loksabha - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 18 Sep 2024 10:48:46 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg loksabha - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 वन नेशन, वन इलेक्शन’, मोदी सरकार ने प्रस्ताव को दी मंजूरी, शीतकालीन सत्र में पेश होगा विधेयक. https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/one-nation-one-election-modi-sir/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/one-nation-one-election-modi-sir/#respond Wed, 18 Sep 2024 10:48:46 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4962 देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मोदी कैबिनेट ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है। अब यह प्रस्ताव संसद …

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देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। मोदी कैबिनेट ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दी गई है। अब यह प्रस्ताव संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।

मोदी सरकार लंबे समय से ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में भी इस मुद्दे पर कई बार चर्चा की थी। हाल ही में, एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बार फिर इस संकल्प को दोहराया था। शाह ने साफ किया था कि सरकार इस मुद्दे को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इसे संसद में लाने की तैयारी में है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में भी ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बार-बार चुनाव होने से देश के विकास में रुकावट आ रही है। बार-बार चुनावी प्रक्रियाओं के कारण प्रशासनिक कामकाज और विकास कार्यों में देरी हो रही है, जिसे एक साथ चुनाव कराकर सुधारा जा सकता है। ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी ने इस वर्ष 14 मार्च को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को सौंप दी थी। यह रिपोर्ट काफी विस्तृत है, जिसमें कुल 18,626 पन्ने शामिल हैं। इस रिपोर्ट में देशभर में एक साथ चुनाव कराने की संभावनाओं, चुनौतियों और फायदों पर गहराई से विचार किया गया है।

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‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का मतलब है कि देशभर में लोकसभा और सभी राज्यों की विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाएं। वर्तमान में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, जिससे बार-बार चुनावी प्रक्रिया में खर्च और समय की खपत होती है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य यह है कि सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं, ताकि देश के संसाधनों और समय की बचत हो सके और विकास कार्यों में रुकावट न आए। अब जबकि मोदी कैबिनेट से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है, एनडीए सरकार इसे संसद के शीतकालीन सत्र में एक विधेयक के रूप में पेश करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर संसद में क्या बहस होती है और इसे कितनी जल्दी कानून में तब्दील किया जा सकता है।

 

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प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर यूपीएससी की लेटरल एंट्री भर्ती विज्ञापन रद्द, विपक्ष और सहयोगी दलों द्वारा किया गया था विरोध. https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/prime-minister-modi-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/prime-minister-modi-2/#respond Tue, 20 Aug 2024 08:48:18 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4378 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने 17 अगस्त 2024 को जारी लेटरल एंट्री भर्ती विज्ञापन को रद्द करने का आदेश दिया है। इस भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और सरकार के सहयोगी दलों ने आवाज उठाई थी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने 17 अगस्त 2024 को जारी लेटरल एंट्री भर्ती विज्ञापन को रद्द करने का आदेश दिया है। इस भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और सरकार के सहयोगी दलों ने आवाज उठाई थी। कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के निर्देशानुसार यूपीएससी के प्रमुख प्रीति सुदान को पत्र लिखकर इस विज्ञापन को रद्द करने की मांग की। यूपीएससी ने 17 अगस्त 2024 को 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। ये पद सचिव और उपसचिव के थे, जो विभिन्न मंत्रालयों में भरे जाने थे। हालांकि, इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का प्रावधान नहीं था, जिससे विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक समूहों में असंतोष फैल गया।

इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) का रामराज्य का ‘विकृत संस्करण’ संविधान को नष्ट करने की कोशिश कर रहा है और बहुजनों के आरक्षण के अधिकार को छीनना चाहता है। राहुल गांधी ने इसे दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला बताया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इस मुद्दे को उजागर किया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यूपीएससी की जगह आरएसएस के माध्यम से लोक सेवकों की भर्ती करने की कोशिश कर रहे हैं, जो संविधान पर सीधा हमला है।

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सरकार के सहयोगी दलों में शामिल केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी इस भर्ती प्रक्रिया पर चिंता जताई। चिराग पासवान ने कहा कि किसी भी सरकारी नियुक्ति में आरक्षण की व्यवस्था होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होने के बावजूद, सरकारी पदों पर आरक्षण लागू नहीं होने की स्थिति चिंताजनक है और वे इस मुद्दे को केंद्र सरकार के सामने उठाएंगे। कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक सेवा में आरक्षण के समर्थक हैं और उनकी सरकार सोशल जस्टिस को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यूपीएससी की अध्यक्ष प्रीति सुदान से अनुरोध किया कि 17 अगस्त को जारी विज्ञापन की समीक्षा की जाए और उसे रद्द कर दिया जाए।

