madhya pradesh - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 15 Jul 2024 07:35:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg madhya pradesh - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 भोजशाला की सच्चाई का खुलासा, एएसआई की रिपोर्ट में मिले महत्वपूर्ण साक्ष्य. https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/banquet-hall-of-truth-open/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/banquet-hall-of-truth-open/#respond Mon, 15 Jul 2024 07:35:37 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3908 अंततः वह समय आ गया जब ऐतिहासिक भोजशाला की सच्चाई उजागर होने जा रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सोमवार को एमपी हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में धार भोजशाला की अपनी विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट अब बहुप्रतीक्षित है, क्योंकि इसके आधार पर ही भोजशाला के ऐतिहासिक महत्व और वास्तविकता का …

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अंततः वह समय आ गया जब ऐतिहासिक भोजशाला की सच्चाई उजागर होने जा रही है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने सोमवार को एमपी हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में धार भोजशाला की अपनी विस्तृत सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट अब बहुप्रतीक्षित है, क्योंकि इसके आधार पर ही भोजशाला के ऐतिहासिक महत्व और वास्तविकता का खुलासा होगा। 11 मार्च को इंदौर हाईकोर्ट ने एएसआई को भोजशाला में 500 मीटर के दायरे में वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। यह सर्वेक्षण 22 मार्च से 27 जून तक चला, जिसमें ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की तकनीकों का उपयोग किया गया। 98 दिन तक चले इस सर्वेक्षण के दौरान कई खोदाई हुई, जिनकी फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की गई।

रिपोर्ट में देवी-देवताओं की मूर्तियों का विशेष उल्लेख हो सकता है। एएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में इस सर्वेक्षण को अंजाम दिया गया। इस दौरान लगभग 1700 से अधिक पुरावशेषों की खोज की गई, जिनमें 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां भी शामिल हैं। इनमें मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति सबसे खास मानी जा रही है। सर्वेक्षण के दौरान मिली 37 मूर्तियों में भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, और भैरवनाथ की मूर्तियां प्रमुख हैं। भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल के अनुसार, अब तक मिले साक्ष्य भोजशाला को एक मंदिर के रूप में स्थापित कर रहे हैं।

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रिपोर्ट की अहमियत को देखते हुए हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई 22 जुलाई को निर्धारित की गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कानूनी कार्यवाही की दिशा तय होगी। एएसआई ने अपनी रिपोर्ट को बड़ी सावधानी और विस्तृत विश्लेषण के साथ तैयार किया है, जो भोजशाला के मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भोजशाला का संबंध राजा भोज (1000-1055 ई.) से है। कुछ हिंदू संगठनों का दावा है कि यह स्थल देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम समाज इसे कमाल मौलाना मस्जिद के रूप में पहचानता है। इस मुद्दे ने मध्य प्रदेश की राजनीति में अहम स्थान बना लिया है, और दोनों समुदायों के बीच इसे लेकर मतभेद और तनाव भी देखने को मिलते हैं।

भोजशाला न केवल धार्मिक बल्कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण स्थल है। इसके उत्खनन में मिले पुरावशेष और मूर्तियां इसकी पुरातात्त्विक धरोहर को समृद्ध करते हैं। मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों का मिलना इस स्थल के धार्मिक महत्व को और बढ़ाता है। एएसआई की रिपोर्ट ने भोजशाला की ऐतिहासिक सच्चाई को उजागर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 22 जुलाई को होने वाली सुनवाई में इस रिपोर्ट के आधार पर ही न्यायालय द्वारा मामले की दिशा तय की जाएगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस रिपोर्ट के खुलासे से भोजशाला के विवाद को किस तरह सुलझाया जाता है और इस ऐतिहासिक स्थल के भविष्य का निर्धारण कैसे होता है।

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मध्य प्रदेश के अलीराजपुर, एक ही परिवार के पांच सदस्यों की सामूहिक आत्महत्या, बुराड़ी कांड की यादें ताजा. https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/alirajpur-of-madhya-pradesh/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/alirajpur-of-madhya-pradesh/#respond Tue, 02 Jul 2024 08:11:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3812 मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के रौड़ी गांव से सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने कथित तौर पर सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घर से लटके हुए पांच शव बरामद किए, जिनमें एक दंपती और उनके तीन बच्चे शामिल थे। …

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मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के रौड़ी गांव से सोमवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने कथित तौर पर सामूहिक रूप से आत्महत्या कर ली। पुलिस ने घर से लटके हुए पांच शव बरामद किए, जिनमें एक दंपती और उनके तीन बच्चे शामिल थे। इस संदर्भ में पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। घटना की गंभीरता को देखते हुए एसडीओपी जोबट के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है। सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर मध्य प्रदेश पुलिस ने एक पोस्ट में बताया, “अलीराजपुर जिले के रौड़ी गांव में एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच के लिए एसडीओपी जोबट के नेतृत्व में एक एसआईटी का गठन किया गया है।”

अलीराजपुर के पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास ने घटनास्थल का मुआयना करते हुए कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीपीओ अलीराजपुर के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि एफएसएल टीम को भी बुलाया गया है और मामले की उचित जांच की जाएगी ताकि घटना के कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस अधीक्षक ने कहा, “शव लटके हुए पाए गए थे और साइंटिफिक जांच इस मामले में महत्वपूर्ण होगी। हम सभी एंगल से इस केस की जांच करेंगे।

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पुलिस के अनुसार, अलीराजपुर जिले के सोंडवा तहसील के रौड़ी गांव में सोमवार को एक दंपती और उनके तीन बच्चों के शव संदिग्ध परिस्थितियों में घर में लटके मिले। पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह सामूहिक आत्महत्या का मामला लग रहा है। पुलिस को इस मामले की सूचना सोमवार सुबह सात बजे मिली थी। मृतकों की पहचान राकेश डोडवा जिसकी उम्र 27 वर्ष है , उसकी पत्नी ललिता डोडवा जिनकी उम्र 25 वर्ष है , और उनके बच्चे लक्ष्मी, प्रकाश एवं अक्षय जो की केवल 9, 6 और 5 वर्ष की उम्र के ही है ।

