Moumita Debnath - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Moumita Debnath - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पर सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/#respond Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5147 आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने पूरी तरह नियंत्रित किया था। उन्होंने अपने करीबी और विश्वसनीय डॉक्टरों के जरिए यह सुनिश्चित किया कि पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया उनके हिसाब से हो।

CBI ने मुर्दाघर सहायक से पूछताछ के दौरान पाया कि पोस्टमॉर्टम के समय सहायक को शव के पास आने तक नहीं दिया गया था। उसे कमरे के एक कोने में बिठाकर रखा गया, जबकि सामान्य स्थिति में उसका काम होता है शव के क्षतिग्रस्त अंगों को चिन्हित करना और पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को पूरा करने में डॉक्टरों की मदद करना। इसके अलावा, सहायक का काम शव को सिलने का भी होता है, लेकिन इस बार उसे यह करने से रोका गया।

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CBI की इस जांच से यह संकेत मिलता है कि पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया गया था, जो कि इस घटना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। पोस्टमॉर्टम के समय की यह परिस्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि मामले को दबाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र शाखा से जुड़े प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलदर ने इस घटना पर आधारित “आगमनी तिलोत्तमार गल्पो” नामक एक लघु फिल्म तैयार की है, जिसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद उत्पन्न हो गया है। फिल्म का पोस्टर सामने आने के बाद TMC ने इन दोनों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

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हालांकि, दोनों का कहना है कि फिल्म का पोस्टर देखकर इसके कंटेंट पर कोई निष्कर्ष निकालना गलत होगा। उनका कहना है कि वे फिल्म के जरिए किसी भी तरह का अन्याय उजागर करना चाहते हैं, और वे फिल्म को प्रदर्शित करने के अपने निर्णय पर अडिग हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि फिल्म का तृणमूल कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में न्याय चाहती है और वह इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।

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पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/#respond Tue, 10 Sep 2024 13:01:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4798 पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक …

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पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी तौर पर गहराता जा रहा है, और इस पर वकीलों के प्रदर्शन ने भी इसे और संवेदनशील बना दिया है। सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 8 दिन की हिरासत के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन और समाज में काफी नाराजगी है, और लोगों की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं।

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अलीपुर में जब संदीप घोष को कोर्ट में पेश किया गया, तो वकीलों का एक बड़ा समूह उनके खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आया। प्रदर्शनकारी वकील घोष के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे थे। वे फांसी की सजा की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वकीलों ने कहा, “संदीप घोष को फांसी होनी चाहिए। वह बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है। उसे समाज के सामने शर्मिंदा किया जाना चाहिए।” प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और आक्रोश का स्तर इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कोर्ट परिसर में घोष का चेहरा दिखाने और उन्हें सजा देने की मांग की। कई वकील और छात्र इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, और कुछ ने मांग की है कि जांच और तेज की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज का यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें शामिल सभी आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिनके आधार पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। संदीप घोष पर लगे आरोपों ने पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी है।सीबीआई की जांच के दौरान अब तक कई अहम दस्तावेज और गवाह सामने आए हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। अब सभी की नजरें 23 सितंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि न्यायालय क्या फैसला करता है।

मामले के संबंध में वकीलों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस तरह के मामलों में न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि समाज में कानून का डर बना रहे। इस मामले ने समाज में एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और कानून का पालन कितना जरूरी है। संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और आगे की जांच जारी रहेगी। 23 सितंबर की सुनवाई के दौरान मामले के और भी महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है, जिससे यह पता चलेगा कि दोषियों को किस तरह की सजा दी जाएगी।

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कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/#respond Tue, 03 Sep 2024 10:24:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4596 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा …

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा का यह सत्र खास तौर पर इस मुद्दे पर चर्चा और विधेयक के पारित करने के लिए बुलाया गया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस पर बोलते हुए देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में 20 साल की दलित महिला के साथ रेप और बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में 2013 में एक कॉलेज छात्रा की रेप और बर्बर हत्या के मामलों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जयपुर में हाल ही में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के साथ रेप की घटना को भी सामने रखा। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर असामान्य रूप से अधिक है, और वहां महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं को न्याय मिलेगा और इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून तुरंत प्रभाव से लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस विधेयक को लागू किया जाए और इसका परिणाम दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को सुनने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस बिल को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।

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एंटी रेप बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक में रेप और हत्या के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:

1. मौत की सजा:  रेप और हत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

2. चार्जशीट और सजा:  चार्जशीट दाखिल करने के 36 दिनों के भीतर दोषी को सजा-ए-मौत का प्रावधान है।

3. तेजी से जांच:  इस विधेयक के तहत 21 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

