New CM of Delhi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 18 Sep 2024 08:43:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg New CM of Delhi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही आतिशी, जानिए दिल्ली की सियासत में महिलाओं का सफर https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/third-woman-head-of-delhi/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/third-woman-head-of-delhi/#respond Wed, 18 Sep 2024 08:43:47 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4959 दिल्ली की राजनीति में आज का दिन एतिहासिक है। मौजूदा मंत्री आतिशी को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। लेकिन …

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दिल्ली की राजनीति में आज का दिन एतिहासिक है। मौजूदा मंत्री आतिशी को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया है। अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में अब तक किन महिला नेताओं ने मुख्यमंत्री पद संभाला है और किस राजनीतिक दल से उनका जुड़ाव था? आइए, इस ऐतिहासिक सफर पर नज़र डालते हैं।

आतिशी दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने जा रही तीसरी महिला नेता हैं। मौजूदा दिल्ली सरकार में सबसे अधिक विभागों का जिम्मा संभाल रही आतिशी आम आदमी पार्टी की एक प्रमुख चेहरा हैं। अरविंद केजरीवाल के नजदीकी सहयोगियों में से एक मानी जाने वाली आतिशी, समाजसेवा के क्षेत्र में अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से उभरकर आई थीं। उनके नाम की चर्चा अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद से ही हो रही थी, और आज आम आदमी पार्टी की विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया।

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आतिशी की शिक्षा और पृष्ठभूमि भी खासा ध्यान आकर्षित करती है। वह एक पंजाबी राजपूत परिवार से आती हैं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता तब निखर कर सामने आई जब दिल्ली की शराब नीति के मामले में अरविंद केजरीवाल जेल गए थे और तब से आतिशी ने सरकार की जिम्मेदारी बखूबी संभाली। मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम के अलावा कैलाश गहलोत, गोपाल राय, और सौरभ भारद्वाज जैसे प्रमुख नेताओं के नाम भी सामने आए थे, लेकिन पार्टी ने अंततः आतिशी पर भरोसा जताया।

आतिशी से पहले, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री भाजपा की दिग्गज नेता सुषमा स्वराज थीं। साल 1998 में उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का जिम्मा सौंपा गया था। उस समय प्याज की बढ़ती कीमतों और भाजपा सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष ने तब के मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया था। भाजपा आलाकमान ने सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी, लेकिन उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। वह केवल 52 दिनों तक ही इस पद पर रहीं, क्योंकि विधानसभा चुनावों में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था। 1998 के चुनावों से पहले, 1993 में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 49 सीटें जीती थीं। लेकिन 1998 में सत्ता विरोधी लहर के चलते पार्टी केवल 15 सीटों पर सिमट गई, और सुषमा स्वराज की जगह शीला दीक्षित ने मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली।

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दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री और सबसे लंबे समय तक इस पद पर बनी रहीं शीला दीक्षित, कांग्रेस की एक प्रमुख नेता थीं। उन्होंने 1998 में भाजपा की हार के बाद दिल्ली की सत्ता संभाली। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने 1998 के चुनावों में शानदार जीत दर्ज की और दिल्ली में स्थिर सरकार बनाई। शीला दीक्षित का राजनीतिक करियर बेहद प्रभावशाली रहा। 2003 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने फिर से सत्ता हासिल की, जब पार्टी को 47 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा को केवल 20 सीटों पर संतोष करना पड़ा। इसके बाद, 2008 के चुनावों में भी कांग्रेस ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की और भाजपा को 23 सीटों पर सीमित कर दिया। शीला दीक्षित 1998 से लेकर 2013 तक, कुल 15 वर्षों तक लगातार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं, जो अपने आप में एक बड़ा रिकॉर्ड है। उनके कार्यकाल के दौरान दिल्ली में बुनियादी ढांचे में सुधार, मेट्रो का विस्तार और शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय विकास हुआ।

दिल्ली की राजनीति में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, और आतिशी के मुख्यमंत्री बनने से यह परंपरा आगे बढ़ेगी। सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित जैसे नेताओं ने दिल्ली की राजनीति में महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। जहां सुषमा स्वराज का कार्यकाल भले ही छोटा रहा हो, लेकिन उनके राजनीतिक योगदान को देशभर में सराहा जाता है। वहीं, शीला दीक्षित ने अपने लंबे कार्यकाल में दिल्ली को एक आधुनिक महानगर के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आतिशी का मुख्यमंत्री बनना न केवल आम आदमी पार्टी के लिए एक नई दिशा का संकेत है, बल्कि यह दिल्ली की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को भी मजबूती प्रदान करता है। उनके सामने कई चुनौतियां होंगी, लेकिन उनके शिक्षा और अनुभव के बल पर उम्मीद है कि वह इन चुनौतियों का सामना कर सकेंगी और दिल्ली को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी।

 

 

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दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल, दिलीप पांडेय और कुलदीप कुमार के नामों पर चर्चा https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/delhi-cabinet-in-ferbad/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/18/delhi-cabinet-in-ferbad/#respond Wed, 18 Sep 2024 06:02:51 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4946 कैबिनेट में बदलाव की जरूरत की मुख्य वजह सरकार के कामकाज में ठहराव माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के कई विकास कार्य ठप पड़े हैं, और इन्हें गति देने के लिए कैबिनेट में बदलाव अनिवार्य हो गया है। राजनीतिक टकराव की स्थिति में सरकार के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, और …

