mamta banarjee - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg mamta banarjee - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पर सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/#respond Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5147 आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने पूरी तरह नियंत्रित किया था। उन्होंने अपने करीबी और विश्वसनीय डॉक्टरों के जरिए यह सुनिश्चित किया कि पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया उनके हिसाब से हो।

CBI ने मुर्दाघर सहायक से पूछताछ के दौरान पाया कि पोस्टमॉर्टम के समय सहायक को शव के पास आने तक नहीं दिया गया था। उसे कमरे के एक कोने में बिठाकर रखा गया, जबकि सामान्य स्थिति में उसका काम होता है शव के क्षतिग्रस्त अंगों को चिन्हित करना और पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को पूरा करने में डॉक्टरों की मदद करना। इसके अलावा, सहायक का काम शव को सिलने का भी होता है, लेकिन इस बार उसे यह करने से रोका गया।

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CBI की इस जांच से यह संकेत मिलता है कि पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया गया था, जो कि इस घटना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। पोस्टमॉर्टम के समय की यह परिस्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि मामले को दबाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र शाखा से जुड़े प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलदर ने इस घटना पर आधारित “आगमनी तिलोत्तमार गल्पो” नामक एक लघु फिल्म तैयार की है, जिसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद उत्पन्न हो गया है। फिल्म का पोस्टर सामने आने के बाद TMC ने इन दोनों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

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हालांकि, दोनों का कहना है कि फिल्म का पोस्टर देखकर इसके कंटेंट पर कोई निष्कर्ष निकालना गलत होगा। उनका कहना है कि वे फिल्म के जरिए किसी भी तरह का अन्याय उजागर करना चाहते हैं, और वे फिल्म को प्रदर्शित करने के अपने निर्णय पर अडिग हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि फिल्म का तृणमूल कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में न्याय चाहती है और वह इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।

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पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/#respond Fri, 20 Sep 2024 13:25:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5021 पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी …

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पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी सरकार इन्हें रद्द कर देगी। उनके अनुसार, डीवीसी द्वारा “एकतरफा” पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि डीवीसी द्वारा बिना किसी योजना के भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में तबाही हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर केंद्रीय निधि को तुरंत जारी किया जाए ताकि राहत और पुनर्वास के कामों में तेजी लाई जा सके।

ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बताया कि डीवीसी द्वारा नियंत्रित मैथन और पंचेत बांधों से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो बाढ़ की मुख्य वजह बना। उन्होंने कहा कि यह अनियोजित और एकतरफा कदम था, जिसकी वजह से दामोदर नदी के निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। उन्होंने इस बाढ़ को वर्ष 2009 के बाद से सबसे भीषण बताया और कहा कि इससे राज्य में व्यापक पैमाने पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से तुरंत वित्तीय मदद की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दें कि केंद्रीय निधि को मंजूरी देकर उसे जल्द से जल्द जारी किया जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ राहत कार्य कर रही है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के काम तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेष ध्यान दें और इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया कि अगर डीवीसी के साथ मौजूदा समझौतों पर फिर से विचार नहीं किया गया तो राज्य सरकार सभी समझौतों को रद्द करने पर मजबूर हो जाएगी। उन्होंने डीवीसी के पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि इसे सुव्यवस्थित तरीके से नहीं किया गया, जिससे हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई तबाही की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो गई हैं, घरों को नुकसान पहुंचा है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह बाढ़ किसी आपदा से कम नहीं है और इसके निपटारे के लिए केंद्र की मदद बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि केंद्रीय निधि को शीघ्र जारी किया जाए ताकि राज्य सरकार प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचा सके और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का प्रभावी ढंग से समाधान कर सके।

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41 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर आज से करेंगे काम पर वापसी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/41-day-long-protest/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/41-day-long-protest/#respond Fri, 20 Sep 2024 10:55:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5011 कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया गया, जहां उन्होंने डॉक्टरों …

