Income tax department - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 23 Jul 2024 08:50:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Income tax department - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 “नई टैक्स रेजीम में सुधार: टैक्सपेयर्स के लिए बचत और राहत के अवसर” https://chaupalkhabar.com/2024/07/23/new-tax-regime-reform-t/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/23/new-tax-regime-reform-t/#respond Tue, 23 Jul 2024 08:50:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4016 मोदी सरकार ने मिडिल क्लास और आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रेजीम में बदलाव कर और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री के अनुसार, न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से टैक्सपेयर्स कम से कम 17,500 रुपये बचा पाएंगे। वित्त मंत्री ने …

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मोदी सरकार ने मिडिल क्लास और आयकर दाताओं को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई टैक्स रेजीम में बदलाव कर और स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। वित्त मंत्री के अनुसार, न्यू टैक्स स्लैब में बदलाव से टैक्सपेयर्स कम से कम 17,500 रुपये बचा पाएंगे। वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दी है। इसके साथ ही New Tax Slab में भी बदलाव किया गया है। यह परिवर्तन उन टैक्सपेयर्स को लाभ देगा जो नई टैक्स रेजीम को अपनाएंगे।

इस बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पुरानी टैक्स रेजीम में बेसिक एग्जेमप्शन लिमिट नहीं बढ़ाई और टैक्स रेट में भी कोई बदलाव नहीं किया। इससे पुरानी टैक्स रेजीम चुनने वालों को स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ने का फायदा नहीं मिलेगा। इसका लाभ केवल उन लोगों को मिलेगा जो नई टैक्स रेजीम को अपनाएंगे।

पुरानी और नई टैक्स रेजीम में अंतर

– 0 से 3 लाख तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं
– 3 से 7 लाख की आय पर 5% आयकर
– 7 से 10 लाख की आय पर 10% आयकर
– 10 लाख से 12 लाख की आय पर 15% आयकर
– 12 लाख से 15 लाख की आय पर 20% आयकर
– 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% आयकर

पुरानी टैक्स रेजीम के तहत टैक्स स्लैब (2024)

– 2.5 लाख तक की आमदनी पर 0% टैक्स
– 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय पर 5% आयकर
– 5 लाख से 10 लाख की आय पर 20% आयकर
– 10 लाख से ऊपर की आय पर 30% आयकर

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नई टैक्स रेजीम का उद्देश्य

वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि दो-तिहाई लोगों ने नई टैक्स रेजीम को चुना है। इसलिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाया गया है और टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया है ताकि नई टैक्स रेजीम और लोकप्रिय हो सके।

पहले की नई टैक्स रेजीम (2023)

– 0 से 3 लाख तक की आमदनी पर 0% टैक्स
– 3 से 6 लाख तक की आय पर 5% आयकर
– 6 से 9 लाख की आय पर 10% आयकर
– 9 से 12 लाख की आय पर 15% आयकर
– 12 से 15 लाख की आय पर 20% आयकर
– 15 लाख से ज्यादा की आय पर 30% आयकर

यह नया टैक्स स्लैब अब खत्म हो गया है और नई रेजीम को अपनाया गया है।

– 2.5 लाख तक- 0%
– 2.5 लाख से 5 लाख तक- 5%
– 5 लाख से 10 लाख तक- 20%
– 10 लाख से ऊपर- 30%

साल 2020 में सरकार ने पहली बार New Tax Slab पेश किया था, जो अधिकतर आयकरदाताओं को पसंद नहीं आया था। फिर 2023 में उसमें बदलाव किया गया था। पहले 6 टैक्स स्लैब थे, जिन्हें बदलकर 5 टैक्स स्लैब कर दिया गया था। फिर भी, केवल 25% आयकरदाता ने ही नई टैक्स रेजीम को अपनाया था। इस कारण, अब एक बार फिर इसमें बदलाव किया गया है। नई कर व्यवस्था के तहत बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3 लाख रुपये कर दी गई है। यह बदलाव अधिकतर नौकरीपेशा और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगा। वित्त मंत्री का कहना है कि इन बदलावों से टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी और उनकी बचत में वृद्धि होगी। इन बदलावों के साथ, उम्मीद की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग नई टैक्स रेजीम को अपनाएंगे और इससे उन्हें टैक्स में राहत मिलेगी। इस कदम से सरकार का उद्देश्य टैक्स प्रक्रिया को सरल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है।

