Om Birla Speaker of Lok Sabha - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 22 Jul 2024 13:46:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Om Birla Speaker of Lok Sabha - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 लोकसभा में बोलीं निर्मला सीतारमण: ‘मेरा भी माइक बंद कर दिया गया’, विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा- ‘अब तो आपको संतुष्टि मिल गई होगी’ https://chaupalkhabar.com/2024/07/22/nirmala-speak-in-lok-sabha/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/22/nirmala-speak-in-lok-sabha/#respond Mon, 22 Jul 2024 13:46:37 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4009 सोमवार, 22 जुलाई से मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र शुरू हो चुका है, जो 12 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। बजट सत्र के प्रथम दिन ही एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का माइक अचानक …

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सोमवार, 22 जुलाई से मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र शुरू हो चुका है, जो 12 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। बजट सत्र के प्रथम दिन ही एक दिलचस्प वाकया देखने को मिला जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का माइक अचानक बंद होने की घटना सामने आयी। दिलचस्प बात यह हुई की वह उस समय कांग्रेस सांसद शशि थरूर के सवाल का जवाब दे रही थीं। शशि थरूर ने दिवालियापन न्यायाधिकरणों में स्टाफ की कमी का मुद्दा उठाया था। इस पर वित्त मंत्री सीतारमण ने देश में कारोबार को आसान बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) में नियुक्तियों के मुद्दे को गंभीरता से लिया जा रहा है और पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था के प्रयास जारी हैं। जिसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के साथ भी काम कर रही है और अधिक संख्या में अपीलीय न्यायाधिकरणों की आवश्यकता है।

जवाब देते समय जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का माइक बंद हो गया, तो उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कहा, “सर, मेरा माइक ऑफ हो गया है। केवल विपक्ष के सदस्यों का ही माइक ऑफ नहीं होता है, मेरा भी माइक बंद हो गया है।” इसके बाद उन्होंने विपक्ष की तरफ इशारा किया और तंज कसते हुए कहा, “अब तो आपको संतुष्टि मिल गई होगी।” वित्त मंत्री के इस तंज पर कई सांसद हंसने लगे। गौरतलब है कि राहुल गांधी समेत कई सांसद संसद में चर्चा के दौरान माइक बंद करने का आरोप लगा चुके हैं। हालांकि, इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पहले ही अपनी सफाई दे चुके हैं। उन्होंने द्वारा कहा गया था कि मेरे पास ऐसा कोई बटन नहीं होता है।

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इस वाकये के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना की खूब चर्चा हुई। कुछ लोगों ने इसे एक तकनीकी खराबी करार दिया तो कुछ ने इसे एक राजनीतिक व्यंग्य के रूप में देखा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का माइक बंद होने की घटना ने संसद के पहले दिन के माहौल को थोड़ा हल्का कर दिया, लेकिन इसने एक गंभीर मुद्दे की ओर भी इशारा किया। यह घटना संसद की कार्यवाही में तकनीकी समस्याओं की संभावना को दर्शाती है, और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर देती है कि ऐसी समस्याएं भविष्य में न हों।

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इसके अलावा, इस घटना ने सरकार और विपक्ष के बीच चल रहे टकराव को भी उजागर किया। विपक्ष के सदस्यों ने पहले भी आरोप लगाया था कि उनके माइक जानबूझकर बंद किए जाते हैं ताकि वे अपनी बात पूरी तरह से नहीं रख सकें। हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने इस तरह के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन इस घटना ने फिर से इस मुद्दे को चर्चा में ला दिया है। वित्त मंत्री सीतारमण ने एनसीएलटी में स्टाफ की कमी के मुद्दे पर गंभीरता से जवाब दिया और सरकार के कदमों को स्पष्ट किया। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने इस मुद्दे को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के साथ मिलकर काम करने की दिशा में कदम उठाए हैं।

 

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राहुल गांधी के भगवान शिव और हिंदू धर्म पर बयान से संसद में हंगामा, पीएम मोदी भी हुए खड़े https://chaupalkhabar.com/2024/07/01/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%97%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%94/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/01/%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%b2-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%82%e0%a4%a7%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ad%e0%a4%97%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b6%e0%a4%bf%e0%a4%b5-%e0%a4%94/#respond Mon, 01 Jul 2024 10:57:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3805 लोकसभा में आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा लगातार संविधान पर हमला कर रही थी, और इसका जवाब जनता ने चुनाव में दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हमले भी हुए। राहुल गांधी ने सदन …

