Manish Sisodia - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 27 Sep 2024 06:19:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Manish Sisodia - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 दिल्ली एमसीडी चुनाव विवाद, सिसोदिया का बीजेपी पर आरोप, संविधान की हत्या https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/delhi-mcd-election-viva/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/delhi-mcd-election-viva/#respond Fri, 27 Sep 2024 06:19:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5120 दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अचानक चुनाव कराने का आदेश जारी किया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। आप के वरिष्ठ नेता …

The post दिल्ली एमसीडी चुनाव विवाद, सिसोदिया का बीजेपी पर आरोप, संविधान की हत्या first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली में नगर निगम (एमसीडी) के स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। गुरुवार को उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना ने अचानक चुनाव कराने का आदेश जारी किया, जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर तीखा हमला बोला और इसे लोकतंत्र की हत्या करार दिया।

मनीष सिसोदिया ने गुरुवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी पर सवाल उठाते हुए कहा कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव को लेकर दिनभर हंगामा होता रहा। कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा और अंततः मेयर ने तय किया कि पांच अक्टूबर को चुनाव कराया जाएगा। सदन स्थगित होने के बाद अधिकांश पार्षद अपने-अपने घर जा चुके थे। लेकिन शाम को अचानक आठ बजे उपराज्यपाल ने कमिश्नर को पत्र लिखकर आदेश दिया कि रात 10 बजे तक चुनाव कराए जाएं। सिसोदिया ने इस आदेश पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आखिर ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि रात 10 बजे चुनाव कराने का आदेश जारी करना पड़ा? जब अधिकांश पार्षद अपने घर जा चुके थे, तो यह चुनाव कैसे हो सकता है?”

खबर भी पढ़ें : मानहानि मामले में शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत दोषी करार, 15 दिन की सजा और जुर्माना.

सिसोदिया ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर भी निशाना साधा और कहा, “एलजी साहब जो अमेरिका या पता नहीं कहां बैठे हैं, वो रात के समय चुनाव करवाने का आदेश दे रहे हैं। इसका क्या मतलब है?” उन्होंने आगे कहा कि इस तरह के आदेश से साफ है कि बीजेपी लोकतंत्र की मर्यादा को नजरअंदाज कर रही है। सिसोदिया ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर दिल्ली एमसीडी में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। आप नेता ने बीजेपी पर संविधान की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि जब अधिकांश पार्षद बाहर जा चुके थे, तब बीजेपी के पार्षद सदन में टिके हुए थे। उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद तो जा चुके थे, लेकिन बीजेपी के पार्षद वहां डटे रहे। सारे सांसद और पदाधिकारी वहीं मौजूद थे। यह साफ तौर पर संविधान की हत्या है।”

खबर भी पढ़ें : CDSCO द्वारा क्वालिटी टेस्ट में फेल हुई 53 दवाएं, सनफार्मा सहित कई बड़ी कंपनियां निशाने पर.

सिसोदिया ने चंडीगढ़ में हुए मेयर चुनाव का जिक्र करते हुए बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में बीजेपी की बेशर्मी सामने आई थी और अब दिल्ली में भी वही किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अगर बीजेपी में थोड़ी भी शर्म है तो इस चिट्ठी को वापस लें। हालाँकि, मुझे उनसे कोई उम्मीद नहीं है, लेकिन लोकतंत्र का थोड़ा सम्मान तो करना चाहिए।” एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव पहले से ही विवादों में रहा है। चुनाव की तिथि पहले भी कई बार स्थगित की जा चुकी है, और अब उपराज्यपाल के इस आदेश से राजनीतिक विवाद और गहरा हो गया है। जहां आम आदमी पार्टी इसे लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ बता रही है, वहीं बीजेपी ने अभी इस पर कोई सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी है।इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि दिल्ली की राजनीति में एमसीडी चुनाव को लेकर अभी और गरमाहट देखने को मिल सकती है।