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इस घटना के बाद 6 साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में हुए सामूहिक आत्महत्या वाले केस की यादें फिर से ताजा कर दी हैं। बुराड़ी की घटना में 1 जुलाई 2018 को एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या की खबर सामने आयी थी।

इस घटना के बाद 6 साल पहले दिल्ली के बुराड़ी में हुए सामूहिक आत्महत्या वाले केस की यादें फिर से ताजा कर दी हैं। बुराड़ी की घटना में 1 जुलाई 2018 को एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने सामूहिक आत्महत्या की खबर सामने आयी थी। और उस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। बुराड़ी के परिवार के जो मुखिया ललित भाटिया ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में पड़कर अपने पूरे परिवार को आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया था। अलीराजपुर की इस घटना की तुलना बुराड़ी कांड से की जा रही है, जहां भी एक ही परिवार के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से अपनी जान ले ली थी।  पुलिस इस मामले की जांच हर एंगल से कर रही है ताकि यह समझा जा सके कि इस सामूहिक आत्महत्या के पीछे क्या कारण हो सकते हैं। पुलिस यह भी देख रही है कि कहीं इस घटना में तंत्र-मंत्र या अन्य किसी प्रकार की मानसिक परेशानी तो कारण नहीं है।

इस प्रकार की घटनाएं समाज के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। क्या कारण हो सकता है कि पूरा परिवार इस तरह की भयावह आत्महत्या का रास्ता चुनता है? इन घटनाओं से समाज में मानसिक स्वास्थ्य और तंत्र-मंत्र जैसी धारणाओं पर भी सवाल उठते हैं। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और गहनता से जांच करनी चाहिए ताकि सही कारणों का पता लगाकर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। इस बीच, अलीराजपुर जिले के रौड़ी गांव के लोग इस घटना से स्तब्ध हैं और पुलिस की जांच के नतीजों का इंतजार कर रहे हैं। पुलिस ने जनता से भी अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर विश्वास न करें और जांच पूरी होने तक धैर्य बनाए रखें।

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ECI द्वारा 7 राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का किया गया एलान, 10 जुलाई को किया जाएगा मतदान. https://chaupalkhabar.com/2024/06/10/eci-by-7-states-of-13-legislation/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/10/eci-by-7-states-of-13-legislation/#respond Mon, 10 Jun 2024 08:10:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3540 भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 13 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। ये उपचुनाव 10 जुलाई को होंगे और मतगणना 13 जुलाई को होगी। चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपनी घोषणा कर दी है, जिसमें नामांकन, स्क्रूटनी और मतदान के …

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भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के 13 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने का निर्णय लिया है। ये उपचुनाव 10 जुलाई को होंगे और मतगणना 13 जुलाई को होगी। चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपनी घोषणा कर दी है, जिसमें नामांकन, स्क्रूटनी और मतदान के लिए तिथियों का विवरण दिया गया है। इन उपचुनावों में बिहार की 1 , पश्चिम बंगाल की 4 , तमिलनाडु की 1 , मध्य प्रदेश की 1 , उत्तराखंड की 2 , पंजाब की 1 और हिमाचल प्रदेश की 3 सीटों पर मतदान किया जायगा । चुनाव आयोग के अनुसार, इन सीटों पर नोटिफिकेशन 14 जून को जारी किया जाएगा। नामांकन की अंतिम तिथि 21 जून होगी और नामांकन की स्क्रूटनी 24 जून को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून तय की गई है। मतदान 10 जुलाई को होगा और परिणाम 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे।

चुनाव आयोग के अनुसार, नोटिफिकेशन 14 जून को जारी किया जाएगा। नामांकन की अंतिम तिथि 21 जून होगी और नामांकन की स्क्रूटनी 24 जून को की जाएगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून तय की गई है।

बिहार की एक सीट पर उपचुनाव होगा, जिसका विवरण आयोग ने स्पष्ट किया है। पश्चिम बंगाल की चार सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है। तमिलनाडु की एक सीट पर भी उपचुनाव होगा। इसके अलावा, मध्य प्रदेश की एक सीट पर उपचुनाव होगा, जो अमरवाड़ा की है। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 123 की यह सीट कमलेश प्रताप शाह के इस्तीफे के बाद खाली हो गई थी। कमलेश शाह ने हाल ही में इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, जिसके बाद यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई थी। उत्तराखंड की दो सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें दोनों ही महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। पंजाब की एक सीट पर भी उपचुनाव का आयोजन किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश की तीन सीटों पर उपचुनाव होंगे, जिनमें विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

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चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों के लिए पूरी प्रक्रिया का विवरण भी दिया है। नोटिफिकेशन जारी होने की तिथि 14 जून होगी, जिसके बाद उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 21 जून है, जिसके बाद कोई नामांकन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। नामांकन पत्रों की स्क्रूटनी 24 जून को की जाएगी, जिसमें सभी उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी। इसके बाद, नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि 26 जून है, जिसके बाद उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी वापस नहीं ले सकेंगे। मतदान 10 जुलाई को होगा, जिसमें सभी योग्य मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतगणना 13 जुलाई को की जाएगी और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में अमरवाड़ा की सीट पर भी उपचुनाव होगा। यह सीट विधायक कमलेश प्रताप शाह के इस्तीफे के बाद से खाली है। कमलेश शाह ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी। अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 123 की यह सीट छिंदवाड़ा जिले में आती है। उपचुनाव के जरिए इस सीट पर नए विधायक का चयन किया जाएगा।