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इस पत्र में जितेंद्र सिंह ने यूपीए सरकार के दौरान लेटरल एंट्री की पहल का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में पहली बार केंद्र सरकार ने इस पर विचार किया था और 2013 में यूपीए सरकार ने इस प्रकार की नियुक्तियों की संभावना पर चर्चा की थी। साथ ही, उन्होंने यूआईडीएआई और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में नियुक्त सुपर ब्यूरोक्रेसी की भी चर्चा की। लेटरल एंट्री की इस प्रक्रिया के खिलाफ उठे विरोध को देखते हुए, सरकार ने इस भर्ती विज्ञापन को रद्द करने का निर्णय लिया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आरक्षण के मुद्दे पर समाज के विभिन्न वर्गों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अपनी नीति में संशोधन करने का निर्णय लिया है।

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024: विपक्ष के विरोध और सरकार के तर्कों के बीच लोकसभा में पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक. https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/#respond Thu, 08 Aug 2024 09:16:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4216 केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत …

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केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को अस्वीकार्य बताते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेता केसी वेणुगोपाल ने इस विधेयक को संविधान की बुनियाद पर हमला करार दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा, “हम हिंदू हैं, लेकिन हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक महाराष्ट्र और हरियाणा में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। पिछली बार जनता ने साफ संदेश दिया था, लेकिन सरकार ने उससे कुछ नहीं सीखा। यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है।”

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार वक्फ गवर्निंग काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान कर रही है, जोकि धर्म की स्वतंत्रता पर हमले को दर्शाता है। “इससे पहले आप ईसाइयों के पास जाएंगे, फिर जैनियों के पास। यह विधेयक विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहा है, जिसे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी,” वेणुगोपाल ने कहा। वहीं, सरकार ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी मानने से इनकार किया है। जेडीयू और टीडीपी जैसी एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने विधेयक का समर्थन किया। जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने भी इस पर अपना पक्ष रखा और कहा, की “यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि इस विधेयक को वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया है। विपक्ष इसे मंदिरों के मुद्दे से जोड़ रहा है, जो कि बिलकुल निराधार है। सरकार का अधिकार है कि वह किसी भी निरंकुश संस्था पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए।”

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने भी इस विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ मानने से इनकार करते हुए कहा, “यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे हो सकता है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। विपक्ष इसे मंदिरों के साथ तुलना कर रहा है और मुख्य मुद्दे से भटका रहा है।” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों की एक बैठक बुलाई जिसमें वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने इस विधेयक का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस भी दिया था।

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कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस विधेयक के जरिए राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के बजाय सरकार इन शक्तियों को कमजोर कर रही है। वेणुगोपाल ने कहा, “यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है और संविधान की बुनियाद पर चोट करता है।” सरकार का दावा है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को हल करने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने के उद्देश्य से इस विधेयक में कई प्रावधान किए गए हैं, जो वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

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संशोधन विधेयक 2024 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखा मतभेद देखने को मिल रहा है। जहां सरकार इसे वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक आवश्यक कदम मानती है, वहीं विपक्ष इसे धर्म की स्वतंत्रता और संविधान की मूल भावना पर हमला बताकर विरोध कर रहा है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में माहौल गर्म रहा, और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक बहस की संभावना है।

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अखिलेश ने कहा, ‘यूपी में 80 सीटें भी जीत लूं, तो भी EVM पर भरोसा नहीं करूंगा’; केंद्र सरकार पर साधा निशाना https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/akhilesh-said-80-seats-in-up/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/akhilesh-said-80-seats-in-up/#respond Tue, 02 Jul 2024 06:59:25 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3809 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के सातवें दिन, मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सदन में जोरदार हमला बोलते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर तीखा प्रहार किया, जिनमें पेपर लीक का मुद्दा, अयोध्या, जाति जनगणना, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), …