The post दिल्ली एमसीडी चुनाव विवाद, सिसोदिया का बीजेपी पर आरोप, संविधान की हत्या first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/delhi-mcd-election-viva/feed/ 0
अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की अटकलें, दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन? https://chaupalkhabar.com/2024/09/16/arvind-kejriwal-ke-isti/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/16/arvind-kejriwal-ke-isti/#respond Mon, 16 Sep 2024 06:26:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4893 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की चर्चा जोर पकड़ रही है, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषक मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं। हालांकि, यह कदम कितना प्रभावी साबित होगा, इसका फैसला चुनाव के परिणामों के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अगर केजरीवाल पद छोड़ते हैं, तो उनकी जगह …

The post अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की अटकलें, दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन? first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की चर्चा जोर पकड़ रही है, जिसे कई राजनीतिक विश्लेषक मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं। हालांकि, यह कदम कितना प्रभावी साबित होगा, इसका फैसला चुनाव के परिणामों के बाद ही सामने आएगा। फिलहाल सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि अगर केजरीवाल पद छोड़ते हैं, तो उनकी जगह दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन होगा? आम आदमी पार्टी (AAP) के भीतर इसको लेकर चर्चा तेज है, और कुछ प्रमुख नाम सामने आ रहे हैं।

AAP में अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया को दूसरे नंबर का नेता माना जाता है। सामान्य परिस्थितियों में अगर केजरीवाल इस्तीफा देते हैं, तो सिसोदिया को दिल्ली की बागडोर सौंपना स्वाभाविक हो सकता था। लेकिन केजरीवाल ने साफ किया है कि सिसोदिया भी तब तक किसी पद पर नहीं आएंगे, जब तक जनता का फैसला नहीं आता। इसके चलते पार्टी के भीतर और बाहर यह सवाल उठ रहा है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। मौजूदा स्थिति में चार प्रमुख नेताओं के नाम चर्चा में हैं।

खबर भी पढ़ें : कोलकाता एसएन बनर्जी रोड पर जोरदार धमाका, कचरा बीनने वाला घायल, पुलिस जांच में जुटी

केजरीवाल सरकार में मंत्री आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा है। आतिशी पार्टी की सीनियर नेता हैं और अरविंद केजरीवाल की करीबी मानी जाती हैं। उन्होंने शिक्षा, जल, PWD, राजस्व, योजना और वित्त विभाग जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है। आतिशी के कामकाज का अनुभव और उनकी विश्वसनीयता उन्हें इस पद के लिए प्रबल दावेदार बनाते हैं। केजरीवाल ने हाल ही में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी आतिशी के नाम की सिफारिश की थी, हालांकि यह सिफारिश खारिज कर दी गई थी।

अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का नाम भी इस दौड़ में सामने आ रहा है। हालांकि, उनके पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है और न ही वह विधायक हैं। इसके अलावा, अगर सुनीता को यह पद मिलता है, तो भाजपा इस पर परिवारवाद का आरोप लगा सकती है। ऐसे में उनके मुख्यमंत्री बनने की संभावना कम नजर आती है। दिल्ली सरकार में शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी इस दौड़ में शामिल हैं। जेल में केजरीवाल और सिसोदिया के होने के दौरान सौरभ भारद्वाज और आतिशी ने पार्टी को मजबूती से संभाला है। युवा भारद्वाज की पार्टी में अच्छी साख है और वह कई महत्वपूर्ण कार्यों को संभाल चुके हैं। उनके कामकाज और अनुभव के चलते उनका नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है।

खबर भी पढ़ें : बांग्लादेश में पाकिस्तान की मदद से परमाणु शक्ति बनने की मांग, बढ़ रहा भारत विरोध

