar

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सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के अगले दिन मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, 102 में से 22 सैनिक अब भी लापता, तलाश जारी https://chaupalkhabar.com/2023/10/06/sikkim-flash-floods-14-dead-over-102-missing/ https://chaupalkhabar.com/2023/10/06/sikkim-flash-floods-14-dead-over-102-missing/#respond Fri, 06 Oct 2023 07:36:05 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1822 सिक्किम में बुधवार तड़के आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सेना कर्मियों सहित 102 से अधिक लोग लापता हैं।   सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है और 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। 22 लापता सैनिकों …

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सिक्किम में बुधवार तड़के आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सेना कर्मियों सहित 102 से अधिक लोग लापता हैं।

 

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है और 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। 22 लापता सैनिकों की तलाश अभी भी जारी है, जिसमें निचले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि तेजी से बहने वाली नदी उन्हें निचले इलाकों और शायद पश्चिम बंगाल तक भी ले जाने की संभावना है।

 

 

सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि जो सेना के जवान बह गए, उनके पास “काफिले का एक वाहन था जो राजमार्ग के पास खड़ा था जो कीचड़ में डूब गया।” एसएसडीएमए बुलेटिन के अनुसार, राज्य सरकार ने चार प्रभावित जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं। गंगटोक में आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोग शरण ले रहे हैं, जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में लोगों की संख्या के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है।

 

बाद में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी किए गए एक विज्ञप्ति में मरने वालों की संख्या अधिक बताई गई। “अब तक अठारह शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से छह शवों (चार जवानों और दो नागरिकों) की पहचान कर ली गई है। बाकी की पहचान की प्रक्रिया की जा रही है।

 

इस बीच, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, “मौजूदा स्थिति का आकलन करने और नुकसान की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए मिंटोकगांग में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी। मैंने सभी संबंधित अधिकारियों, विभागों, जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ी सतर्कता बनाए रखने और प्रभावित जनता की आवश्यकताओं को पूरी तत्परता से पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। सटीक और समय पर सूचना प्रसार सुनिश्चित करने के लिए, मुख्य सचिव प्रेस को दैनिक अपडेट प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनसे सम्पर्क कर स्थिति का जाएजा लिया है.

 

उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया, जो चुंगथांग बांध की तरफ मुड़ गया, जिसके नीचे की ओर बढ़ने से बिजली के बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए, जिससे कस्बों और गांवों में बाढ़ आ गई। सरकार के अनुसार, बाढ़ ने राज्य में 11 पुलों को नष्ट कर दिया, अकेले मंगन जिले में आठ पुल बह गए। नामची में दो और गंगटोक में एक पुल नष्ट हो गया। चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और कच्चे और कंक्रीट दोनों तरह के 277 घर नष्ट हो गए हैं।

 

चुंगथांग शहर को बाढ़ का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा और राज्य की जीवन रेखा माने जाने वाले एनएच-10 को कई स्थानों पर व्यापक क्षति हुई। एसएसडीएमए के मुताबिक, पाकयोंग जिले में सात, मंगन में चार और गंगटोक में तीन लोगों की मौत हो गई है। लापता 102 लोगों में से 59 पाकयोंग के हैं, जिनमें सेना के जवान भी शामिल हैं।

 

एसएसडीएमए ने लोगों को तीस्ता से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश के कारण जल स्तर बढ़ रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगभग 3000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य पर्यटन विभाग उनके संपर्क में है।

 

Brajesh Kumar

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