Rao Avenue court - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 30 Sep 2024 10:55:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Rao Avenue court - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल और आतिशी को राहत, मानहानि मामले की सुनवाई पर लगी रोक https://chaupalkhabar.com/2024/09/30/supreme-court-to-kejriwa-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/30/supreme-court-to-kejriwa-2/#respond Mon, 30 Sep 2024 10:55:41 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5166 सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को एक मानहानि मामले में सोमवार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह मामला बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने केजरीवाल और …

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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को एक मानहानि मामले में सोमवार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह मामला बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने केजरीवाल और अन्य ‘आप’ नेताओं पर मानहानि का आरोप लगाया था। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तीन अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल और आतिशी को पेश होने का आदेश दिया था। बब्बर की ओर से यह दावा किया गया था कि इन नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों के कारण भाजपा की छवि धूमिल हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी इस समन पर रोक लगाते हुए दोनों नेताओं को फिलहाल राहत दी है।

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इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल और आतिशी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मानहानि के इस मामले को रद्द करने की मांग की थी। इस फैसले के बाद, दोनों नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने बब्बर के आरोपों को पर्याप्त मानते हुए मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया था। राजीव बब्बर ने अरविंद केजरीवाल, आतिशी, आप नेता सुशील कुमार गुप्ता और मनोज कुमार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। बब्बर का आरोप था कि इन नेताओं ने भाजपा को बदनाम करने की साजिश रची और 2020 के विधानसभा चुनावों से पहले गलत बयान दिए, जिसमें कहा गया था कि भाजपा ने दिल्ली की मतदाता सूची से 30 लाख मतदाताओं के नाम हटवा दिए हैं। इनमें विशेष रूप से बनिया, मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोग शामिल थे।

फरवरी 2020 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले की कार्यवाही पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी, जिससे अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं को कुछ समय के लिए राहत मिली थी। लेकिन जब मामले को पुनः शुरू किया गया, तो राऊज एवेन्यू कोर्ट ने तीन अक्टूबर 2023 को पेशी का आदेश जारी किया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई इस रोक के बाद अब ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तब तक नहीं होगी जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता। केजरीवाल और आतिशी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और इनका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना है। अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे क्या निर्णय लेता है। यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इस तरह के आरोप और कानूनी मामलों का सीधा असर आगामी चुनावों और राजनीतिक छवि पर पड़ सकता है।

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अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें, कोर्ट ने सुरक्षित रखा फ़ैसला. https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/arvind-kejriwals-bail-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/arvind-kejriwals-bail-2/#respond Thu, 05 Sep 2024 11:09:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4677 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपी बनाया है। ईडी के मामले में केजरीवाल को पहले ही …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर 5 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के आरोपों में आरोपी बनाया है। ईडी के मामले में केजरीवाल को पहले ही जमानत मिल चुकी है, लेकिन आज सीबीआई मामले में उनकी जमानत याचिका पर बहस हो रही है। इस सुनवाई के दौरान केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा, जबकि सीबीआई की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने जिरह की।

एएसजी एसवी राजू ने शुरुआत में सवाल उठाया कि केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट को दरकिनार कर सीधे सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका क्यों दायर की। राजू ने तर्क दिया कि मामले में पहले मनीष सिसोदिया, के कविता और अन्य आरोपी ट्रायल कोर्ट से होते हुए हाईकोर्ट पहुंचे थे, फिर अरविंद केजरीवाल को भी उसी प्रक्रिया का पालन करना चाहिए था। राजू ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि केजरीवाल कोई ‘विशेष’ व्यक्ति हैं, जिन्हें अलग तरह की कानूनी प्रक्रिया की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी मामले में केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट से ही जमानत मिली थी, इसलिए उन्हें सीबीआई मामले में भी पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए।

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इसके अलावा, एएसजी राजू ने कहा कि हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था और ट्रायल कोर्ट में जाने का विकल्प दिया था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जमानत याचिका दायर करते समय केजरीवाल ने चार्जशीट दाखिल होने का इंतजार नहीं किया था, जो कि कानूनी दृष्टिकोण से गलत है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि इस मामले में हाईकोर्ट ने अभी तक गुण-दोष पर विचार नहीं किया है और अगर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलती है, तो इससे उच्च न्यायालय की प्रक्रिया कमजोर हो जाएगी। अरविंद केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलीलों की शुरुआत करते हुए कहा कि यह शायद पहला मामला है, जिसमें किसी व्यक्ति को दो बार जमानत मिल चुकी है, फिर भी उसे रिहा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने उनके मुवक्किल को दो साल तक गिरफ्तार नहीं किया और अब अचानक उनकी गिरफ्तारी की मांग की जा रही है।

सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि केजरीवाल का नाम एफआईआर में नहीं था और उन्हें अप्रैल 2023 में एक गवाह के रूप में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सिंघवी ने आगे कहा कि सीबीआई ने अभी तक केजरीवाल के खिलाफ कोई नया ठोस सबूत नहीं पेश किया है। केवल एक पुराने बयान के आधार पर उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है। सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि केजरीवाल न तो फ्लाइट रिस्क (भागने का खतरा) हैं, और न ही वे सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल एक संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनके विदेश भागने का सवाल ही नहीं उठता।

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सिंघवी ने आगे कहा कि केजरीवाल को पहले से ही तीन बार जमानत मिल चुकी है, जिसमें ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश शामिल हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि अब केजरीवाल को फिर से ट्रायल कोर्ट में भेजना उचित नहीं होगा, क्योंकि इससे केवल देरी होगी और मामले की सुनवाई लंबी खिंच सकती है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस भुय्यां की बेंच ने सुनवाई के दौरान कई टिप्पणियाँ कीं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यदि हाईकोर्ट को इस मामले में पहले ही आदेश देना चाहिए था जब उन्होंने नोटिस जारी किया। वहीं जस्टिस भुय्यां ने कहा कि हाईकोर्ट ने फैसला लिखने में 7 दिन का समय लिया, जबकि उन्हें तुरंत निर्णय देना चाहिए था।

जब एएसजी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उच्च न्यायालय के मनोबल को कमजोर कर सकता है, तो जस्टिस भुय्यां ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के पास अभी भी मामला गुण-दोष पर विचार करने का अवसर है। अंततः, जिरह के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि मामले पर फैसला सुनाया जाएगा, लेकिन एएसजी एसवी राजू ने और समय की मांग की।

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राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीन IAS अभ्यर्थियों की मौत के मामले में छह आरोपियों को CBI की 4 दिन की हिरासत में भेजा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/rouse-avenue-court-ne-three-ias/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/rouse-avenue-court-ne-three-ias/#respond Sat, 31 Aug 2024 13:16:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4580 दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को तीन IAS अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत के मामले में छह आरोपियों को चार दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में भेज दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने अभियुक्तों अभिषेक गुप्ता, देशपाल सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, और परमिंदर …

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दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने शनिवार को तीन IAS अभ्यर्थियों की डूबने से हुई मौत के मामले में छह आरोपियों को चार दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की हिरासत में भेज दिया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट निशांत गर्ग ने अभियुक्तों अभिषेक गुप्ता, देशपाल सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह, सरबजीत सिंह, और परमिंदर सिंह की हिरासत का आदेश दिया। ये आरोपी एक महीने पहले गिरफ्तार किए गए थे और अब 4 सितंबर को अदालत में पेश किए जाएंगे। यह मामला जुलाई 27 को घटी उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से जुड़ा है जिसमें राउ के आईएएस स्टडी सर्कल, ओल्ड राजेंद्र नगर, दिल्ली के बेसमेंट में बाढ़ के कारण तीन सिविल सेवा अभ्यर्थी—श्रेय यादव, तान्या सोनी, और नेविन डालविन—की मौत हो गई थी।

दिल्ली पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद, हाई कोर्ट ने 2 अगस्त को इस मामले की जांच CBI को सौंप दी थी। CBI ने आरोपियों से आगे की पूछताछ के लिए और समय मांगा था ताकि मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा सके। एजेंसी ने आरोपियों पर हत्या के बराबर न आने वाले हत्या, लापरवाही से मौत का कारण बनने, जानबूझकर चोट पहुंचाने, और निर्माण और मरम्मत से संबंधित लापरवाही के आरोप लगाए हैं। हाई कोर्ट ने प्रारंभिक जांच को लेकर चिंताओं के कारण इस मामले को CBI को सौंपा था। अदालत ने माना कि इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच आवश्यक है, जिससे CBI को जिम्मेदारी दी गई।