इसके साथ ही पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का नाम भी संभावित दावेदारों में शामिल है। गोपाल राय पार्टी के संकटमोचक नेता माने जाते हैं और कई बार उन्होंने पार्टी को कठिन हालात से निकाला है। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं, और उनकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए उन्हें भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक विकल्प माना जा रहा है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का नाम भी इस सूची में है। वह जाट समुदाय से आते हैं, और अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाता है, तो इसका हरियाणा के चुनावों में AAP को फायदा मिल सकता है। गहलोत की लो-प्रोफाइल छवि और उनके प्रशासनिक अनुभव के चलते पार्टी उन्हें भी मुख्यमंत्री पद के लिए एक संभावित उम्मीदवार मान सकती है।

 

The post अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे की अटकलें, दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन? first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/16/arvind-kejriwal-ke-isti/feed/ 0
सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को जमानत, आप नेताओं ने दी प्रतिक्रिया, मनीष सिसोदिया ने कहा “सत्यमेव जयते. https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/supreme-court-to-kejriwa/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/supreme-court-to-kejriwa/#respond Fri, 13 Sep 2024 08:28:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4843 दिल्ली की राजनीति में उस समय बड़ा मोड़ आया जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में जमानत दी। जैसे ही यह खबर आई, आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी। पार्टी के बड़े नेता और समर्थक सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं …

The post सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को जमानत, आप नेताओं ने दी प्रतिक्रिया, मनीष सिसोदिया ने कहा “सत्यमेव जयते. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली की राजनीति में उस समय बड़ा मोड़ आया जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में जमानत दी। जैसे ही यह खबर आई, आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं के बीच खुशी की लहर दौड़ पड़ी। पार्टी के बड़े नेता और समर्थक सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त करने लगे। आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर बेहद भावुक प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “सत्यमेव जयते। सत्य की शक्ति से तानाशाही के जेल के ताले टूट गए हैं।” उनका यह बयान संकेत करता है कि पार्टी इसे सिर्फ कानूनी जीत नहीं बल्कि नैतिक जीत के रूप में देख रही है।

सिसोदिया ने बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं बाबा साहेब अंबेडकर की सोच और दूरदर्शिता को नमन करता हूं, जिन्होंने आम आदमी को 75 साल पहले ही भविष्य की तानाशाही से लड़ने के लिए सशक्त किया।” उन्होंने इस बयान के जरिए इस बात पर जोर दिया कि यह जीत केवल एक व्यक्ति की नहीं बल्कि एक विचारधारा की है जो जनता के हक के लिए लड़ रही है। दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “सत्यमेव जयते। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।” उनका यह बयान सीधे तौर पर इस बात को दर्शाता है कि पार्टी को न्यायपालिका पर पूरा विश्वास था और उन्हें यकीन था कि अंततः सत्य की जीत होगी।

खबर भी पढ़ें : ममता बनर्जी ने दिया इस्तीफे का संकेत, डॉक्टरों की हड़ताल से 27 मौतें, समाधान की कोशिशें विफल.

दिल्ली से राज्यसभा सांसद और आप के प्रमुख नेता राघव चड्ढा ने भी अरविंद केजरीवाल की जमानत पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “अरविंद केजरीवाल केवल एक नाम नहीं, बल्कि ईमानदार राजनीति का ब्रांड हैं। उनकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण उन्हें 6 महीने जेल में रहना पड़ा।” राघव का यह बयान संकेत करता है कि पार्टी इस फैसले को सियासी दबाव के तहत लिया गया कदम मानती है।उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान से पढ़ने के बाद पार्टी अपनी आगे की रणनीति बनाएगी। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि किन शर्तों के तहत केजरीवाल को जमानत दी गई है और क्या इससे पार्टी के अभियान और दिशा में कोई बदलाव आएगा।

खबर भी पढ़ें : दिल्ली शराब नीति केस: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, जानिए किन शर्तों पर रिहा हुए

राघव चड्ढा ने यह भी कहा कि दिल्ली और पूरे देश में आप कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच खुशी की लहर है। उन्होंने पुष्टि की कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही हरियाणा विधानसभा चुनाव में आप के प्रचार अभियान का नेतृत्व करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पार्टी को और मजबूती मिलेगी और वे अब आगामी चुनावों में और ज्यादा उत्साह के साथ भाग लेंगे।

