RG Kar Medical College Case - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg RG Kar Medical College Case - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पर सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/#respond Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5147 आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने पूरी तरह नियंत्रित किया था। उन्होंने अपने करीबी और विश्वसनीय डॉक्टरों के जरिए यह सुनिश्चित किया कि पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया उनके हिसाब से हो।

CBI ने मुर्दाघर सहायक से पूछताछ के दौरान पाया कि पोस्टमॉर्टम के समय सहायक को शव के पास आने तक नहीं दिया गया था। उसे कमरे के एक कोने में बिठाकर रखा गया, जबकि सामान्य स्थिति में उसका काम होता है शव के क्षतिग्रस्त अंगों को चिन्हित करना और पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को पूरा करने में डॉक्टरों की मदद करना। इसके अलावा, सहायक का काम शव को सिलने का भी होता है, लेकिन इस बार उसे यह करने से रोका गया।

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CBI की इस जांच से यह संकेत मिलता है कि पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया गया था, जो कि इस घटना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। पोस्टमॉर्टम के समय की यह परिस्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि मामले को दबाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र शाखा से जुड़े प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलदर ने इस घटना पर आधारित “आगमनी तिलोत्तमार गल्पो” नामक एक लघु फिल्म तैयार की है, जिसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद उत्पन्न हो गया है। फिल्म का पोस्टर सामने आने के बाद TMC ने इन दोनों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

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हालांकि, दोनों का कहना है कि फिल्म का पोस्टर देखकर इसके कंटेंट पर कोई निष्कर्ष निकालना गलत होगा। उनका कहना है कि वे फिल्म के जरिए किसी भी तरह का अन्याय उजागर करना चाहते हैं, और वे फिल्म को प्रदर्शित करने के अपने निर्णय पर अडिग हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि फिल्म का तृणमूल कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में न्याय चाहती है और वह इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।

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पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/#respond Tue, 10 Sep 2024 13:01:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4798 पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक …

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पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी तौर पर गहराता जा रहा है, और इस पर वकीलों के प्रदर्शन ने भी इसे और संवेदनशील बना दिया है। सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 8 दिन की हिरासत के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन और समाज में काफी नाराजगी है, और लोगों की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं।

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अलीपुर में जब संदीप घोष को कोर्ट में पेश किया गया, तो वकीलों का एक बड़ा समूह उनके खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आया। प्रदर्शनकारी वकील घोष के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे थे। वे फांसी की सजा की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वकीलों ने कहा, “संदीप घोष को फांसी होनी चाहिए। वह बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है। उसे समाज के सामने शर्मिंदा किया जाना चाहिए।” प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और आक्रोश का स्तर इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कोर्ट परिसर में घोष का चेहरा दिखाने और उन्हें सजा देने की मांग की। कई वकील और छात्र इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, और कुछ ने मांग की है कि जांच और तेज की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज का यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें शामिल सभी आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिनके आधार पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। संदीप घोष पर लगे आरोपों ने पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी है।सीबीआई की जांच के दौरान अब तक कई अहम दस्तावेज और गवाह सामने आए हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। अब सभी की नजरें 23 सितंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि न्यायालय क्या फैसला करता है।

मामले के संबंध में वकीलों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस तरह के मामलों में न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि समाज में कानून का डर बना रहे। इस मामले ने समाज में एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और कानून का पालन कितना जरूरी है। संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और आगे की जांच जारी रहेगी। 23 सितंबर की सुनवाई के दौरान मामले के और भी महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है, जिससे यह पता चलेगा कि दोषियों को किस तरह की सजा दी जाएगी।

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कोलकाता मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सीबीआई को ताजा रिपोर्ट जमा करने का निर्देश. https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/#respond Mon, 09 Sep 2024 08:11:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4756 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर भी कई प्रश्न उठाए। इसके बाद, उन्होंने सीबीआई को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से यह जानकारी मांगी कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की वीडियो फुटेज उन्हें सौंप दी गई है। इस पर एसजी मेहता ने बताया कि 27 मिनट की अवधि की 4 क्लिप्स उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने नमूनों को एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजने का निर्णय लिया है।

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सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे को उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि सुरक्षा कर्मियों को उचित आवास उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों की आवश्यकताओं को आज ही संकलित किया जाए और सुरक्षा उपकरण रात 9 बजे तक उपलब्ध कराए जाएं।

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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि जब डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी, तब 23 लोगों की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और प्रश्नों के मद्देनजर, इस मामले की जांच और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर आने वाले समय में महत्वपूर्ण निर्णय संभव हैं।