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CBI अब इस मामले में सभी पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। एजेंसी यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इस घटना में किसी प्रकार की निर्माण या मरम्मत की लापरवाही शामिल थी, जिसके कारण यह त्रासदी घटी। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था जिससे छात्रों की जान गई। इस मामले में अब तक की जांच में पता चला है कि राउ के आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में जलभराव के समय पर्याप्त बचाव या निकासी की व्यवस्था नहीं थी, जो इस घटना का प्रमुख कारण बना। आरोपियों पर यह आरोप है कि उन्होंने निर्माण और मरम्मत कार्यों में लापरवाही बरती, जिससे यह स्थिति उत्पन्न हुई।

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अदालत ने CBI को 4 दिन की हिरासत इस उद्देश्य से दी है ताकि एजेंसी यह समझ सके कि इस मामले में और कौन-कौन लोग जिम्मेदार हो सकते हैं और घटना के समय किस प्रकार की लापरवाही बरती गई थी। आरोपियों से पूछताछ के बाद, यह संभव है कि CBI इस मामले में और आरोपियों को गिरफ्तार करे या अदालत में आरोपपत्र दाखिल करे। यह मामला दिल्ली में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के बीच चिंता का विषय बन गया है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पढ़ाई के लिए उपयोग किए जाने वाले संस्थान सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं। मामले की अगली सुनवाई 4 सितंबर को होगी, जब अदालत CBI की जांच के आधार पर आगे के आदेश जारी करेगी।

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मनीष सिसोदिया को कोर्ट से फिर झटका, अदालत ने ज्यूडिशियल कस्टडी को इस तारीख तक बढ़ाया. https://chaupalkhabar.com/2024/07/06/manish-sisodia-to-court/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/06/manish-sisodia-to-court/#respond Sat, 06 Jul 2024 09:39:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3859 दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज मनीष सिसोदिया को राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस सुनवाई में कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। सिसोदिया को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि शायद आज कुछ राहत …

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दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज मनीष सिसोदिया को राउज ऐवन्यू कोर्ट में पेश किया गया। इस सुनवाई में कोर्ट ने सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 15 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया। सिसोदिया को इस फैसले से बड़ा झटका लगा है, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि शायद आज कुछ राहत मिलेगी। मनीष सिसोदिया, जो आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं, पिछले साल 26 फरवरी से न्यायिक हिरासत में हैं। उनकी गिरफ्तारी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की गई थी। सीबीआई ने उन पर दिल्ली की आबकारी नीति से जुड़े घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है। इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और अनियमितताओं के आरोप हैं।

सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील विवेक जैन ने अदालत में तर्क दिया कि सीबीआई अदालत को गुमराह कर रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई नए सबूत पेश कर रही है जो पहले से मौजूद नहीं थे। इसके जवाब में, सीबीआई के वकील डीपी सिंह ने कहा कि जून के बाद नए सबूत सामने आए हैं और वे इस मामले की जानकारी सुप्रीम कोर्ट में भी देंगे। इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी राउज ऐवन्यू कोर्ट में दिल्ली शराब घोटाले के तीनों आरोपियों को पेश किया था। ईडी ने अदालत से इनकी हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया था। अदालत ने ईडी की दलीलों को सुनने के बाद अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को 12 जुलाई तक और मनीष सिसोदिया तथा के. कविता की न्यायिक हिरासत को 25 जुलाई तक बढ़ा दिया था।

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आज की सुनवाई में सिसोदिया को निराशा ही हाथ लगी। अदालत ने उनके पक्ष के तर्कों को खारिज करते हुए सीबीआई की दलीलों को स्वीकारा और उनकी हिरासत अवधि को बढ़ा दिया। यह निर्णय सिसोदिया के लिए एक और बड़ा झटका है, जो पहले से ही लम्बे समय से हिरासत में हैं। इस मामले में सीबीआई और ईडी दोनों ही एजेंसियां सक्रिय हैं और नए-नए सबूतों के आधार पर आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग कर रही हैं। अदालत के इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि जांच एजेंसियों के पास कुछ ठोस सबूत हैं जिनके आधार पर वे अदालत को संतुष्ट कर पा रहे हैं। अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में और क्या नए मोड़ आते हैं और सिसोदिया को कब तक न्यायिक हिरासत में रहना पड़ता है।

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‘केजरीवाल की गिरफ्तारी: क्यों, कैसे और किस प्रकार? कोर्ट में सिंघवी ने CBI पर उठाए सवाल’ https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/arrest-of-kejriwal/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/arrest-of-kejriwal/#respond Tue, 02 Jul 2024 10:33:03 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3817 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीबीआई को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। सीबीआई ने …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सीबीआई को सात दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी। सीबीआई ने 26 जून को कोर्ट की अनुमति के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई की। केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। इस सुनवाई की अध्यक्षता न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की पीठ ने की। अदालत ने सीबीआई को नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है।