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चुनाव आयोग ने इन उपचुनावों के संबंध में सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और आयोग द्वारा जारी तिथियों के अनुसार सभी प्रक्रियाएं संचालित की जाएंगी। आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से पूरी हो। सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को आयोग के निर्देशों का पालन करना होगा। इन उपचुनावों का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि ये विभिन्न राज्यों के महत्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद यह देखा जाएगा कि किस राजनीतिक दल को कितनी सीटें मिलती हैं और इससे राज्यों की राजनीतिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ता है। उपचुनावों के नतीजे 13 जुलाई को घोषित किए जाएंगे, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि किस दल को जनता का समर्थन मिला है।

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MP अजय सिंह ने जीतू पटवारी को घेरा, कमल नाथ-दिग्‍विजय पर भी उठाए गये सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/06/08/mp-ajay-singh-won-patwari/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/08/mp-ajay-singh-won-patwari/#respond Sat, 08 Jun 2024 06:43:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3510 मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को हाल के छह महीनों में दो बड़ी हारों का सामना करना पड़ा है, 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसका दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि लोकसभा चुनावों में पार्टी का राज्य से सफाया हो गया। यह स्थिति तब …

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मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को हाल के छह महीनों में दो बड़ी हारों का सामना करना पड़ा है, 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था, जिसका दर्द अभी कम भी नहीं हुआ था कि लोकसभा चुनावों में पार्टी का राज्य से सफाया हो गया। यह स्थिति तब और भी चौंकाने वाली हो जाती है जब देखा जाए कि भाजपा शासित अन्य राज्यों में कांग्रेस और आईएनडीआई गठबंधन को अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम मिले। इस परिप्रेक्ष्य में, मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता अब प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ खुलकर विरोध करने लगे हैं। इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी हैं। कमल नाथ और दिग्विजय सिंह की लीडरशिप में कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में हार का सामना किया। वहीं, पार्टी में नई जान फूंकने के लिए आलाकमान ने जीतू पटवारी को प्रदेश की कमान सौंपी थी, लेकिन उनके कार्यकाल में तीन विधायकों समेत कई बड़े नेता उन पर आरोप लगाकर भाजपा में शामिल हो गए।

कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं का एक बड़ा वर्ग जीतू पटवारी, कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को हार के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। वहीं, दूसरा वर्ग कांग्रेस आलाकमान से संगठन की समीक्षा की मांग कर रहा है। चुरहट से विधायक और विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ‘राहुल’ ने मीडिया से कहा कि जीतू पटवारी के कार्यकाल की समीक्षा होनी चाहिए कि उनके कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेताओं ने पार्टी क्यों छोड़ी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पिछड़ा वर्ग कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके दामोदर यादव ने भी जीतू पटवारी पर हार का ठीकरा फोड़ा है।

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अजय सिंह ‘राहुल’ ने सवाल उठाया कि कमल नाथ और दिग्विजय सिंह प्रचार के लिए अपने क्षेत्रों से बाहर क्यों नहीं निकले। उन्होंने मांग की कि पार्टी हाईकमान इस बात की भी समीक्षा करे कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के समर्थन में कौन-कौन दिग्गज कहां-कहां पहुंचे। उन्होंने कमल नाथ और नकुल नाथ का नाम लिए बिना इशारे में कहा कि कुछ लोग भाजपा में जा रहे हैं, नहीं जा रहे हैं, ऐसी अटकलें चलती रहीं और उसका भी असर पड़ा। लोकसभा चुनाव के छिंदवाड़ा में अपने बेटे नकुल नाथ की हार से काफी आहत कमल नाथ ने मीडिया को बताया कि प्रश्न सिर्फ छिंदवाड़ा की हार का नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में हार का है। इसका कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम होना चाहिए। उनका इशारा यही है कि प्रदेश में इतनी बड़ी हार की वजह सिर्फ प्रत्याशियों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि कुछ और है। वे खुलकर भले ही नहीं बोले पर विधानसभा चुनाव में हार के बाद से वे अलग-थलग हैं।

मध्य प्रदेश की इस हार ने कांग्रेस के भीतर गहरे विवादों को जन्म दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का कहना है कि प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी की कमान संभालने में विफलता प्रदर्शित की है। पार्टी के बड़े नेताओं के बीच समन्वय की कमी, रणनीति की कमजोरियां और आंतरिक कलह ने पार्टी की स्थिति को और बिगाड़ दिया है। कमल नाथ और दिग्विजय सिंह जैसे वरिष्ठ नेताओं पर सवाल उठते रहे हैं कि वे अपने प्रभावशाली क्षेत्रों से बाहर क्यों नहीं निकले और पार्टी के लिए प्रचार क्यों नहीं किया। उनके क्षेत्रीय समर्थन में कमी और प्रभावशाली नेतृत्व की अनुपस्थिति ने पार्टी की स्थिति को और खराब कर दिया।

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वहीं, जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के फैसले पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। उनके कार्यकाल में कई बड़े नेताओं और विधायकों का पार्टी से अलग होना चिंता का विषय बना हुआ है। दामोदर यादव समेत कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि पटवारी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े हो रहे हैं और इसकी समीक्षा होनी चाहिए कांग्रेस के भीतर यह मतभेद और आरोप-प्रत्यारोप पार्टी की संगठनात्मक कमजोरी को उजागर करते हैं। पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता मानते हैं कि पार्टी आलाकमान को संगठन की गहन समीक्षा करनी चाहिए और नए सिरे से नेतृत्व की नियुक्ति करनी चाहिए ताकि पार्टी को भविष्य में इस तरह की हार से बचाया जा सके।

इस स्थिति ने कांग्रेस के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है कि वह कैसे अपने संगठन को मजबूत करे, आंतरिक कलह को खत्म करे और प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प पेश कर सके। यह समय कांग्रेस के लिए आत्ममंथन और सुधार का है, ताकि वह आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सके और राज्य में अपनी खोई हुई साख को फिर से हासिल कर सके।

