RG Kar Medical College - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 28 Aug 2024 10:25:36 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg RG Kar Medical College - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 सीएम ममता बनर्जी का भाजपा के बंगाल बंद पर तीखा हमला, दुष्कर्मियों के खिलाफ सख्त कानून लाने का ऐलान. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/cm-mamata-banerjee-of-bjp/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/cm-mamata-banerjee-of-bjp/#respond Wed, 28 Aug 2024 10:25:36 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4491 पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आहूत बंगाल बंद के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तीखा हमला किया है। ममता ने आरोप लगाया कि इस बंद का मुख्य उद्देश्य बंगाल की छवि को खराब करना है और यह आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या की जांच को प्रभावित करने की साजिश है। कोलकाता …

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पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आहूत बंगाल बंद के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक तीखा हमला किया है। ममता ने आरोप लगाया कि इस बंद का मुख्य उद्देश्य बंगाल की छवि को खराब करना है और यह आरजी कर अस्पताल में हुए बलात्कार और हत्या की जांच को प्रभावित करने की साजिश है। कोलकाता में टीएमसी छात्र संघ की रैली को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास पर्याप्त शक्ति होती, तो वह डॉक्टर की हत्या के आरोपियों को सिर्फ सात दिनों के भीतर मौत की सजा दिला देती। ममता ने कहा कि राज्य सरकार इस मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगी और मृत डॉक्टर के आरोपियों को मृत्युदंड दिलाने के लिए एक आंदोलन शुरू करेगी।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि अगले सप्ताह विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा जिसमें दुष्कर्मियों को 10 दिनों के भीतर मृत्युदंड देने के लिए एक विधेयक पारित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि राज्यपाल इस विधेयक को मंजूरी नहीं देते हैं, तो टीएमसी राजभवन के बाहर धरना देगी। ममता ने इस विधेयक की पारितगी को अनिवार्य बताया और कहा कि राज्यपाल को जवाबदेही से नहीं बचना चाहिए। ममता बनर्जी ने आरजी कर अस्पताल की घटना के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर दुष्कर्म के मामलों में त्वरित न्याय और कठोर सजा की मांग की थी। उन्होंने पत्र में लिखा था कि देश में दुष्कर्म के मामलों को लेकर सख्त कानून बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि दोषियों को कठोरतम सजा मिल सके।

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ममता बनर्जी का यह बयान और उनकी कार्रवाई का इरादा साफ है कि वह दुष्कर्म और हत्या के मामलों में कठोर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बंगाल बंद पर उनकी तीखी प्रतिक्रिया और नए कानून की घोषणा यह संकेत देती है कि उनकी सरकार इस मुद्दे को अत्यंत गंभीरता से ले रही है और न्याय के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दिखाने का प्रयास कर रही है।

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कोलकाता बलात्कार-हत्या मामले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की पहली प्रतिक्रिया: ‘बस बहुत हो गया’, सख्त कदम उठाने की आवश्यकता. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/kolkata-rape-murder-m/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/kolkata-rape-murder-m/#respond Wed, 28 Aug 2024 10:03:41 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4487 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले ने देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बारे में पहली बार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी चिंता और दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कहा कि …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले ने देश को हिला कर रख दिया है। इस घटना के बारे में पहली बार देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी चिंता और दुख व्यक्त किया है। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस मामले पर अपनी टिप्पणी में कहा कि वह ‘निराश और भयभीत’ हैं।

राष्ट्रपति ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत करते हुए कहा कि कोलकाता में विरोध प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है, जहां छात्र, डॉक्टर और नागरिक इस गंभीर अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। इसके विपरीत, अपराधी स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। उन्होंने कहा, “बस बहुत हो गया,” और अब इस स्थिति को सुधारने के लिए कुछ ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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द्रौपदी मुर्मु ने इस अपराध के संदर्भ में कहा कि कोई भी सभ्य समाज अपनी बेटियों और बहनों के प्रति इस तरह के अत्याचार को स्वीकार नहीं कर सकता। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि हमें ‘ईमानदार और निष्पक्ष आत्मनिरीक्षण’ की आवश्यकता है। समाज को आत्ममूल्यांकन करके कठिन सवालों के उत्तर ढूंढने होंगे।