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18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के सातवें दिन, मंगलवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने सदन में जोरदार हमला बोलते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर विभिन्न मुद्दों को लेकर तीखा प्रहार किया, जिनमें पेपर लीक का मुद्दा, अयोध्या, जाति जनगणना, एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना), और अग्निवीर योजना शामिल थे। अखिलेश यादव ने यूपी (उत्तर प्रदेश) का जिक्र करते हुए कहा कि “जुमला बनाने वालों से जनता का विश्वास उठ गया है।” उन्होंने पेपर लीक के मुद्दे को लेकर सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में परीक्षा माफिया का जन्म हुआ है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने आगे कहा कि “जो खुद को लाने का दावा करते थे, वे अब खुद लाचार हैं।”

लोकसभा में पेपर लीक मुद्दे पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “पेपर लीक क्यों हो रहे हैं? सच तो यह है कि सरकार ऐसा इसलिए कर रही है ताकि उसे युवाओं को नौकरी न देनी पड़े।” उन्होंने यह भी कहा कि “ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर मुझे कल भी भरोसा नहीं था, आज भी नहीं है भरोसा, मैं 80/80 सीटें जीत जाऊं तब भी नहीं भरोसा।” यह बयान दर्शाता है कि अखिलेश यादव का ईवीएम पर अविश्वास अभी भी बरकरार है अखिलेश यादव ने कहा कि यहां हारी हुई सरकार विराजमान है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि यह सरकार चलने वाली नहीं, बल्कि गिरने वाली है। “आवाम ने हुकूमत का गुरूर तोड़ा है और जनता कह रही है कि सरकार गिरने वाली है,” उन्होंने जोर देकर कहा। अखिलेश ने संविधान रक्षकों की जीत का भी उल्लेख किया, जिससे पता चलता है कि वे संविधान की सुरक्षा और उसकी मर्यादा बनाए रखने के प्रति सजग हैं।

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पेपर लीक को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हर परीक्षा का पेपर लीक हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार युवाओं को नौकरी नहीं देना चाहती और शिक्षा माफिया का जन्म बीजेपी की एक उपलब्धि है। “शिक्षा माफिया का जन्म इनकी उपलब्धि है,” उन्होंने दोहराया। अखिलेश यादव ने सदन में कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “यह सरकार जनता की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है और अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए मुद्दों को बदल रही है।” उन्होंने आगे कहा कि “यह सरकार सिर्फ जुमलों और वादों की सरकार है, हकीकत से इसका कोई लेना-देना नहीं है।

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अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि “अयोध्या के मुद्दे पर सरकार जनता को गुमराह कर रही है। जाति जनगणना के मुद्दे पर भी सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है।” उन्होंने एमएसपी और ओपीएस के मुद्दों पर भी सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा किया। “अग्निवीर योजना” को लेकर उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। अखिलेश यादव के इस भाषण ने सदन में हलचल मचा दी और उन्होंने बीजेपी सरकार की नीतियों और कार्यों की सख्त आलोचना की। उनकी इस बयानबाजी ने स्पष्ट किया कि वे सरकार की विफलताओं को जनता के सामने लाने के लिए तत्पर हैं और संसद में अपनी आवाज बुलंद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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पूर्व चुनाव में I.N.D.I.A गठबंधन को अपशब्द कहने पर जनता ने भाजपा को सबक सिखाया, संसद में भाजपा पर बरसे खरगे https://chaupalkhabar.com/2024/07/01/pre-election-in-i-n-d-i-a-alliance-k/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/01/pre-election-in-i-n-d-i-a-alliance-k/#respond Mon, 01 Jul 2024 07:41:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3797 संसद में आज छठे दिन की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष ने एजेंसियों के दुरुपयोग के मामले पर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सदन के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने NEET-UG परीक्षा के मुद्दे पर फिर से …

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संसद में आज छठे दिन की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है। सदन की शुरुआत होते ही विपक्ष ने एजेंसियों के दुरुपयोग के मामले पर जोरदार हंगामा किया। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सदन के बाहर भी प्रदर्शन किया। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने NEET-UG परीक्षा के मुद्दे पर फिर से चर्चा की मांग की है। राहुल गांधी ने पहले भी लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की थी, जिसके बाद संसद में हंगामा शुरू हो गया था। विपक्ष का कहना है कि सरकार अग्निपथ योजना, महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान नहीं दे रही है।