4. अपराधियों की मदद करने पर सजा:  अपराधियों की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

5. स्पेशल टास्क फोर्स:  हर जिले में स्पेशल “अपराजिता टास्क फोर्स” का गठन किया जाएगा, जो रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ के मामलों में तुरंत कार्रवाई करेगी।

6. एसिड अटैक पर सजा:  एसिड अटैक के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

7. पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा:  पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।

8. तेजी से सुनवाई:  विधेयक में BNSS प्रावधानों में संशोधन करते हुए सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान शामिल है।

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विधेयक का कानून बनना

इस विधेयक के कानून बनने के लिए अब राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है। विधानसभा में इस बिल का पारित होना इसलिए आसान रहा क्योंकि 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 223 विधायकों का समर्थन है। लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इसका उदाहरण 2019 के आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक और 2020 के महाराष्ट्र शक्ति विधेयक हैं, जिनमें सभी रेप मामलों के लिए सिर्फ मौत की सजा का प्रावधान था, लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी आज तक नहीं मिली है। इस विधेयक में BNSS और 2012 के पोक्सो अधिनियम के कुछ हिस्सों में संशोधन करते हुए, पीड़िता की उम्र चाहे जो भी हो, यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की घटना के बाद जनता के गुस्से और न्याय की मांग के बीच, ममता बनर्जी ने इस एंटी रेप बिल को लाने का निर्णय लिया। अब इस विधेयक का कानून बनना इस पर निर्भर करेगा कि इसे राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है या नहीं।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार, वित्तीय अनियमितताओं और रेप मर्डर केस में सीबीआई की कार्रवाई. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/#respond Tue, 03 Sep 2024 06:45:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4585 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न केवल मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है बल्कि इसके साथ ही बंगाल के राजनीतिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एक लंबे समय से अपने उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल ही में कॉलेज पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। सीबीआई ने इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपों के अनुसार, इन अनियमितताओं के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ और कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में गड़बड़ियां पाई गईं।

सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान कई सबूतों को इकट्ठा किया, जिनसे यह प्रतीत होता है कि इन वित्तीय अनियमितताओं में संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध है। इसके आधार पर, एजेंसी ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया। इस मामले में, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है। ईडी, सीबीआई के एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर (एन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर चुकी है, और अब मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को लेकर जांच जारी है आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल इन दिनों लगातार विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में, इस कॉलेज के एक जूनियर डॉक्टर के साथ घटित एक भयानक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। 9 अगस्त की रात, नाइट ड्यूटी के दौरान, इस डॉक्टर के साथ रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना अस्पताल के भीतर हुई और इसके बाद से कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में भी सीबीआई ने जांच शुरू की है और संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है।

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संदीप घोष से इस मामले में पूछताछ के दौरान उनके बयान लगातार बदलते रहे, जिससे जांच एजेंसियों का शक और भी गहरा हो गया। फिलहाल, यह मामला भी सीबीआई के लिए एक महत्वपूर्ण जांच का विषय बना हुआ है। इस केस ने कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए हैं, और इसने राज्य में चिकित्सा पेशे की नैतिकता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। संदीप घोष की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, “बंगाल के लोग इस मामले में न्याय चाहते थे और यह गिरफ्तारी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे पहले से ही अंदेशा था कि संदीप घोष को सीबीआई गिरफ्तार करेगी। यह कार्रवाई राज्य में बढ़ती भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी है।” सीबीआई और ईडी की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने बंगाल के राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है, क्योंकि यह मामला केवल एक मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठा रहा है।

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इस मामले में संदीप घोष के साथ-साथ तीन व्यापारिक संस्थाओं की भूमिका भी जांच के दायरे में है, और यह देखना बाकी है कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर बंगाल के लोग और राज्य का चिकित्सा समुदाय बेचैनी से आगे की घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं।

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ममता बनर्जी के पास अपने बच्चे नहीं हैं, वो हमारे दर्द को नहीं समझ सकतीं’; दुष्कर्म पीड़िता की मां का गुस्सा फूटा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/#respond Fri, 30 Aug 2024 06:37:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4536 कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से …

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से उन्हें और उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि पीड़िता का परिवार न्याय नहीं चाहता। पीड़िता की मां ने इसे पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि उनका परिवार और पूरा देश उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहा है।

पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को एक मां के दर्द की समझ नहीं है क्योंकि उनके खुद के कोई बच्चे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उनकी बेटी की निर्मम हत्या की गई, वह किसी भी मां के लिए असहनीय है। उन्होंने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जो उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और इस आंदोलन को जारी रखने का आह्वान किया। पीड़िता की मां ने जोर देकर कहा कि उनका परिवार न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगा और जो लोग उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, वे उनके प्रति सदैव आभारी रहेंगे।

