Maharstra - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Thu, 26 Sep 2024 07:37:20 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Maharstra - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 मानहानि मामले में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत दोषी करार, 15 दिन की सजा और जुर्माना. https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/defamation-case-in-shivsen/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/defamation-case-in-shivsen/#respond Thu, 26 Sep 2024 07:37:20 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5106 शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख नेता और सांसद संजय राउत को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। मुंबई के मझगांव स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट सोमैया द्वारा दर्ज कराए गए इस मानहानि के मामले में उन्हें 15 दिन की साधारण कैद और 25,000 रुपये के …

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शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख नेता और सांसद संजय राउत को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया है। मुंबई के मझगांव स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भाजपा नेता किरीट सोमैया की पत्नी मेधा किरीट सोमैया द्वारा दर्ज कराए गए इस मानहानि के मामले में उन्हें 15 दिन की साधारण कैद और 25,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला 2022 का है, जब संजय राउत ने मेधा सोमैया पर मुलुंड इलाके में एक कथित शौचालय घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था। राउत ने दावा किया था कि इस घोटाले में मेधा की भूमिका रही है, जिसके बाद यह विवाद बढ़ गया। किरीट सोमैया ने सार्वजनिक रूप से राउत के आरोपों को झूठा बताया और उनसे इस घोटाले के संबंध में सबूत पेश करने की मांग की। हालांकि, संजय राउत की ओर से इस आरोप को प्रमाणित करने के लिए कोई ठोस सबूत अदालत में पेश नहीं किया गया। इसके बाद मेधा किरीट सोमैया ने संजय राउत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किया और 100 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि राउत के झूठे आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हुआ है।

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए संजय राउत को दोषी करार दिया। अदालत ने माना कि राउत ने बिना किसी ठोस आधार और सबूत के मेधा सोमैया पर आरोप लगाए थे, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले व्यक्ति के लिए इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना गलत है और इससे किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा पर प्रभाव पड़ सकता है। कोर्ट ने संजय राउत को 15 दिन की साधारण कैद और 25,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि, राउत इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देने का विकल्प रखते हैं। राउत के वकील ने कहा है कि वे इस मामले में आगे अपील करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यह फैसला न्यायपूर्ण नहीं है।

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इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है। भाजपा के नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है और इसे सत्य की जीत बताया है। किरीट सोमैया के वकील विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो साबित करता है कि झूठे आरोपों के आधार पर किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल नहीं किया जा सकता। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के समर्थकों ने इस फैसले को राजनीतिक साजिश बताया है। उनका कहना है कि यह मामला भाजपा द्वारा राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है और संजय राउत को निशाना बनाया जा रहा है।

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महाराष्ट्र की राजनीति में पवार परिवार,अजित पवार और सुप्रिया सुले के बीच संघर्ष https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/politics-of-maharashtra/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/politics-of-maharashtra/#respond Thu, 26 Sep 2024 06:09:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5103 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो गुट—अजित पवार गुट और शरद पवार गुट—पूरा जोर लगा रहे हैं। इस पारिवारिक संघर्ष की शुरुआत पिछले साल हुई, जब अजित पवार ने एनसीपी से अलग होकर अपने गुट का नेतृत्व किया और शिंदे सरकार को समर्थन दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के …

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दो गुट—अजित पवार गुट और शरद पवार गुट—पूरा जोर लगा रहे हैं। इस पारिवारिक संघर्ष की शुरुआत पिछले साल हुई, जब अजित पवार ने एनसीपी से अलग होकर अपने गुट का नेतृत्व किया और शिंदे सरकार को समर्थन दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, अजित पवार गुट को असली एनसीपी माना गया। वर्तमान में अजित पवार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री हैं, और उनके साथ कई विधायकों ने एनसीपी से अलग होकर नई राह अपनाई है।

पवार परिवार में राजनीतिक मतभेद भले ही स्पष्ट हों, लेकिन परिवार के भीतर आपसी रिश्तों में कोई कड़वाहट नज़र नहीं आती। शरद पवार ने हाल ही में कहा था, “हम घरत तरी एकत्रच आहोत” (कम से कम हम घर पर साथ हैं), जिससे यह संकेत मिलता है कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, पारिवारिक संबंधों में दरार नहीं आई है।

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इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान सुप्रिया सुले ने अपने भाई अजित पवार के खिलाफ एक दिलचस्प टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “अरे मांग लेते तो सब दे देती, पार्टी छीनने की क्या जरूरत थी?” सुप्रिया सुले ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी एनसीपी की नेतृत्व की मांग नहीं की थी। उन्होंने कहा, “अजित पवार को पार्टी में हमेशा सम्मानित स्थान दिया गया, लेकिन उन्होंने हमारे जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया।”