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इस मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है और राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है। यह घटना न केवल एक चिकित्सा संस्थान के भीतर, बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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Nabanna Abhijan Rally: प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष, प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और लाठीचार्ज, पथराव में एक पुलिसकर्मी घायल. https://chaupalkhabar.com/2024/08/27/nabanna-abhijan-rally-protesters-and-pu/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/27/nabanna-abhijan-rally-protesters-and-pu/#respond Tue, 27 Aug 2024 10:52:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4456 आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ मंगलवार को ‘नबन्ना अभियान’ के तहत छात्रों ने राज्य सचिवालय, नवान्न की ओर मार्च निकाला। पश्चिम बंगाल छात्र समाज के बैनर तले आयोजित इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रदर्शनकारियों …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ मंगलवार को ‘नबन्ना अभियान’ के तहत छात्रों ने राज्य सचिवालय, नवान्न की ओर मार्च निकाला। पश्चिम बंगाल छात्र समाज के बैनर तले आयोजित इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए राज्य प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा हावड़ा के संतरागाछी में लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने का प्रयास किया। इसके जवाब में पुलिस ने पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले छोड़े। कोलकाता और हावड़ा में सुरक्षा व्यवस्था को अभेद किले में तब्दील कर दिया गया है। हावड़ा में स्थित नवान्न और इसके आसपास 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सभी प्रमुख मार्गों पर मजबूत बैरिकेड्स लगाए गए हैं और पुलिस की उपस्थिति से सड़कों पर भारी संख्या में बल तैनात हैं।

प्रदर्शनकारी लगातार आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस उन्हें रोक रही है। पानी की तेज बौछारों और लाठीचार्ज के बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हट रहे। वे ममता बनर्जी की सरकार से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया है और उन्हें पीछे धकेलने की कोशिश की है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस विरोध प्रदर्शन को गुंडागर्दी करार दिया है। सांसद सयानी घोष ने आरोप लगाया कि यह प्रदर्शन केवल गुंडागर्दी का हिस्सा है और इसमें अधिकतर महिला प्रदर्शनकारी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शन पिकनिक जैसा है जिसमें कुछ प्रदर्शनकारी पानी की बौछारों के नीचे ठंडा स्नान कर रहे हैं।

कोलकाता पुलिस की सेंट्रल डिवीजन की डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इंदिरा मुखर्जी ने स्थिति को नियंत्रित करने की बात की। उन्होंने कहा कि फिलहाल किसी भी गिरफ्तारी की संख्या की जानकारी नहीं दी जाएगी और पहले स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। शहर में सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। मंगलवार को नवान्न और इसके आसपास 6,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा के विशेष जिम्मे में 21 आइजी और डीआइजी रैंक के अधिकारियों को रखा गया है। इसके अलावा, 13 एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों के साथ-साथ 15 अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी भी तैनात किए गए हैं। हावड़ा ब्रिज को सील कर दिया गया है और किसी भी वाहन को आने-जाने की अनुमति नहीं है। चेक गेटों पर नागरिक स्वयंसेवकों द्वारा ग्रीस लगाया जा रहा है ताकि प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स पर चढ़ न सकें।

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ड्रोन की मदद से भी सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया गया है। पुलिस प्रशासन ने ड्रोन के माध्यम से इलाके पर निगरानी रखी है। पुलिस की विशेष टीमें सुरक्षा की निगरानी और नियंत्रण के लिए तैनात की गई हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने ‘नबन्ना अभियान’ के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि इस आंदोलन को भाजपा और अन्य विपक्षी पार्टियों की मदद से चलाया जा रहा है, जो खून की राजनीति कर रही हैं। उन्होंने माकपा और कांग्रेस का भी इसमें शामिल होने का आरोप लगाया और दो वीडियो जारी किए जिसमें लोगों को गोलियां चलाने और लाशें गिराने की बातें करते हुए दिखाया गया। हालांकि, दैनिक जागरण ने इन वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की है।