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कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस, कोर्ट में CBI की लापरवाही पर फटकार, DNA साक्ष्यों से आरोपी की पुष्टि. https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/kolkata-trainee-doctor-ray/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/kolkata-trainee-doctor-ray/#respond Sat, 07 Sep 2024 09:07:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4729 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या की घटना को लेकर जांच अब भी जारी है। सियालदह कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की लापरवाही पर सवाल उठाए गए, जब जांच अधिकारी और वकील कोर्ट में समय पर उपस्थित नहीं हुए। इस मामले …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई रेप और हत्या की घटना को लेकर जांच अब भी जारी है। सियालदह कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीबीआई की लापरवाही पर सवाल उठाए गए, जब जांच अधिकारी और वकील कोर्ट में समय पर उपस्थित नहीं हुए। इस मामले में आरोपी संजय रॉय की जमानत पर सुनवाई होनी थी, लेकिन सीबीआई की टीम करीब 40 मिनट देर से पहुंची, जिसके कारण कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर जांच एजेंसी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले सकती, तो क्या हम आरोपी को जमानत दे दें? सुनवाई के दौरान जज ने सीबीआई के वकील और जांच अधिकारी से नाराजगी व्यक्त की और कहा कि ऐसा रवैया किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एजेंसी को अपने काम में तेजी और सटीकता दिखानी चाहिए। देरी के कारण, कोर्ट की यह टिप्पणी सीबीआई की ओर से केस को गंभीरता से न लिए जाने के संकेत के रूप में देखी जा रही है।

मृतिका के शरीर से जुटाए गए साक्ष्यों से मिले DNA सैंपल को जांच के लिए एम्स भेजा गया था। एम्स के डॉक्टरों के पैनल ने इसे बारीकी से अध्ययन करने के बाद पुष्टि की है कि सैंपल संजय रॉय के DNA से मेल खा रहा है। इससे पहले, सीबीआई को DNA रिपोर्ट मिल चुकी थी, लेकिन इसे फाइनल ओपिनियन के लिए एम्स भेजा गया था। अब तक की जांच में यही सामने आया है कि इस जघन्य अपराध में संजय रॉय अकेला ही शामिल था और किसी अन्य व्यक्ति की भूमिका नहीं पाई गई है।

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सीबीआई इस मामले में 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है और जांच को मजबूत करने के लिए 10 लोगों के पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराए गए। यह टेस्ट सीबीआई की मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का हिस्सा थे, ताकि चार्जशीट दाखिल करते समय कोई कानूनी कमी न रह जाए। यह मामला 9 अगस्त को उस समय सामने आया जब ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव अस्पताल के सेमिनार हॉल में पाया गया। अगले ही दिन, यानी 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के बाद कोलकाता पुलिस द्वारा शुरू की गई जांच को 13 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया। सीबीआई ने 14 अगस्त से इस केस की जांच शुरू की थी।

इस घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी सख्त कदम उठाए। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की सदस्यता निलंबित कर दी गई। यह फैसला मामले की गंभीरता और अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर उठे सवालों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। इस हृदयविदारक घटना के बाद, मृतका की मां ने अपनी बेटी के नाम एक भावुक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने अपनी बेटी को याद करते हुए लिखा कि उसकी बेटी का सपना डॉक्टर बनने का था, और वह अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही थी। शिक्षक दिवस के मौके पर अपनी बेटी की ओर से सभी शिक्षकों को नमन करते हुए, मृतिका की मां ने इस पत्र के जरिए न्याय की मांग की और आम जनता से भी समर्थन की अपील की।

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उन्होंने लिखा, “मेरी यह लड़ाई सिर्फ मेरी नहीं, बल्कि आप सबकी लड़ाई भी है। मैं अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए आप सबका समर्थन चाहती हूं। मेरी बेटी ने बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना देखा था, और उसके इस सपने को पूरा करने में आप सभी शिक्षक प्रेरक शक्ति थे।” इस मामले में अब तक सामने आए सबूतों और गवाहों के बयान से साफ हो चुका है कि संजय रॉय ही इस अपराध का मुख्य आरोपी है। हालांकि, सीबीआई की ओर से पेश की जा रही धीमी गति और कोर्ट में देरी से आने की घटनाओं ने जांच पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मृतिका के परिजनों और आम जनता की उम्मीद अब इस बात पर टिकी हुई है कि न्यायिक प्रक्रिया में और कोई देरी न हो और आरोपी को सख्त सजा मिले।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर वित्तीय अनियमितताओं और टेंडर घोटाले के आरोप, सीबीआई और ईडी की जांच जारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/06/rg-kar-medical-college-k-pu-3/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/06/rg-kar-medical-college-k-pu-3/#respond Fri, 06 Sep 2024 05:35:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4691 आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर वित्तीय कदाचार और अन्य अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों की जड़ में आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की ओर से दाखिल की गई एक याचिका है, जिसे उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया। याचिका में डॉ. अली ने …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर वित्तीय कदाचार और अन्य अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे हैं। इन आरोपों की जड़ में आरजी कर अस्पताल के पूर्व उपाधीक्षक डॉ. अख्तर अली की ओर से दाखिल की गई एक याचिका है, जिसे उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया। याचिका में डॉ. अली ने संदीप घोष पर वित्तीय गड़बड़ियों के साथ-साथ टेंडरों में पक्षपात और मेडिकल कचरे की अवैध बिक्री के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही, घोष पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पैसे लेकर मेडिकल छात्रों को परीक्षा में पास कराने का काम किया।

सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष के साथ सुरक्षा गार्ड अफसर अली, बिप्लब सिंह और सुमन हाजरा को भी गिरफ्तार किया है। आरोप यह भी हैं कि अस्पताल में विभिन्न टेंडरों की प्रक्रिया में अनियमितता बरती गई, जिससे आर्थिक नुकसान हुआ। इसके अलावा, मेडिकल ऑर्गेनिक कचरे की अवैध बिक्री भी एक प्रमुख मुद्दा है, जिसमें भारी धनराशि का लेन-देन हुआ। ईडी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए संदीप घोष के कोलकाता स्थित आवास पर छापेमारी की, साथ ही हावड़ा में अन्य दो लोगों के आवासों पर भी तलाशी ली गई। ईडी ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत बरामद किए, जो इन आरोपों को पुष्ट करते हैं।

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यह मामला तब और भी गंभीर हो गया जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में पाया गया। शुरुआत में इस मामले की जांच कोलकाता पुलिस ने की, लेकिन बाद में उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया गया। इस महिला डॉक्टर की मौत के 26 दिनों बाद, सीबीआई ने वित्तीय कदाचार के मामले में संदीप घोष और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया।

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16 अगस्त को कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, लेकिन अगले ही दिन हाईकोर्ट ने इस केस को भी सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने 24 अगस्त को औपचारिक रूप से मामला दर्ज किया और इसके बाद कई गिरफ्तारियां कीं। संदीप घोष पर लगे इन गंभीर आरोपों के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज का प्रशासन सवालों के घेरे में है। मामले की जांच अब ईडी और सीबीआई द्वारा की जा रही है, और उम्मीद है कि इस केस में न्याय जल्द ही होगा।

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कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/#respond Tue, 03 Sep 2024 10:24:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4596 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा …

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा का यह सत्र खास तौर पर इस मुद्दे पर चर्चा और विधेयक के पारित करने के लिए बुलाया गया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस पर बोलते हुए देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में 20 साल की दलित महिला के साथ रेप और बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में 2013 में एक कॉलेज छात्रा की रेप और बर्बर हत्या के मामलों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जयपुर में हाल ही में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के साथ रेप की घटना को भी सामने रखा। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर असामान्य रूप से अधिक है, और वहां महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं को न्याय मिलेगा और इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून तुरंत प्रभाव से लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस विधेयक को लागू किया जाए और इसका परिणाम दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को सुनने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस बिल को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।

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एंटी रेप बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक में रेप और हत्या के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:

1. मौत की सजा:  रेप और हत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

2. चार्जशीट और सजा:  चार्जशीट दाखिल करने के 36 दिनों के भीतर दोषी को सजा-ए-मौत का प्रावधान है।

3. तेजी से जांच:  इस विधेयक के तहत 21 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

4. अपराधियों की मदद करने पर सजा:  अपराधियों की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

5. स्पेशल टास्क फोर्स:  हर जिले में स्पेशल “अपराजिता टास्क फोर्स” का गठन किया जाएगा, जो रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ के मामलों में तुरंत कार्रवाई करेगी।

6. एसिड अटैक पर सजा:  एसिड अटैक के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

7. पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा:  पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।

8. तेजी से सुनवाई:  विधेयक में BNSS प्रावधानों में संशोधन करते हुए सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान शामिल है।