सुनवाई के दौरान केजरीवाल के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “पहला बिंदु यह है कि गिरफ्तारी की आवश्यकता क्या है? जून में सीबीआई द्वारा केजरीवाल को गिरफ्तार करने का कोई सवाल ही नहीं था क्योंकि सीबीआई की एफआईआर अगस्त 2022 की है। सीबीआई ने केजरीवाल को अप्रैल 2023 में बुलाया और नौ घंटे तक पूछताछ की, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया।” सिंघवी ने आगे कहा, “वर्ष 2022 की प्राथमिकी पर 2023 अप्रैल में पूछताछ की गई और अब जून 2024 में गिरफ्तार हुई है। ऐसे में गिरफ्तारी की तात्कालिकता या आवश्यकता नहीं हो सकती। एजेंसी को गिरफ्तारी का कोई कारण या आधार होना चाहिए। सिंघवी ने तर्क दिया कि गिरफ्तारी मेमो में कुछ कारण होने चाहिए। केजरीवाल पहले से ही न्यायिक हिरासत में थे। गिरफ्तारी मेमो उल्लेखनीय है, जिसमें क्यों, कैसे, किस प्रकार की जानकारी नहीं दी गई।

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अदालत ने इस पर सवाल उठाया कि क्या केजरीवाल ने जमानत याचिका दायर की है। सिंघवी ने जवाब दिया कि अभी नहीं, लेकिन हम फाइल करने के हकदार हैं। सिंघवी ने कहा, “मैं आपको अनौपचारिक रूप से बता सकता हूं कि हम जमानत के लिए याचिका दायर करने वाले हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी दायर नहीं किया गया है।” अदालत ने केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी कर सीबीआई को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।इस प्रकरण ने दिल्ली के राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर उनके समर्थकों और आम आदमी पार्टी ने सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है। वहीं, विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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केजरीवाल पर लगे आरोपों के मद्देनजर सीबीआई की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है। आरोप है कि दिल्ली की आबकारी नीति में अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ था। सीबीआई का दावा है कि इस घोटाले में केजरीवाल की संलिप्तता पाई गई है, जिसके आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई है। वहीं, केजरीवाल और उनके समर्थकों का कहना है कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है और इसे विपक्ष द्वारा उठाया गया है। अब सभी की नजरें दिल्ली हाई कोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जो 17 जुलाई को होनी है। इस सुनवाई में कोर्ट के फैसले का इंतजार रहेगा, जो इस मामले के भविष्य को निर्धारित करेगा।

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केजरीवाल ने खुद कोर्ट में दी सफाई, CBI द्वारा दी गई दलील ‘मनीष सिसोदिया दोषी हैं’ पर किया बचाव https://chaupalkhabar.com/2024/06/26/kejriwal-himself-in-court/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/26/kejriwal-himself-in-court/#respond Wed, 26 Jun 2024 09:12:33 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3744 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कई महत्वपूर्ण दलीलें प्रस्तुत की हैं। सीबीआई का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सारा दोष अपने साथी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर मढ़ दिया है। सीबीआई का कहना है कि निजीकरण …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कई महत्वपूर्ण दलीलें प्रस्तुत की हैं। सीबीआई का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने इस मामले में सारा दोष अपने साथी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर मढ़ दिया है। सीबीआई का कहना है कि निजीकरण का विचार मनीष सिसोदिया का ही था और केजरीवाल इस मामले में अपनी भूमिका से बचने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली एक्साइज पॉलिसी स्कैम केस में फंसे अरविंद केजरीवाल को फिलहाल कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने उनकी जमानत पर रोक लगा दी, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ गईं। इसी के साथ, सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तिहाड़ जेल में पहुंचकर आवश्यक कार्रवाई की। बुधवार की सुबह, सीबीआई केजरीवाल की रिमांड लेने के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची, जहां सीबीआई और केजरीवाल के वकीलों के बीच कड़ी बहस हुई।

सीबीआई ने कोर्ट में यह दावा किया कि अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि वे विजय नायर को नहीं पहचानते और नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे। सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है ताकि सच का पता लगाया जा सके। सीबीआई के वकील ने अदालत में कहा कि केजरीवाल ने अपने बयान में मनीष सिसोदिया पर सारा दोष डाल दिया है और यह दावा किया है कि निजीकरण की नीति का विचार सिसोदिया का था।

