indian army - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 14 Sep 2024 06:37:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg indian army - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 बारामूला मुठभेड़, तीन आतंकी ढेर, इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/baramulla-encounter-three-horror/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/baramulla-encounter-three-horror/#respond Sat, 14 Sep 2024 06:37:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4857 जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है। यह मुठभेड़ शुक्रवार देर रात उत्तरी कश्मीर के पट्टन क्षेत्र के चक टपर गांव में शुरू हुई थी। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद आतंकियों ने उन …

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जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच एक मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है। यह मुठभेड़ शुक्रवार देर रात उत्तरी कश्मीर के पट्टन क्षेत्र के चक टपर गांव में शुरू हुई थी। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया था, जिसके बाद आतंकियों ने उन पर गोलीबारी कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में किसी भी सुरक्षाकर्मी के घायल होने की सूचना नहीं है।

सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों की पहचान और उनके संगठन की जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया है। अभी तक आतंकियों के संबंध में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सुरक्षा बलों का मानना है कि ये आतंकवादी किसी आतंकी संगठन से जुड़े हुए हो सकते हैं। फिलहाल, पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि किसी और आतंकी की मौजूदगी की पुष्टि की जा सके।

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बारामूला की इस मुठभेड़ से कुछ दिन पहले किश्तवाड़ में भी आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच एक मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। किश्तवाड़ की यह घटना ऐसे समय में हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा 20 किलोमीटर दूर होनी थी। इस हमले ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और प्रधानमंत्री की जनसभा के मद्देनज़र सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की मुहिम लगातार जारी है। पिछले कुछ महीनों में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच कई मुठभेड़ हो चुकी हैं, जिनमें सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों को मार गिराया है। बारामूला और किश्तवाड़ की ताजा घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद की चुनौती अभी भी बनी हुई है, और सुरक्षाबलों के लिए यह एक लगातार संघर्ष है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि आतंकियों के पास किस प्रकार का हथियार और गोला-बारूद था, और वे इस इलाके में कैसे पहुंचे। स्थानीय नागरिकों को भी सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने के लिए कहा है।

 

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अग्निपथ योजना के पीछे मोदी सरकार का मकसद, Kargil Vijay Diwas पर प्रधानमंत्री ने विपक्ष को दिया जवाब https://chaupalkhabar.com/2024/07/26/mod-behind-agneepath-plan/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/26/mod-behind-agneepath-plan/#respond Fri, 26 Jul 2024 09:05:44 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4045 नई दिल्ली: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अग्निपथ योजना के मकसद को स्पष्ट किया। यह योजना भारतीय सशस्त्र बलों में एक बड़ी क्रांति के रूप में देखी जा रही है। अग्निपथ योजना का उद्देश्य भारतीय सेना को अधिक युवा, चुस्त और टेक्नोलॉजी-सक्षम बनाना …

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नई दिल्ली: कारगिल विजय दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अग्निपथ योजना के मकसद को स्पष्ट किया। यह योजना भारतीय सशस्त्र बलों में एक बड़ी क्रांति के रूप में देखी जा रही है। अग्निपथ योजना का उद्देश्य भारतीय सेना को अधिक युवा, चुस्त और टेक्नोलॉजी-सक्षम बनाना है। इस योजना के माध्यम से चार साल की अवधि के लिए युवाओं को सेना में शामिल किया जाएगा, जिसे ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा कि अग्निपथ योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना की औसत आयु को कम करना और युवाओं को राष्ट्र सेवा का अवसर प्रदान करना है। वर्तमान में भारतीय सेना की औसत आयु 32 वर्ष है, जिसे इस योजना के माध्यम से 26 वर्ष तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि योजना के तहत चुने गए अग्निवीरों को आधुनिक युद्ध कौशल और तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें।