 

The post सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल को जमानत, आप नेताओं ने दी प्रतिक्रिया, मनीष सिसोदिया ने कहा “सत्यमेव जयते. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/supreme-court-to-kejriwa/feed/ 0
अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फ़ैसला. https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/arvind-kejriwals-bail-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/arvind-kejriwals-bail-2/#respond Thu, 05 Sep 2024 11:09:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4677 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपी बनाया है। ईडी के मामले में केजरीवाल को पहले ही …

The post अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फ़ैसला. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपी बनाया है। ईडी के मामले में केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन आज सीबीआई मामले में उनकी जमानत याचिका पर बहस हो रही है। इस सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा, जबकि सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जिरह की।

एएसजी एसवी राजू ने शुरुआत में सवाल उठाया कि केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट को दरकिनार कर सीधे सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका क्यों दायर की। राजू ने तर्क दिया कि मामले में पहले मनीष सिसोदिया, के कविता और अन्य आरोपी ट्रायल कोर्ट से होते हुए हाईकोर्ट पहुंचे थे, फिर अरविंद केजरीवाल को भी उसी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। राजू ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल कोई ‘विशेष’ व्यक्ति हैं, जिन्हें अलग तरह की कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से ही जमानत मिली थी, इसलिए उन्हें सीबीआई मामले में भी पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।

खबर भी पढ़ें : भाजपा से टिकट कटने पर कविता जैन के समर्थकों में आक्रोश, 8 सितंबर को बड़े फैसले की चेतावनी.

इसके अलावा, एएसजी राजू ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था और ट्रायल कोर्ट में जाने का विकल्प दिया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जमानत याचिका दायर करते समय केजरीवाल ने चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार नहीं किया था, जो कि कानूनी दृष्टिकोण से गलत है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने अभी तक गुण-दोष पर विचार नहीं किया है और अगर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलती है, तो इससे उच्च न्यायालय की प्रक्रिया कमजोर हो जाएगी। अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा कि यह शायद पहला मामला है, जिसमें किसी व्यक्ति को दो बार जमानत मिल चुकी है, फिर भी उसे रिहा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उनके मुवक्किल को दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया और अब अचानक उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।

सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल का नाम एफआईआर में नहीं था और उन्हें अप्रैल 2023 में एक गवाह के रूप में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सिंघवी ने आगे कहा कि सीबीआई ने अभी तक केजरीवाल के खिलाफ कोई नया ठोस सबूत नहीं पेश किया है। केवल एक पुराने बयान के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि केजरीवाल न तो फ्लाइट रिस्क (भागने का खतरा) हैं, और न ही वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनके विदेश भागने का सवाल ही नहीं उठता।

खबर भी पढ़ें : भाजपा की आलोचना और जन सुराज की चुनौती,प्रशांत किशोर की राजनीति पर चर्चा.

सिंघवी ने आगे कहा कि केजरीवाल को पहले से ही तीन बार जमानत मिल चुकी है, जिसमें ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश शामिल हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि अब केजरीवाल को फिर से ट्रायल कोर्ट में भेजना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे केवल देरी होगी और मामले की सुनवाई लंबी खिंच सकती है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुय्यां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कई टिप्पणियाँ कीं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि हाईकोर्ट को इस मामले में पहले ही आदेश देना चाहिए था जब उन्होंने नोटिस जारी किया। वहीं जस्टिस भुय्यां ने कहा कि हाईकोर्ट ने फैसला लिखने में 7 दिन का समय लिया, जबकि उन्हें तुरंत निर्णय देना चाहिए था।

जब एएसजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उच्च न्यायालय के मनोबल को कमजोर कर सकता है, तो जस्टिस भुय्यां ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के पास अभी भी मामला गुण-दोष पर विचार करने का अवसर है। अंततः, जिरह के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि मामले पर फैसला सुनाया जाएगा, लेकिन एएसजी एसवी राजू ने और समय की मांग की।

