Manipur viloence - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 14 Sep 2024 06:58:57 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Manipur viloence - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 मणिपुर हिंसा पर शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला, ‘सामना’ के जरिए उठाए गंभीर सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/manipur-violence-on-shiv-sena/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/manipur-violence-on-shiv-sena/#respond Sat, 14 Sep 2024 06:58:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4860 महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दल लगातार केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला कर रहे हैं। हाल ही में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर …

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं। महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) के सहयोगी दल लगातार केंद्र और राज्य सरकारों पर हमला कर रहे हैं। हाल ही में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर घेरते हुए कई सवाल खड़े किए हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने ‘सामना’ में प्रकाशित लेख के माध्यम से कहा कि मोदी सरकार वैश्विक मंच पर रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने की कोशिशें कर रही है, लेकिन मणिपुर में फैली हिंसा पर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। लेख में दावा किया गया कि प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है और देश के अंदरूनी हालातों की अनदेखी की जा रही है।

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लेख में यह भी कहा गया कि मणिपुर हिंसा पिछले 18 महीने से जारी है, लेकिन सरकार ने इस पर कोई कारगर योजना नहीं बनाई। शिवसेना (यूबीटी) ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार के मुंह में मानो “दही जम गया है” क्योंकि अब तक इस गंभीर स्थिति पर सरकार की ओर से किसी प्रभावी कार्रवाई की घोषणा नहीं की गई है।

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‘सामना’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद, राज्य सरकार और केंद्र के बीच समन्वय की कमी देखी जा रही है। लेख में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य पर भी सवाल उठाए गए। रिपोर्ट के अनुसार, राज्यपाल इस हिंसा के दौरान मणिपुर छोड़कर असम में जाकर शरण ले चुके हैं। ऐसे में केंद्र सरकार मणिपुर को अस्थिर प्रशासन के हवाले कर चुकी है। शिवसेना (यूबीटी) ने इस लेख में मांग की कि मणिपुर की स्थिति को गंभीरता से लिया जाए और देश के भीतर फैली हिंसा को रोकने के लिए केंद्र को ठोस कदम उठाने चाहिए।

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मणिपुर में हिंसा और विरोध प्रदर्शन, इंटरनेट बंद और कर्फ्यू का आदेश https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/violence-and-protests-in-manipur/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/violence-and-protests-in-manipur/#respond Tue, 10 Sep 2024 12:29:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4792 मणिपुर में हालात फिर से बिगड़ते नजर आ रहे हैं, जहां हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की नई लहर ने राज्य में तनाव पैदा कर दिया है। इन हालातों को देखते हुए, मणिपुर की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सख्त कानून व्यवस्था के कदम उठाए गए हैं। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिला …

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मणिपुर में हालात फिर से बिगड़ते नजर आ रहे हैं, जहां हिंसा और विरोध प्रदर्शनों की नई लहर ने राज्य में तनाव पैदा कर दिया है। इन हालातों को देखते हुए, मणिपुर की राजधानी और उसके आसपास के इलाकों में सख्त कानून व्यवस्था के कदम उठाए गए हैं। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिला प्रशासन ने मंगलवार, 10 सितंबर को दोनों जिलों में सुबह 11:00 बजे से कर्फ्यू लागू करने का आदेश दिया।

गृह विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार, छात्र आंदोलनों और बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच पूरे मणिपुर में इंटरनेट सेवाओं को भी पांच दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इसका उद्देश्य अफवाहों और असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकना है, ताकि कानून व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के जिलाधिकारियों ने सोमवार को दो अलग-अलग आदेश जारी किए, जिसमें उन्होंने पहले जारी कर्फ्यू में छूट (सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक) को रद्द कर दिया और पूरे जिलों में बिना किसी छूट के पूर्ण कर्फ्यू लागू करने की घोषणा की। यह कर्फ्यू अगले आदेश तक जारी रहेगा।

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कर्फ्यू के आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य सेवाओं, नगर निगम के कामकाज, बिजली विभाग, पेट्रोल पंप, अदालतें, उड़ान यात्रियों और मीडिया जैसी आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं में लगे कर्मचारियों को भी कर्फ्यू के दौरान आने-जाने की अनुमति दी गई है। इंफाल और मणिपुर के अन्य हिस्सों में हिंसा के विरोध में सैकड़ों छात्रों ने सोमवार को मणिपुर के मुख्यमंत्री सचिवालय और इंफाल के राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। ये छात्र महिलाओं के बाजार इमा मार्केट (जिसे नुपी के नाम से भी जाना जाता है) में इकट्ठा हुए, जो कि स्थानीय महिलाओं के लिए एक प्रमुख व्यापारिक स्थल है।