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सीबीआई का मानना है कि अरविंद केजरीवाल ने जानबूझकर मनीष सिसोदिया पर दोष मढ़ा है ताकि खुद को इस घोटाले से बचा सकें। सीबीआई के वकील ने अदालत को बताया कि केजरीवाल को कई दस्तावेजों का सामना करना पड़ेगा और उनसे संबंधित सवालों के जवाब देने होंगे। सीबीआई का कहना है कि केजरीवाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाए ताकि इस मामले की सच्चाई सामने आ सके। इस बीच, केजरीवाल के वकील ने अदालत में जोरदार दलीलें पेश कीं और कहा कि उनके मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। वकील का कहना है कि केजरीवाल का इस घोटाले में कोई हाथ नहीं है और उन्हें राजनीतिक रूप से निशाना बनाया जा रहा है।

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कोर्ट में चल रही इन दलीलों के बीच, इस मामले में क्या निर्णय आएगा यह देखना बाकी है। फिलहाल, अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और सीबीआई का उन पर शिकंजा कसता जा रहा है। इस मामले में आगे की कार्रवाई और न्यायालय का फैसला क्या होगा, यह आने वाले दिनों में साफ होगा।

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अरविंद केजरीवाल की रिहाई पर फैसला टला, सुप्रीम कोर्ट में अब इस तारीख को होगी सुनवाई https://chaupalkhabar.com/2024/06/24/release-of-arvind-kejriwal/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/24/release-of-arvind-kejriwal/#respond Mon, 24 Jun 2024 07:53:01 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3701 नई आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को 26 जून, …

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नई आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को निचली अदालत से मिली जमानत पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। इस फैसले के खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए मामले को 26 जून, बुधवार के लिए स्थगित कर दिया है। केजरीवाल को 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। 20 जून को निचली अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी। हाई कोर्ट ने यह रोक तब लगाई जब ईडी ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी

हाई कोर्ट की एक अवकाशकालीन पीठ ने आदेश देते हुए कहा था कि जब तक उच्च न्यायालय इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लेता, तब तक निचली अदालत का आदेश प्रभावी नहीं होगा। कोर्ट ने सभी पक्षों को 24 जून तक लिखित प्रतिवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को नोटिस जारी कर उनसे ईडी की याचिका पर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी। इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने अपने जमानत आदेश में माना था कि अभी तक केजरीवाल के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है जो उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ता हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि ईडी केजरीवाल को अपराध की आय से जोड़ने वाले प्रत्यक्ष सुबूत प्रस्तुत करने में विफल रही है।

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इस बीच, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के नेताओं पर पाखंड का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही आप नेता ईडी और केंद्र सरकार की इस बात पर निंदा कर रहे थे कि बिना आदेश के ही ईडी ने हाई कोर्ट का रुख किया। जबकि अब खुद आप नेता हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जबकि हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है। इस मामले में जहां एक तरफ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर कानूनी प्रक्रिया भी तेजी से आगे बढ़ रही है। अब सबकी निगाहें 26 जून को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि अरविंद केजरीवाल को जेल में रहना होगा या नहीं।

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AAP कार्यालय: क्यों हो रहा है आम आदमी पार्टी का मुख्यालय खाली, क्या है अंतिम समयसीमा? जानें पूरा मामला https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/why-are-you-coming-to-aap-office/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/why-are-you-coming-to-aap-office/#respond Fri, 21 Jun 2024 10:42:38 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3689 AAP को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय को खाली करना ही पड़ेगा। कोर्ट ने इसके लिए आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त तक की डेडलाइन दी है। । इससे पहले पार्टी को 15 जून तक कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट …