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लोकसभा में आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा लगातार संविधान पर हमला कर रही थी, और इसका जवाब जनता ने चुनाव में दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हमले भी हुए। राहुल गांधी ने सदन में भगवान शिव का चित्र दिखाकर कहा कि हम सभी भगवान शिव की शरण में हैं और उन्हीं से हमें लड़ने की शक्ति मिली। राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा सरकार ने न केवल संविधान पर हमला किया, बल्कि मुझ पर भी हमले किए। मेरे खिलाफ कई केस दर्ज किए गए और मुझे 2 साल की सजा सुनाई गई।” उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया ने भी उन्हें लगातार टारगेट किया, लेकिन अंततः जनता ने ही जवाब दिया।

उन्होंने भगवान शिव का जिक्र करते हुए कहा कि शिवजी ने जहर पी लिया था और वे नीलकंठ बन गए थे। “हमने शिवजी से सीखा और कई प्रकार के जहर पिए। भगवान के साथ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिवजी कहते हैं, ‘डरो और डरोओ मत।’ इसी संदेश को लेकर हम आगे बढ़े हैं,” राहुल ने कहा। इस दौरान भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए राहुल ने कहा कि इस्लाम में यह बताया गया है कि पैगंबर कहते हैं, ‘ईश्वर हमारे साथ हैं, इसलिए डरना नहीं है।’ उन्होंने सिख पंथ के गुरु नानक जी का भी उल्लेख किया, जिनका संदेश भी यही था। राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे पूरे दिन हिंसा करते रहते हैं। इस पर सदन में हंगामा हो गया। भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी की इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह पूरे हिंदू समाज को हिंसक बताने की कोशिश है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना अपमानजनक है।

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राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है और संविधान की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने विपक्ष के सांसदों से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ आएं और भाजपा की नीतियों का विरोध करें। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद से ही अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं और देश में धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक साथ आना होगा। राहुल गांधी ने अपने भाषण का अंत करते हुए कहा, “हम भगवान शिव की शरण में हैं और उन्हीं से हमें शक्ति मिली है। हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है और हम सभी मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे।”

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उनके इस भाषण के बाद सदन में हंगामा जारी रहा और विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। लेकिन राहुल गांधी ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि वे संविधान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे और किसी भी कीमत पर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। इस बीच, नीट को लेकर भी विपक्ष ने खूब हंगामा किया। विपक्ष ने नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया और सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। विपक्षी सांसदों ने कहा कि नीट परीक्षा में गड़बड़ियों से लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है और सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि नीट परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ लड़ाई भी संविधान की रक्षा का हिस्सा है और वे इस मुद्दे को भी संसद में उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है और विपक्ष इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगा।

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ओम बिरला दूसरी बार बने लोकसभा स्पीकर: पहली बार कब आए चर्चा में? जानिए उनके रिकॉर्ड और उपलब्धियां। https://chaupalkhabar.com/2024/06/26/om-birla-became-lok-for-the-second-time/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/26/om-birla-became-lok-for-the-second-time/#respond Wed, 26 Jun 2024 07:42:51 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3738 भाजपा नेता और लोकसभा अध्यक्ष रह चुके ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए। इसके साथ ही बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़, जीएम बालयोगी, और पीए संगमा …

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भाजपा नेता और लोकसभा अध्यक्ष रह चुके ओम बिरला आज यानी बुधवार को लगातार दूसरी बार लोकसभा स्पीकर चुने गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेसी नेता राहुल गांधी ओम बिरला को उनके आसन तक लेकर गए। इसके साथ ही बिरला दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने वाले नेता बलराम जाखड़, जीएम बालयोगी, और पीए संगमा की सूची में शामिल हो गए। अगर ओम बिरला अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर लेते हैं, तो बलराम जाखड़ के बाद ऐसा करने वाले दूसरे नेता होंगे। दूसरी बार कई नेता लोकसभा अध्यक्ष बने, लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं कर पाए। केवल बलराम जाखड़ ने ही 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए।