The post अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फ़ैसला. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/arvind-kejriwals-bail-2/feed/ 0
स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा कारणों से मनीष सिसोदिया की पदयात्रा स्थगित, अब 16 अगस्त से शुरू होगी पदयात्रा . https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/independence-day-on-security/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/independence-day-on-security/#respond Wed, 14 Aug 2024 06:39:05 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4300 दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जो आबकारी नीति मामले में 17 महीने तिहाड़ जेल में बिताने के बाद हाल ही में रिहा हुए हैं, की पदयात्रा को स्थगित कर दिया गया है। यह पदयात्रा जो पहले 14 अगस्त को शुरू होने वाली थी, अब 16 अगस्त से शुरू होगी। इस फैसले की जानकारी दिल्ली …

The post स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा कारणों से मनीष सिसोदिया की पदयात्रा स्थगित, अब 16 अगस्त से शुरू होगी पदयात्रा . first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, जो आबकारी नीति मामले में 17 महीने तिहाड़ जेल में बिताने के बाद हाल ही में रिहा हुए हैं, की पदयात्रा को स्थगित कर दिया गया है। यह पदयात्रा जो पहले 14 अगस्त को शुरू होने वाली थी, अब 16 अगस्त से शुरू होगी। इस फैसले की जानकारी दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस वार्ता में दी। सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए इस पदयात्रा की तारीख को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। इस अनुरोध को स्वीकारते हुए आम आदमी पार्टी ने पदयात्रा की तारीख में परिवर्तन किया है।

मनीष सिसोदिया, जिन्हें दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोपों में जेल भेजा गया था, शुक्रवार को जमानत पर रिहा हुए। जेल से रिहाई के बाद सिसोदिया ने अपने राजनीतिक सफर को नए सिरे से शुरू करने का निर्णय लिया है। वह अब दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों से सीधा संवाद करेंगे और उनके मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे। इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के लोगों से सीधे जुड़ना और आगामी चुनावों के लिए समर्थन जुटाना है।

खबर भी पढ़ें : कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या पर देशभर में आक्रोश, डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल और विरोध प्रदर्शन जारी.

सिसोदिया ने अपनी रिहाई के बाद सोमवार और मंगलवार को दिल्ली के विधायकों और पार्षदों से मुलाकात की। इन बैठकों में सिसोदिया ने पार्टी की आगे की रणनीति और योजनाओं पर चर्चा की। अब उनका अगला कदम जनता से सीधा संवाद करना है, जिसके तहत वह घर-घर जाकर लोगों से मिलेंगे और उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास करेंगे।

खबर भी पढ़ें : वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए संसद की संयुक्त समिति का गठन, जगदंबिका पाल होंगे अध्यक्ष.

स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराने के विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के किसी भी मंत्री द्वारा झंडा फहराना जनता के सम्मान की बात है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता का असली मतलब यही है कि जनता द्वारा चुने गए लोग ही देश और राज्य का संचालन करें, न कि किसी अन्य प्रकार से नियुक्त किए गए व्यक्ति। मनीष सिसोदिया की यह पदयात्रा दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में जाकर लोगों से मिलने और उनके समर्थन को हासिल करने के उद्देश्य से की जाएगी। अब देखना होगा कि यह पदयात्रा सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के लिए आगामी चुनावों में कितनी प्रभावी साबित होती है।

The post स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा कारणों से मनीष सिसोदिया की पदयात्रा स्थगित, अब 16 अगस्त से शुरू होगी पदयात्रा . first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/independence-day-on-security/feed/ 0
सुप्रीम कोर्ट से मिली मनीष सिसोदिया को जमानत: 17 महीनों की कैद के बाद राहत, जानिए किन दलीलों पर आधारित है फैसला” https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/money-received-from-supreme-court/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/money-received-from-supreme-court/#respond Sat, 10 Aug 2024 06:47:26 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4229 दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, जिससे उन्हें 17 महीनों की लंबी कैद के बाद राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कई महत्वपूर्ण दलीलें पेश की हैं। आइए, समझते हैं कि सुप्रीम …