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AAP को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय को खाली करना ही पड़ेगा। कोर्ट ने इसके लिए आम आदमी पार्टी को 10 अगस्त तक की डेडलाइन दी है। । इससे पहले पार्टी को 15 जून तक कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया था, लेकिन बाद में कोर्ट ने मोहलत बढ़ा दी थी । सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि आम आदमी पार्टी के कार्यालय का पता जल्द ही बदलने वाला है। दिल्ली के बंगला नंबर 206, राउज एवेन्यू में आम आदमी पार्टी का कार्यालय स्थित है। यह परिसर 2020 में दिल्ली हाईकोर्ट को जिला अदालत के विस्तार के लिए आवंटित किया जा चुका था। इसके बावजूद आम आदमी पार्टी ने जगह खाली नहीं की, जिसके चलते अदालत के विस्तार का काम रुका हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, और अंततः पार्टी को कार्यालय खाली करने का आदेश दिया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी को एक सप्ताह के भीतर अंडरटेकिंग दाखिल करनी होगी कि वह 10 अगस्त को या उससे पहले शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली के राउज एवेन्यू पार्टी कार्यालय को खाली करके सौंप देगी। इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने यह सवाल उठाया था कि कोई भी राजनीतिक दल सरकारी जमीन पर कैसे कब्जा कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के पीछे का प्रमुख कारण अदालत का विस्तार न हो पाना है। कोर्ट ने कहा कि जब परिसर को 2020 में जिला अदालत के विस्तार के लिए आवंटित किया गया था, तो आम आदमी पार्टी को इसे तुरंत खाली करना चाहिए था। लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया, जिससे अदालत के कामकाज में बाधा उत्पन्न हुई।

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अब, सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बाद, आम आदमी पार्टी को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्यालय को खाली कर दे। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी का नया कार्यालय कहां स्थापित होता है, क्योंकि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों के लिए पार्टी कार्यालय का स्थान महत्वपूर्ण है। इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट होता है कि सरकारी परिसरों का उपयोग किस प्रकार किया जाना चाहिए और किसी भी राजनीतिक दल या अन्य संगठन को सरकारी संपत्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए।

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ED द्वारा HC में दी दलीलें कहा कोर्ट का फैसला गलत, केजरीवाल को जमानत देना अनुचित; हमारी बात अनसुनी, नहीं देखे गये दस्तावेज https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/ed-by-hc-in-given-gini-dali/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/21/ed-by-hc-in-given-gini-dali/#respond Fri, 21 Jun 2024 08:45:16 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3681 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर एक नया मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। विशेष अदालत ने गुरुवार को केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत को लेकर एक नया मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को मिली जमानत के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। विशेष अदालत ने गुरुवार को केजरीवाल को जमानत दी थी, लेकिन अब हाई कोर्ट ने ईडी की याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक उनकी रिहाई पर रोक लगा दी है।

गुरुवार को राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत की अवकाशकालीन बेंच ने केजरीवाल को जमानत दी थी। हालांकि, ईडी ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए तुरंत हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस सुधीर कुमार जैन और रविंदर डुडेजा की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए विशेष अदालत से आदेश की कॉपी और फाइल मंगवाई। कोर्ट ने ईडी की प्राथमिक दलीलें सुनने के बाद केस को तुरंत सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया और सुनवाई पूरी होने तक बेल ऑर्डर पर रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान, केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर ईडी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को कुछ समय के लिए बेल दी थी और ट्रायल कोर्ट जज ने इस आदेश का जिक्र किया था। उन्होंने यह भी पूछा कि इस मामले को अवकाशकालीन बेंच के सामने उठाने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी। चौधरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि केजरीवाल दोषी करार नहीं दिए गए हैं, उनकी कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और मामला लंबे समय से लंबित है। इस पर कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने की बात कही।

ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने उनकी दलीलों और दस्तावेजों पर ठीक से विचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने भारीभरकम दस्तावेजों को देखते हुए उन्हें अप्रासंगिक मान लिया, जो कि गलत है। एएसजी ने कहा कि कोर्ट ने बिना दस्तावेजों को देखे कैसे कह दिया कि वे प्रासंगिक नहीं हैं। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश में कई तथ्यात्मक गलतियाँ थीं। जैसे, ईसीआईआर (Enforcement Case Information Report) 22 अगस्त 2022 को दर्ज किया गया था, लेकिन इसे जुलाई 2022 में ही दाखिल कर दिया गया था। ईडी ने कहा कि ये सभी तथ्य अदालत के सामने प्रस्तुत किए गए थे, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया।

ईडी ने तर्क दिया है कि उन्हें उचित तरीके से सुना नहीं गया और उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपनी दलीलें रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया।