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कैबिनेट में बदलाव की जरूरत की मुख्य वजह सरकार के कामकाज में ठहराव माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के कई विकास कार्य ठप पड़े हैं, और इन्हें गति देने के लिए कैबिनेट में बदलाव अनिवार्य हो गया है। राजनीतिक टकराव की स्थिति में सरकार के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं, और ऐसे में सरकार किसी भी तरह से जनता के कार्यों को सुचारु रूप से जारी रखने का प्रयास कर रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर अभी कोई स्पष्ट दिशा नहीं मिली है, लेकिन सरकार की मंशा है कि इस स्थिति में भी विकास कार्यों को रोका न जाए। इसीलिए, नए चेहरों को मंत्रिमंडल में शामिल करके कामकाज को गति देने की योजना बनाई जा रही है।

कैबिनेट में इस समय दो मंत्री पद रिक्त हैं। पहला पद राज कुमार आनंद के इस्तीफे के बाद से खाली पड़ा है, जबकि दूसरा पद आतिशी के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हो गया है। इन दोनों खाली पदों के लिए नए नामों की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार, राज कुमार आनंद द्वारा छोड़े गए पद पर कोंडली सीट से विधायक कुलदीप कुमार का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। कुलदीप कुमार पार्टी के एक सक्रिय और समर्पित नेता हैं, और उनके नाम पर सहमति बनने की संभावना है। वहीं, आतिशी द्वारा खाली किए गए पद पर दिलीप पांडेय का नाम चर्चा में है। दिलीप पांडेय को आम आदमी पार्टी के एक महत्वपूर्ण नेता के रूप में देखा जाता है और वे पहले भी कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।

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दिल्ली कैबिनेट में फेरबदल को लेकर सोमनाथ भारती का नाम भी पहले चर्चा में था। मालवीय नगर से विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती को पहले संभावित उम्मीदवारों में शामिल किया गया था। हालांकि अब दिलीप पांडेय का नाम उनके मुकाबले अधिक प्रबल माना जा रहा है, जिससे भारती की दावेदारी कमजोर होती दिख रही है। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट में केवल नए चेहरों को ही नहीं, बल्कि मौजूदा मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल हो सकता है। इसका उद्देश्य कामकाज को प्रभावी ढंग से संचालित करना है, ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिलती रहें।

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दिल्ली में विकास के मुद्दों पर सरकार के सामने चुनौतियां बनी हुई हैं, और इनका समाधान करने के लिए कैबिनेट में नए चेहरे लाने की योजना बनाई जा रही है। मंत्रिमंडल का यह बदलाव सरकार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इससे प्रशासनिक गति को नई दिशा मिल सकती है। इस तरह, दिल्ली की राजनीति में आगामी दिनों में होने वाले कैबिनेट बदलाव पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

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शिक्षक से लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री तक, आतिशी का सफर और उपलब्धियाँ. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/from-teacher-to-delhis-mother/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/from-teacher-to-delhis-mother/#respond Tue, 17 Sep 2024 07:28:23 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4925 आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी, जो 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं, अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यह फैसला विधायक दल की …

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आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी को दिल्ली का नया मुख्यमंत्री चुना गया है। आतिशी, जो 2020 में पहली बार विधायक बनी थीं, अब दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। यह फैसला विधायक दल की बैठक में मंगलवार को लिया गया। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी।

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ था। उनके माता-पिता, विजय सिंह और त्रिप्ता वाही, दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में प्रोफेसर थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के प्रतिष्ठित स्प्रिंगडेल्स स्कूल, पूसा रोड से हुई। बाद में उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उनकी शिक्षा का सफर यहीं नहीं रुका। उन्हें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में शेवनिंग स्कॉलरशिप पर मास्टर्स करने का अवसर मिला। इसके बाद रोड्स स्कॉलरशिप के तहत भी उन्होंने ऑक्सफोर्ड से उच्च शिक्षा प्राप्त की।

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राजनीति में कदम रखने से पहले आतिशी ने शिक्षा के क्षेत्र में काम किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के एक छोटे से गाँव में लगभग 7 वर्षों तक काम किया। इसके अलावा, आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल में इतिहास और अंग्रेज़ी पढ़ाया। शिक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें दिल्ली के शिक्षा संस्थानों में सुधार के लिए एक अहम भूमिका निभाने का अवसर दिया। उनके प्रयासों का असर दिल्ली के सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार के रूप में देखा गया।

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आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2015 से 2018 तक मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम किया। 2019 में उन्होंने पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा, हालांकि वे गौतम गंभीर से हार गईं। लेकिन 2020 में उन्होंने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और दिल्ली विधानसभा में पहुंचीं। 9 मार्च 2023 को आतिशी पहली बार दिल्ली सरकार में मंत्री बनीं। उनके पास शिक्षा और PWD समेत 13 मंत्रालयों का प्रभार था। आतिशी का दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने का सफर उनके नेतृत्व, शिक्षा के प्रति समर्पण और जनता की सेवा में निरंतरता का प्रमाण है।

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