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कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया गया, जहां उन्होंने डॉक्टरों की कुछ प्रमुख मांगों को मानते हुए जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के बाद डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया था। इस घटना के बाद जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्वास्थ्य सेवाएं इस प्रदर्शन से बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था लगभग ठप हो गई थी।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही इस रुकावट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। इसके अलावा, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से प्रदर्शन समाप्त कर अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने का आग्रह किया था। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों को सुनते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया। इसके बाद, डॉक्टरों ने अपना धरना समाप्त करने और शनिवार से काम पर लौटने का फैसला किया।

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1. दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय : ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूतों को नष्ट करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाए और उन्हें सजा दी जाए।
2. पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई : आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
3. स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा: डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं दे सकें।
4. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति का अंत: डॉक्टरों ने सरकारी संस्थानों में लगातार बढ़ रही “धमकी की संस्कृति” को समाप्त करने की मांग की थी।
5. उच्च अधिकारियों के इस्तीफे : डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की भी मांग की थी।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांगों में से तीन प्रमुख मांगों को मानते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को उनके पदों से हटा दिया है। इसके अलावा, पुलिस उपायुक्त पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते उसे भी पद से हटा दिया गया है। धरना खत्म करने के बाद, डॉक्टरों ने घोषणा की कि वे सबसे पहले दक्षिण बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की सहायता करेंगे। इसके साथ ही, 41 दिनों से बंद पड़ी आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू होंगी। हालांकि, ओपीडी सेवाओं को अभी बहाल नहीं किया जाएगा।

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कोलकाता एसएन बनर्जी रोड पर जोरदार धमाका, कचरा बीनने वाला घायल, पुलिस जांच में जुटी https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-sn-banerjee-road-p/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-sn-banerjee-road-p/#respond Sat, 14 Sep 2024 11:21:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4879 कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड और ब्लोचमैन सेंट के समीप शनिवार दोपहर को एक जोरदार धमाके की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह विस्फोट दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ, जिसमें एक कचरा बीनने वाला शख्स घायल हो गया। पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गए, और घटनास्थल को तत्काल घेर …

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कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड और ब्लोचमैन सेंट के समीप शनिवार दोपहर को एक जोरदार धमाके की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह विस्फोट दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ, जिसमें एक कचरा बीनने वाला शख्स घायल हो गया। पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गए, और घटनास्थल को तत्काल घेर लिया गया ताकि क्षेत्र को सुरक्षित बनाया जा सके। कोलकाता पुलिस ने जानकारी दी कि धमाका करीब 1:30 से 1:45 के बीच हुआ। इस धमाके की जानकारी पुलिस को 1:45 बजे मिली, जिसके बाद तुरंत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पहले घायलों को अस्पताल पहुंचाने और फिर इलाके को सुरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की।

घायल शख्स, जो कचरा बीनने का काम करता था, को तुरंत एनआरएस अस्पताल ले जाया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उसकी दाहिनी कलाई पर गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल में उसकी चिकित्सा जांच की जा रही है, और फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद, कोलकाता पुलिस ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया। सुरक्षा टेप के जरिए इलाके को सील कर दिया गया ताकि किसी अनाधिकृत व्यक्ति की पहुंच वहां न हो सके। इसके अलावा, बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) को भी घटनास्थल पर बुलाया गया। बीडीडीएस कर्मियों ने वहां मौजूद बैग और अन्य संदिग्ध वस्तुओं की गहन जांच शुरू की।

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धमाके के कारण एसएन बनर्जी रोड पर कुछ समय के लिए यातायात को रोक दिया गया था। पुलिस ने सड़क को सुरक्षित मानने तक वाहन और लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी। बीडीडीएस की मंजूरी मिलने के बाद ही यातायात को फिर से बहाल किया गया। धमाके के सही कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस विभिन्न एंगल से जांच कर रही है, और यह संभावना जताई जा रही है कि धमाका किसी विस्फोटक सामग्री से हो सकता है, जिसे कचरा बीनने वाले ने गलती से छेड़ा हो। बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञ विस्फोट स्थल पर मौजूद बैग और अन्य वस्तुओं की बारीकी से जांच कर रहे हैं, ताकि धमाके के स्रोत और प्रकार की पुष्टि हो सके।