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कोर्ट ने ख़ारिज की अक्षय बम की याचिका, हत्या के प्रयास के मामले में नहीं मिलेगी अग्रिम जमानत https://chaupalkhabar.com/2024/05/04/court-rejected-akshay-b/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/04/court-rejected-akshay-b/#respond Sat, 04 May 2024 06:33:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3092 इंदौर के जिला न्यायालय द्वारा हत्या के प्रयास के 17 साल पुराने मामले में इंदौर के स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से साफ़ इनकार कर दिया है। अदालत ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की आशंका प्रकट नहीं होती है। अक्षय कांति बम, …

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इंदौर के जिला न्यायालय द्वारा हत्या के प्रयास के 17 साल पुराने मामले में इंदौर के स्थानीय कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत देने से साफ़ इनकार कर दिया है। अदालत ने शुक्रवार को कहा कि इस प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी की आशंका प्रकट नहीं होती है। अक्षय कांति बम, जो पिछले दिनों इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार थे, अपना नामांकन वापस ले लिया था और बीजेपी का समर्थन लिया था। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा आरोप लगाया गया था कि अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) लगायी गई थी, और उसे धमकाया गया था। उसे पूरी रात अलग-अलग तरीकों से धमकाया गया, जिसके बाद उसने अपना नामांकन वापस ले लिया।

अक्षय कांति बम पर 4 अक्टूबर 2007 को FIR दर्ज की गई थी उनपर यूनुस खान के साथ जमीन विवाद के दौरान हमला, मारपीट एवं धमकाने के मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। हालाँकि उस समय यूनुस पर गोली भी चलाई गई थी लेकिन खजराना पुलिस द्वारा तब एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा नहीं जोड़ी थी। जिस दिन अक्षय कांति बम द्वारा इंदौर लोकसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा गया, उसी दिन कोर्ट के आदेश पर 17 साल पुराने इस मामले में उनपर आईपीसी की धारा 307 को लगाया गया जिसके बाद उन्हें 10 मई को कोर्ट में पेश करने का आदेश भी दिया गया।

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कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था। इस प्रकार, नेता बदलाव के मामले में राजनीतिक गलियारे का मुद्दा उठा है। अक्षय कांति बम के मामले में न्यायिक दायरे में उठाई गई यह घटना राजनीतिक दलों के बीच उत्तेजना और बहस का केंद्र बन गई है। इसके बावजूद, अदालत ने अक्षय कांति बम और उनके पिता को अग्रिम जमानत से इनकार कर दिया है, क्योंकि उन्होंने मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की आशंका प्रकट की है।

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इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस लिया, कैलाश ने कार में साथ बैठाया, भाजपा में किया स्वागत https://chaupalkhabar.com/2024/04/29/indore-congress-party/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/29/indore-congress-party/#respond Mon, 29 Apr 2024 11:08:35 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3043 इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है, जिससे प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तब कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, दो चरणों के बाद …

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इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है, जिससे प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तब कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, दो चरणों के बाद उन्होंने नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस को इंदौर में भाजपा के लिए बड़ा झटका मिला है। अक्षय बम ने सोमवार को भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने बाद में भाजपा कार्यालय में भी अपना समर्थन दिखाया। इससे पहले, उनके नामांकन को लेकर कांग्रेस के नेता नाराज थे और उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया गया था।

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन वापस लेने पर भाजपा में उनका स्वागत हुआ। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें स्वागत किया और फिर भाजपा कार्यालय में ले गए। अक्षय बम के नामांकन को लेकर बहुत सारे विवाद उठे। उनके 17 साल पुराने केस में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी थी, लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया। अब उन्हें 10 मई को कोर्ट में हाजिर होना है। कांग्रेस के नेता ने इस घटना को षड्यंत्रकारी और एकाधिकारिक पार्टी के साथ संघर्ष का मामला बताया। वह कहते हैं कि उन्हें अभी और भी ऐसी घटनाएं देखनी हैं।

कलेक्टर के अनुसार, इंदौर में कुल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म वापस लिए हैं। अब तक 23 उम्मीदवार बचे हैं, लेकिन और भी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लेने की प्रक्रिया जारी है। भाजपा के मीडिया प्रभारी ने कहा कि इंदौर में कांग्रेस की हार पहले ही चुनाव से पता चल गई है। उनके अनुसार, अब भाजपा को 400 सीटों पार करने की उम्मीद है।

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भाजपा के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंदौर में प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस, जिससे उनकी हार पहले ही चुनाव से पता चल गई है। इंदौर में अब भाजपा की पक्ष में बड़ी चुनौती नहीं है, जिससे कांग्रेस की स्थिति बहुत कमजोर हो रही है। इसके बाद, कांग्रेस को अपने उम्मीदवारों के साथ अपने प्रत्याशित चुनाव के लिए मजबूत करने की जरूरत है।

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MP में बीजेपी को झटका लोकसभा चुनाव तारीखों के ऐलान से ठीक पहले, सांसद अजय प्रताप सिंह ने छोड़ी पार्टी…. https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/blow-to-bjp-in-mp-lok-sabha/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/blow-to-bjp-in-mp-lok-sabha/#respond Sat, 16 Mar 2024 10:33:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2614 मध्य प्रदेश की राजनीति में चुनावी हलचल मच है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसे वे नाराज़गी के आधार पर कर रहे हैं। इस घटना ने पार्टी को स्तब्ध कर …

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मध्य प्रदेश की राजनीति में चुनावी हलचल मच है। लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। राज्यसभा सांसद अजय प्रताप सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है, जिसे वे नाराज़गी के आधार पर कर रहे हैं। इस घटना ने पार्टी को स्तब्ध कर दिया है और इसे एक बड़ी राजनीतिक घटना के रूप में देखा जा रहा है।