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पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाने का प्रयास किया और उन्हें इस बारे में बहुत देरी से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरू से ही अस्पताल प्रशासन पर शक था और उनका मानना है कि इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है।

इस घटना ने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा किया है और लोग पीड़िता के परिवार के साथ खड़े हैं। सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें शुरू से ही पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि सीबीआई जांच से उन्हें न्याय की उम्मीद है और वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह बेहद दर्दनाक है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि सभी लोग इस संघर्ष में उनके साथ बने रहें और उनकी बेटी को न्याय दिलाने में सहयोग करें। इस दुखद घटना के बाद, कोलकाता और पूरे देश में चिकित्सा जगत के लोग और आम जनता न्याय की मांग कर रही है। पीड़िता के परिवार ने इस मामले में सीबीआई जांच पर भरोसा जताते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा दी जाएगी।

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कोलकाता रेप केस के बाद ममता बनर्जी का पीएम मोदी को पत्र: कहा देश में बढ़ते बलात्कार के मामलों पर सख्त कानून बनाए केंद्र सरकार. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-case-after-mamat/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-case-after-mamat/#respond Fri, 23 Aug 2024 12:49:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4408 हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। …

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हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने देश में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। ममता बनर्जी ने इस पत्र में प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बलात्कार के मामलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं। पत्र में ममता बनर्जी ने कहा है कि बलात्कार की बढ़ती घटनाओं से समाज और राष्ट्र का विश्वास हिल गया है। उन्होंने कहा कि उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन लगभग 90 बलात्कार के मामले सामने आते हैं, जिनमें से कई में हत्या भी शामिल होती है। ममता बनर्जी ने लिखा, “देशभर में बलात्कार के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। यह बेहद चिंताजनक है कि रोजाना औसतन 90 बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से कई मामलों में पीड़ित की हत्या भी हो जाती है। इससे समाज और राष्ट्र का विश्वास और विवेक डगमगाने लगता है। हमारा यह कर्तव्य है कि हम इस स्थिति को बदलें और महिलाओं के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें।”

सीएम ममता बनर्जी ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री के सामने तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। पहली मांग यह है कि बलात्कार के मामलों में कठोर और सख्त कानून बनाए जाएं, जो जघन्य और क्रूर अपराधों को रोकने में सक्षम हों। दूसरी मांग यह है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जाए, ताकि ऐसे मामलों में तेजी से सुनवाई हो सके। ममता बनर्जी का मानना है कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से बलात्कार के मामलों की जल्द से जल्द सुनवाई होनी चाहिए।

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तीसरी मांग के तहत ममता बनर्जी ने सुझाव दिया है कि बलात्कार के मामलों में सुनवाई की समय सीमा 15 दिनों के भीतर पूरी की जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि ऐसे मामलों में त्वरित और प्रभावी न्याय नहीं मिला, तो यह न्याय प्रणाली के प्रति लोगों के विश्वास को और कमजोर कर सकता है। यह पत्र उस समय आया है जब हाल ही में कोलकाता में हुए एक रेप-मर्डर केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं।

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सुप्रीम कोर्ट ने न केवल इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए, बल्कि देशभर के डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता पर जोर दिया। इस मामले ने न केवल बंगाल, बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति चिंता को और बढ़ा दिया है। ममता बनर्जी का यह पत्र देश में महिलाओं की सुरक्षा के प्रति उनकी गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अपील की है कि बलात्कार के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं। इस पत्र के माध्यम से ममता बनर्जी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उनके द्वारा उठाई गई मांगें यह दर्शाती हैं कि वे इस मुद्दे को लेकर कितनी चिंतित हैं और इससे निपटने के लिए वे कठोर कदम उठाने को तैयार हैं।

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Kolkata doctor murder case: साइकोलॉजिकल रिपोर्ट से खुलासा, आरोपी संजय रॉय निकला यौन विकृत और खतरनाक. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-doctor-murder-case/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-doctor-murder-case/#respond Fri, 23 Aug 2024 10:44:09 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4396 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुई महिला ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच की गति बढ़ा दी है। मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को आज एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है सीबीआई द्वारा संजय रॉय से पूछताछ के …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुई महिला ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच की गति बढ़ा दी है। मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को आज एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है सीबीआई द्वारा संजय रॉय से पूछताछ के बाद जो जानकारी सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। एक साइकोलॉजिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि संजय रॉय एक खतरनाक मानसिक स्थिति वाला व्यक्ति है। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि वह एक जानवर की तरह व्यवहार करता है और यौन विकृति का शिकार है। पूछताछ के दौरान भी उसने एक बार भी शर्मिंदगी महसूस नहीं की, बल्कि वह हंसता रहा।