लोकसभा चुनाव 2024 में ओम बिरला कोटा की संसदीय सीट से सांसद चुने गए हैं। राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्मे ओम बिरला लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। उनकी मां का नाम शकुंतला देवी और पिता का नाम कृष्ण बिरला है। उनकी पत्नी अमिता बिरला पेशे से चिकित्सक हैं। उन्होंने राजस्थान से ही पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद कृषि के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर काम करने लगे। छात्र राजनीति से संघ और राजनीति में आए तो तीन बार विधायक और तीसरी बार सांसद चुने गए। इसी के साथ कई रिकॉर्ड भी उन्होंने अपने नाम किए। वह लोकसभा स्पीकर बनने वाले राजस्थान के पहले सांसद हैं।

लोकसभा चुनाव 2024 में ओम बिरला कोटा की संसदीय सीट से सांसद चुने गए हैं। राजस्थान के कोटा शहर में 4 दिसंबर, 1962 को जन्मे ओम बिरला लीक से हटकर काम करने के लिए जाने जाते हैं।

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ओम बिरला राजस्थान सरकार में संसदीय सचिव थे। इस दौरान उन्होंने गंभीर रोग से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए 50 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी थी। इतना ही नहीं, उन्होंने 2004 की बाढ़ के दौरान भी पीड़ितों की जमकर मदद की। साल 2006 में ओम बिरला सुर्खियों में उस वक्त आए, जब उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कोटा और बूंदी में आयोजित ‘आजादी के स्वर’ कार्यक्रम में 15 हजार से अधिक अधिकारियों को सम्मानित किया था। 1979 में ही छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए थे। ओम बिरला कोटा के गुमानपुरा स्थित सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे। इसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में प्रधान सदस्य के तौर पर शामिल हो गए। साल 1987 में बिरला भारतीय जनता युवा मोर्चा के सदस्य बने और जल्द ही जिला अध्यक्ष बन गए। चार साल पूरे होने से पहले वह भाजपा युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष बन गए। इस पद पर उन्होंने महीने से ज्यादा वक्त तक कार्यभार संभाला।

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इसके बाद भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड नई दिल्ली और फिर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड जयपुर (जून 1992 से जून 1995) तक अध्यक्ष बने रहे। बिरला की इस सफलता का सफर उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है। वह सदैव सामाजिक कार्यों में अग्रणी रहे और जनता की सेवा में तत्पर रहे। उनके इस कार्यकाल के दौरान उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए और संसद में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ओम बिरला का दूसरा कार्यकाल लोकसभा अध्यक्ष के रूप में शुरू हो गया है और देश को उनसे अनेक अपेक्षाएं हैं। उनका यह कार्यकाल भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ने वाला है। उनके अनुभव और नेतृत्व से संसद को एक नई दिशा मिलेगी और देश के विकास में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।

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कोटा के कुन्हाड़ी थर्मल चौराहे में दर्दनाक घटना, 15 बच्चे करंट की चपेट में आने से झुलसे…. https://chaupalkhabar.com/2024/03/08/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%a5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%b2-%e0%a4%9a/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/08/%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%a5%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%b2-%e0%a4%9a/#respond Fri, 08 Mar 2024 09:54:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2506 राजस्थान के कोटा शहर में महाशिवरात्रि के अवसर पर निकाली जा रही शिव बरात एक दुखद घटना बदल गई जब हाइटेंशन वायरल की चपेट में आने से 15 बच्चे करंट की चपेट में आने से झुलस गए। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में एक बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है। सभी बच्चों को एमबीबीएस अस्पताल में भर्ती किया …

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राजस्थान के कोटा शहर में महाशिवरात्रि के अवसर पर निकाली जा रही शिव बरात एक दुखद घटना बदल गई जब हाइटेंशन वायरल की चपेट में आने से 15 बच्चे करंट की चपेट में आने से झुलस गए। इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में एक बच्चे की स्थिति क्रिटिकल है। सभी बच्चों को एमबीबीएस अस्पताल में भर्ती किया गया है।

हादसा कुन्हाड़ी थर्मल चौराहे के पास दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब हुआ। शिव बरात में कई बच्चे धार्मिक झंडे लेकर चल रहे थे, जब एक झंडा हाइटेंशन लाइन से टच हो गया।जिसके बाद यह  हादसा हो हुआ।घटना के बाद एकाएक अफरा-तफरी मच गई। बच्चों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया और उनका उपचार शुरू कर दिया गया। एमबीबीएस अस्पताल में एक बच्चे की हालत नाजुक है जबकि अन्य बच्चों की  स्थिर है।

