New Cabinet of Delhi Govt - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Thu, 26 Sep 2024 09:03:29 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg New Cabinet of Delhi Govt - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ कड़े कदम, पटाखों पर प्रतिबंध और ऑड-ईवन योजना लागू https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/metropolitan-magistrate-court/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/26/metropolitan-magistrate-court/#respond Thu, 26 Sep 2024 09:03:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5109 दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर हर साल गंभीर होता जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस वर्ष, दिल्ली की आतिशी सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के उद्देश्य से नए नियमों और योजनाओं की घोषणा की है। वायु …

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दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर हर साल गंभीर होता जा रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार पहले से ही कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस वर्ष, दिल्ली की आतिशी सरकार ने प्रदूषण पर लगाम कसने के उद्देश्य से नए नियमों और योजनाओं की घोषणा की है। वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार ने इस बार सख्त निर्णय लेते हुए राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध लगाने और ऑड-ईवन नियम को फिर से लागू करने का फैसला किया है। ये नियम 1 जनवरी 2025 तक लागू रहेंगे।

दिल्ली सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिए इस साल पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है। राजधानी में हर साल दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो जाती है, जिसके चलते सांस लेने में परेशानी और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पिछले साल भी केजरीवाल सरकार ने पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था, और इस साल भी यह फैसला लागू रहेगा। सरकार का मानना है कि इससे वायु प्रदूषण में गिरावट आएगी, जिससे शहर की आबोहवा साफ-सुथरी रहेगी और लोगों की सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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दिल्ली में वाहनों की संख्या बढ़ने से वायु प्रदूषण में भी बढ़ोतरी होती है। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने ऑड-ईवन योजना को फिर से लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत, निजी वाहनों के लिए अलग-अलग दिन तय किए गए हैं। ऑड-ईवन नियम के अनुसार, अगर वाहन की नंबर प्लेट का आखिरी अंक ऑड (विषम) है, तो वह ऑड (विषम) तारीखों पर चलेगा। वहीं, अगर नंबर प्लेट का आखिरी अंक ईवन (सम) है, तो वह ईवन (सम) तारीखों पर सड़कों पर चलाया जा सकेगा।

यह नियम 1 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेगा। इसके तहत सड़कों पर वाहनों की संख्या कम होगी, जिससे वायु प्रदूषण में कमी आने की संभावना है। इससे न केवल पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, बल्कि यातायात की भीड़ में भी कमी आएगी और लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी। इसके अलावा, इस योजना से लोग सार्वजनिक परिवहन का भी अधिक उपयोग करने के लिए प्रेरित होंगे, जिससे प्रदूषण को और कम किया जा सकेगा।

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प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने इस साल ‘वर्क फ्रॉम होम’ (WFH) को भी बढ़ावा देने का फैसला किया है। इससे सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। दिल्ली में हर साल सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण में भारी बढ़ोतरी होती है, इसलिए इस बार सरकार आर्टिफिशियल बारिश की भी योजना बना रही है। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी गई है। आर्टिफिशियल बारिश से हवा में मौजूद प्रदूषक कण धरती पर गिर जाएंगे, जिससे वायु की गुणवत्ता में सुधार होगा।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि प्रदूषण का असर सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे एनसीआर के राज्यों में भी इसका प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने इस साल “विंटर एक्शन प्लान” के तहत सामूहिक प्रयासों की थीम “मिलकर चलें और प्रदूषण से लड़ें” रखी है। इस थीम के जरिए सरकार सभी संबंधित राज्य सरकारों से अपील कर रही है कि वे एक साथ मिलकर इस समस्या का समाधान करें। गोपाल राय ने यह भी कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सभी सरकारों का संयुक्त प्रयास बेहद आवश्यक है। अगर दिल्ली और एनसीआर के राज्य मिलकर काम करेंगे, तो प्रदूषण को कम करने में आसानी होगी। इसलिए सामूहिक रूप से इस समस्या का सामना करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी, कैबिनेट में जातीय संतुलन की कवायद https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/new-chief-minister-of-delhi/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/new-chief-minister-of-delhi/#respond Thu, 19 Sep 2024 10:20:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4983 आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए AAP ने अपने रणनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। इस संदर्भ में आतिशी की कैबिनेट को लेकर …

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आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी 21 सितंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं। यह बदलाव महत्वपूर्ण है क्योंकि फरवरी 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए AAP ने अपने रणनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। इस संदर्भ में आतिशी की कैबिनेट को लेकर भी चर्चाएं जोरों पर हैं। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल इस बार मंत्रिमंडल में जातीय संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे विभिन्न सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके। सूत्रों के अनुसार, आतिशी की कैबिनेट में वर्तमान कैबिनेट के कुछ प्रमुख चेहरे जैसे गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन शामिल रहेंगे। इन सभी नेताओं का दिल्ली की राजनीति में गहरा प्रभाव है और ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ रखते हैं। इन चारों नेताओं ने पहले भी केजरीवाल कैबिनेट में प्रमुख भूमिकाएँ निभाई हैं।

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इस बार चर्चा का एक प्रमुख विषय यह है कि आतिशी की कैबिनेट में एक दलित नेता को भी शामिल किया जा रहा है। नए चेहरों में सबसे प्रमुख नाम मुकेश अहलावत का सामने आया है। अहलावत सुल्तानपुर माजरा से विधायक हैं और दिल्ली में दलित समाज के बड़े नेताओं में से एक माने जाते हैं। वह 2020 में पहली बार विधायक बने थे, जब उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार राम चंदर चावड़िया को 74,573 वोटों से हराया था। जबकि बीजेपी उम्मीदवार को 26,521 और कांग्रेस उम्मीदवार जय किशन को 9,033 वोट मिले थे।

मुकेश अहलावत पार्टी के साथ-साथ अपने समाज में भी एक मजबूत पकड़ रखते हैं, जो उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाता है। पिछले कुछ समय से पार्टी में उन्हें एक महत्वपूर्ण भूमिका देने की अटकलें थीं, और अब वह आतिशी कैबिनेट में मंत्री के रूप में शामिल हो सकते हैं। दिल्ली की राजनीति में जातीय समीकरण हमेशा से ही अहम भूमिका निभाते आए हैं। निवर्तमान अरविंद केजरीवाल सरकार में कोई दलित मंत्री शामिल नहीं था, जो विपक्ष के लिए आलोचना का एक प्रमुख कारण बना। पहले राजेंद्र पाल गौतम, जो दलित समाज के एक प्रमुख नेता थे, केजरीवाल कैबिनेट में मंत्री थे, लेकिन एक विवाद के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। उनके बाद राज कुमार आनंद को मंत्री पद दिया गया था, लेकिन उन्होंने भी कुछ समय पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

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अब जब आतिशी मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं, तो यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कैबिनेट में दलित समुदाय को भी प्रतिनिधित्व मिले। पहले कुलदीप कुमार का नाम मंत्री पद के लिए सामने आया था, लेकिन अब मुकेश अहलावत इस दौड़ में उनसे आगे निकल गए हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव भी महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में AAP की रणनीति यही है कि जातीय संतुलन और समाज के विभिन्न वर्गों के बीच संतुलन बना रहे। मुकेश अहलावत का नाम पहले नॉर्थ वेस्ट दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में भी चर्चा में रहा था। हालांकि, गठबंधन के चलते यह सीट कांग्रेस के हिस्से में चली गई थी।

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