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सुप्रिया सुले का यह बयान उन खबरों के बीच आया है, जिनमें कहा जा रहा था कि अजित पवार एनसीपी की कमान संभालने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अजित पवार ने पार्टी से अलग होकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की, जबकि शरद पवार और सुप्रिया सुले पार्टी के पुराने गुट का नेतृत्व कर रहे हैं। यह परिवारिक और राजनीतिक द्वंद्व महाराष्ट्र की राजनीति में एक अहम मोड़ पर खड़ा है, जहां पवार परिवार के राजनीतिक समीकरण सीधे तौर पर विधानसभा चुनाव पर असर डाल सकते हैं। हालांकि, पवार परिवार के बीच सार्वजनिक तौर पर कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं दिखती, लेकिन राजनीतिक मतभेद गहरे हो चुके हैं।

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ओवैसी का मोदी सरकार पर हमला, बुलडोजर, वक्फ संशोधन और बांग्लादेश पर उठाए गंभीर सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/owaisis-attack-on-modi-government/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/owaisis-attack-on-modi-government/#respond Mon, 23 Sep 2024 11:21:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5070 ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने मुसलमानों के खिलाफ जारी बुलडोजर कार्रवाई, वक्फ संशोधन बिल, और बांग्लादेश के मुद्दों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ओवैसी ने मध्य प्रदेश में बुलडोजर द्वारा …

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। ओवैसी ने मुसलमानों के खिलाफ जारी बुलडोजर कार्रवाई, वक्फ संशोधन बिल, और बांग्लादेश के मुद्दों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ओवैसी ने मध्य प्रदेश में बुलडोजर द्वारा मुसलमानों के घरों को गिराने के मामले पर बीजेपी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश पुलिस ने 20 हजार स्क्वायर फीट में बने एक मुस्लिम व्यक्ति का घर बुलडोजर से गिरा दिया। हाजी शहजाद अली की कोठी थी, जिसे बुलडोजर से तोड़ा गया। वह अपने नए घर में सामान रख रहे थे, लेकिन बीजेपी सरकार ने उनका घर तबाह कर दिया।”

ओवैसी का आरोप है कि बीजेपी सरकार जानबूझकर मुसलमानों के घरों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश का जिला अधिकारी (DM) साफ कहता है कि वह सिर्फ मुसलमानों के घरों को तोड़ेगा। महाराष्ट्र में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां मस्जिद में घुसकर मारने की धमकी दी जा रही है।” ओवैसी ने बीजेपी की नीतियों की तुलना हिटलर के शासन से करते हुए कहा कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत बिल्कुल वैसी ही है, जैसी यहूदियों के खिलाफ हिटलर के समय में थी। उन्होंने कहा, “हिटलर भी यहूदियों पर इसी तरह अत्याचार करता था। इसी प्रकार, आज मुसलमानों के घर तोड़े जा रहे हैं, उनकी दुकानें तबाह की जा रही हैं, और उनके खिलाफ पिक्चर बनाई जा रही हैं।”

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वक्फ संशोधन बिल को लेकर भी ओवैसी ने बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अगर यह कानून लागू हो जाता है तो मुसलमानों की मस्जिदें और वक्फ की जमीनें छीन ली जाएंगी। ओवैसी ने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए बताया कि राज्य में करीब 1 लाख 21 हजार वक्फ प्रॉपर्टीज हैं, जिनमें से 1 लाख 11 हजार के पास आवश्यक कागजात नहीं हैं। उन्होंने कहा, “अगर वक्फ बाई यूजर कानून खत्म होता है, तो ये सारी संपत्तियां सरकार के कब्जे में चली जाएंगी।” इसके अलावा, ओवैसी ने वक्फ बोर्ड में हिंदू सदस्यों को शामिल करने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जब हिंदू मंदिरों से जुड़े बोर्ड में कोई गैर हिंदू सदस्य नहीं हो सकता, तो वक्फ बोर्ड में गैर मुसलमानों को क्यों शामिल किया जा रहा है? ओवैसी ने साफ किया कि उन्हें हिंदू समुदाय से कोई व्यक्तिगत नफरत नहीं है, बल्कि यह धार्मिक और सांविधानिक सिद्धांत का मामला है।

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ओवैसी ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बांग्लादेश के मामलों में ढुलमुल रवैया अपना रही है। ओवैसी ने पूछा, “बीजेपी वाले मुझसे पूछते हैं कि मैं बांग्लादेश पर क्यों नहीं बोलता। लेकिन सच्चाई यह है कि बांग्लादेश में हो रही घटनाओं के लिए मोदी सरकार ही जिम्मेदार है।”उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बांग्लादेश के प्रधानमंत्री शेख हसीना को समर्थन दे रहे हैं, जबकि वहां से आतंकवाद फैलने की आशंका है। ओवैसी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें बांग्लादेश से इतनी समस्या है, तो वहां के साथ क्रिकेट मैच क्यों खेले जा रहे हैं?

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