The post सुप्रीम कोर्ट से मिली मनीष सिसोदिया को जमानत: 17 महीनों की कैद के बाद राहत, जानिए किन दलीलों पर आधारित है फैसला” first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, जिससे उन्हें 17 महीनों की लंबी कैद के बाद राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कई महत्वपूर्ण दलीलें पेश की हैं। आइए, समझते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने किन आधारों पर सिसोदिया को जमानत दी है।

बिना सजा के लंबे समय तक कैद: सिसोदिया ने सीबीआई के मामले में 13 और ईडी के मामले में 14 याचिकाएं निचली अदालत में दाखिल की थीं। उन्होंने अदालत में तर्क दिया कि उन्हें बिना सजा के लंबे समय तक जेल में रखा गया है, जो कि कानून के विपरीत है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिना सजा के लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता। यह स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है और किसी भी अभियुक्त को त्वरित न्याय पाने का अधिकार है।

ईडी की आपत्ति को खारिज करना: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की इस आपत्ति को भी खारिज कर दिया कि सिसोदिया की जमानत याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। अदालत ने कहा कि 17 महीने की लंबी कैद और मुकदमे की प्रक्रिया शुरू ना होने के कारण सिसोदिया को उनके सुनवाई के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। अदालत ने यह भी माना कि इस मामले में 400 से अधिक गवाह हैं और ऐसे में मुकदमे का जल्द पूरा होना संभव नहीं है।

ट्रिपल टेस्ट का प्रभाव: सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि इस मामले में “ट्रिपल टेस्ट” लागू नहीं होगा, क्योंकि यह मामला ट्रायल की देरी से संबंधित है। अदालत ने स्पष्ट किया कि लंबे समय तक कैद में रहने और ट्रायल शुरू ना होने के कारण सिसोदिया की जमानत दी गई है।

न्याय का मजाक नहीं: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सिसोदिया को वापस ट्रायल कोर्ट में भेजा जाता है, तो यह न्याय का मजाक उड़ाने जैसा होगा। अदालत ने यह भी कहा कि निचली अदालत ने त्वरित न्याय के अधिकार को अनदेखा करते हुए मेरिट के आधार पर जमानत नहीं दी थी।

खबर भी पढ़ें : भारत में शेख हसीना का दीर्घकालिक प्रवास, बांग्लादेश की राजनीतिक अनिश्चितता और संभावित विकल्प.

जेल अपवाद है, जमानत नियम है: अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा कि “जेल अपवाद है, जबकि जमानत नियम है।” अदालत ने लंबे समय तक सिसोदिया को जेल में रखे जाने पर भी विचार किया और माना कि आने वाले समय में भी ट्रायल पूरा होने की संभावना नहीं है।

अपीलकर्ता को बार-बार परेशान नहीं करना चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सिसोदिया को फिर से ट्रायल कोर्ट में भेजा जाता है, तो यह उनके साथ “सांप-सीढ़ी का खेल” खेलने जैसा होगा। अदालत ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बार-बार एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, खासकर तब जब सुनवाई में देरी का कोई ठोस प्रमाण न हो।

खबर भी पढ़ें :17 महीने बाद जेल से रिहा हुए मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, AAP कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा.

स्वतंत्रता का अधिकार सर्वोपरि: अंत में, सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें सिसोदिया को दिल्ली के सीएम ऑफिस जाने से रोकने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि स्वतंत्रता का अधिकार हमेशा महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी स्थिति में नकारा नहीं जा सकता है।