प्रशासन भी इस हादसे पर सक्रिय हो गया है। मेडिकल टीम को तुरंत अलर्ट किया गया और घायल बच्चों के परिजनों को अस्पताल पहुंचाया गया। आईजी रविदत्त गौड़ ने बताया कि एक बच्चा 70 प्रतिशत और एक 50 प्रतिशत झुलस गया है, जबकि अन्य बच्चे 10 प्रतिशत तक झुलसे हैं। हर साल कोटा के काली बस्ती में शिव बरात का आयोजन होता है। इस बार कई बच्चे अपने परिजनों के बिना ही शिव बरात में शामिल हो गए थे। लोगों का कहना है कि आयोजकों की गलती से यह हादसा हुआ है। इसी कारण आयोजकों के खिलाफ नाराज परिजनों ने उनकी पिटाई कर दी।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर और अन्य अधिकारी भी घायल बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे। बिरला ने पत्रकारों को बताया कि घटना बेहद दुखद है और इसकी जांच की जाएगी। इस संदर्भ में, हरसंभव सर्वश्रेष्ठ इलाज प्रदान किया जा रहा है और बच्चों को संवेदनशीलता से देखाजा रहा है। इस दुखद घटना से प्रेरित होकर, सार्वजनिक और निजी संस्थानों को सुरक्षित समारोह आयोजित करने के लिए सतर्क रहने की जरूरत है।

अब इस हादसे के विश्वास की प्रक्रिया चल रही है, जिसमें प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी शामिल हैं। उन्हें बच्चों की जिम्मेदारी और सही इलाज सुनिश्चित करने के लिए सुनिश्चित करना होगा, ताकि इस त्रासदी से प्रभावित परिवारों को न्याय मिल सके। इस हादसे के प्रमुख कारणों की जांच और बचाव के उपायों की अवलोकन करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए, ताकि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।

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प्रधानमंत्री ने 9वें G20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (P20) का उद्घाटन किया, https://chaupalkhabar.com/2023/10/13/pm-inaugurates-9th-g20-parliamentary-speakers-summit-p20/ https://chaupalkhabar.com/2023/10/13/pm-inaugurates-9th-g20-parliamentary-speakers-summit-p20/#respond Fri, 13 Oct 2023 09:27:41 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1853 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यशोभूमि, नई दिल्ली में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की संसद द्वारा भारत की G20 प्रेसीडेंसी के व्यापक ढांचे के तहत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ की थीम के साथ की जा रही है।   …

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यशोभूमि, नई दिल्ली में 9वें जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत की संसद द्वारा भारत की G20 प्रेसीडेंसी के व्यापक ढांचे के तहत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसद’ की थीम के साथ की जा रही है।

 

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधान मंत्री ने भारत के 140 करोड़ नागरिकों की ओर से जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। प्रधान मंत्री ने कहा, “शिखर सम्मेलन दुनिया भर की सभी संसदीय प्रथाओं का एक ‘महाकुंभ’ है।” यह रेखांकित करते हुए कि आज उपस्थित सभी प्रतिनिधियों के पास विभिन्न देशों के संसदीय ढांचे का अनुभव है, श्री मोदी ने आज के आयोजन पर बहुत संतोष व्यक्त किया।

भारत में त्योहारी सीजन का जिक्र करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि जी20 ने पूरे साल त्योहारी उत्साह बनाए रखा क्योंकि जी20 उत्सव कई शहरों में व्याप्त था जहां भारत के राष्ट्रपति पद के दौरान जी20 से संबंधित कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। इन उत्सवों को चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग, एक सफल G20 शिखर सम्मेलन और P20 शिखर सम्मेलन जैसी घटनाओं द्वारा बढ़ाया गया था। उन्होंने कहा, “किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी ताकत उसके लोग और उनकी इच्छा शक्ति होती है और यह शिखर सम्मेलन उसी का जश्न मनाने का एक माध्यम है।”

