RamMandirPranPratishta - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 23 Jan 2024 11:16:50 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg RamMandirPranPratishta - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के शुभारंभ के लिए तीन दिनों के बजाए ग्यारह दिनों तक कड़े व्रत और नियमों का पालन किया https://chaupalkhabar.com/2024/01/23/prime-minister-narendra-modi-observed-strict-fast-and-rules-for-eleven-days-instead-of-three-days-for-the-inauguration-of-ram-temple/ https://chaupalkhabar.com/2024/01/23/prime-minister-narendra-modi-observed-strict-fast-and-rules-for-eleven-days-instead-of-three-days-for-the-inauguration-of-ram-temple/#respond Tue, 23 Jan 2024 11:16:50 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2199 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ के लिए तीन दिनों के बजाए ग्यारह दिनों तक कड़े व्रत और नियमों का पालन करते हुए देशवासियों को एक नए संकल्प से साक्षात्कार कराया। इस मौके पर, उन्होंने विदेशी यात्राओं पर जाने से परहेज किया, सोशल मीडिया पर भी उनकी तपस्या पर चर्चा हो …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर के शुभारंभ के लिए तीन दिनों के बजाए ग्यारह दिनों तक कड़े व्रत और नियमों का पालन करते हुए देशवासियों को एक नए संकल्प से साक्षात्कार कराया। इस मौके पर, उन्होंने विदेशी यात्राओं पर जाने से परहेज किया, सोशल मीडिया पर भी उनकी तपस्या पर चर्चा हो रही है।

 

 

 

इसके साथ  ही, सियासी गलियारों में भी उनके निर्णय के संदेश को गहराई से समझा जा रहा है। गोविंद देव गिरी, श्री राम जन्मभूमि के तीर्थ न्यास क्षेत्र के कोषाध्यक्ष ने बताया कि मोदी जी ने शुभारंभ से पहले नियमों को समझने के लिए उनसे पूछा था। उन्होंने तीन दिनों का व्रत  कहा था, लेकिन मोदी जी ने ग्यारह दिनों तक उन नियमों का पालन किया। इस तपस्या को सियासी दृष्टिकोण से भी आंका जा रहा है, क्योंकि देश में राम मंदिर के शुभारंभ का माहौल है और मोदी जी ने इसे एक नए स्तर पर ले जाने के लिए ग्यारह दिनों तक कड़ाई से नियमों का पालन किया।

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सियासी जानकारों के अनुसार, मोदी जी ने “तीन की जगह ग्यारह दिन” के नियमों का कड़ाई से पालन करने का सियासी आंकलन किया जा रहा है। प्रोफेसर रामऔतार कर्मा कहते हैं कि राम मंदिर के शुभारंभ के माहौल में यह नजर आ रहा है कि मोदी जी ने ग्यारह दिनों का तीव्र संकल्प लिया है और उसे पूरा किया है। इससे न केवल उनकी पार्टी को फायदा हो रहा है, बल्कि उनके समर्थकों में भी आस्था का एक नया दर्जा स्थापित हो रहा है।

 

 

प्रोफेसर कर्मा का कहना है कि गोविंद देव गिरी ने प्रधानमंत्री से तीन दिनों का पालन करने का कहा था, लेकिन मोदी जी ने ग्यारह दिनों तक इसे कड़ाई से पालन किया। इस प्रकार की कड़ी संकल्प साधना का सियासी फायदा उनकी पार्टी को होता है। इस संदर्भ में राजनीतिक विश्लेषक ओपी तंवर कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी राम मंदिर के बारे में आस्था से बात कर सकती है, लेकिन इसका सियासी फायदा उसको हो रहा है।

 

राम मंदिर के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पॉजिटिव पहलू को सामने लाने से लोगों में एक नई ऊर्जा भी आई है। दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज शास्त्र के एडिशनल प्रोफेसर हिमांशु त्यागी कहते हैं कि जब कोई महत्वपूर्ण घटना में प्रमुख व्यक्ति अपने सकारात्मक पहलू को सामने लाता है, तो इससे हर तरह के फायदे होते हैं। मोदी जी के राम मंदिर शुभारंभ के लिए किए गए संकल्प का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व भी है, जो लोगों के बीच में आस्था का एक नया स्रोत बन रहा है।

 

राजनीतिक विश्लेषक ओपी तंवर कहते हैं कि इस तरह का पॉजिटिव नैरेटिव लोगों में बदलाव लाने के साथ-साथ, ग्रामीण क्षेत्रों में इससे सियासी फायदा उठाने की संभावना भी है। उनके अनुसार, जहां भारतीय जनता पार्टी सरकार हैं, वहां इस प्रकार के सकारात्मक नैरेटिव का लाभ हो सकता है। राम मंदिर के शुभारंभ से जुड़े इस संकल्प के बारे में लोगों की जागरूकता और उनमें उत्साह बढ़ाने का कारण बन सकता है, जिससे व्यापक रूप से समर्थन मिल सकता है।

 

By Neelam Singh.