The post सुप्रीम कोर्ट से मिली मनीष सिसोदिया को जमानत: 17 महीनों की कैद के बाद राहत, जानिए किन दलीलों पर आधारित है फैसला” first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/money-received-from-supreme-court/feed/ 0
17 महीने बाद जेल से रिहा हुए मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, AAP कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/i-was-released-from-jail-after-17-months/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/i-was-released-from-jail-after-17-months/#respond Sat, 10 Aug 2024 05:15:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4232 दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद शुक्रवार शाम जेल से रिहा किया गया। लगभग 17 महीने की लंबी जेल यात्रा के बाद सिसोदिया ने बाहर आकर अपने समर्थकों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। शनिवार सुबह मनीष सिसोदिया ने सोशल …

The post 17 महीने बाद जेल से रिहा हुए मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, AAP कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद शुक्रवार शाम जेल से रिहा किया गया। लगभग 17 महीने की लंबी जेल यात्रा के बाद सिसोदिया ने बाहर आकर अपने समर्थकों और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। शनिवार सुबह मनीष सिसोदिया ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म “एक्स” (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पत्नी सीमा सिसोदिया के साथ चाय पीते हुए एक तस्वीर साझा की। इस तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, “आज़ादी की सुबह की पहली चाय….. 17 महीने बाद! वह आजादी जो संविधान ने हमें जीने के अधिकार की गारंटी के रूप में दी है। वह आजादी जो ईश्वर ने हमें खुली हवा में सांस लेने के लिए दी है।”

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत देते हुए इस बात को माना कि वे एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके देश से भागने की कोई संभावना नहीं है। अदालत ने यह भी उल्लेख किया कि जो सबूत अब तक सिसोदिया के खिलाफ मिले हैं, वे पर्याप्त हैं और इससे अधिक गड़बड़ी की संभावना नहीं है। अदालत ने यह फैसला सीबीआई और ईडी के द्वारा की गई अपीलों को खारिज करते हुए दिया। सीबीआई और ईडी का पक्ष रखने वाले एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट से अपील की थी कि सिसोदिया पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरह सचिवालय जाने पर प्रतिबंध लगाया जाए। यह अनुरोध कोर्ट ने ठुकरा दिया, जिससे मनीष सिसोदिया के लिए बड़ी राहत मिली।

खबर भी पढ़ें : विनेश फोगाट को 100 ग्राम वजन अधिक होने पर पेरिस ओलंपिक से किया गया अयोग्य, पीएम मोदी ने जताया गहरा दुख

मनीष सिसोदिया की रिहाई और सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच नई ऊर्जा का संचार किया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने सिसोदिया के समर्थन में बयान दिए और इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताया। अरविंद केजरीवाल ने भी सिसोदिया की रिहाई का स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया। आबकारी घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी और उसके बाद की जांच प्रक्रिया ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा हलचल मचाया था। सीबीआई और ईडी ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे, जिनमें कई अन्य व्यक्तियों के भी नाम सामने आए थे। इन मामलों में सिसोदिया पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शराब नीति के तहत कुछ कंपनियों और व्यक्तियों को अनुचित लाभ पहुंचाया, जिसके परिणामस्वरूप सरकार को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।

खबर भी पढ़ें : Paris Olympics 2024 : अमन सेहरावत सेमीफाइनल में पहुंचे, पदक जीतने से बस एक कदम दूर.

सिसोदिया की रिहाई के बाद अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की जांच प्रक्रिया किस दिशा में जाती है और क्या नए सबूत सामने आते हैं। हालांकि, सिसोदिया की रिहाई ने एक बार फिर से दिल्ली की राजनीति को गरमा दिया है और इस मामले में न्यायालय के अगले कदम का इंतजार रहेगा। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और उसके निर्णयों की विश्वसनीयता को सबके सामने रखा है। मनीष सिसोदिया की 17 महीने की जेल यात्रा और उसके बाद उनकी रिहाई ने उनके समर्थकों को एक नई उम्मीद दी है। अब यह देखना बाकी है कि वे अपने राजनीतिक करियर को कैसे आगे बढ़ाते हैं और क्या वे दिल्ली की राजनीति में फिर से महत्वपूर्ण भूमिका निभा पाते हैं।