1. चार साल की सेवा: अग्निवीरों को चार साल की अवधि के लिए सेना में सेवा करने का अवसर मिलेगा।
2. आर्थिक लाभ: चार साल की सेवा के बाद, प्रत्येक अग्निवीर को 11.71 लाख रुपये का सेवा निधि पैकेज मिलेगा।
3. सामाजिक सुरक्षा: अग्निवीरों को पेंशन और ग्रेच्युटी की सुविधा नहीं मिलेगी, लेकिन उन्हें सेवा निधि के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
4. कौशल विकास: अग्निवीरों को आधुनिक प्रशिक्षण और कौशल विकास के अवसर प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे सेवा समाप्ति के बाद नागरिक जीवन में भी सफल हो सकें।
5. नागरिक अवसर: सेवा समाप्ति के बाद, अग्निवीरों को विभिन्न सरकारी और निजी नौकरियों में प्राथमिकता दी जाएगी।

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विपक्ष ने इस योजना को लेकर कई सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह योजना युवाओं के भविष्य को अनिश्चित बनाती है और उनके लिए स्थायी करियर के अवसरों को कम करती है। विपक्ष के नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि सरकार ने बिना पर्याप्त विचार-विमर्श के इस योजना को लागू किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि अग्निपथ योजना एक दूरदर्शी कदम है जो सेना और देश दोनों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा, “यह योजना हमारे युवाओं को अनुशासन, नेतृत्व और आधुनिक युद्ध कौशल सिखाने के साथ-साथ उन्हें एक बेहतर नागरिक बनने में भी मदद करेगी।” प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने योजना को लागू करने से पहले विभिन्न विशेषज्ञों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया है।

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प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि कई देशों में इसी तरह की योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की गई हैं। अमेरिका, इजराइल और फ्रांस जैसे देशों में अल्पकालिक सेवा योजनाओं के माध्यम से सेना को युवा और तकनीकी रूप से सक्षम बनाए रखा गया है। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना से भारतीय सेना को भी इसी तरह के लाभ मिलेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि युवाओं में इस योजना को लेकर काफी उत्साह है। पहले ही चरण में लाखों युवाओं ने अग्निवीर बनने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने कहा कि यह उत्साह दिखाता है कि युवा राष्ट्र सेवा के इस अवसर को एक सुनहरे भविष्य के रूप में देख रहे हैं।

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“गुजरात में हीट स्ट्रोक से दो बीएसएफ कर्मियों की मौत: जवानों की सुरक्षा के लिए उठाने होंगे विशेष कदम” https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/heat-stroke-in-gujarat/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/heat-stroke-in-gujarat/#respond Sat, 20 Jul 2024 09:43:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3968 गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण एक अधिकारी और एक जवान की मौत हो गई। यह घटना ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में हुई, जहां दोनों बीएसएफ कर्मी हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। …

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गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण एक अधिकारी और एक जवान की मौत हो गई। यह घटना ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में हुई, जहां दोनों बीएसएफ कर्मी हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शुक्रवार को घटी जब बीएसएफ के सहायक कमांडेंट और हेड कांस्टेबल ‘जीरो लाइन’ गश्त पर थे। अत्यधिक गर्मी और शरीर में पानी की कमी के कारण दोनों की स्थिति बिगड़ गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जब वे जमीन पर गिरे तो तुरंत उन्हें भुज के एक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।

गुजरात में तापमान काफी बढ़ चुका है, जिससे गश्त पर तैनात जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हरामी नाला क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी और रेगिस्तानी वातावरण के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा हमेशा बना रहता है। यह क्षेत्र सीमावर्ती होने के कारण विशेष रूप से संवेदनशील है, और यहां पर तैनात जवानों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस घटना ने बीएसएफ के जवानों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की महत्वपूर्णता को उजागर किया है। जवानों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय और सतर्कता बेहद जरूरी है, खासकर गर्मियों के मौसम में। हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए उचित हाइड्रेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं का होना आवश्यक है।

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ऐसी ही एक घटना मई महीने में राजस्थान के जैसलमेर में भी हुई थी, जब एक बीएसएफ जवान की अत्यधिक गर्मी के कारण मौत हो गई थी। जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान जवान अजय कुमार की हीट स्ट्रोक से जान चली गई थी। अजय कुमार पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के रहने वाले थे और बीएसएफ की 173वीं वाहिनी में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। उस समय जैसलमेर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था, जिससे गश्त कर रहे जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बीएसएफ के जवानों के लिए गर्मी के मौसम में गश्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अत्यधिक तापमान और रेगिस्तानी क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण जवानों को विशेष रूप से सावधान रहना पड़ता है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गर्मी के मौसम में जवानों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध और सतर्कता जरूरी है।