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लोकसभा में भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने गरीबों को पहले से ज्यादा गरीब किया है। उन्होंने लोकसभा में एक सवाल किया, “संविधान में कितने पन्ने होते हैं, कभी पढ़कर देखे हैं?” अनुराग ठाकुर द्वारा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया । जिसके बाद विपक्ष नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए कहा कि राष्ट्रपति संसद का सबसे महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्होंने राष्ट्रपति का सम्मान करने की बात कही।

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सभापति जगदीप धनकड़ ने 1985 के एयर इंडिया कनिष्क बम विस्फोट पर संवेदना व्यक्त की और इसे ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे काले दिनों में से एक’ कहा। लोकसभा में विपक्ष के विरोध के बीच स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन के बाहर कुछ सांसद आरोप लगाते हैं कि स्पीकर माइक बंद कर देते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया और कहा कि माइक का नियंत्रण कुर्सी पर बैठने वाले के हाथ में नहीं होता है। जिसके बाद राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा कि NEET पर एक दिन की चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह लाखों छात्रों की समस्या है और इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। इसके अलावा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और सदन ने भारतीय क्रिकेट कप्तान रोहित शर्मा और पूरी टीम इंडिया को जीत की बधाई दी।

संसद की कार्यवाही में विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस देखने को मिली है। एजेंसियों के दुरुपयोग, महंगाई, बेरोजगारी, और NEET-UG परीक्षा के मुद्दों पर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। सरकार ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए अपने पक्ष को मजबूत करने की कोशिश की। इस बीच, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया और विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।

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संसद में NEET मामले पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा ने 12 बजे तक कार्यवाही रोकी https://chaupalkhabar.com/2024/06/28/neet-case-on-opposition-in-parliament/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/28/neet-case-on-opposition-in-parliament/#respond Fri, 28 Jun 2024 06:32:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3767 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बीते दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। इसके बाद, आज लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इस पर सांसदों के बीच चर्चा होगी। हालांकि, नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। लोकसभा …

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने बीते दिन संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया था। इसके बाद, आज लोकसभा और राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा और इस पर सांसदों के बीच चर्चा होगी। हालांकि, नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में जोरदार हंगामा किया। लोकसभा की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, क्योंकि विपक्ष ने नीट मामले पर चर्चा की मांग की। विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि हम विपक्ष और सरकार की ओर से भारत के छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते हैं कि हम इसे एक महत्वपूर्ण मुद्दा मानते हैं। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि छात्रों के सम्मान के लिए नीट पर चर्चा आवश्यक है।

स्पीकर ओम बिरला ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। बावजूद इसके, कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने NEET-UG और UGC NET सहित परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों और NTA की विफलता पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। आप सांसदों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया।

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धन्यवाद प्रस्ताव पर लोकसभा में सरकार की ओर से हमीरपुर के सांसद अनुराग ठाकुर प्रस्ताव रखेंगे। दिल्ली की सांसद बांसुरी स्वराज धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करते हुए अपनी बात रखेंगी। राज्यसभा में यूपी से भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी इस चर्चा की शुरुआत करेंगे। चर्चा के दौरान विपक्ष नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी का मुद्दा जोर-शोर से उठाएगा। इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी।

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संक्षेप में, आज संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी, लेकिन नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर विपक्ष का हंगामा चर्चा का मुख्य केंद्र बना हुआ है। सांसद इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर विस्तार से चर्चा करने की मांग कर रहे हैं, जिससे छात्रों को एक स्पष्ट संदेश दिया जा सके।

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खरगे के बयान पर मचा सियासी हंगामा कहा कभी भी गिर सकती है NDA की सरकार,JDU नेता ने किया करारा पलटवार https://chaupalkhabar.com/2024/06/15/political-uproar-over-kharges-statement/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/15/political-uproar-over-kharges-statement/#respond Sat, 15 Jun 2024 07:56:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3591 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के हौसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। भले ही एनडीए गठबंधन ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त कर ली हो, मगर आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने 234 सीटें जीतकर अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नीतीश कुमार की जनता दल …