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विधेयक का कानून बनना

इस विधेयक के कानून बनने के लिए अब राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है। विधानसभा में इस बिल का पारित होना इसलिए आसान रहा क्योंकि 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 223 विधायकों का समर्थन है। लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इसका उदाहरण 2019 के आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक और 2020 के महाराष्ट्र शक्ति विधेयक हैं, जिनमें सभी रेप मामलों के लिए सिर्फ मौत की सजा का प्रावधान था, लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी आज तक नहीं मिली है। इस विधेयक में BNSS और 2012 के पोक्सो अधिनियम के कुछ हिस्सों में संशोधन करते हुए, पीड़िता की उम्र चाहे जो भी हो, यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की घटना के बाद जनता के गुस्से और न्याय की मांग के बीच, ममता बनर्जी ने इस एंटी रेप बिल को लाने का निर्णय लिया। अब इस विधेयक का कानून बनना इस पर निर्भर करेगा कि इसे राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है या नहीं।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार, वित्तीय अनियमितताओं और रेप मर्डर केस में सीबीआई की कार्रवाई. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/#respond Tue, 03 Sep 2024 06:45:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4585 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न केवल मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है बल्कि इसके साथ ही बंगाल के राजनीतिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एक लंबे समय से अपने उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल ही में कॉलेज पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। सीबीआई ने इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपों के अनुसार, इन अनियमितताओं के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ और कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में गड़बड़ियां पाई गईं।

सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान कई सबूतों को इकट्ठा किया, जिनसे यह प्रतीत होता है कि इन वित्तीय अनियमितताओं में संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध है। इसके आधार पर, एजेंसी ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया। इस मामले में, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है। ईडी, सीबीआई के एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर (एन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर चुकी है, और अब मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को लेकर जांच जारी है आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल इन दिनों लगातार विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में, इस कॉलेज के एक जूनियर डॉक्टर के साथ घटित एक भयानक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। 9 अगस्त की रात, नाइट ड्यूटी के दौरान, इस डॉक्टर के साथ रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना अस्पताल के भीतर हुई और इसके बाद से कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में भी सीबीआई ने जांच शुरू की है और संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है।

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संदीप घोष से इस मामले में पूछताछ के दौरान उनके बयान लगातार बदलते रहे, जिससे जांच एजेंसियों का शक और भी गहरा हो गया। फिलहाल, यह मामला भी सीबीआई के लिए एक महत्वपूर्ण जांच का विषय बना हुआ है। इस केस ने कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए हैं, और इसने राज्य में चिकित्सा पेशे की नैतिकता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। संदीप घोष की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, “बंगाल के लोग इस मामले में न्याय चाहते थे और यह गिरफ्तारी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे पहले से ही अंदेशा था कि संदीप घोष को सीबीआई गिरफ्तार करेगी। यह कार्रवाई राज्य में बढ़ती भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी है।” सीबीआई और ईडी की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने बंगाल के राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है, क्योंकि यह मामला केवल एक मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठा रहा है।

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इस मामले में संदीप घोष के साथ-साथ तीन व्यापारिक संस्थाओं की भूमिका भी जांच के दायरे में है, और यह देखना बाकी है कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर बंगाल के लोग और राज्य का चिकित्सा समुदाय बेचैनी से आगे की घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं।

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ममता बनर्जी के पास अपने बच्चे नहीं हैं, वो हमारे दर्द को नहीं समझ सकतीं’; दुष्कर्म पीड़िता की मां का गुस्सा फूटा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/30/mamata-banerjee-near-her-save/#respond Fri, 30 Aug 2024 06:37:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4536 कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से …

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में हुई महिला चिकित्सक की निर्मम हत्या के बाद पीड़िता की मां ने एक बार फिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के हालिया बयान पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। पीड़िता की मां ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस बयान से उन्हें और उनके परिवार को गहरा आघात पहुंचा है, जिसमें ममता बनर्जी ने कहा था कि पीड़िता का परिवार न्याय नहीं चाहता। पीड़िता की मां ने इसे पूरी तरह से गलत बताया और कहा कि उनका परिवार और पूरा देश उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहा है।

पीड़िता की मां ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को एक मां के दर्द की समझ नहीं है क्योंकि उनके खुद के कोई बच्चे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार उनकी बेटी की निर्मम हत्या की गई, वह किसी भी मां के लिए असहनीय है। उन्होंने उन सभी लोगों का आभार व्यक्त किया जो उनकी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और इस आंदोलन को जारी रखने का आह्वान किया। पीड़िता की मां ने जोर देकर कहा कि उनका परिवार न्याय के लिए हर संभव प्रयास करेगा और जो लोग उनके लिए न्याय की मांग कर रहे हैं, वे उनके प्रति सदैव आभारी रहेंगे।