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इस घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु को छूने या हटाने से पहले तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके साथ ही, आसपास के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। घटना के बाद से कोलकाता के नागरिकों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। प्रशासन का कहना है कि वह स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं, और शहर की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

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ममता बनर्जी के बयान पर बवाल, बीजेपी के हमलों के बाद दी सफाई, कोलकाता रेप केस से जुड़ा विवाद. https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamta-banerjees-statement-on-bava/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamta-banerjees-statement-on-bava/#respond Fri, 30 Aug 2024 10:31:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4546 पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस 28 अगस्त को आयोजित किया गया, जिसे कोलकाता रेप केस में जान गंवाने वाली PG ट्रेनिंग महिला डॉक्टर को समर्पित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया और भाषण दिया, लेकिन उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया, जिस …

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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद का स्थापना दिवस 28 अगस्त को आयोजित किया गया, जिसे कोलकाता रेप केस में जान गंवाने वाली PG ट्रेनिंग महिला डॉक्टर को समर्पित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हिस्सा लिया और भाषण दिया, लेकिन उनके बयान से विवाद खड़ा हो गया, जिस पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया पर भी ममता बनर्जी के बयान की तीखी आलोचना हुई, जिससे उन्हें सफाई देनी पड़ी। ममता बनर्जी के 28 अगस्त वाले बयान पर नजर डालें तो उन्होंने कहा, “जो लोग सोचते हैं कि यह बांग्लादेश है, उन्हें बताना चाहती हूं कि मैं बांग्लादेश का सम्मान करती हूं। वह भी इसी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बांग्लादेश एक अलग राष्ट्र है और भारत एक अलग देश है।”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए कहा, “मोदी जी, आप चाहते हैं कि वह आग बंगाल में फैले, तो आपको समझ लेना चाहिए कि अगर आग बंगाल में लगेगी तो असम, नॉर्थ ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे।” इस बयान के बाद बीजेपी नेताओं ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी को ‘राष्ट्रविरोधी’ तक कह दिया। बीजेपी के अन्य नेताओं ने भी इस मुद्दे पर ममता को आड़े हाथों लिया। ममता बनर्जी ने इस विवाद पर सफाई देते हुए अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “कल मैंने एक भाषण दिया था, जिसका कुछ मीडिया संस्थान दुष्प्रचार कर रहे हैं। मेरी बात को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने छात्र विरोध के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। मैं उनके विरोध का समर्थन करती हूं, उनका आंदोलन सच्चा है। मैंने कभी उन्हें धमकी नहीं दी।”

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ममता बनर्जी ने अपने बयान में आगे कहा, “मेरे खिलाफ लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने इसलिए बोला क्योंकि बीजेपी और भारत सरकार मिलकर हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं और अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।” बीजेपी सांसद सौमित्र खान ने ममता बनर्जी पर राजनीति के लिए कुछ भी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “दीदी अपने फायदे के लिए राज्य में आतंकवादियों को भी रहने दे सकती हैं। जितनी बड़ी घटना घटेगी, उतना बड़ा आतंकवादी होगा, वह सबको वहां रहने के लिए कहेंगी, क्योंकि उनका उद्देश्य सत्ता पाना है।”

इस विवाद पर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “दीदी, आपकी हिम्मत कैसे हुई असम को धमकाने की? हमें लाल आंखें मत दिखाइए। आपकी असफलता की राजनीति से भारत को जलाने की कोशिश मत कीजिए। विभाजनकारी भाषा बोलना आपको शोभा नहीं देता।” ममता बनर्जी के बयान का संदर्भ कोलकाता के एक दर्दनाक केस से जुड़ा है। 9 अगस्त की सुबह कोलकाता के NRS मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में एक ट्रेनिंग महिला डॉक्टर बेहोशी की हालत में मिली थीं, जहां बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। आरोप है कि उनके साथ रेप के बाद उनकी हत्या की गई। इस मामले में संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया। 13 अगस्त को कलकत्ता हाई कोर्ट ने केस को CBI को ट्रांसफर कर दिया।