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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के हौसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। भले ही एनडीए गठबंधन ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त कर ली हो, मगर आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने 234 सीटें जीतकर अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सहारे सरकार चलानी पड़ रही है। इसी बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। खरगे ने कहा कि भाजपा अब नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के सहारे सरकार चला रही है, जो खुद अपने राज्यों में संघर्ष कर रही हैं। खरगे का कहना है कि यह स्पष्ट है कि जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ था और जनता ने भाजपा को स्पष्ट रूप से नकार दिया है। फिर भी, गठबंधन की राजनीति और छोटे दलों के समर्थन के कारण भाजपा सत्ता में आई है।

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता एजाज अहमद ने मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खरगे सही कह रहे हैं। जनादेश स्पष्ट रूप से मोदी सरकार के खिलाफ था और मतदाताओं ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। फिर भी, भाजपा ने छोटे दलों और गठबंधन की मदद से सत्ता में आना सुनिश्चित किया है। बिहार के पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने खरगे के बयान पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के स्कोरकार्ड की चर्चा की। नीरज ने पूछा कि क्या खरगे कांग्रेस की विरासत से अनभिज्ञ हैं? उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब 99 के चक्कर में फंस गई है।” नीरज का इशारा कांग्रेस की इस बार की 99 सीटों पर जीत की ओर था, जो पार्टी के लिए चिंता का विषय है।

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इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 99 सीटों पर सिमट गई। हालांकि, रिजल्ट सामने आने के दो दिन बाद ही एक निर्दलीय सांसद ने कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी की संख्या 100 तक पहुंचा दी। आई.एन.डी.आई. गठबंधन की 234 सीटों की जीत ने यह साफ कर दिया कि विपक्षी दलों की स्थिति मजबूत है और वे सत्ता पक्ष को कड़ी चुनौती देने में सक्षम हैं। इस चुनाव परिणाम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय राजनीति में गठबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों की जरूरत पड़ रही है, वहीं आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय राजनीति में अब एकल पार्टी की बजाय गठबंधन की राजनीति अधिक प्रभावी होती जा रही है।

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कांग्रेस के लिए यह समय आत्ममंथन और अपनी रणनीति पर पुनर्विचार का है। मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में पार्टी को अब आगे की राह पर ध्यान केंद्रित करना होगा और उन कमजोरियों को दूर करना होगा जो इस चुनाव में उजागर हुईं। कांग्रेस को अब अपनी संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने के साथ ही युवाओं और नए वोटर्स को आकर्षित करने की दिशा में काम करना होगा। लोकसभा चुनाव के इस परिणाम ने भारतीय राजनीति में नए समीकरण और नए समीकरणों की संभावनाओं को जन्म दिया है। भाजपा ने अपनी सरकार तो बना ली है, लेकिन उसे सहयोगी दलों की आवश्यकता ने उसकी स्थिति को कुछ हद तक कमजोर कर दिया है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए यह समय एक नई शुरुआत और अपने लक्ष्यों को पुनः परिभाषित करने का है। मल्लिकार्जुन खरगे का तीखा बयान और आरजेडी का समर्थन इस बात का संकेत है कि विपक्ष अब और अधिक संगठित और आक्रामक रूप से अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

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राज्यसभा उपचुनाव: 10 सीटों पर होगा खेल, I.N.D.I.A. को लगेगा तगड़ा झटका. https://chaupalkhabar.com/2024/06/13/rajya-sabha-by-election-10-seats-p/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/13/rajya-sabha-by-election-10-seats-p/#respond Thu, 13 Jun 2024 10:48:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3581 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्यसभा के 10 सदस्य निचली में सदन पहुंच चुके हैं, जिससे उच्च सदन की 10 सीटें खाली हो गई हैं। राज्यसभा सचिवालय ने इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। इस चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए …

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2024 के लोकसभा चुनाव में राज्यसभा के 10 सदस्य निचली में सदन पहुंच चुके हैं, जिससे उच्च सदन की 10 सीटें खाली हो गई हैं। राज्यसभा सचिवालय ने इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया है। इस चुनाव के नतीजे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आ सकते हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की ताकत राज्यसभा में बढ़ने की उम्मीद है। जिन राज्यों में उपचुनाव होने वाले हैं, वहां फिलहाल बीजेपी-एनडीए की सरकार है। इस स्थिति में बीजेपी को अतिरिक्त सीटें हासिल करने का मौका मिल सकता है।