गुजरात और राजस्थान की घटनाओं ने यह भी दिखाया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और हाइड्रेशन के पर्याप्त इंतजाम जरूरी हैं। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने जवानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खासकर गर्मियों के मौसम में। हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की कमी के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए उचित प्रशिक्षण और सावधानियों की जरूरत है। जवानों को नियमित रूप से हाइड्रेटेड रखना, गश्त के दौरान उपयुक्त ब्रेक देना और उन्हें अत्यधिक गर्मी से बचाने के उपाय करना जरूरी है। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएं और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का होना भी महत्वपूर्ण है।

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भारत ने गलवान घाटी हिंसा के बाद चीन को सिखाया सबक! ड्रैगन को ऐसे दिया करारा जवाब. https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/india-led-galwan-valley-violence/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/india-led-galwan-valley-violence/#respond Fri, 21 Jun 2024 07:20:31 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3675 गलवान घाटी में 15-16 जून 2020 की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए कई कड़े कदम उठाए। इस झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कायरतापूर्ण हमला किया था, जिसके बाद दोनों …

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गलवान घाटी में 15-16 जून 2020 की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद मोदी सरकार ने चीन को सबक सिखाने के लिए कई कड़े कदम उठाए। इस झड़प में हमारे 20 जवान शहीद हो गए थे। चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर कायरतापूर्ण हमला किया था, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते बिगड़ गए। भारत सरकार ने इस घटना का कड़ा जवाब दिया और चीन के नागरिकों को वीजा देना भी कम कर दिया। साल 2019 में करीब दो लाख चीनी नागरिकों को भारत का वीजा मिला था, लेकिन गलवान घाटी की घटना के बाद यह संख्या काफी घट गई। साल 2024 में अब तक सिर्फ दो हजार चीनी नागरिकों को ही वीजा दिया गया है। पिछले आठ महीनों में सिर्फ 1500 चीनी नागरिकों को वीजा मिला है।

भारत सरकार का मकसद सिर्फ वीजा देने तक ही सीमित नहीं है। भारत चीन पर अपनी व्यापारिक निर्भरता भी कम करने की कोशिश कर रहा है। 2024 के वित्त वर्ष में भारत ने केवल 8.93 अरब डॉलर का निर्यात चीन को किया है, जबकि जनवरी से मई तक 47 अरब डॉलर का आयात किया गया। भारत ने 2024 के वित्त वर्ष में 29.12 बिलियन डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात किया, जो 2023 के वित्त वर्ष में 23.55 बिलियन डॉलर था। यह बढ़ोतरी (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) PLI योजना के कारण संभव हो पाई। इस योजना का उद्देश्य चीन एवं अन्य देशों पर भारत की निर्भरता को कम करना है।

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समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल से चीन की सरकार और वहां की एयरलाइन कंपनियां ने भारत से सीधी फ्लाइट सर्विस शुरू करने की गुहार लगाई थी। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘हम आशा करते हैं कि भारतीय पक्ष चीन के साथ मिलकर सीधी उड़ान को फिर से शुरू करेगा।’ साल 2020 के बाद से भारत में गलत गतिविधियों में लिप्त चीनी कंपनियों पर भी कार्रवाई की गई। वीवो जैसी कंपनियों ने मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य कानूनों का उल्लंघन किया था। ईडी ने वीवो पर कार्रवाई की। चीन अपनी विस्तारवाद नीति से बाज नहीं आ रहा है, इसलिए भारत को चीन पर अपनी निर्भरता कम करनी ही होगी।

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एक कैबिनेट मंत्री ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मोदी सरकार कुछ आर्थिक फायदे के लिए देश की सीमा सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकती। यह स्पष्ट है कि गलवान घाटी की झड़प के बाद भारत ने चीन के प्रति अपनी नीति में सख्ती दिखाई है और अपनी स्वाधीनता को प्राथमिकता दी है।