The post 17 महीने बाद जेल से रिहा हुए मनीष सिसोदिया, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत, AAP कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/i-was-released-from-jail-after-17-months/feed/ 0
“मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से न्यायमूर्ति संजय कुमार ने खुद को किया अलग, नई पीठ करेगी 15 जुलाई को विचार” https://chaupalkhabar.com/2024/07/11/manish-sisodia-bail/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/11/manish-sisodia-bail/#respond Thu, 11 Jul 2024 11:00:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3895 दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने खुद को मामले से अलग कर लिया है। यह याचिकाएं सिसोदिया ने आबकारी नीति घोटाला मामलों में अपनी जमानत पुनर्जीवित करने के लिए दायर की थीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की पीठ …

The post “मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से न्यायमूर्ति संजय कुमार ने खुद को किया अलग, नई पीठ करेगी 15 जुलाई को विचार” first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार ने खुद को मामले से अलग कर लिया है। यह याचिकाएं सिसोदिया ने आबकारी नीति घोटाला मामलों में अपनी जमानत पुनर्जीवित करने के लिए दायर की थीं। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, संजय करोल और संजय कुमार की पीठ ने यह फैसला सुनाया कि न्यायमूर्ति कुमार व्यक्तिगत कारणों से इस मामले की सुनवाई नहीं करना चाहेंगे। जैसे ही सुनवाई शुरू हुई, न्यायमूर्ति खन्ना ने बताया कि न्यायमूर्ति कुमार को कुछ व्यक्तिगत परेशानी है, जिसके चलते वे इस मामले की सुनवाई से अलग हो रहे हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी, जो सिसोदिया का पक्ष रख रहे थे, ने पीठ से मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। उन्होंने जोर दिया कि इस मामले में समय की अहमियत है, क्योंकि अभी तक दोनों मामलों में सुनवाई नहीं हुई है। इसके जवाब में पीठ ने कहा कि दूसरी पीठ 15 जुलाई को इस पर विचार करेगी।

इससे पहले, 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर दिया था। यह याचिकाएं सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज मामलों के संबंध में थीं, जो कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़ी थीं। सिसोदिया ने पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें दोनों केंद्रीय एजेंसियों द्वारा जांचे गए मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। मनीष सिसोदिया द्वारा उच्च न्यायालय में निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को चुनौती दी गयी थी। जिसके बाद इस आदेश में 2021-22 के लिए अब रद्द की गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था। निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए सिसोदिया ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जहां उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

ये खबर भी पढ़ें : “पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई के दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, राज्य को मिली राहत”

पिछले साल, 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार और धन शोधन मामलों में जमानत देने से इंकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि थोक शराब डीलरों को 338 करोड़ रुपये के ‘अप्रत्याशित लाभ’ का आरोप सबूतों द्वारा ‘अस्थायी रूप से समर्थित’ था। सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को इस शराब नीति मामले में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। इसके बाद, नौ मार्च, 2023 को ईडी ने भी सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तारियों के बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी, 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया।

सुप्रीम कोर्ट की यह ताजा कार्रवाई मनीष सिसोदिया के लिए एक और झटका है, क्योंकि उनकी जमानत की उम्मीदों को एक और धक्का लगा है। आबकारी नीति घोटाले में उनकी कथित भूमिका को लेकर जांच एजेंसियों द्वारा दर्ज मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं पर अभी तक कोई फैसला नहीं आया है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 जुलाई को होगी, जब एक नई पीठ, जिसमें न्यायमूर्ति कुमार नहीं होंगे, इस पर विचार करेगी। इस मामले में समय की अहमियत को देखते हुए, सिसोदिया और उनके वकील इस तारीख का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वे अपनी याचिकाओं पर पुनर्विचार करवा सकें। न्यायालय का यह निर्णय उनके लिए कितना महत्वपूर्ण साबित होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

The post “मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई से न्यायमूर्ति संजय कुमार ने खुद को किया अलग, नई पीठ करेगी 15 जुलाई को विचार” first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/07/11/manish-sisodia-bail/feed/ 0