अजय प्रताप सिंह का इस्तीफा देने का कारण है उनके टिकट न मिलना। बीजेपी ने मध्य प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की, लेकिन अजय प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाने का नाम नहीं आया। इससे वे नाराज हो गए और पार्टी से इस्तीफा दे दिया।  बीजेपी ने अजय प्रताप सिंह के इस्तीफे के बाद अपने प्रत्याशियों का ऐलान किया है। सीधी सीट पर पार्टी ने राजेश मिश्रा को अपना प्रत्याशी बनाया है। इसके अलावा, छिंदवाड़ा सीट पर बंटी साहू, बालाघाट सीट पर भारती पारधी, उज्जैन सीट पर अनिल फिरोजिया, धार सीट पर सावित्री ठाकुर और इंदौर सीट पर शंकर लालवानी को चुनावी मैदान में उतारा गया है।

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अजय प्रताप सिंह को सीधी से ही चुनाव लड़ना चाहिए था, लेकिन उनके टिकट ना मिलने से वे नाराज़ थे। इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अब अजय प्रताप सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।  इस बीच, छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार नकुलनाथ के खिलाफ बंटी साहू उतरेंगे। वहीं, इंदौर सीट पर शंकर लालवानी और उज्जैन सीट पर अनिल फिरोजिया पर पार्टी ने फिर से भरोसा जताया है। बालाघाट सीट पर भारती पारधी को पहली बार टिकट मिला है, जबकि धार सीट पर सावित्री ठाकुर को दूसरी बार टिकट मिला है।

यहाँ उल्लिखित है कि अजय प्रताप सिंह ने अपना इस्तीफा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को भेज दिया है और इसकी कॉपी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी है।  इस राजनीतिक उत्सव में बीजेपी के इन हलचलों ने मध्य प्रदेश की राजनीति में गहरी उलझन का माहौल बना दिया है। चुनावी मैदान में अब और भी रोमांच होने की संभावना है। यहाँ तक कि अजय प्रताप सिंह का निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरना भी एक नया रुख हो सकता है, जो इस चुनाव को और भी रोमांचक बना सकता है। इस प्रकार, मध्य प्रदेश की राजनीति में गर्माहट बढ़ती जा रही है और लोकसभा चुनाव की तारीखों के नज़दीकी इस समय में इसे एक नए दिशा देने की संभावना है। इससे पहले भी राजनीतिक समीकरणों में बदलाव हो रहा है, लेकिन ये घटनाएं इस बदलाव को और भी गहराती हैं। अब से चंद घंटों में होने वाले लोकसभा चुनाव के तारीखों का ऐलान इस बदलाव को और भी चर्चा का विषय बना देगा।

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छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कब होगा बीजेपी का शपथ ग्रहण समारोह ! https://chaupalkhabar.com/2023/12/12/when-will-bjps-swearing-in-ceremony-take-place-in-chhattisgarh-and-madhya-pradesh/ https://chaupalkhabar.com/2023/12/12/when-will-bjps-swearing-in-ceremony-take-place-in-chhattisgarh-and-madhya-pradesh/#respond Tue, 12 Dec 2023 11:23:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1969 छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ ग्रहण समारोह को सम्पन्न करने जा रही है। दोपहर को दो बजे दोनों ही सीएम की ताजपोशी की जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के हर दिग्गज नेता मौजूदगी भी देखी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी से …

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छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ ग्रहण समारोह को सम्पन्न करने जा रही है। दोपहर को दो बजे दोनों ही सीएम की ताजपोशी की जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के हर दिग्गज नेता मौजूदगी भी देखी जाएगी। पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति दिख सकती है। इस मौके पर बीजेपी ने पिछड़े समाज से आए नेताओं को मुख्यमंत्री पद पर बिठाकर विपक्ष की ओबीसी पॉलिटिक्स को चुनौती दी है।

 

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव राय को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जो कुनकुरी विधानसभा से आते हैं। उनके चयन से बीजेपी ने आदिवासी समुदाय को मुख्यमंत्री पद पर पहुंचाया है, जो पहले कभी नहीं हुआ था। राय का नाम पिछले मुख्यमंत्री अजित जोगी के बाद सुनने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव राय को मुख्यमंत्री बनाने से पहले उनका संघर्षी सफर विचारशीलता और सामाजिक न्याय की दिशा में रहा है। उनके संघर्ष और उनके समुदाय से जुड़ने की दृष्टि से भाजपा ने उन्हें यह मौका दिया है। राज्य में आदिवासी समुराय की आबादी सबसे अधिक है और राय इसी समुदाय से आते हैं।

 

अजित जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा मुख्यमंत्री नहीं बन सका। बीजेपी इस बार आदिवासी समुदाय से किसी को मुख्यमंत्री बना सकती है। विष्णुदेव साय 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। इतना ही नहीं राय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में होगी है। वह रमन सिंह के भी करीबी हैं। साल 1999 से 2014 तक वह रायगढ़ से सांसद रहे हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय को केंद्र में मंत्री बनाया गया। जिसके बाद इन्होंने संगठन पद से इस्तीफ़ा दे दिया था।

 

मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जो उज्जैन दक्षिण से विधायक हैं। उनका चयन भी पार्टी की ओबीसी पॉलिटिक्स को साबित करता है और पिछड़े समाज को सत्ता के नजरिये से महत्त्वपूर्ण स्थान देने की दिशा में कदम उठाता है। मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाने से पहले उनका राजनीतिक सफर बहुत मायने रखता है। उनकी जीत के बाद भाजपा ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी है जो वे समाज के विकास और समृद्धि के लिए निभाएंगे। मोहन यादव की बात करें तो साल 2013 में वे सबसे पहले उज्जैन दक्षिण से विधायक बने थे।

 

