ministry of education - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Thu, 20 Jun 2024 08:29:44 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg ministry of education - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 NEET घोटाले के बाद सरकार ने क्यों रद्द की NET परीक्षा ? जानें एंटी पेपर लीक कानून की बातें और सजा के प्रावधान https://chaupalkhabar.com/2024/06/20/what-did-the-government-do-after-the-neet-scam/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/20/what-did-the-government-do-after-the-neet-scam/#respond Thu, 20 Jun 2024 08:29:44 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3655 शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार रात को UGC NET जून 2024 परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। परीक्षा में सामने आई अनियमितताओं के कारण यह निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने नई परीक्षा कराने की घोषणा की है और जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है। यह परीक्षा 18 जून को हुई थी …

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शिक्षा मंत्रालय ने गुरुवार रात को UGC NET जून 2024 परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया है। परीक्षा में सामने आई अनियमितताओं के कारण यह निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने नई परीक्षा कराने की घोषणा की है और जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंपी है। यह परीक्षा 18 जून को हुई थी और इसमें 11 लाख से अधिक छात्रों ने भाग लिया था। परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने किया था, जिसने इसके सफलतापूर्वक संपन्न होने का दावा किया था। परीक्षा रद्द होने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार को अचानक इतना बड़ा फैसला क्यों लेना पड़ा? शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट ने परीक्षा में हुई गड़बड़ी की सूचना दी थी।

इस जानकारी के सामने आने के बाद परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता बनाए रखने के लिए सरकार ने परीक्षा रद्द करने और पुनः आयोजित करने का फैसला किया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिन लोगों की वजह से पेपर लीक हुआ और जिन अपराधियों की वजह से छात्रों का समय बर्बाद हुआ, उन्हें क्या सजा मिलेगी? बता दें कि मोदी सरकार ने NET-UGC, UPSC, SSC, रेलवे भर्ती, बैंकिंग जैसी परीक्षाओं में पेपर लीक करने वाले अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एंटी पेपर कानून बनाया है, जिसे सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 नाम दिया गया है। इस साल के फरवरी महीने में इस कानून को पारित किया गया था।

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कानून के अनुसार, पेपर लीक मामले में दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने के मामले में यदि कोई दोषी पाया जाता है तो अपराधी को 3 से 5 साल की जेल होगी और 10 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके अलावा, अगर परीक्षा में गड़बड़ी में किसी संस्थान का नाम सामने आता है तो उस संस्थान से परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा और संस्थान की संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है। इस कानून का उद्देश्य परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता बनाए रखना और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को सख्त सजा देना है। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि सरकार परीक्षा प्रणाली की शुद्धता को बनाए रखने के लिए गंभीर है और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के लिए प्रतिबद्ध है। छात्रों को न्याय दिलाने और उनके भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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NEET परीक्षा में गड़बड़ी: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 1563 छात्रों के ग्रेस मार्क्स रद्द, 23 जून को फिर होगी परीक्षा. https://chaupalkhabar.com/2024/06/13/neet-exam-mistake-sup/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/13/neet-exam-mistake-sup/#respond Thu, 13 Jun 2024 07:15:11 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3578 नई दिल्ली: मेडिकल में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में गड़बड़ी के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने अदालत को सूचित किया कि 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द किए जा रहे हैं और …

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नई दिल्ली: मेडिकल में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) में गड़बड़ी के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने अदालत को सूचित किया कि 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स रद्द किए जा रहे हैं और इन छात्रों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की जाएगी। एनटीए ने इन छात्रों को विकल्प दिया है कि वे या तो 23 जून को आयोजित होने वाली री-नीट में शामिल हो सकते हैं या फिर बिना ग्रेस मार्क्स की मार्कशीट के साथ नीट यूजी की काउंसलिंग में हिस्सा ले सकते हैं। एनटीए ने आगे जानकारी दी कि 23 जून को आयोजित होने वाली दोबारा परीक्षा का रिजल्ट 30 जून के पहले आ सकता है।

सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने नीट यूजी काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को अपना जवाब 2 सप्ताह के भीतर दाखिल करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, खंडपीठ ने सभी संबंधित मामलों की अगली सुनवाई की तारीख 8 जुलाई निर्धारित की है। याचिकाकर्ता और फिजिक्स वल्लाह के सीईओ अलख पांडे ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, “आज एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट के सामने स्वीकार किया कि छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स गलत थे और इससे छात्रों में असंतोष पैदा हुआ। एनटीए ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि वे ग्रेस मार्क्स को हटा देंगे।”

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उन्होंने आगे कहा कि 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा 23 जून को होगी या फिर वे बिना ग्रेस मार्क्स के अपने मूल स्कोर को स्वीकार कर सकते हैं। पांडे ने एनटीए पर विश्वास के मुद्दे को भी उठाया और कहा कि पेपर लीक का मुद्दा अभी खुला है और उस पर सुनवाई जारी रहेगी। इससे पहले, शिक्षा मंत्रालय और सूचना प्रसारण मंत्रालय के सचिवों के साथ नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक ने कहा था कि नीट परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि विवाद सिर्फ छह केंद्रों के करीब 1600 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने का है, जिन्हें यह मार्क्स परीक्षा में कम समय दिए जाने के एवज में दिए गए थे। वहीं, एनटीए ने साफ तौर पर कहा कि परीक्षा की कोई पेपर लीक नहीं हुई है।