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कांग्रेस को इन उपचुनावों में दो सीटों का नुकसान हो सकता है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल और दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा चुनाव में जीतने की संभावना है। केसी वेणुगोपाल वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सांसद हैं, जबकि दीपेंद्र हुड्डा हरियाणा से राज्यसभा सदस्य हैं। हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों में बीजेपी के पास बहुमत है, जिससे इन सीटों पर बीजेपी की जीत की संभावना अधिक है। राज्यसभा की खाली हुई 10 सीटों में से सात सीटें बीजेपी के पास थीं। दो सीटें कांग्रेस के पास थीं, जबकि एक सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के पास थी। उपचुनाव के परिणामस्वरूप, कांग्रेस की दो सीटें भी बीजेपी के खाते में जा सकती हैं। ये दोनों सीटें हरियाणा और राजस्थान से हैं।

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बिहार, महाराष्ट्र और असम से दो-दो सीटें खाली हुई हैं। बिहार में एनडीए की सरकार है, महाराष्ट्र और असम में बीजेपी सहयोगी दलों के साथ सरकार चला रही है। मध्य प्रदेश में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत है, जबकि त्रिपुरा में भी बीजेपी की सरकार है। बिहार की दो सीटों में से एक सीट एनडीए को मिल सकती है और दूसरी सीट आई.एन.डी.आई. गठबंधन को मिल सकती है। हालांकि, बिहार में यदि एक सीट आई.एन.डी.आई. गठबंधन को मिल भी जाती है, तब भी बीजेपी कुल 10 में से 9 सीटें अपने खाते में जोड़ सकती है।

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MP में बीजेपी को झटका लोकसभा चुनाव तारीखों के ऐलान से ठीक पहले, सांसद अजय प्रताप सिंह ने छोड़ी पार्टी…. https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/blow-to-bjp-in-mp-lok-sabha/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/blow-to-bjp-in-mp-lok-sabha/#respond Sat, 16 Mar 2024 10:33:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2614 मध्य प्रदेश की राजनीति में चुनावी हलचल मच है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसे वे नाराज़गी के आधार पर कर रहे हैं। इस घटना ने पार्टी को स्तब्ध कर …

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मध्य प्रदेश की राजनीति में चुनावी हलचल मच है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसे वे नाराज़गी के आधार पर कर रहे हैं। इस घटना ने पार्टी को स्तब्ध कर दिया है और इसे एक बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।

अजय प्रताप सिंह का इस्तीफा देने का कारण है उनके टिकट न मिलना। बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, लेकिन अजय प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाने का नाम नहीं आया। इससे वे नाराज हो गए और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।  बीजेपी ने अजय प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया है। सीधी सीट पर पार्टी ने राजेश मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा, छिंदवाड़ा सीट पर बंटी साहू, बालाघाट सीट पर भारती पारधी, उज्जैन सीट पर अनिल फिरोजिया, धार सीट पर सावित्री ठाकुर और इंदौर सीट पर शंकर लालवानी को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

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अजय प्रताप सिंह को सीधी से ही चुनाव लड़ना चाहिए था, लेकिन उनके टिकट ना मिलने से वे नाराज़ थे। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अब अजय प्रताप सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।  इस बीच, छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नकुलनाथ के खिलाफ बंटी साहू उतरेंगे। वहीं, इंदौर सीट पर शंकर लालवानी और उज्जैन सीट पर अनिल फिरोजिया पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। बालाघाट सीट पर भारती पारधी को पहली बार टिकट मिला है, जबकि धार सीट पर सावित्री ठाकुर को दूसरी बार टिकट मिला है।

यहाँ उल्लिखित है कि अजय प्रताप सिंह ने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेज दिया है और इसकी कॉपी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है।  इस राजनीतिक उत्सव में बीजेपी के इन हलचलों ने मध्य प्रदेश की राजनीति में गहरी उलझन का माहौल बना दिया है। चुनावी मैदान में अब और भी रोमांच होने की संभावना है। यहाँ तक कि अजय प्रताप सिंह का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरना भी एक नया रुख हो सकता है, जो इस चुनाव को और भी रोमांचक बना सकता है। इस प्रकार, मध्य प्रदेश की राजनीति में गर्माहट बढ़ती जा रही है और लोकसभा चुनाव की तारीखों के नज़दीकी इस समय में इसे एक नए दिशा देने की संभावना है। इससे पहले भी राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो रहा है, लेकिन ये घटनाएं इस बदलाव को और भी गहराती हैं। अब से चंद घंटों में होने वाले लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान इस बदलाव को और भी चर्चा का विषय बना देगा।