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पीड़िता के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने पुलिस की जांच से असंतुष्ट होकर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने मामले को दबाने का प्रयास किया और उन्हें इस बारे में बहुत देरी से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि उन्हें शुरू से ही अस्पताल प्रशासन पर शक था और उनका मानना है कि इस पूरे मामले में अस्पताल प्रशासन की भूमिका संदिग्ध है।

इस घटना ने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा किया है और लोग पीड़िता के परिवार के साथ खड़े हैं। सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर लोग इस घटना की कड़ी निंदा कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए पीड़िता के परिवार ने कहा कि उन्हें शुरू से ही पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं था, इसलिए उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की, जिसके बाद मामला सीबीआई को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि सीबीआई जांच से उन्हें न्याय की उम्मीद है और वे चाहते हैं कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर गहरी नाराजगी जताते हुए पीड़िता की मां ने कहा कि उनकी बेटी के साथ जो हुआ, वह बेहद दर्दनाक है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने अपील की कि सभी लोग इस संघर्ष में उनके साथ बने रहें और उनकी बेटी को न्याय दिलाने में सहयोग करें। इस दुखद घटना के बाद, कोलकाता और पूरे देश में चिकित्सा जगत के लोग और आम जनता न्याय की मांग कर रही है। पीड़िता के परिवार ने इस मामले में सीबीआई जांच पर भरोसा जताते हुए उम्मीद व्यक्त की है कि उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और दोषियों को सजा दी जाएगी।

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कोलकाता कांड पर अधीर रंजन का बड़ा आरोप, ‘ममता जांच को सही से नहीं होने देना चाहतीं, कई रहस्य खुल सकते हैं https://chaupalkhabar.com/2024/08/29/female-doctor-in-kolkata-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/29/female-doctor-in-kolkata-2/#respond Thu, 29 Aug 2024 12:00:01 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4521 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। इस मामले में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच कर रही है, लेकिन इस बीच पश्चिम बंगाल कांग्रेस के बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप …

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक और सामाजिक हलचल मचा दी है। इस मामले में सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) जांच कर रही है, लेकिन इस बीच पश्चिम बंगाल कांग्रेस के बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य की मुख्यमंत्री इस मामले की जांच सही तरीके से नहीं होने देना चाहतीं। उनका मानना है कि इस घटना से जुड़े कई रहस्य अगर सामने आए, तो सरकार की छवि खराब हो सकती है। चौधरी ने कहा, “ममता बनर्जी इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही हैं। वह लोगों को गुमराह कर रही हैं और निरर्थक बातें करके ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन लोग डरने वाले नहीं हैं, क्योंकि यह मामला अब जन आंदोलन का रूप ले चुका है।”

इस घटना के बाद कोलकाता में लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा, छात्र संगठन और डॉक्टर इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। डॉक्टरों ने हड़ताल का आह्वान किया है और उनकी मांग है कि इस मामले में दोषियों को सख्त सजा दी जाए।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की हड़ताल का समर्थन किया है और कहा है कि उनकी मांगें जायज हैं। ममता ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा, “मैंने कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान देखा है। यह हमारे छात्रों के कार्यक्रम में दिए गए भाषण के संदर्भ में चलाया जा रहा है। मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मैंने छात्रों व उनके आंदोलन के खिलाफ एक भी शब्द नहीं बोला। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। यह आंदोलन वास्तविक है।” ममता ने यह भी कहा कि कुछ लोग झूठे आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी किसी को धमकी नहीं दी।

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इस पूरे मामले की शुरुआत 9 अगस्त को हुई थी, जब आरजी कर अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव मिला था। पुलिस जांच में यह साफ हो गया कि महिला डॉक्टर के साथ पहले दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद अस्पताल और उसके आसपास के इलाके में तनाव फैल गया। सीसीटीवी फुटेज की मदद से पुलिस ने संजय रॉय नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। शुरुआती जांच में ही यह मामला अत्यंत गंभीर पाया गया, जिसके बाद इसे सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय समेत सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट भी कराया है।

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सीबीआई अब इस मामले की पूरी जांच कर रही है। पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद कई और सुराग मिलने की उम्मीद है। यह देखना होगा कि जांच में क्या नए तथ्य सामने आते हैं और आरोपियों को क्या सजा दी जाती है। यह मामला राज्य की कानून व्यवस्था और प्रशासन पर भी सवाल खड़े करता है। जहां एक तरफ सरकार जांच के लिए प्रतिबद्धता दिखा रही है, वहीं विपक्ष इसे लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में न्याय कैसे और कब तक मिलता है।

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