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20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को जनता की आवाज को दबाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बीजेपी और CPI ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इस मामले में सबूत मिटाने की कोशिश की है। ममता बनर्जी ने इसी संदर्भ में 28 अगस्त को अपने बयान में बात की थी, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद उन्हें सफाई देनी पड़ी।

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ममता बनर्जी के पास अपने बच्चे नहीं हैं, वो हमारे दर्द को नहीं समझ सकतीं’; दुष्कर्म पीड़िता की मां का गुस्सा फूटा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/#respond Fri, 30 Aug 2024 06:37:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4536 कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से …

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से उन्हें और उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि पीड़िता का परिवार न्याय नहीं चाहता। पीड़िता की मां ने इसे पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि उनका परिवार और पूरा देश उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहा है।

पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को एक मां के दर्द की समझ नहीं है क्योंकि उनके खुद के कोई बच्चे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उनकी बेटी की निर्मम हत्या की गई, वह किसी भी मां के लिए असहनीय है। उन्होंने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जो उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और इस आंदोलन को जारी रखने का आह्वान किया। पीड़िता की मां ने जोर देकर कहा कि उनका परिवार न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगा और जो लोग उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, वे उनके प्रति सदैव आभारी रहेंगे।

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पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाने का प्रयास किया और उन्हें इस बारे में बहुत देरी से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरू से ही अस्पताल प्रशासन पर शक था और उनका मानना है कि इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है।

इस घटना ने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा किया है और लोग पीड़िता के परिवार के साथ खड़े हैं। सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें शुरू से ही पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि सीबीआई जांच से उन्हें न्याय की उम्मीद है और वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह बेहद दर्दनाक है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि सभी लोग इस संघर्ष में उनके साथ बने रहें और उनकी बेटी को न्याय दिलाने में सहयोग करें। इस दुखद घटना के बाद, कोलकाता और पूरे देश में चिकित्सा जगत के लोग और आम जनता न्याय की मांग कर रही है। पीड़िता के परिवार ने इस मामले में सीबीआई जांच पर भरोसा जताते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा दी जाएगी।

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सीएम ममता बनर्जी का भाजपा के बंगाल बंद पर तीखा हमला, दुष्कर्मियों के खिलाफ सख्त कानून लाने का ऐलान. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/cm-mamata-banerjee-of-bjp/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/cm-mamata-banerjee-of-bjp/#respond Wed, 28 Aug 2024 10:25:36 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4491 पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आहूत बंगाल बंद के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तीखा हमला किया है। ममता ने आरोप लगाया कि इस बंद का मुख्य उद्देश्य बंगाल की छवि को खराब करना है और यह आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या की जांच को प्रभावित करने की साजिश है। कोलकाता …

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पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आहूत बंगाल बंद के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तीखा हमला किया है। ममता ने आरोप लगाया कि इस बंद का मुख्य उद्देश्य बंगाल की छवि को खराब करना है और यह आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या की जांच को प्रभावित करने की साजिश है। कोलकाता में टीएमसी छात्र संघ की रैली को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास पर्याप्त शक्ति होती, तो वह डॉक्टर की हत्या के आरोपियों को सिर्फ सात दिनों के भीतर मौत की सजा दिला देती। ममता ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी और मृत डॉक्टर के आरोपियों को मृत्युदंड दिलाने के लिए एक आंदोलन शुरू करेगी।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि अगले सप्ताह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा जिसमें दुष्कर्मियों को 10 दिनों के भीतर मृत्युदंड देने के लिए एक विधेयक पारित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि राज्यपाल इस विधेयक को मंजूरी नहीं देते हैं, तो टीएमसी राजभवन के बाहर धरना देगी। ममता ने इस विधेयक की पारितगी को अनिवार्य बताया और कहा कि राज्यपाल को जवाबदेही से नहीं बचना चाहिए। ममता बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल की घटना के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर दुष्कर्म के मामलों में त्वरित न्याय और कठोर सजा की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि देश में दुष्कर्म के मामलों को लेकर सख्त कानून बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि दोषियों को कठोरतम सजा मिल सके।