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एमपी में मुख्यमंत्री और सभी मंत्री खुद भरेंगे अपना इनकम टैक्स, 52 साल बाद मोहन सरकार ने नियमों में किया बदलाव. https://chaupalkhabar.com/2024/06/25/mp-in-chief-minister-and-s/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/25/mp-in-chief-minister-and-s/#respond Tue, 25 Jun 2024 11:02:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3730 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री अब खुद अपना आयकर यानी इनकम टैक्स भरेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बड़े फैसले का ऐलान किया। राज्य में अभी तक सरकार मंत्रियों और मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स भरती थी, लेकिन इस फैसले से अब शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। साल 1972 में मंत्रियों …

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री अब खुद अपना आयकर यानी इनकम टैक्स भरेंगे। मंगलवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस बड़े फैसले का ऐलान किया। राज्य में अभी तक सरकार मंत्रियों और मुख्यमंत्री का इनकम टैक्स भरती थी, लेकिन इस फैसले से अब शासन पर कोई वित्तीय भार नहीं आएगा। साल 1972 में मंत्रियों का इनकम टैक्स सरकार द्वारा भरने का नियम बना था। अब 52 साल बाद मोहन सरकार ने इसको बदल दिया है। आज कैबिनेट में सभी मंत्रियों की सहमति से यह फैसला लिया गया। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “आज कई ऐसे फैसले लिए गए जिनका राज्य में दीर्घकालिक प्रभाव होगा। सभी मंत्री अपना आयकर खर्च वहन करेंगे और राज्य यह खर्च वहन नहीं करेगा।”

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि 1972 के एक नियमानुसार मंत्रियों और संसदीय सचिवों तक के इनकम टैक्स का व्यय राज्य सरकार जमा करती थी। इस निर्णय के अनुसार, अब मंत्री और मुख्यमंत्री स्वयं अपने आयकर का भुगतान करेंगे, जिससे सरकार पर आर्थिक बोझ कम होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 से 2024 के लिए मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष सहित 35 जनप्रतिनिधियों का 79 लाख से ज्यादा का इनकम टैक्स प्रदेश की सरकार ने जमा किया था। पिछले पांच साल में मंत्रियों के आयकर पर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपए सरकार के खर्च हुए हैं।

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कैबिनेट बैठक में मोहन सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया। इसके तहत शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि का नया फार्मूला लागू होगा। प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि शहीद के माता-पिता को दी जाएगी। यह कदम शहीदों के परिवारों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “हमारी सरकार शहीदों के परिवारों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेती है। इस नए फार्मूले से यह सुनिश्चित होगा कि शहीदों के परिजनों को न्यायसंगत और समुचित सहायता मिले।”

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इन दोनों फैसलों से स्पष्ट है कि मोहन सरकार राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रियों के इनकम टैक्स का स्वयं भुगतान करने का निर्णय जहां एक ओर राज्य पर वित्तीय भार को कम करेगा, वहीं दूसरी ओर शहीदों के परिजनों को दी जाने वाली सहायता राशि के नए फार्मूले से उन्हें न्याय मिलेगा। मध्य प्रदेश की जनता ने इन फैसलों का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे राज्य में वित्तीय अनुशासन और सामाजिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा।

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‘ऑपरेशन पैंथर’ से खुला राज.. फिर चलने लगा बुलडोजर, मिश्रा’ के नाम पर मुख्तार अंसारी का चलता था खेल! https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/operation-panther-secrets-opened-f/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/operation-panther-secrets-opened-f/#respond Fri, 29 Mar 2024 12:07:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2772 मुख्तार अंसारी: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन। उनकी मौत के साथ ही, उनकी अवैध और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ, जो कानूनी कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बना। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप, उनकी संपत्ति की कुर्क की गई और उनके संपर्कों ने भी कानूनी दायरों में आने का सामना किया। अंसारी के बेनामी संपत्तियों …