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CDS अनिल चौहान ने गिनाए अग्निवीर योजना के फायदे, कहा अग्निवीर से सेना और देश दोनों होंगे मजबूत। https://chaupalkhabar.com/2024/03/19/cds-anil-chauhan-counted-fire/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/19/cds-anil-chauhan-counted-fire/#respond Tue, 19 Mar 2024 10:21:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2634 भारतीय सेना की महत्वाकांक्षी योजना ‘अग्निपथ’ के बारे में जोरदार बहस जारी है। इस योजना को 2022 में केंद्र सरकार ने शुरू किया था, जिसमें युवाओं की भर्ती को लेकर आगे बढ़ा गया था। योजना के तहत 17 से साढ़े 21 साल की आयु के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाता है, और उन्हें …

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भारतीय सेना की महत्वाकांक्षी योजना ‘अग्निपथ’ के बारे में जोरदार बहस जारी है। इस योजना को 2022 में केंद्र सरकार ने शुरू किया था, जिसमें युवाओं की भर्ती को लेकर आगे बढ़ा गया था। योजना के तहत 17 से साढ़े 21 साल की आयु के युवाओं को सेना में भर्ती किया जाता है, और उन्हें चार साल के शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर ‘अग्निवीर’ के रूप में नामित किया जाता है। इस योजना के तहत हर साल करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाता है।

“अग्निवीरों का इस्तेमाल किसे करना है? कमांडिंग ऑफिसर को।क्या उनमे किसी तरह का कोई मतभेद है?

अग्निपथ योजना को लेकर सेना के बाहर से भी आलोचना हो रही है। जुनूनी युवा इस योजना को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन कुछ विरोधी ताकतें भी अपनी आवाज उठा रही हैं। इसी विषय पर बात करते हुए इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2024 में देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने एक बड़ा बयान दिया। जनरल अनिल चौहान ने कहा, “अग्निवीरों का इस्तेमाल किसे करना है? कमांडिंग ऑफिसर को। उन्होंने कहा की क्या उनमें किसी तरह का कोई मतभेद है? वे लोग तो काफी खुश हैं क्योंकि कमांडिंग ऑफिसर अब अपनी यूनिट में उन लोगों को चुन सकते हैं जिनके साथ वे काम करना चाहते हैं। इससे बेहतर क्या होगा?” उन्होंने यह भी कहा कि अग्निवीरों को इससे कोई समस्या नहीं है। जिन्हें अग्निवीरों के साथ काम करना है उन्हें कोई समस्या नहीं है। जो भी समस्याएं हो रही है वह सब सेना के बाहर हो रही हैं।

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जनरल अनिल चौहान के मुताबिक अग्निवीर योजना ‘पारदर्शी’ हैं और कहा की यह न केवल सेना को बल्कि आने वाले समय में देश को भी मजबूत करेगी। इसके साथ ही उन्होंने अग्निवीरों और कमांडिंग ऑफिसर से उनके फीडबैक लिए हैं और किसी को कोई समस्या नहीं है। जून 2022 में केंद्र सरकार ने सेना के तीनों अंगों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) में 17 से साढ़े 21 साल की आयु के युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत भर्ती होने वालों की रैंक मौजूदा रैंक से अलग रहती हैं। जिसके तहत हर वर्ष करीब 40-45 हजार युवाओं को सेना में शामिल किया जाता है।

अग्निपथ योजना को लेकर विभिन्न तरह के धारावाहिक चर्चाएं चल रही हैं। इस योजना के माध्यम से सेना में नये और युवा ताकत को शामिल किया जाना है, जो देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि, इसके साथ ही कुछ लोगों का ध्यान इस योजना के कुछ असमर्थताओं पर भी है।

ये भी देखें:

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PM मोदी द्वारा किया गया 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी दो लेन की सबसे लंबी सुरंग का शिलान्यास…… https://chaupalkhabar.com/2024/03/09/pm-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%af%e0%a4%be-13000-%e0%a4%ab%e0%a5%80%e0%a4%9f/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/09/pm-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%97%e0%a4%af%e0%a4%be-13000-%e0%a4%ab%e0%a5%80%e0%a4%9f/#respond Sat, 09 Mar 2024 08:11:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2529 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने अपनी पूर्वोत्तर दौरे के दूसरे दिन अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने हजारों करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें सबसे विशेष रूप से सेला पास में बनी दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग (सेला टनल) का उल्लेखनीय …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत सरकार ने अपनी पूर्वोत्तर दौरे के दूसरे दिन अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ने हजारों करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिसमें सबसे विशेष रूप से सेला पास में बनी दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग (सेला टनल) का उल्लेखनीय योगदान है।