वे लगातार यहां से जीतते आ रहे हैं, इस बार तो उन्होंने अपने कांग्रेस प्रत्याशी को 12941 मतों से हरा दिया था। अगर उनके सियासी सफर की बात करें तो उन्होंने सबसे साल 1982 में ही राजनीति में कदम रख दिया था। तब वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह सचिव नियुक्त किए गए थे। इसके दो साल बाद ही वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन का नगर मंत्री बना दिए गए थे। 1988 तक तो एबीवीपी में उनकी पकड़ काफी मजबूत हो चली थी और वे सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बन चुके

विपक्ष और समाज में चर्चा है कि इन नए मुख्यमंत्रियों के चयन से बीजेपी ने ओबीसी पॉलिटिक्स को नई दिशा दी है। राय और यादव दोनों ही राज्यों में अपने समुदाय से आते हैं, जो समाज में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखते हैं। इस तरह से, बीजेपी ने विपक्ष की ओबीसी पॉलिटिक्स को ध्यान में रखते हुए पिछड़े समाज को सत्ता में शामिल करने का संकेत दिया है। इन चयनों से यह स्पष्ट हो रहा है कि बीजेपी ने समाज के सभी वर्गों को सम्मान और सत्ता में समानता देने का संकल्प लिया है।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के अन्य दिग्गज नेताओं की उपस्थिति की उम्मीद है। इसके जरिए बीजेपी ने अपनी नई प्रबलता को दर्शाने का लक्ष्य रखा है। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी के नए मुख्यमंत्रियों के चयन ने समाज में उत्साह और उम्मीद बनाई है। यह चयन समाज में समानता और विकास के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।

 

 

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मध्यप्रदेश की बागडोर सँभालेंगे अब मोहन यादव https://chaupalkhabar.com/2023/12/12/mp-in-the-hand-of-mohanyadav-cm-madhya-pradesh/ https://chaupalkhabar.com/2023/12/12/mp-in-the-hand-of-mohanyadav-cm-madhya-pradesh/#respond Tue, 12 Dec 2023 07:54:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1958 कौन कहता है कि सपने सिर्फ सपने होते हैं? मध्य प्रदेश के राजनीतिक मैदान में नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव ने एक नया अध्याय लिखा है। उनकी जीत ने सिद्ध किया है कि सपनों को हकीकत में बदलने का समय आ गया है। मध्य प्रदेश के राजनीतिक मैदान में भाजपा ने एक नया …

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कौन कहता है कि सपने सिर्फ सपने होते हैं? मध्य प्रदेश के राजनीतिक मैदान में नए मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव ने एक नया अध्याय लिखा है। उनकी जीत ने सिद्ध किया है कि सपनों को हकीकत में बदलने का समय आ गया है। मध्य प्रदेश के राजनीतिक मैदान में भाजपा ने एक नया इतिहास रचा, जब उन्होंने मोहन यादव को राज्य के मुख्यमंत्री का पद दिया। यह निर्णय न केवल राजनीतिक दलों के बीच बहस का विषय बना, बल्कि नागरिकों के दिलों में भी अटल इम्प्रेशन छोड़ा।

मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर पार्टी ने मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। उज्जैन दक्ष‍िण सीट से मोहन यादव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया था। मोहन यादव को जहां 95699 वोट मिले थे तो वहीं चेतन प्रेमनारायण यादव को 82758 वोट मिले थे।

 

मध्य प्रदेश में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री के नाम का सस्पेंस आखिरकार आठ दिन बाद खत्म हो गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को मुख्यमंत्री के नाम का एलान कर दिया। पार्टी ने मोहन यादव को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाया है। विधायक दल की बैठक में उनके नाम की घोषणा की गई।

 

मोहन यादव की जीत एक संकेत है – संघर्ष, समर्थन, और सेवा। उनकी यात्रा शुरू हुई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में, और उसके बाद, उन्होंने अपनी क्षमताओं को उज्जैन में समर्पित किया। उनकी प्रेरणादायक कहानी गवाही देती है कि कठिनाइयों का सामना करना और उन्हें पार करना, सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि हकीकत हो सकता है।

 

मोहन यादव ने अपना राजनीतिक करियर साल 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल होकर किया। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी रहे। 2004 से 2010 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे हैं। 2011 से 2013 तक एमपी राज्य पर्यटन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे। फिर 2013 से 2018 तक विधायक रहे और दूसरी बार निर्वाचित होने पर 2019 के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री रहे।

उन्होंने 2013 में उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़ा था और लगातार तीसरे चुनाव में यहां से विधायक निर्वाचित हुए हैं। इस बार उन्होंने कांग्रेस के प्रत्याशी चेतन प्रेमनारायण यादव को 12941 वोटों से हराया है। मोहन यादव को 95699 वोट मिले हैं।

मोहन यादव का जन्म 25 मार्च, 1965 को उज्जैन में हुआ था। उनके पिता का नाम पूनमचंद यादव है। तीन बार के विधायक यादव दो बेटे और एक बेटी के पिता हैं। उन्होंने बीएससी, एल-एल.बी, राजनीतिक विज्ञान में एम.ए, एम.बी.ए और पी.एच.डी की है।

उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं मोहन यादव ने 58 वर्ष की उम्र में शैक्षणिक योग्यता कर – बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राजनीतिक- विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी. व्यवसाय की डिग्री प्राप्त की। वकालत, व्‍यापार, कृषि राजनीतिक कॅरियर सन 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव, 1984 में अध्‍यक्ष 2013 में पहली बार विधायक बने। इससे पहले पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष और उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे। 2018 में भी उज्जैन दक्षिण से चुनाव लड़कर जीत को हासिल किया। इसके बाद कमल नाथ सरकार गिरने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री बने। राजनीति की शुरुआत 1982 में माधव विज्ञान कालेज छात्र संघ के सह सचिव पद से हुई। 1984 में वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी रहे।

 

 

इस विजय के पीछे छिपी कड़ी मेहनत, समर्पण और जनसेवा की भावना है। मोहन यादव ने जीत हासिल करते समय न केवल चुनावी मैदान में, बल्कि अपने कामों से भी लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनकी सेवाओं और संघर्ष की कहानी दर्शाती है कि जब कोई व्यक्ति सच्चाई और समर्थन के साथ काम करता है, तो उसे निर्णायक पद तक पहुंचने में कोई रुकावट नहीं आती।