प्रधान मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पी20 शिखर सम्मेलन उस भूमि पर हो रहा है जो न केवल लोकतंत्र की जननी के रूप में जानी जाती है बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। दुनिया भर की विभिन्न संसदों के प्रतिनिधियों के रूप में, प्रधान मंत्री ने बहस और विचार-विमर्श के महत्व को रेखांकित किया क्योंकि उन्होंने इतिहास से ऐसी बहस के सटीक उदाहरणों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि भारत के पांच हजार साल पुराने वेदों और शास्त्रों में विधानसभाओं और समितियों का उल्लेख मिलता है, जहां समाज की भलाई के लिए सामूहिक निर्णय लिए जाते थे। भारत के सबसे पुराने धर्मग्रंथ ऋग्वेद के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने एक संस्कृत श्लोक का पाठ किया जिसका अर्थ है ‘हमें एक साथ चलना चाहिए, एक साथ बोलना चाहिए और हमारे दिमाग जुड़े होने चाहिए’। उन्होंने बताया कि ग्रामीण स्तर से संबंधित मुद्दों को बहस में शामिल करके हल किया गया था जो यूनानी राजदूत मेगस्थनीज के लिए बहुत आश्चर्य का कारण बन गया था जिन्होंने इसके बारे में बहुत विस्तार से लिखा था।

 

प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु में 9वीं शताब्दी के एक शिलालेख को भी छुआ, जिसमें ग्राम विधानमंडलों के नियमों और संहिताओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने कहा, “1200 साल पुराने शिलालेख में किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के नियमों का भी जिक्र है।” भारत में 12वीं शताब्दी से और मैग्ना कार्टा के अस्तित्व में आने से कई साल पहले से चली आ रही अनुभव मंटप्पा परंपरा के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने बताया कि चर्चा को प्रोत्साहित किया गया जहां हर जाति, पंथ और धर्म के लोग अपनी बात व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र थे। विचार। प्रधान मंत्री ने कहा, “जगतगुरु बसवेश्वर द्वारा शुरू किया गया अनुभव मंटप्पा आज भी भारत को गौरवान्वित करता है”, उन्होंने रेखांकित किया कि 5000 साल पुराने धर्मग्रंथों से लेकर आज तक भारत की यात्रा न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए संसदीय परंपराओं की विरासत है। .

 

प्रधानमंत्री ने समय के साथ भारत की संसदीय परंपराओं के निरंतर विकास और मजबूती पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस सबसे बड़ी चुनावी कवायद में लोगों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि 2019 का आम चुनाव जहां उनकी पार्टी सत्ता में चुनी गई, वह मानव इतिहास की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया थी क्योंकि 600 मिलियन मतदाताओं ने इसमें भाग लिया था। उन्होंने कहा, उस समय 910 मिलियन पंजीकृत मतदाता थे, जो पूरे यूरोप की जनसंख्या से भी अधिक थी। इतने बड़े मतदाताओं के बीच 70 प्रतिशत मतदान भारतीयों की संसदीय प्रथाओं में गहरी आस्था को दर्शाता है। 2019 के चुनाव में महिलाओं की रिकॉर्ड भागीदारी देखी गई। राजनीतिक भागीदारी के विस्तारित कैनवास का उल्लेख करते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि पिछले आम चुनाव में 600 से अधिक राजनीतिक दलों ने भाग लिया और 10 मिलियन सरकारी कर्मचारियों ने चुनाव के संचालन में काम किया और मतदान के लिए 1 मिलियन मतदान केंद्र बनाए गए।

 

प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रक्रिया के आधुनिकीकरण पर भी जोर दिया। पिछले 25 वर्षों से ईवीएम के उपयोग से चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता आई है क्योंकि चुनाव परिणाम गिनती शुरू होने के कुछ घंटों के भीतर आ जाते हैं। उन्होंने बताया कि अगले साल आम चुनाव में 1 अरब लोग भाग लेंगे और प्रतिनिधियों को चुनाव देखने के लिए आमंत्रित किया।

प्रधानमंत्री ने प्रतिनिधियों को संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के हालिया फैसले की जानकारी दी। उन्होंने उन्हें यह भी बताया कि स्थानीय स्व-सरकारी संस्थानों में 30 लाख से अधिक निर्वाचित प्रतिनिधियों में से लगभग 50 प्रतिशत महिलाएँ हैं। “भारत आज हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दे रहा है। हमारी संसद द्वारा लिया गया हालिया निर्णय हमारी संसदीय परंपरा को और समृद्ध करेगा”, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा।