हालांकि, कर्फ्यू के फिर से लागू होने के कारण मंगलवार को इमा मार्केट बंद था। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इस बाजार की पहली मंजिल पर खुद को बंद कर लिया। स्थानीय पुलिस ने उन्हें शांतिपूर्वक घर लौटने के लिए प्रेरित किया, ताकि किसी तरह की हिंसा या टकराव की स्थिति पैदा न हो। बढ़ते विरोध और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मणिपुर सरकार ने पूरे राज्य में पांच दिनों के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है। प्रशासन का मानना है कि सोशल मीडिया और अन्य ऑनलाइन प्लेटफार्मों का दुरुपयोग अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने में अहम भूमिका निभा सकता है।

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इससे पहले भी राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई थी, लेकिन इस बार की रोक अधिक सख्त और व्यापक है। राज्य सरकार और गृह विभाग के अनुसार, यह कदम असामाजिक तत्वों को रोकने और शांति बहाल करने के लिए जरूरी है। मणिपुर में बढ़ती हिंसा और विरोध प्रदर्शन के बीच प्रशासन पूरी तरह से स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कर्फ्यू और इंटरनेट बंद के फैसले को लेकर आम जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है। हालांकि, सरकार का मानना है कि ये कदम राज्य में शांति और स्थिरता लाने के लिए जरूरी हैं। अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें ताकि राज्य में स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके।

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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, मैतेई बुजुर्ग की हत्या के बाद तनाव, 6 की मौत https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/violence-flared-again-in-manipur/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/violence-flared-again-in-manipur/#respond Sat, 07 Sep 2024 12:21:38 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4737 मणिपुर में हिंसा का दौर फिर से शुरू हो गया है, जिसमें शुक्रवार से भड़की आग शनिवार को भी बुझने का नाम नहीं ले रही है। इस ताजा हिंसा के दौरान मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। इसके जवाब में जिरीबाम जिले में चार कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। …

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मणिपुर में हिंसा का दौर फिर से शुरू हो गया है, जिसमें शुक्रवार से भड़की आग शनिवार को भी बुझने का नाम नहीं ले रही है। इस ताजा हिंसा के दौरान मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। इसके जवाब में जिरीबाम जिले में चार कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। ये हिंसा जिरीबाम जिले के सेरो, मोलजोल, रशीदपुर और नुंगचप्पी गांवों से शुरू हुई, जो दक्षिणी असम की सीमा से सटे हैं। शनिवार सुबह 10 बजे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ताजा जानकारी के अनुसार, मरने वालों की संख्या 6 तक पहुंच गई है।

मणिपुर के जिरीबाम जिले में हिंसा की शुरुआत मंगलवार को हुई जब संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इलाके में हमला कर दिया। इस हमले के दौरान मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई, जो उस समय सो रहे थे। इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया। इसके बाद, हिंसा की चपेट में अन्य गांव भी आ गए और हालात बेकाबू हो गए। हिंसा को रोकने के लिए असम राइफल्स, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और मणिपुर पुलिस के कमांडो की तैनाती की गई है।

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स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मणिपुर सरकार ने शनिवार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं और उग्रवाद रोधी अभियानों को तेज करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास पर बम से हमला किया गया था। यह हमला विष्णुपुर जिले में हुआ था, जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए थे। बम को काफी दूरी से फेंका गया था, जो कोइरेंग के आवास के परिसर में गिरा। हमले के समय कोइरेंग और उनका परिवार घर पर मौजूद नहीं थे। मृतक की पहचान आरके रबेई के रूप में की गई है।

मणिपुर पुलिस के आईजीपी कबीब के और के जयंत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिंसा के दौरान ड्रोन हमलों और लंबी दूरी के रॉकेट बम हमलों का भी उपयोग किया गया है। उन्होंने मोइरांग में हुए हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि उग्रवादियों ने लंबी दूरी की पाइप रॉकेट गन का इस्तेमाल किया, जो तकनीकी रूप से अपरिष्कृत लेकिन उन्नत हथियार है। आईजीपी ने जिरीबाम हमले की भी पुष्टि की, जहां भीड़ ने दूसरे और सातवें एमआर हथियार डकैती का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इसे नाकाम कर दिया। इसके अलावा, उग्र भीड़ ने ड्यूटी से वापस लौट रहे पुलिस कर्मियों पर फायरिंग की, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को देखते हुए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। हालांकि, पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया और शनिवार सुबह भी कई हथियार जैसे स्नाइपर, पाइप गन आदि बरामद किए।

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स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों ने ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं। इसके साथ ही, सेना के हेलिकॉप्टरों द्वारा इलाके में निगरानी और गश्त भी बढ़ा दी गई है। उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारी भी हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और पूरी स्थिति की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है। इस बीच, राज्य में उग्रवाद रोधी अभियानों को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि हालात को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाया जा सके। मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जा सकती है।

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