Ramdev - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 13 Aug 2024 06:48:24 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Ramdev - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और बाबा रामदेव को दी बड़ी राहत: भ्रामक विज्ञापन केस में माफी के बाद मानहानि मामला बंद. https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/supreme-court-need-patanjali-au/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/supreme-court-need-patanjali-au/#respond Tue, 13 Aug 2024 06:48:24 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4285 आज सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के उत्पादों से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कंपनी की माफी स्वीकार कर ली है, जिससे इस मानहानि मामले को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले के बाद रामदेव …

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आज सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि के उत्पादों से जुड़े भ्रामक विज्ञापनों के मामले में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और कंपनी की माफी स्वीकार कर ली है, जिससे इस मानहानि मामले को खत्म कर दिया गया है। इस फैसले के बाद रामदेव और उनकी कंपनी के खिलाफ चल रही कानूनी कार्यवाही समाप्त हो गई है। इससे पहले, 14 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अवमानना ​​नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। अदालत में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील गौतम तालुकदार ने कहा कि कोर्ट ने रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासनों को मान्यता दी और इसी आधार पर अवमानना ​​कार्यवाही बंद कर दी गई है।

मामला इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें पतंजलि और बाबा रामदेव पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कोविड-19 टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणाली के खिलाफ भ्रामक और अपमानजनक विज्ञापन किए थे। आईएमए ने याचिका में कहा था कि इन विज्ञापनों से न केवल लोगों में भ्रम पैदा हुआ, बल्कि चिकित्सा क्षेत्र के प्रति जनता का विश्वास भी कमजोर हुआ।

21 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के वकील ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा। कोर्ट को यह भी बताया गया था कि कंपनी अब अपने उत्पादों के विज्ञापन और ब्रांडिंग में किसी भी प्रकार के भ्रामक दावे नहीं करेगी। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए आश्वासन का पालन नहीं किया गया था, जिसके बाद कोर्ट ने कंपनी को कारण बताने का नोटिस जारी किया था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना ​​की कार्यवाही शुरू की जाए। मीडिया में दिए गए बयानों और उनके द्वारा की गई कार्रवाइयों ने अदालत की नाराजगी को बढ़ा दिया था।

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इस पूरे मामले पर बाबा रामदेव और पतंजलि की ओर से कोर्ट में माफी मांगी गई और कहा गया कि भविष्य में वे इस तरह की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिससे कानून का उल्लंघन हो। कोर्ट ने इस माफी को स्वीकार करते हुए मानहानि केस और अवमानना ​​कार्यवाही को बंद कर दिया है। इस निर्णय के बाद, पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को एक बड़ी राहत मिली है, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग पर छाया संकट फिलहाल टल गया है। हालांकि, इस मामले से जुड़े विवाद और अदालत की सख्ती के कारण भविष्य में पतंजलि और अन्य कंपनियों को अपने विज्ञापन और विपणन अभियानों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने IMA चीफ को लगाई फटकार, बाबा रामदेव को सुनाई राहत भरी खबर… https://chaupalkhabar.com/2024/05/14/supreme-court-ne-ima-chief-ko-lug/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/14/supreme-court-ne-ima-chief-ko-lug/#respond Tue, 14 May 2024 08:46:36 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3213 विज्ञापनों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले के तहत, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने एक पूर्व आदेश को सुरक्षित रखा है। इसका मतलब है कि अब बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को अदालत में पेश नहीं होना होगा। यह फैसला एक …

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विज्ञापनों के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। इस फैसले के तहत, न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने एक पूर्व आदेश को सुरक्षित रखा है। इसका मतलब है कि अब बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को अदालत में पेश नहीं होना होगा।

यह फैसला एक पुराने मामले के संबंध में है, जिसमें पतंजलि के विज्ञापनों का मुद्दा था। अदालत ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आज इस पर फैसला सुनाया। यह फैसला दो सदस्यीय पीठ द्वारा लिया गया था। इस फैसले के बाद, अब बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण को अदालत में पेश नहीं होना होगा। अदालत ने उन्हें आगे की पेशी के लिए छूट दे दी है। इसके साथ ही, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के चीफ आर वी अशोकन को भी अदालत ने फटकार लगाई है।

