Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 07 Oct 2024 06:53:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 एससीओ बैठक में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाएंगे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर, 9 साल बाद पहली बार भारत का कोई मंत्री करेगा यात्रा https://chaupalkhabar.com/2024/10/07/sco-meeting-in-part-lane/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/07/sco-meeting-in-part-lane/#respond Mon, 07 Oct 2024 06:53:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5237 भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्टूबर 15-16 को पाकिस्तान की यात्रा करेंगे, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक एससीओ के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की होगी, जिसकी अध्यक्षता इस बार पाकिस्तान कर रहा है। इस बैठक में एस जयशंकर की भागीदारी इसलिए खास मानी जा …

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्टूबर 15-16 को पाकिस्तान की यात्रा करेंगे, जहां वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक एससीओ के काउंसिल ऑफ हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (सीएचजी) की होगी, जिसकी अध्यक्षता इस बार पाकिस्तान कर रहा है। इस बैठक में एस जयशंकर की भागीदारी इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि बीते 9 सालों में यह पहला मौका होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेगा। इससे पहले, दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं, लेकिन उसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में काफी तनाव रहा है और कोई भी भारतीय मंत्री वहां नहीं गया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस यात्रा की पुष्टि की और स्पष्ट किया कि यह दौरा एससीओ चार्टर के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “भारत एससीओ चार्टर को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और विदेश मंत्री की यात्रा का मुख्य उद्देश्य इस चार्टर के तहत दिए गए दायित्वों को निभाना है।” साथ ही उन्होंने इस यात्रा को भारत और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों के सुधार से जोड़कर देखने से मना कर दिया। उन्होंने साफ किया कि यह दौरा केवल एससीओ के संदर्भ में है और इसका कोई अन्य राजनीतिक मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

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पाकिस्तान ने एससीओ की इस बैठक के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा था। अगस्त 2024 में पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस बैठक के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा गया है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस निमंत्रण पर स्पष्ट शब्दों में कहा था कि “पाकिस्तान से बातचीत का समय समाप्त हो चुका है”। जयशंकर ने यह भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद अब इस मुद्दे का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है और भारत पाकिस्तान के साथ किसी प्रकार के रिश्ते पर विचार करने की स्थिति में नहीं है।

भारत और पाकिस्तान दोनों एससीओ के सदस्य देश हैं और इस संगठन के तहत दोनों देशों के अधिकारियों ने समय-समय पर बैठकें की हैं। पिछले साल जुलाई 2023 में भारत ने वर्चुअल माध्यम से एससीओ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी, जिसमें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ऑनलाइन हिस्सा लिया था। इसके अलावा मई 2023 में गोवा में आयोजित एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने हिस्सा लिया था। यह उनके भारत दौरे का दुर्लभ मौका था, लेकिन दोनों देशों के बीच कड़वाहट उस समय भी स्पष्ट थी।

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एससीओ का गठन 2001 में हुआ था और यह संगठन सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए जाना जाता है। इसमें आठ स्थायी सदस्य देश हैं, जिनमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, कज़ाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज़्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान 2017 में इस संगठन के स्थायी सदस्य बने थे।

हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध हमेशा तनावपूर्ण रहे हैं। आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर और सीमा पर तनाव जैसे मुद्दों ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और जटिल बना दिया है। इसके बावजूद एससीओ जैसे बहुपक्षीय मंच पर दोनों देशों की भागीदारी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि यह दोनों देशों के अधिकारियों को एक साथ लाने का अवसर प्रदान करता है। इस बार पाकिस्तान द्वारा आयोजित की जा रही एससीओ बैठक में एस जयशंकर की भागीदारी इस बात का संकेत है कि भारत इस संगठन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को गंभीरता से लेता है।

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