प्रधान मंत्री ने भारत की संसदीय परंपराओं में नागरिकों के अटूट विश्वास पर प्रकाश डाला और इसकी विविधता और जीवंतता को श्रेय दिया। “हमारे यहाँ हर धर्म के लोग हैं। सैकड़ों प्रकार के भोजन, रहन-सहन, भाषाएँ, बोलियाँ”, प्रधान मंत्री ने कहा। उन्होंने बताया कि भारत में लोगों को वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए 28 भाषाओं में 900 से अधिक टीवी चैनल हैं, लगभग 200 भाषाओं में 33 हजार से अधिक विभिन्न समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर लगभग 3 बिलियन उपयोगकर्ता हैं। श्री मोदी ने भारत में सूचना के विशाल प्रवाह और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के स्तर पर जोर दिया। “21वीं सदी के इस विश्व में, भारत की यही जीवंतता, अनेकता में एकता, हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह जीवंतता हमें हर चुनौती से लड़ने और हर कठिनाई को मिलकर हल करने के लिए प्रेरित करती है”, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा।

दुनिया की परस्पर जुड़ी प्रकृति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संघर्ष और टकराव से भरी दुनिया किसी के हित में नहीं है. उन्होंने आगे कहा, “एक विभाजित दुनिया मानवता के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों का समाधान नहीं दे सकती है। यह समय शांति और भाईचारे का समय है, साथ मिलकर चलने का समय है। यह सबके विकास और खुशहाली का समय है। हमें वैश्विक विश्वास संकट से उबरना होगा और मानव-केंद्रित सोच के साथ आगे बढ़ना होगा। हमें दुनिया को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा।” वैश्विक निर्णय लेने में व्यापक भागीदारी के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके पीछे अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल करने का प्रस्ताव था जिसे सभी सदस्यों ने स्वीकार कर लिया। प्रधानमंत्री ने पी20 के मंच में पैन अफ्रीका की भागीदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की।

 

लोकसभा अध्यक्ष द्वारा प्रतिनिधियों को नई संसद का भ्रमण कराने के बारे में बोलते हुए, प्रधान मंत्री ने इस अवसर पर भारत द्वारा दशकों से झेले जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर प्रकाश डाला, जिसमें हजारों निर्दोष लोग मारे गए। श्री मोदी ने लगभग 20 साल पहले भारत की संसद पर हुए आतंकवादी हमले को याद किया जब संसद सत्र चल रहा था और आतंकवादी सांसदों को बंधक बनाकर उन्हें खत्म करने के लिए तैयार थे। उन्होंने जोर देकर कहा, ”ऐसी कई आतंकवादी घटनाओं से निपटने के बाद भारत आज यहां तक पहुंचा है” क्योंकि दुनिया भी दुनिया में आतंकवाद की बड़ी चुनौती को महसूस कर रही है।

श्री मोदी ने आगे कहा, “आतंकवाद चाहे कहीं भी हो, किसी भी कारण से, किसी भी रूप में हो, यह मानवता के खिलाफ है” और उन्होंने ऐसी स्थिति से निपटने के लिए समझौता न करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने उस वैश्विक पहलू की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जहां आतंकवाद की परिभाषा को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे आतंकवाद से मुकाबले के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आज भी संयुक्त राष्ट्र में आम सहमति की प्रतीक्षा कर रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवता के दुश्मन दुनिया के इस रवैये का फायदा उठा रहे हैं और उन्होंने दुनिया भर की संसदों और प्रतिनिधियों से आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में मिलकर काम करने के तरीकों के साथ आने का आग्रह किया।

संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि दुनिया की चुनौतियों से निपटने के लिए जनभागीदारी से बेहतर कोई माध्यम नहीं हो सकता। उन्होंने कहा, ”मेरा हमेशा से मानना रहा है कि सरकारें बहुमत से बनती हैं, लेकिन देश सर्वसम्मति से चलता है। हमारी संसदें और यह P20 फोरम भी इस भावना को मजबूत कर सकते हैं”, प्रधान मंत्री ने कहा और विश्वास व्यक्त किया कि बहस और विचार-विमर्श के माध्यम से इस दुनिया को बेहतर बनाने के प्रयास निश्चित रूप से सफल होंगे।

 

Brajesh Kumar 

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