आईएमए चीफ आर वी अशोकन की तरफ से दिए गए इंटरव्यू पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। इसके बाद आर वी अशोकन ने शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी है। मुकुल रोहतगी, पतंजलि की ओर से कोर्ट में प्रतिनिधित्व करते हुए बताया कि आईएमए चीफ आर वी अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है। इससे पहले भी आर वी अशोकन ने पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले के बारे में सवालों के जवाब दिए थे।

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इसे याद रखना महत्वपूर्ण है कि उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने पहले ही शीर्ष अदालत को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के कुछ उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को “तत्काल प्रभाव से निलंबित” कर दिया गया है। 2022 से ही शीर्ष अदालत आईएमए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, इसमें पतंजलि द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के विरुद्ध बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।

 

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पतंजलि मामले में SC से उत्तराखंड आयुष विभाग को फटकार, देना होगा एक लाख का जुर्माना https://chaupalkhabar.com/2024/04/30/reply-to-sc-in-patanjali-case/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/30/reply-to-sc-in-patanjali-case/#respond Tue, 30 Apr 2024 09:46:34 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3067 सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में एक रोमांचक करवट आई है, जहां योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि और उसकी इकाई दिव्या फार्मेसी के 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है। यह तब हुआ जब उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को उत्तर देते हुए बताया कि …

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सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में एक रोमांचक करवट आई है, जहां योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि और उसकी इकाई दिव्या फार्मेसी के 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया गया है। यह तब हुआ जब उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को उत्तर देते हुए बताया कि उन्होंने इस निर्णय को लेते हुए बहुत सोच-समझ के बाद यह फैसला किया है।

सुप्रीम कोर्ट के दौरान, जब उत्तराखंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी को पुकारा गया, तो कोर्ट ने उन्हें बाबा रामदेव के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में फटकार लगाई। कोर्ट ने उनकी निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें अब नींद से जागना चाहिए। इसके बाद मामले के वकील ने कोर्ट को एक माफीनामा प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि उन्होंने पिछले बार जो माफीनामा छपाया था, वह छोटा था, लेकिन इस बार का माफीनामा बड़ा है। कोर्ट ने उन्हें सिर्फ अखबार और इस दिन की तारीख का माफीनामा जमा करने का आदेश दिया।

उत्तराखंड स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने कहा कि उन्होंने पतंजलि और दिव्या फार्मेसी के 14 मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से रद्द किया है। कोर्ट ने इस पर यह प्रश्न उठाया कि जब आप कुछ करना चाहते हो तो आप तेजी से क्यों नहीं करते हैं? उन्होंने उनकी सालों से चली आई गैरकानूनी गतिविधियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह आपकी नींद से जागने की निशानी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड आयुष विभाग के लाइसेंस प्राधिकरण पर जुर्माना लगाया। कोर्ट ने पूछा कि जब उन्होंने 14 दवाओं का उत्पादन सस्पेंड किया, तो यह किसके लिए है और कब तक है? इस पर आयुष विभाग ने कहा कि उन्हें तीन महीने के भीतर अपील दाखिल करनी होगी।

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सुप्रीम कोर्ट ने आयुष विभाग के हलफनामे को असंतुष्टि जताते हुए कहा कि यह ढीला ढाला रवैया उचित नहीं है। कोर्ट ने उन्हें एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया और कहा कि उन्हें अपने हलफनामे को सुधारकर कोर्ट में पेश करें। इस मामले में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया, जब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) चीफ को भी अपने बयान पर कोर्ट के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा। मामले में महत्वपूर्ण रूप से, आईएमए अध्यक्ष डॉक्टर अशोकन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए और प्राइवेट डॉक्टरों की प्रैक्टिस की आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 14 मई को होगी। रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दे दी गई है।

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