 

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अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर क्या कह रहा है, विदेशी मीडिया https://chaupalkhabar.com/2024/01/23/what-is-the-foreign-media-saying-about-ramlalas-life-consecration-in-ayodhya/ https://chaupalkhabar.com/2024/01/23/what-is-the-foreign-media-saying-about-ramlalas-life-consecration-in-ayodhya/#respond Tue, 23 Jan 2024 07:54:47 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2194 आज अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसके साथ देशभर में उत्सव का माहौल है। इस महत्वपूर्ण घड़ी के साथ-साथ, भारत के बाहर भी इस घटना की चर्चा हो रही है, खासकर पाकिस्तान और कतर जैसे देशों में। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की रूपरेखा में …

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आज अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है, जिसके साथ देशभर में उत्सव का माहौल है। इस महत्वपूर्ण घड़ी के साथ-साथ, भारत के बाहर भी इस घटना की चर्चा हो रही है, खासकर पाकिस्तान और कतर जैसे देशों में। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर की रूपरेखा में सोमवार को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का अद्वितीय अनुष्ठान हो गाया हैं।, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए। यह कार्यक्रम दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर बारह बजकर 5 मिनट तक चला, जिसे लोग दीवाली की तरह मना रहे हैं।

 

अयोध्या में हो रहे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का आभास पूरे देश में है, और लोग इसे एक अद्वितीय सांस्कृतिक मोमेंट के रूप में स्वीकार कर रहे हैं। इस घड़ी में पाकिस्तान की मीडिया भी ध्यान दे रही है और उनके अखबारों में यह दिखा रहा है कि “बाबरी मस्जिद को गिराकर बनाए गए राम मंदिर में आज पीएम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं।”

 

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार, ‘द डॉन,’ ने एक ऑपिनियन लेख प्रकाशित किया है जिसमें लेखक परवेज हुदभोय ने कहा है कि इस घड़ी में हिंदुत्व एक संदेश भेज रहा है जो दो वर्गों को निशाना बना रहा है। पहला वर्ग है भारत के मुसलमान, और दूसरा वर्ग है भारतीय राजनीति में विपक्षी दल, जो इसे एक धार्मिक मुद्दा बना रहा है। लेख में व्यक्त किया गया है कि नए भारत में धार्मिक साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देने का संकेत है और यह विवाद के स्थान पर एक विशाल हिंदू नगरी का निर्माण कर रहा है, जो वेटिकन सिटी की तरह होने के लिए तैयार है।

 

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पाकिस्तानी अखबार ने आगे कहा है कि हिंदुत्व के द्वारा मदरसे और पुरानी लाइब्रेरी को जलाने के बारे में चर्चा करते हुए बात कही, ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने वाली भीड़ ने मार्च 2023 में एक सदी पुराने मदरसे और लाइबरेरी को जला दिया था। इसके साथ ही, लेखक ने याद दिलाया कि ऐतिहासिक घटनाओं में हिंदुत्ववादियों के साथियों ने इस तरह की हरकतें की हैं। लेख में आगे कहा गया है कि इस घड़ी में हिंदुत्व ने नए भारत में धार्मिक साम्प्रदायिकता को मजबूती से माना जा रहा है और इससे विपक्षी दलों को भी सावधान रहना चाहिए, अगर वे धार्मिक पिच पर नहीं आना चाहते हैं।

 

 

पाकिस्तान के अखबार ‘पाकिस्तान टुडे’ ने लिखा है कि आज का मंदिर का उद्घाटन पीएम मोदी के चुनावी अभियान की शुरुआत के रूप में भी देखा जा रहा है, जो भारत में मई में होने वाले आम चुनावों के लिए हैं। अखबार के द्वारा कहा गया की राम मंदिर को पूर्ण रूप से अगले लोकसभा चुनाव के मुद्दे के मुद्दे के रूप में ही देखा जायगा, लेख में इस घड़ी के राजनीतिक महत्व को बताते हुए कहा गया है कि अयोध्या में मंदिर स्थल विवाद ने बहुसंख्यक हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच एक सदी से भी अधिक समय तक रहा है। साल 1992 में हुए बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद से ही यह मुद्दा हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच एक दीवार बना रहा है।

 

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद, जिसमें जमीन हिंदुओं को सौंपी गई थी, आज भी यह विवाद एक समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और राम मंदिर का निर्माण जोरदार धमाके के साथ शुरू हो रहा है। पाकिस्तानी अखबार ने इसे “हिंदू समूह द्वारा जागृति का संकेत” कहा है, जो सामरिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण घटना है।

 

कतर स्थित टीवी नेटवर्क अलजजीरा ने एक ऑपिनियन लेख में व्यक्त किया है कि “भारत की धर्मनिरपेक्षता भगवा राजनीति के पहाड़ तले दब गई है।” वहां के लेखक ने इसे एक पैम्फलेट के रूप में चित्रित करते हुए कहा है कि भारत धर्मनिरपेक्षता के अपने सिद्धांतों से दूर हो चुका है और अयोध्या में इसकी मृत्यु हो गई है। नेपाल के प्रमुख अखबार ‘द काठमांडू पोस्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मंदिर के उद्घाटन में व्यक्ति लाइमलाइट बटोर रहे हैं, अखबार द्वारा अपने लेख द्वारा यह भी बात कही गयी की भारत धर्मनिरपेक्षता के अपने सिद्धांत से काफी दूर चला गया है जिसकी झलक अयोध्या में आज देखने को मिल रही है।

 

By Neelam Singh.

 

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