सीबीआई अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अपराध स्थल पर संजय रॉय की उपस्थिति के प्रमाण तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों से बरामद किए गये हैं। हालांकि, अभी भी डीएनए परीक्षण के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है, ताकि मामले में और स्पष्टता आ सके। इससे अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ , जांच में यह भी पाया गया है कि संजय रॉय इस घटना से पहले रेडलाइट एरिया में शराब पीने के दौरान पोर्न क्लिप्स देख रहा था। इसके बाद वह अस्पताल पहुंचा और वहां भी उसने अश्लील वीडियो देखा और फिर शराब का सेवन किया।

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घटना के बाद देशभर में इस जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। डॉक्टरों ने इस हत्या के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा भी की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली और काम पर लौट आए। इस हत्या ने चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है। इसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और न्याय की मांग की जा रही है। सीबीआई की जांच में इस मामले में तेजी आई है और उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी।

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अब सभी की नजरें डीएनए परीक्षण के परिणामों पर हैं, जो इस मामले को पूरी तरह से स्पष्ट कर सकते हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे देशभर में बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है, और न्याय की प्रक्रिया पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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Kolkata Doctor Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह सिर्फ हत्या का मामला नहीं’, नेशनल टास्क फोर्स बनाने का आदेश https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/kolkata-doctor-murder-case-supreme-court-said-this/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/kolkata-doctor-murder-case-supreme-court-said-this/#respond Tue, 20 Aug 2024 06:28:39 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4369 पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आज इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस घटना को लेकर बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है और कई सख्त सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पूछा …

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पश्चिम बंगाल के कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए आज इस पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस घटना को लेकर बंगाल सरकार और पुलिस की कार्यवाही पर कड़ी नाराजगी जताई है और कई सख्त सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पूछा कि जब इस तरह की गंभीर घटना हुई, तो पुलिस ने अपराध स्थल (क्राइम सीन) को सुरक्षित रखने के लिए उचित कदम क्यों नहीं उठाए? एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई? इस मामले में पुलिस की लापरवाही को लेकर कोर्ट ने गहरी चिंता जाहिर की है।

डॉक्टरों की सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता: सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला सिर्फ एक हत्या का नहीं है, बल्कि इसके साथ डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी जुड़ा हुआ है। कोर्ट ने कहा कि डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। इस घटना ने पूरे मेडिकल समुदाय को झकझोर कर रख दिया है और इससे देशभर में डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।

सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर होने पर नाराजगी: सुप्रीम कोर्ट ने सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर होने पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। कोर्ट ने पूछा कि आखिर किस आधार पर पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक किया गया? इस तरह की घटनाएं न केवल कानून का उल्लंघन हैं, बल्कि पीड़िता और उसके परिवार के लिए अत्यंत पीड़ादायक भी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार को इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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क्या पीड़ित परिवार को बॉडी देखने नहीं दी गई?: सीजेआई ने सुनवाई के दौरान यह सवाल भी उठाया कि क्या यह सच है कि पीड़ित परिवार को मृत शरीर देखने नहीं दिया गया? इस पर बंगाल सरकार के वकील ने स्वीकार किया कि इस मामले में ऐसे आरोप सही हैं। यह तथ्य इस घटना की गंभीरता को और बढ़ा देता है, और यह सवाल खड़ा करता है कि राज्य प्रशासन ने इस मामले को इतनी लापरवाही से क्यों संभाला?

नेशनल टास्क फोर्स का गठन: इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक नेशनल टास्क फोर्स का गठन करने जा रही है, जो इस मामले की जांच करेगी और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि वह सीबीआई से इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट भी चाहती है। कोर्ट ने पूछा कि जब 7 हजार लोग अस्पताल में घुसे, तब पुलिस क्या कर रही थी?

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राज्यपाल की दिल्ली यात्रा:  इस बीच, बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। जानकारी के अनुसार, राज्यपाल गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से भी मुलाकात कर सकते हैं। सोमवार को राज्यपाल ने बंगाल की कानून-व्यवस्था पर चिंता जाहिर की थी और राजभवन में महिला नेताओं और डॉक्टरों से मुलाकात की थी।

राज्यपाल ने बंगाल को महिलाओं के लिए असुरक्षित जगह बताते हुए मौजूदा सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नीतियों और प्रशासनिक असफलताओं ने राज्य को महिलाओं के लिए असुरक्षित बना दिया है। इस पूरे मामले ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली और कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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