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ममता बनर्जी का यह बयान और उनकी कार्रवाई का इरादा साफ है कि वह दुष्कर्म और हत्या के मामलों में कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बंगाल बंद पर उनकी तीखी प्रतिक्रिया और नए कानून की घोषणा यह संकेत देती है कि उनकी सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने का प्रयास कर रही है।

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कोलकाता रेप-मर्डर केस: CJI के सवालों पर ममता की ओर से सवालों का जवाब नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, शव मिलने से अब तक की पूरी कहानी। https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/#respond Fri, 23 Aug 2024 13:20:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4413 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल …

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा कि आखिर FIR दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई। इस पूरे मामले में पुलिस और अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के बारे में सबसे पहले 9 अगस्त 2024 की सुबह 9:30 बजे पता चला, जब आरजी कर अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की बॉडी को देखा। इसके बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को जानकारी दी, जिन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन को सतर्क किया। सुबह 10:10 बजे, अस्पताल की पुलिस चौकी ने टाला पुलिस थाने को घटना की जानकारी दी। बताया गया कि आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर एक सेमिनार कक्ष में एक महिला अचेत अवस्था में पड़ी है। पुलिस ने इसे जनरल डायरी एंट्री के तौर पर दर्ज किया और घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। सुबह 10:30 बजे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद सीनियर अधिकारियों को सूचित किया गया और अपराध स्थल को सील कर दिया गया।

अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने सुबह 10:52 बजे पीड़िता के परिवार को सूचना दी और जल्दी आने का आग्रह किया। इसके बाद दोपहर 12:44 बजे, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की मौत की पुष्टि की। इस बीच, पुलिस ने दोपहर 1:47 बजे अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त किए और अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। पीड़िता के परिवार और सहकर्मियों ने तुरंत पोस्टमार्टम की मांग की, जो न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच किया गया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। रात 8:00 बजे डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचा और रात 8:37 बजे से 8:52 बजे के बीच अपराध स्थल की 3डी मैपिंग की गई। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने 40 से अधिक वस्तुओं को जांच के लिए सुरक्षित किया।रात 11:45 बजे, पीड़िता के पिता की शिकायत पर रेप और मर्डर के आरोपों में FIR दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि पीड़िता के सहकर्मियों से पूछताछ और संदिग्धों की जांच 9 अगस्त से ही शुरू कर दी गई थी, और अगले दिन सुबह 10 बजे आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना के दौरान हुई प्रक्रियाओं में विसंगतियों पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने खासकर पोस्टमार्टम के बाद अप्राकृतिक मौत की एंट्री दर्ज किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अगर पोस्टमार्टम हो चुका है, तो इसका मतलब है कि अप्राकृतिक मौत की पुष्टि हो चुकी है, फिर एंट्री पोस्टमार्टम के बाद क्यों हुई? जस्टिस पार्डीवाला ने भी इस पर टिप्पणी की कि उनके 30 साल के करियर में उन्होंने ऐसा मामला नहीं देखा है। कोर्ट के सवालों पर बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल कई बार निरुत्तर दिखे।

कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पूछा कि अप्राकृतिक मौत के रूप में मामला दर्ज होने के बावजूद FIR दर्ज करने में 14 घंटे क्यों लगे? ऐसे गंभीर मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब पीड़िता का शव सुबह 9:30 बजे देखा गया था, तो मौत की पुष्टि में तीन घंटे का समय क्यों लगा? डॉक्टर ने पुलिस को महिला के अचेत अवस्था में होने की सूचना दी थी, फिर इलाज की कोशिश क्यों नहीं की गई? कोलकाता पुलिस का दावा है कि क्राइम सीन को सुबह 10:30 बजे सील कर दिया गया था। लेकिन सीबीआई ने इसे नकारते हुए कहा कि जब हमने पांच दिन बाद जांच शुरू की, तब अपराध स्थल को बदल दिया गया था, जिससे जांच में चुनौती आ रही है।

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मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया और फिर बॉडी देखने की इजाजत दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सुबह 10:53 बजे फोन पर बेटी की बीमारी की सूचना दी गई और फिर 11:15 बजे आत्महत्या की बात कही गई, जबकि पुलिस की टाइमलाइन में आत्महत्या का कोई जिक्र नहीं है। कोलकाता रेप और मर्डर केस में हुए घटनाक्रम और पुलिस की देरी पर ममता सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मामला करार देते हुए बंगाल सरकार को जल्द से जल्द जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है, जिससे पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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कोलकाता रेप केस के बाद ममता बनर्जी का पीएम मोदी को पत्र: कहा देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों पर सख्त कानून बनाए केंद्र सरकार. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-case-after-mamat/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-case-after-mamat/#respond Fri, 23 Aug 2024 12:49:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4408 हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। …

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हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से समाज और राष्ट्र का विश्वास हिल गया है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले सामने आते हैं, जिनमें से कई में हत्या भी शामिल होती है। ममता बनर्जी ने लिखा, “देशभर में बलात्कार के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। यह बेहद चिंताजनक है कि रोजाना औसतन 90 बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से कई मामलों में पीड़ित की हत्या भी हो जाती है। इससे समाज और राष्ट्र का विश्वास और विवेक डगमगाने लगता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम इस स्थिति को बदलें और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।”

सीएम ममता बनर्जी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। पहली मांग यह है कि बलात्कार के मामलों में कठोर और सख्त कानून बनाए जाएं, जो जघन्य और क्रूर अपराधों को रोकने में सक्षम हों। दूसरी मांग यह है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए, ताकि ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई हो सके। ममता बनर्जी का मानना है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से बलात्कार के मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

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तीसरी मांग के तहत ममता बनर्जी ने सुझाव दिया है कि बलात्कार के मामलों में सुनवाई की समय सीमा 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय नहीं मिला, तो यह न्याय प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास को और कमजोर कर सकता है। यह पत्र उस समय आया है जब हाल ही में कोलकाता में हुए एक रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए, बल्कि देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता पर जोर दिया। इस मामले ने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया है। ममता बनर्जी का यह पत्र देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि बलात्कार के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इस पत्र के माध्यम से ममता बनर्जी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनके द्वारा उठाई गई मांगें यह दर्शाती हैं कि वे इस मुद्दे को लेकर कितनी चिंतित हैं और इससे निपटने के लिए वे कठोर कदम उठाने को तैयार हैं।

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1993 से 2024: ममता बनर्जी के नेतृत्व पर बलात्कार मामलों की छाया, कैसे 31 साल पहले हुए एक रेप पर ममता की कसम ने डुबोया था वामपंथ का सूरज। https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/1993-to-2024-led-by-mamata-banerjee/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/1993-to-2024-led-by-mamata-banerjee/#respond Tue, 20 Aug 2024 08:18:26 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4375 पश्चिम बंगाल में इन दिनों एक घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, और ममता बनर्जी की …

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पश्चिम बंगाल में इन दिनों एक घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, और ममता बनर्जी की सरकार पर सवालों की बौछार हो रही है। इस घटना के कारण 11 दिनों से राज्य में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है, लेकिन अब भी कई अनसुलझे सवाल बाकी हैं। इस घटना ने 31 साल पुरानी एक और घटना की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें ममता बनर्जी का एक अहम किरदार था और तब भी सरकार सवालों के घेरे में थी।