उनका परिश्रम, विशेषज्ञता, और व्यापारिक ताकत इस बारे में गवाही देते हैं कि वह किसी भी मुश्किल को साहस से सामना कर सकते हैं और उसे अपने गुणों से परास्त कर सकते हैं।

मोहन यादव की जीत ने न केवल उन्हें, बल्कि मध्य प्रदेश के हर व्यक्ति को एक नई उम्मीद दी है। यह नया संकेत दिखाता है कि सपनों को साकार करने के लिए शक्ति, ईमानदारी और मेहनत जरूरी होती है। इस जीत के बाद, भाजपा ने अपने नेताओं का चयन किया है, जो प्रदेश को और विकास के मार्ग पर अग्रणी बनाए रखेंगे। नए डिप्टी सीएम और विधानसभा के स्पीकर के नियुक्ति से स्पष्ट होता है कि पार्टी का उद्देश्य राज्य के हर क्षेत्र में विकास और समृद्धि को गति देना है।

मोहन यादव की जीत ने सिद्ध किया है कि यहाँ पर नेतृत्व केवल पदों का दौरा नहीं है, बल्कि यह एक जनादेश और समर्थन की प्रतीक्षा भी है। इस नई उम्मीद के साथ, मध्य प्रदेश ने एक नये अध्याय का आरम्भ किया है, जो न केवल विकास की राह पर है, बल्कि लोगों के आत्मविश्वास को भी मजबूत कर रहा है।

 

अब, मोहन यादव की जीत सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक प्रदर्शन की कहानी है – एक सपने की उम्मीद, संघर्ष का सफर, और अंत में विजय का प्रतीक। यह नई उम्मीद दिखाती है कि जब एक व्यक्ति अपने लक्ष्यों के प्रति संकल्पित होता है, तो वह सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।

मोहन यादव की जीत एक संदेश है – सपनों को हकीकत में बदलने का समय आ गया है। यह उम्मीद की किरण है, जो  हर व्यक्ति को आगे बढ़ने की शक्ति देती है।

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पीएम 5 अक्टूबर को राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे, राजस्थान में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे, मध्य प्रदेश में 12,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे https://chaupalkhabar.com/2023/10/04/pm-to-visit-rajasthan-and-madhya-pradesh-on-5th-october/ https://chaupalkhabar.com/2023/10/04/pm-to-visit-rajasthan-and-madhya-pradesh-on-5th-october/#respond Wed, 04 Oct 2023 06:55:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1813 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 अक्टूबर, 2023 को राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे। सुबह लगभग 11:15 बजे, प्रधान मंत्री राजस्थान के जोधपुर में सड़क, रेल, विमानन, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और समर्पित करेंगे। लगभग 03:30 बजे प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश …

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 अक्टूबर, 2023 को राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे। सुबह लगभग 11:15 बजे, प्रधान मंत्री राजस्थान के जोधपुर में सड़क, रेल, विमानन, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा जैसे क्षेत्रों में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे और समर्पित करेंगे। लगभग 03:30 बजे प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचेंगे, जहां वह सड़क, रेल, गैस पाइपलाइन, आवास और पीने का साफ़ पानी जैसे क्षेत्रों में 12,600 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे।.

राजस्थान में पीएम

प्रधानमंत्री राजस्थान में स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. परियोजनाओं में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर में 350 बिस्तरों वाला ‘ट्रॉमा सेंटर और क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक’ और पूरे राजस्थान में प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत विकसित किए जाने वाले सात क्रिटिकल केयर ब्लॉक शामिल हैं। एम्स जोधपुर में ‘ट्रॉमा, इमरजेंसी और क्रिटिकल केयर’ के लिए एकीकृत केंद्र 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित किया जाएगा। इसमें ट्राइएज, डायग्नोस्टिक्स, डे केयर, वार्ड, निजी कमरे, मॉड्यूलर ऑपरेटिंग थिएटर, आईसीयू और डायलिसिस क्षेत्र जैसी विभिन्न सुविधाएं शामिल होंगी। यह रोगियों को बहु-विषयक और व्यापक देखभाल प्रदान करके आघात और आपातकालीन मामलों के प्रबंधन में एक समग्र दृष्टिकोण लाएगा। पूरे राजस्थान में सात क्रिटिकल केयर ब्लॉक राज्य के लोगों को लाभान्वित करते हुए जिला स्तरीय क्रिटिकल केयर बुनियादी ढांचे को बढ़ाएंगे।

 

प्रधानमंत्री जोधपुर हवाई अड्डे पर अत्याधुनिक नई टर्मिनल बिल्डिंग के विकास की आधारशिला भी रखेंगे। कुल 480 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली नई टर्मिनल बिल्डिंग लगभग 24,000 वर्गमीटर क्षेत्र में विकसित की जाएगी और व्यस्त समय के दौरान 2,500 यात्रियों को सेवाएं प्रदान करने के लिए सुसज्जित होगी। यह सालाना 35 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा, कनेक्टिविटी में सुधार करेगा और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगा।

 

प्रधानमंत्री आईआईटी जोधपुर परिसर भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। अत्याधुनिक परिसर 1135 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। यह अत्याधुनिक अनुसंधान और नवाचार पहलों का समर्थन करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली समग्र शिक्षा प्रदान करने और बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में एक कदम है।

 

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए, प्रधान मंत्री ‘केंद्रीय उपकरण प्रयोगशाला’, स्टाफ क्वार्टर और ‘योग और खेल विज्ञान भवन’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वह राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में केंद्रीय पुस्तकालय, 600 क्षमता वाले छात्रावास और छात्रों के लिए भोजन सुविधा की आधारशिला रखेंगे।