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एएसजी ने यह भी तर्क दिया कि हाई कोर्ट ने पहले के आदेश में कहा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में कोई बदनीयती नहीं थी, जबकि ट्रायल कोर्ट ने इसे गलत बताया। यह हाई कोर्ट के आदेश के विपरीत था। उन्होंने कहा कि यदि बेल के लिए अप्रासंगिक सामग्री पर विचार किया गया है, तो इसे खारिज किया जा सकता है। ईडी ने तर्क दिया कि उन्हें उचित तरीके से सुना नहीं गया और उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपनी दलीलें रखने का पूरा मौका नहीं दिया गया। एएसजी ने कहा कि उनकी सभी दलीलें नहीं सुनी गईं और उन्हें जल्दी से अपनी बात खत्म करने को कहा गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें लिखित जानकारी देने की अनुमति नहीं दी गई थी।

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अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने ईडी की दलीलों का विरोध करते हुए कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। एएसजी ने अपनी दलीलों में कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश को तुरंत खारिज किया जाए और मामले की जल्दी सुनवाई की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी को सही तरीके से दलील रखने का मौका नहीं मिला। स्पेशल जज न्याय बिंदु ने केजरीवाल को जमानत दी थी और ईडी की 48 घंटे की रोक की मांग को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि जमानत बॉन्ड शुक्रवार को ड्यूटी जज के सामने पेश किया जा सकता है। हालांकि, अब हाई कोर्ट ने ईडी की याचिका स्वीकार करते हुए केजरीवाल की रिहाई पर रोक लगा दी है। यह मामला अब हाई कोर्ट में लंबित है, जहां सभी पक्षों को अपनी दलीलें रखने का मौका मिलेगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत क्या निर्णय लेती है और केजरीवाल की जमानत को लेकर क्या अंतिम फैसला आता है।

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अरविंद केजरीवाल को राहत मिलेगी या नहीं ? जमानत याचिका पर आज दिल्ली की अदालत में सुनवाई जारी https://chaupalkhabar.com/2024/06/20/relief-to-arvind-kejriwal/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/20/relief-to-arvind-kejriwal/#respond Thu, 20 Jun 2024 06:41:18 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3652 दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका और मेडिकल जांच के दौरान पत्नी की मौजूदगी को लेकर दायर आवेदन पर आज बृहस्पतिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पिछली सुनवाई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि पूरा मामला केवल गवाहों के बयान पर आधारित है। वहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नियमित जमानत याचिका और मेडिकल जांच के दौरान पत्नी की मौजूदगी को लेकर दायर आवेदन पर आज बृहस्पतिवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पिछली सुनवाई में केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि पूरा मामला केवल गवाहों के बयान पर आधारित है। वहीं, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया था। आज सुनवाई के दौरान अदालत में अरविंद केजरीवाल और ईडी के वकीलों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे एएसजी एसवी राजू ने राउज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि 7 नवंबर 2021 को अरविंद केजरीवाल होटल ग्रैंड हयात में ठहरे थे। उन्होंने बताया कि दो किस्तों में 1 लाख रुपये का भुगतान किया गया था। इसका भुगतान चनप्रीत सिंह ने अपने बैंक खाते से किया था। एएसजी एसवी राजू ने आगे बताया कि चनप्रीत वह व्यक्ति है जिसने अलग-अलग ‘अंगड़िया’ से 45 करोड़ रुपये लिए थे और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।

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एएसजी ने यह भी कहा कि इस बात के सबूत हैं कि चनप्रीत ने गोवा में केजरीवाल के होटल का बिल चुकाया था। कोर्ट ने इन तथ्यों के आधार पर केजरीवाल को जमानत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी थी। न्यायिक हिरासत समाप्त होने के बाद उन्हें जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से मई में उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक की अंतरिम जमानत दी गई थी। 2 जून को उन्होंने तिहाड़ जेल में सरेंडर कर दिया था। तब से वह न्यायिक हिरासत में जेल में हैं।

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इस मामले में अब तक कई तथ्यों और गवाहों के बयान सामने आए हैं। अदालत में आज की सुनवाई में केजरीवाल के वकील ने यह तर्क दिया कि गवाहों के बयानों के आधार पर उनके मुवक्किल को दोषी ठहराना उचित नहीं है। वहीं, ईडी ने अपने सबूतों और तथ्यों के आधार पर केजरीवाल की जमानत याचिका का विरोध किया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, राउज एवेन्यू कोर्ट ने आगे की सुनवाई के लिए तारीख तय की है और केजरीवाल की न्यायिक हिरासत को भी बढ़ा दिया है। मामले की अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी, जिसमें कोर्ट दोनों पक्षों की दलीलें सुनकर अंतिम निर्णय लेगी।

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