सेला टनल से भारत को कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान होंगे। यह सुरंग सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण सेला दर्रे में होने वाली सड़क बंद के कारण होने वाली समस्या को हल करेगा। साथ ही, यह सुरंग अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों को जोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होगी। सेला टनल की कुल लंबाई 11.84 किलोमीटर है, जिसमें दो ट्यूब्स और सड़कें शामिल हैं। इसमें एक ट्यूब 1591 मीटर लंबी है और दूसरा 993 मीटर की  है। टनल 2 में ट्रैफिक के लिए एक बाई-लेन ट्यूब और एक एस्केप ट्यूब बनाया गया है। इसके साथ ही, अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके इसे बनाया गया है, जिससे इसपर बर्फबारी का कोई असर नहीं होगा। इस परियोजना के तहत दो सड़कें (7 किलोमीटर और 1.3 किलोमीटर) भी बनाई गई हैं, जो सेला दर्रा को बायपास करेंगी और ट्रैफिक में कमी लाएंगी।

सेला टनल के उद्घाटन से राष्ट्रीय सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण सुधार होगा। भारतीय सेना द्वारा भी अब तीव्रता से पश्चिम कामेंग क्षेत्र में पहुंचा जा सकेगा, जिससे चीन के साथ सीमा क्षेत्र में भी अधिक सुरक्षा उपाय किए जा सकेंगे। सेला टनल के निर्माण में विलम्ब के कारण बाधाएं आयी, लेकिन इसका उद्घाटन अब अरुणाचल प्रदेश के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रोजेक्ट स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है जो यहां के लोगों के लिए सुरक्षित और सुगम यात्रा का संभावनातमक माध्यम प्रदान करेगा। सेला टनल का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारत के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान करेगा। इस परियोजना से भारतीय सेना को सहूलियत मिलेगी और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा, जिससे देश की सुरक्षा में एक और कदम आगे बढ़ेगा।

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अलास्का में 2 हफ्ते का साझा युद्धाभ्यास करेंगी भारतीय सेना और अमरीकी सेना https://chaupalkhabar.com/2023/09/25/two-week-war-exercise-in-alaska-will-begin-between-indian-and-us-armies/ https://chaupalkhabar.com/2023/09/25/two-week-war-exercise-in-alaska-will-begin-between-indian-and-us-armies/#respond Mon, 25 Sep 2023 08:01:09 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1722 भारत और अमेरिका की सेनाएं सोमवार से अलास्का में दो हफ्ते का युद्धाभ्यास करेंगी. इस अभ्यास को युद्धाभ्यास 23 कहा जा रहा है. यह युद्धाभ्यास नई-दिल्ली और वाशिंगटन द्वारा भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक राजनितिक भागीदारी पर जोर देने के मकसद से इस युद्धाभ्यास आयोजन किया जा रहा है. भारत-अमेरिका द्वारा यह एक वार्षिक …

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भारत और अमेरिका की सेनाएं सोमवार से अलास्का में दो हफ्ते का युद्धाभ्यास करेंगी. इस अभ्यास को युद्धाभ्यास 23 कहा जा रहा है. यह युद्धाभ्यास नई-दिल्ली और वाशिंगटन द्वारा भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक राजनितिक भागीदारी पर जोर देने के मकसद से इस युद्धाभ्यास आयोजन किया जा रहा है. भारत-अमेरिका द्वारा यह एक वार्षिक अभ्यास है जो संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है. दोनों देशों के बीच यह युद्ध्भ्यास का 19वां संस्करण है. पिछला संस्करण नवम्बर 2022 में उत्तराखंड के औली आयोजित कराया गया था..

 

भारत की 350 सैनिको की सेना की टुकड़ी अलास्का के फोर्ट वेनराईट पहुँच चुकी है. भारत की तरफ से मराठा लाइट इन्फेंट्री रेजिमेंट बटालियन नेतृत्व का भार संभालेगी. वहीँ, अमेरिका की फर्स्ट कॉम्बैट टीम की 1-24 इन्फेंट्री बटालियन इस युद्धाभ्यास में भाग ले रही है. 19वें संस्करण युद्ध्भायास का थीम पर्वत व् चरम जलवायु परिस्तिथि के हालत में संयुक्त सैनिक समूह की नियोजन रखा गया है.