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वहीं, केंद्रीय राज्य मंत्री और बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ममता सरकार पर आरोप लगाया कि वह छात्रों के आंदोलन से डर गई है और इसे दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आंदोलन के दौरान कोई बड़ी घटना घटी, तो राज्य सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। बंगाल पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक मनोज कुमार वर्मा ने कहा कि नवान्न का क्षेत्र संरक्षित है और वहां किसी भी संगठन द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने बताया कि खुफिया जानकारी मिली है कि कुछ बदमाश इस अभियान की आड़ में अशांति फैलाने की कोशिश कर सकते हैं और बच्चों और महिलाओं को आगे रखकर गड़बड़ी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि यूजीसी नेट की परीक्षा भी आज हो रही है और पुलिस का प्रयास होगा कि सामान्य जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल समेत सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट: मामले के अहम रहस्यों से उठेगा पर्दा? https://chaupalkhabar.com/2024/08/24/rg-kar-medical-college-k-pu/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/24/rg-kar-medical-college-k-pu/#respond Sat, 24 Aug 2024 07:28:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4416 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई द्वारा मामले की जांच तेज कर दी गई है। इस सिलसिले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित कुल सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जा रहा है। इनमें प्रमुख आरोपी संजय रॉय और चार अन्य …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई द्वारा मामले की जांच तेज कर दी गई है। इस सिलसिले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष सहित कुल सात लोगों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जा रहा है। इनमें प्रमुख आरोपी संजय रॉय और चार अन्य डॉक्टर भी शामिल हैं, जो घटना के समय महिला डॉक्टर के साथ थे। सूत्रों के अनुसार, महिला डॉक्टर की मौत के बाद से संदीप घोष की भूमिका पर संदेह गहराता जा रहा है। पिछले हफ्ते से सीबीआई लगातार संदीप घोष से पूछताछ कर रही है, जिसमें उनके बयानों में कई विरोधाभास पाए गए हैं। इन विरोधाभासों ने जांच एजेंसी के शक को और बढ़ा दिया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद उनकी जांच और भी गहन हो गई है।

सीबीआई ने अदालत में यह अर्जी दी थी कि संदीप घोष, संजय रॉय और अन्य चार डॉक्टरों का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की अनुमति दी जाए। अदालत ने इस अर्जी को मंजूरी देते हुए शनिवार को पॉलीग्राफ टेस्ट कराने का निर्देश दिया। पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया के तहत, सभी आरोपियों से गहनता से सवाल पूछे गए ताकि उनके बयानों की सत्यता की जांच की जा सके। पॉलीग्राफ टेस्ट के लिए चयनित चार अन्य डॉक्टर, जो महिला डॉक्टर के साथ घटना वाली रात डिनर कर रहे थे, उनसे भी इस संदर्भ में सवाल पूछे जा रहे हैं। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या उन्होंने कुछ ऐसा देखा या सुना था, जो इस मामले को सुलझाने में मदद कर सके।

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सीबीआई इस मामले की तह तक जाने के लिए संदीप घोष और अन्य आरोपियों के हर संभव पहलू की जांच कर रही है। यह पॉलीग्राफ टेस्ट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे उन तथ्यों का पता चल सकता है, जिन्हें आरोपी छिपाने की कोशिश कर रहे हों। फिलहाल, इस टेस्ट के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है, जो इस जघन्य अपराध के दोषियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और सीबीआई दोनों की पैनी नजर इस मामले पर है, और यह देखना बाकी है कि पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद क्या नए खुलासे सामने आते हैं, जो इस केस को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।

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कोलकाता रेप-मर्डर केस: CJI के सवालों पर ममता की ओर से सवालों का जवाब नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, शव मिलने से अब तक की पूरी कहानी। https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/#respond Fri, 23 Aug 2024 13:20:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4413 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल …