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मुख्तार अंसारी: उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन। उनकी मौत के साथ ही, उनकी अवैध और बेनामी संपत्तियों का खुलासा हुआ, जो कानूनी कार्रवाई के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ बना। इन घटनाओं के परिणामस्वरूप, उनकी संपत्ति की कुर्क की गई और उनके संपर्कों ने भी कानूनी दायरों में आने का सामना किया।

अंसारी के बेनामी संपत्तियों के मामले उत्तर प्रदेश के आयकर विभाग के धड़ाधड़ रगड़ उठाने का कारण बने। आयकर विभाग के मुताबिक, अंसारी ने कई बेनामी संपत्तियाँ खरीदीं थीं। इन संपत्तियों के खुलासे के बाद, उनके गिरफ्तार होने का खतरा बढ़ गया। बेनामी संपत्ति की परिभाषा के अनुसार, ये संपत्तियाँ उन लोगों के नाम पर खरीदी गईं थीं जो वास्तव में संपत्ति के मालिक नहीं थे। अधिकांश मामलों में, इसे काले धन को छुपाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुख्तार अंसारी की मृत्यु के साथ, उनके संपत्ति के बारे में और भी कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उन्होंने अपनी बड़ी और अवैध संपत्ति का विनियमित नहीं किया था और अपने अपराधों की कुंडली में कई आरोप थे।

आयकर विभाग के अनुसार, अंसारी की संपत्ति में से करीब 120 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

आयकर विभाग के अनुसार, अंसारी की संपत्ति में से करीब 120 करोड़ रुपये से अधिक की बेनामी संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में, आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की थी और उसके समर्थक गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर बेनामी संपत्ति का खुलासा किया था। जांच से पता चला कि गणेश मिश्रा बेनामीदार थे और संपत्ति वास्तव में अंसारी की थी। इस मामले में, अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी को भी आयकर विभाग द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुई थीं।

अंसारी गैंग के अनेक सदस्यों के साथ, उन्होंने अवैध कारोबार चलाया था, जिसमें ठेकेदारी, खनन, स्क्रैप, शराब, कोयला कारोबार, रेलवे का ठेका और मछली का अवैध कारोबार शामिल था। इसके अलावा, उनके संपर्क भी अपराधिक कार्यों में संलिप्त थे, जिससे उनकी संपत्ति का बेनामीकरण होता रहा। अंसारी के अवैध कारोबार का खुलासा होने के बाद, आयकर विभाग ने ‘ऑपरेशन पैंथर’ नामक अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत, अवैध संपत्तियों की पहचान की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है। पिछले साल सितंबर में लखनऊ के डालीबाग में, आयकर विभाग ने मुख्तार अंसारी की बेनामी संपत्ति को जब्त किया। इस घटना में, एक रिहायशी भूखंड को खरीदने का दावा अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी के नाम पर किया गया था, लेकिन यह संपत्ति वास्तव में उनकी थी। इसके अलावा, गाजीपुर में भी अंसारी की संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की गई और उसे बेनामी संपत्तियों के माध्यम से अवैध धन का रूप दिया गया।

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इसी तरह, अंसारी के संपर्कों और सहयोगियों के नाम पर भी कई अवैध संपत्तियों का खुलासा हुआ। उनकी अवैध कारोबारों में शामिल होने के कारण, उनके संपर्कों और सहयोगियों के साथ भी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।अंसारी की मौत के साथ, उत्तर प्रदेश की राजनीतिक और कानूनी समीक्षा का एक नया दौर शुरू हो गया है। उनकी अपराधिक गतिविधियों और अवैध संपत्तियों का खुलासा साबित हो गया है।

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