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लोकसभा में राम मंदिर पर गृह मंत्री के वक्तव्य कहा, ‘भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं जा सकता’ https://chaupalkhabar.com/2024/02/10/home-ministers-statement-on-ram-temple-in-lok-sabha-said-indian-culture-and-ramayana-cannot-be-seen-separately/ https://chaupalkhabar.com/2024/02/10/home-ministers-statement-on-ram-temple-in-lok-sabha-said-indian-culture-and-ramayana-cannot-be-seen-separately/#respond Sat, 10 Feb 2024 16:56:31 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2312 अमित शाह की उक्तियों ने देश की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि के उत्थान की कथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। उन्होंने राम जन्मभूमि मुद्दे के आधार पर विशेष रूप से भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को संजीवित कर अपने भाषण के माध्यम से राम मंदिर की उपलब्धियों को उजागर किया …

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अमित शाह की उक्तियों ने देश की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि के उत्थान की कथा को एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। उन्होंने राम जन्मभूमि मुद्दे के आधार पर विशेष रूप से भारतीय समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को संजीवित कर अपने भाषण के माध्यम से राम मंदिर की उपलब्धियों को उजागर किया ।

Ram Mandir built following legal and constitutional mandate,' says Amit  Shah - The Week

 

1528 से आरंभ हुआ राम मंदिर आंदोलन एक नहीं, बल्कि कई पीढ़ियों का संघर्ष और तपस्या का परिणाम है। अमित शाह के अनुसार, यह संघर्ष हमें दिखाता है कि भारतीय समाज धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सम्मान और संरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। आंदोलन के समय सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक नेताओं ने ही अपना योगदान नहीं दिया, बल्कि सामाजिक एवं न्यायिक जगत के विशेषज्ञों ने भी इस लड़ाई में भाग लिया। इस ऐतिहासिक घटना में हर व्यक्ति ने अपनी भूमिका निभाई और योगदान दिया है।

 

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अमित शाह के विचारों में, राम जन्मभूमि का इतिहास एक बहुमुखी और गौरवमय सागा है। यह न केवल एक मंदिर के निर्माण की कथा है, बल्कि धार्मिक स्थलों के प्रति समर्पण और समर्थन का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। उन्होंने अपने भाषण में उज्ज्वलता और उत्साह के साथ कहा कि आज के दिन देश की आध्यात्मिक चेतना का पुनर्जागरण है। यह एक मानवाधिकारों के लिए महत्वपूर्ण कदम है, जो देश की शांति, समृद्धि, और एकता के लिए अत्यंत आवश्यक है।

 

Jai Shri Ram' Isn't Someone's Property: What Opposition Leaders Said on the Ram  Mandir Event

 

 

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भारतीय समाज की आस्था और संस्कृति के प्रति एक विजय के रूप में देखा। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के वादे को आवागमन के रूप में पूरा किया गया है। उन्होंने ध्यान दिया कि राम मंदिर निर्माण के साथ ही, सामान्य नागरिक संहिता के प्रति भी समर्पित होना चाहिए। इससे समाज को समृद्धि और समानता के लक्ष्य की प्राप्ति होगी। उन्होंने अपने भाषण में समाज को एकता और सहयोग के मार्ग पर आमंत्रित किया। और कहा की राम मंदिर के निर्माण का उद्घाटन सिर्फ एक विवाद का समापन नहीं है, बल्कि एक नए भारतीय समाज की उम्मीद है।

 

अमित शाह के उक्तियों ने विवादों को पार करके, एकता और समानता की दिशा में देश को आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी है। जिससे सामाजिक सुधार और सांस्कृतिक समृद्धि को एक नयी दिशा मिली है। शाह के भाषण ने देशवासियों को सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सहयोग के माध्यम से समृद्धि की ओर ले जाने के लिए प्रेरित किया है। इसके साथ ही, उन्होंने ध्यान दिया कि राम मंदिर का निर्माण सिर्फ एक भव्य स्थल के रूप में नहीं, बल्कि एक नए भारत के उत्थान का प्रतीक है।

 

By Neelam Singh.

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