युद्धाभ्यास 23 में चयनित विषयों पर एक कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और एक्सपर्ट अकादमिक चर्चा भी शेड्यूल में रखा गया है. फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज के फ्रेमवर्क में ब्रिगेड स्तर पर शत्रुतापूर्ण ताकतों के खिलाफ एकीकृत युद्ध समूहों का सत्यापन, ब्रिगेड व बटालियन स्तर पर एकीकृत निगरानी ग्रिड, हेलिबॉर्न/एयरबोर्न तत्व और फोर्स मल्टीप्लायर की तैनाती, संचालन के दौरान रसद और हताहत प्रबंधन की मान्यता, ऊंचाई वाले क्षेत्रों और चरम जलवायु परिस्थितियों पर लागू होने वाली चिकित्सा सहायता और अन्य पहलुओं का मुकाबला करना शामिल है.

दो हफ्ते के इस अभ्यास में भारत-अमेरिका सेनाएं एक-दुसरे की पद्धतियाँ सीखेंगे. दोनों देशों की सेनाएं अपने विचारों के आदान-प्रदान के साथ और अनुभवों को आपस में साझा करेंगे. इसमें कॉम्बैट इंजीनियरिंग, बाधा निकासी, माइन और इम्प्रूव्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेस वॉरफेयर सहित युद्ध कौशल के व्यापक स्पेक्ट्रम पर अभ्यास में विचारों का आदान-प्रदान भी होगा. भारतीय सेना ने कहा है कि दोनों सेनाओं के बीच संबंधों को और मजबूत करने की सुविधा देगा और दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत करेगा. अधिकारीयों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार युद्धाभ्यास 23 में कई जटिल अभ्यास और ड्रिल संभंधित सैन्य- अकादमिक परिचर्चा भी होगी.

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जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में तीन सैनिक मारे गए , https://chaupalkhabar.com/2023/08/05/encounter-between-military-and-terrorist-3-army-men-killed/ https://chaupalkhabar.com/2023/08/05/encounter-between-military-and-terrorist-3-army-men-killed/#respond Sat, 05 Aug 2023 06:08:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1344 शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान मुठभेड़ में तीन सैनिक मारे गए।पुलिस के एक अधिकारी ने कहा की  सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने के बाद …

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शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान मुठभेड़ में तीन सैनिक मारे गए।पुलिस के एक अधिकारी ने कहा की  सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर में कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों की उपस्थिति की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और खोज अभियान शुरू किया।

सुरक्षाबलों पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी करने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया। इस दौरान पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल के तीन जवान गोलीबारी में घायल हो गए और इलाज के दौरान मर गए। पुलिस ने पहले कहा था कि घायल सैनिकों को अस्पताल भेजा गया है।

सेना की चिनार कोर, जो श्रीनगर में स्थित है, ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ऑपरेशन हलाण, कुलगाम। सुरक्षाबलों ने चार अगस्त 2023 को कुलगाम में हलाण की ऊंची चोटियों पर आतंकवादियों की उपस्थिति की जानकारी मिलने पर अभियान शुरू किया। तीन सैनिक आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। तलाशी अभियान अभी भी चल रहा है।”

पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्षेत्र में अतिरिक्त बल भेजा गया है और खोज अभियान को तेज किया गया है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की चौथी वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर यह मुठभेड़ और सेना के जवानों के शहीद होने की घटना हुई है।

इससे पहले, अप्रैल और मई में पुंछ और राजौरी जिलों में दो हमलों-मुठभेड़ों में पांच विशिष्ट कमांडो सहित सेना के 10 जवान मारे गए। पिछले लगभग दो दशक से यह क्षेत्र आतंकवाद से सुरक्षित था। इस साल की शुरुआत में भी राजौरी में हिंदू परिवारों पर आतंकवादी हमला हुआ था। इस दौरान सात निर्दोष लोग मारे गए और दस से अधिक घायल हुए।

 

Brajesh Kumar 

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