1993 के शुरुआती दिनों में पश्चिम बंगाल में ज्योति बसु की वामपंथी सरकार थी। उसी दौरान नदिया जिले में एक दिव्यांग लड़की के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। इस घटना ने राज्य में हड़कंप मचा दिया और ज्योति बसु की सरकार पर हमले शुरू हो गए। ममता बनर्जी, जो उस समय एक उभरती हुई नेता थीं, पीड़िता को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय, राइटर्स बिल्डिंग, पहुंच गईं। ममता ने आरोप लगाया कि दोषियों को राजनीतिक संबंधों के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु से मुलाकात की मांग की। जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने सीएम के चेंबर के सामने धरना देना शुरू कर दिया।

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जब ज्योति बसु ने ममता बनर्जी से मुलाकात करने से इंकार कर दिया, तो पुलिस ने उन्हें और पीड़िता को बलपूर्वक सचिवालय से बाहर निकाल दिया। ममता को महिला पुलिसकर्मियों ने घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे उतारा, जिससे उनके कपड़े भी फट गए थे। इस घटना के बाद ममता ने कसम खाई कि वह दोबारा तभी इस इमारत में कदम रखेंगी जब वह मुख्यमंत्री बनेंगी। 18 साल के संघर्ष के बाद, ममता ने 20 मई 2011 को मुख्यमंत्री के रूप में इस इमारत में प्रवेश किया, और पश्चिम बंगाल में वामपंथ की जड़ें हिला दीं। ममता बनर्जी ने 18 सालों तक वामपंथी सरकार के खिलाफ लगातार धरने और विरोध प्रदर्शन किए। उनके इस संघर्ष ने वामपंथी शासन की नींव को हिला दिया और अंततः ममता बनर्जी सत्ता में आईं। कहा जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ममता की राजनीति से इतने नाराज थे कि उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से उनका नाम तक नहीं लिया। वे हमेशा उन्हें ‘वह महिला’ कहकर संबोधित करते थे।

ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर संघर्ष और विवादों से भरा रहा है। हाल के कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले ने ममता को फिर से सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी की भूमिका पर बलात्कार के मामलों में सवाल उठे हों। हंसखाली में एक घटना हुई थी, जिसमें ममता ने रेप की घटना को “अफेयर” कहकर खारिज कर दिया था। इसी तरह, कामुदनी में हुई एक बलात्कार की घटना का विरोध कर रहे लोगों को उन्होंने माकपा समर्थक बता दिया था। ममता बनर्जी के कार्यकाल में बलात्कार के मामलों पर उनके विवादित बयान अक्सर सुर्खियों में रहे हैं, खासकर जब आरोप उनकी पार्टी के सदस्यों पर लगे हों। ममता ने अपनी सत्ता के वर्षों के दौरान कई बलात्कार के मामलों को “झूठा” करार दिया है। एक महिला नेता के रूप में जब उनसे बलात्कार के मामलों पर जवाब मांगा जाता है, तो वे खुद को पीड़िता के रूप में प्रस्तुत करती हैं। यदि विपक्ष उन पर सवाल उठाता है, तो ममता उल्टा उन पर ही आरोप लगाने से भी नहीं चूकतीं।

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कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के मामले ने ममता बनर्जी के नेतृत्व को एक बार फिर से कठघरे में खड़ा कर दिया है। बलात्कार के मामलों में उनकी सरकार की भूमिका और उनके द्वारा दिए गए बयान आज भी लोगों की स्मृतियों में ताजा हैं। पश्चिम बंगाल की जनता, जो ममता बनर्जी के संघर्ष और साहस की गवाह रही है, अब उन्हीं से सवाल पूछ रही है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर उनका रवैया इतना निष्क्रिय क्यों है। क्या आज ममता बनर्जी उसी तरह का साहस दिखा पाएंगी जैसा उन्होंने 1993 में दिखाया था, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

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