 

राजस्थान में सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार लाने वाले कदम में, प्रधान मंत्री एनएच-125ए पर जोधपुर रिंग रोड के कारवार से डांगियावास खंड को चार लेन बनाने सहित कई सड़क विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे; जालोर (एनएच-325) के माध्यम से बालोतरा के सांडेराव खंड के प्रमुख शहर भागों के सात बाईपास / पुन: संरेखण का निर्माण; NH-25 के पचपदरा-बागुंडी खंड को चार लेन बनाने की परियोजना। ये सड़क परियोजनाएं लगभग 1475 करोड़ रुपये की संचयी लागत पर बनाई जाएंगी। जोधपुर रिंग रोड से शहर में यातायात का दबाव कम करने और वाहन प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिलेगी। परियोजनाएं क्षेत्र में कनेक्टिविटी में सुधार, व्यापार को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन और आर्थिक विकास में मदद करेंगी।

 

प्रधानमंत्री राजस्थान में दो नई ट्रेन सेवाओं को हरी झंडी दिखाएंगे. इनमें जैसलमेर को दिल्ली से जोड़ने वाली एक नई ट्रेन – रुणिचा एक्सप्रेस और मारवाड़ जंक्शन को जोड़ने वाली एक नई हेरिटेज ट्रेन शामिल है। – खम्बली घाट। रुणिचा एक्सप्रेस जोधपुर, डेगाना, कुचामन सिटी, फुलेरा, रींगस, श्रीमाधोपुर, नीम का थाना, नारनौल, अटेली, रेवाड़ी से होकर गुजरेगी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी के साथ सभी शहरों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा। मारवाड़ जं.-खांबली घाट को जोड़ने वाली नई हेरिटेज ट्रेन पर्यटन को बढ़ावा देगी और क्षेत्र में रोजगार पैदा करेगी। इसके अलावा, दो अन्य रेल परियोजनाएं प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी। इनमें 145 किमी लंबी ‘डेगाना-राय का बाग’ रेल लाइन और 58 किमी लंबी ‘डेगाना-कुचामन सिटी’ रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजनाएं शामिल हैं।

 

 

मध्य प्रदेश में पीएम

मध्य प्रदेश के इंदौर में लाइट हाउस प्रोजेक्ट के उद्घाटन से प्रधानमंत्री के ‘सभी के लिए आवास’ उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण को मजबूती मिलेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के तहत लगभग 128 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस परियोजना से 1000 से अधिक लाभार्थी परिवारों को लाभ होगा। यह सभी बुनियादी सुविधाओं के साथ लेकिन काफी कम निर्माण समय में गुणवत्तापूर्ण घर बनाने के लिए नवीन तकनीक ‘प्री-इंजीनियर्ड स्टील स्ट्रक्चरल सिस्टम के साथ प्रीफैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम’ का उपयोग करता है।

 

व्यक्तिगत घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराने के प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम में, मंडला, जबलपुर और डिंडोरी जिलों में 2350 करोड़ रुपये से अधिक की कई जल जीवन मिशन परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाएगी। प्रधानमंत्री सिवनी जिले में 100 करोड़ रुपये से अधिक की जल जीवन मिशन परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे। राज्य के चार जिलों की इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश के लगभग 1575 गांवों को लाभ होगा।

 

प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश में सड़क बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 4800 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री एनएच 346 के झरखेड़ा-बैरसिया-ढोलखेड़ी को जोड़ने वाली सड़क के उन्नयन सहित परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे; एनएच 543 के बालाघाट-गोंडिया खंड को चार लेन का बनाना; रूढ़ी और देशगांव को जोड़ने वाले खंडवा बाईपास को चार लेन का बनाना; एनएच 47 के टेमागांव से चिचोली खंड को चार लेन का बनाना; बोरेगांव को शाहपुर से जोड़ने वाली सड़क को चार लेन का बनाना; और शाहपुर को मुक्ताईनगर से जोड़ने वाली सड़क को चार लेन का बनाना। प्रधानमंत्री एनएच 347सी के खलघाट से सरवरदेवला को जोड़ने वाली सड़क के उन्नयन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे।

 

प्रधानमंत्री 1850 करोड़ रुपये से अधिक की रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इनमें कटनी-विजयसोटा (102 किलोमीटर) और मारवासग्राम-सिंगरौली (78.50 किलोमीटर) को जोड़ने वाली रेल लाइन का दोहरीकरण शामिल है। ये दोनों परियोजनाएं कटनी-सिंगरौली खंड को जोड़ने वाली रेल लाइन के दोहरीकरण की परियोजना का हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश में रेल बुनियादी ढांचे में सुधार होगा जिससे राज्य में व्यापार और पर्यटन को लाभ होगा।

 

प्रधानमंत्री विजयपुर-औरैयां-फूलपुर पाइपलाइन परियोजना राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 352 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन 1750 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। प्रधानमंत्री मुंबई नागपुर झारसुगुड़ा पाइपलाइन परियोजना के नागपुर जबलपुर खंड (317 किमी) की आधारशिला भी रखेंगे। यह प्रोजेक्ट 1100 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनेगा. गैस पाइपलाइन परियोजनाएँ उद्योगों और घरों को स्वच्छ और सस्ती प्राकृतिक गैस प्रदान करेंगी, और पर्यावरण में उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक कदम होगा। प्रधानमंत्री जबलपुर में करीब 147 करोड़ रुपये की लागत से बने नये बॉटलिंग प्लांट का भी लोकार्पण करेंगे.

 

Brajesh Kumar 

The post पीएम 5 अक्टूबर को राजस्थान और मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे, राजस्थान में लगभग 5000 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं का शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे, मध्य प्रदेश में 12,600 करोड़ रुपये से अधिक की कई परियोजनाओं का उद्घाटन, शिलान्यास और राष्ट्र को समर्पित करेंगे first appeared on chaupalkhabar.com.

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