सुप्रीम कोर्ट की आज की सुनवाई में एनटीए की तरफ से दिए गए बयानों ने छात्रों और उनके अभिभावकों में एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है। 1563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का आयोजन करना और ग्रेस मार्क्स रद्द करना निश्चित रूप से उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है। हालांकि, एनटीए ने यह कदम छात्रों की भलाई और परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया है। इस पूरे मामले ने नीट परीक्षा की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यद्यपि एनटीए ने पेपर लीक की किसी भी संभावना को नकारा है, लेकिन छात्रों और उनके अभिभावकों के मन में अब भी संशय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट की आगे की सुनवाई में इस मामले पर और भी खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे इस विवाद का समाधान हो सकेगा।

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इस विवाद ने नीट परीक्षा की तैयारियों में लगे लाखों छात्रों के मनोबल पर भी असर डाला है। छात्रों और उनके अभिभावकों को उम्मीद है कि अदालत जल्द से जल्द इस मामले का निष्पक्ष और त्वरित समाधान करेगी, ताकि वे अपने भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें। नीट परीक्षा की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना एनटीए की जिम्मेदारी है और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले का सही समाधान निकलने की उम्मीद है।

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केंद्र द्वारा जारी किये गए कोचिंग सेंटर विनियमन के 2024, शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव https://chaupalkhabar.com/2024/01/20/coaching-center-regulation-2024-issued-by-the-centre-a-significant-change-in-the-education-sector/ https://chaupalkhabar.com/2024/01/20/coaching-center-regulation-2024-issued-by-the-centre-a-significant-change-in-the-education-sector/#respond Sat, 20 Jan 2024 09:40:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2179 केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन के 2024 के नए दिशानिर्देशों ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की राह दिखाई है। नए निर्देशों के अनुसार, 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में नामांकन की अनुमति नहीं होगी, और माता-पिता और छात्रों से भ्रामक वादे या रैंक की गारंटी नहीं मांगी …

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केंद्र द्वारा जारी कोचिंग सेंटर विनियमन के 2024 के नए दिशानिर्देशों ने शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव की राह दिखाई है। नए निर्देशों के अनुसार, 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों को कोचिंग सेंटरों में नामांकन की अनुमति नहीं होगी, और माता-पिता और छात्रों से भ्रामक वादे या रैंक की गारंटी नहीं मांगी जाएगी।

 

Coaching Centres New Rules: Age restriction, fees, study hours; What  parents and students should know - The Economic Times

 

सामान्यत: हम देखते हैं कि अभिभावक अपने बच्चों को टॉप कोचिंग सेंटरों में दाखिल करवाने के लिए तैयार होते हैं और इसके लिए वे बच्चों को विभिन्न रैंकिंग की गारंटी देने के लिए कोचिंग संस्थानों के साथ अनुबंध करते हैं। यह नए निर्देश उन्हें सावधान करेगा और इससे बच्चों को अपनी पढ़ाई में सही दिशा मिलेगी। कोचिंग सेंटरों की गहराईयों में बात करते हुए, इस इंडस्ट्री ने बच्चों को एक खुदरा सामाजिक प्रोजेक्ट की तरह बना दिया है, जहां कोचिंग संस्थान ही सब कुछ होते हैं। इससे बच्चों की जिम्मेदारियों  में कमी होती है और उन्हें सही दिशा में पढ़ाई की शुरुआत करने का मौका मिलता है।

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नए निर्देशों के तहत, अब कोचिंग संस्थान उम्र से कम बच्चों को नहीं ले पाएंगे, जिससे उन्हें अपनी रैंक और पढ़ाई की गारंटी देने का दबाव नहीं होगा। इसके साथ ही, फीस को नियंत्रित करने और मानसिक स्वास्थ्य को पहलू में रखने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली के एल्कॉन इंटरनेशनल स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक राजीव झा के मुताबिक, सरकार के नए निर्देशों का स्वागत है, क्योंकि इससे बच्चों को अपने मार्ग पर चलने का मौका मिलेगा। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि सरकार ने इसमें काफी देर कर दी है और कोचिंग संस्थानों को और भी सख्ती से नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना चाहिए।

Coaching centres barred from enrolling students below 16 years | 5 major  points to know of Govt-issued new rules | Mint

 

शशि प्रकाश सिंह, जो कोटा समेत कई जगहों पर शिक्षा से जुड़े हुए हैं, कहते हैं कि नए निर्देशों का स्वागत है, लेकिन इन्हें सख्ती से पालन करना होगा ताकि इससे सच्च में प्रभाव हो सके। वे यह भी चाहते हैं कि नियमों की उल्लंघन को बढ़ावा नहीं मिलना चाहिए। दिल्ली पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम का कहना है कि उन्होंने देखा है कि छोटी उम्र के बच्चों के जो पेरेंट्स इन कोचिंग सेंटरों के जाल में फंस जाते हैं, उनका बच्चे के बड़े होते तक यहां सब लुट जाता है। वे समझाती हैं कि नए निर्देशों से कोचिंग सेंटर्स का पैटर्न बदलेगा, लेकिन इसे सख्ती से पालन करना होगा ताकि विशेषज्ञता और मानवीय मूल्यों का पालन हो सके।

आने वाले समय में हम यह देखेंगे कि क्या ये नए निर्देशों ने वाकई में कोचिंग सेंटर्स की दुनिया को कैसे बदला लाते हैं, लेकिन एक बात स्पष्ट है कि बच्चों की पढ़ाई को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

 

By Neelam Singh.

 

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