Jai Shankar - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 13 Apr 2024 08:28:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Jai Shankar - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 जयशंकर ने कहा 2014 के बाद देश में बदला माहौल, ‘विदेश नीति के साथ साथ अब आतंकवाद से निपटने का तरीका भी बेहतर हुआ https://chaupalkhabar.com/2024/04/13/jaishankar-said-in-the-country-after-2014/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/13/jaishankar-said-in-the-country-after-2014/#respond Sat, 13 Apr 2024 08:28:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2926 विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में युवाओं के साथ एक बातचीत में भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत की। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि जब तक सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जातीं, सेना को सीमा पर ही रहना होगा। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश …

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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने हाल ही में युवाओं के साथ एक बातचीत में भारत-चीन सीमा विवाद पर बातचीत की। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि जब तक सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जातीं, सेना को सीमा पर ही रहना होगा। उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से देश का रक्षा बजट बढ़कर 14,500 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि पहले 3500 करोड़ रुपए था।

जयशंकर ने विदेश नीति में भी महत्वपूर्ण परिवर्तनों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि भारत को 1962 के युद्ध से सबक सीखना चाहिए था, लेकिन 2014 तक सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास में कोई प्रगति नहीं हुई। इसी संदर्भ में, जयशंकर ने शुक्रवार को युवाओं के साथ भारत के वैश्विक उत्थान और बेहतर अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने चीन के साथ भारत को यथार्थवादी नीति अपनाने की सलाह दी और इतिहास से सबक सीखने की जरूरत बताई।

जयशंकर ने इस विषय पर विस्तार से चर्चा की और बताया कि 1950 में चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था, जिसके बाद सरदार वल्लभभाई पटेल ने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को चीन के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की थी। पटेल ने चीन की संदीप्ति को भलीभाँति समझा था, जबकि नेहरू ने इसे उपेक्षित किया था। जयशंकर ने इस परिस्थिति को व्यावहारिक, जमीनी दृष्टिकोण और नेहरू को आदर्शवादी वामपंथी दृष्टिकोण के बीच तुलना की। उन्होंने जोर दिया कि भारत सीमा पर तनाव नहीं चाहता, लेकिन सीमाएं सुरक्षित होने तक सेनाएं सीमा पर ही रहेंगीं।

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जयशंकर ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब 2022 में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो 18,282 भारतीय छात्रों को निकाला गया था, जिनमें से अधिकतर छात्र थे। इस घटना में मोदी सरकार ने भारतीय युवाओं की सुरक्षा की गारंटी दी। जयशंकर ने उत्कृष्ट भारत-अमेरिका संबंधों की भी प्रशंसा की और कहा कि भारत के साथ अमेरिका की राजनीतिक संबंध मोदी की विश्वसनीयता के कारण मजबूत हो गए हैं। इसका एक उदाहरण यह है कि एपल ने चीन के बजाय भारत में आइफोन बनाने का फैसला किया है। जयशंकर ने कहा कि अमेरिका हमेशा प्रधानमंत्री मोदी के साथ साझेदारी चाहेगा और अमेरिकी राष्ट्रपति भारत के साथ अच्छे संबंध बनाएगा।

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