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा कि आखिर FIR दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई। इस पूरे मामले में पुलिस और अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के बारे में सबसे पहले 9 अगस्त 2024 की सुबह 9:30 बजे पता चला, जब आरजी कर अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की बॉडी को देखा। इसके बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को जानकारी दी, जिन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन को सतर्क किया। सुबह 10:10 बजे, अस्पताल की पुलिस चौकी ने टाला पुलिस थाने को घटना की जानकारी दी। बताया गया कि आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर एक सेमिनार कक्ष में एक महिला अचेत अवस्था में पड़ी है। पुलिस ने इसे जनरल डायरी एंट्री के तौर पर दर्ज किया और घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। सुबह 10:30 बजे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद सीनियर अधिकारियों को सूचित किया गया और अपराध स्थल को सील कर दिया गया।

अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने सुबह 10:52 बजे पीड़िता के परिवार को सूचना दी और जल्दी आने का आग्रह किया। इसके बाद दोपहर 12:44 बजे, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की मौत की पुष्टि की। इस बीच, पुलिस ने दोपहर 1:47 बजे अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त किए और अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। पीड़िता के परिवार और सहकर्मियों ने तुरंत पोस्टमार्टम की मांग की, जो न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच किया गया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। रात 8:00 बजे डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचा और रात 8:37 बजे से 8:52 बजे के बीच अपराध स्थल की 3डी मैपिंग की गई। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने 40 से अधिक वस्तुओं को जांच के लिए सुरक्षित किया।रात 11:45 बजे, पीड़िता के पिता की शिकायत पर रेप और मर्डर के आरोपों में FIR दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि पीड़िता के सहकर्मियों से पूछताछ और संदिग्धों की जांच 9 अगस्त से ही शुरू कर दी गई थी, और अगले दिन सुबह 10 बजे आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

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सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना के दौरान हुई प्रक्रियाओं में विसंगतियों पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने खासकर पोस्टमार्टम के बाद अप्राकृतिक मौत की एंट्री दर्ज किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अगर पोस्टमार्टम हो चुका है, तो इसका मतलब है कि अप्राकृतिक मौत की पुष्टि हो चुकी है, फिर एंट्री पोस्टमार्टम के बाद क्यों हुई? जस्टिस पार्डीवाला ने भी इस पर टिप्पणी की कि उनके 30 साल के करियर में उन्होंने ऐसा मामला नहीं देखा है। कोर्ट के सवालों पर बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल कई बार निरुत्तर दिखे।

कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पूछा कि अप्राकृतिक मौत के रूप में मामला दर्ज होने के बावजूद FIR दर्ज करने में 14 घंटे क्यों लगे? ऐसे गंभीर मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब पीड़िता का शव सुबह 9:30 बजे देखा गया था, तो मौत की पुष्टि में तीन घंटे का समय क्यों लगा? डॉक्टर ने पुलिस को महिला के अचेत अवस्था में होने की सूचना दी थी, फिर इलाज की कोशिश क्यों नहीं की गई? कोलकाता पुलिस का दावा है कि क्राइम सीन को सुबह 10:30 बजे सील कर दिया गया था। लेकिन सीबीआई ने इसे नकारते हुए कहा कि जब हमने पांच दिन बाद जांच शुरू की, तब अपराध स्थल को बदल दिया गया था, जिससे जांच में चुनौती आ रही है।

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मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया और फिर बॉडी देखने की इजाजत दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सुबह 10:53 बजे फोन पर बेटी की बीमारी की सूचना दी गई और फिर 11:15 बजे आत्महत्या की बात कही गई, जबकि पुलिस की टाइमलाइन में आत्महत्या का कोई जिक्र नहीं है। कोलकाता रेप और मर्डर केस में हुए घटनाक्रम और पुलिस की देरी पर ममता सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मामला करार देते हुए बंगाल सरकार को जल्द से जल्द जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है, जिससे पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।

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Kolkata doctor murder case: साइकोलॉजिकल रिपोर्ट से खुलासा, आरोपी संजय रॉय निकला यौन विकृत और खतरनाक. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-doctor-murder-case/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-doctor-murder-case/#respond Fri, 23 Aug 2024 10:44:09 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4396 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुई महिला ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच की गति बढ़ा दी है। मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को आज एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है सीबीआई द्वारा संजय रॉय से पूछताछ के …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को हुई महिला ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच की गति बढ़ा दी है। मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को आज एक विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है सीबीआई द्वारा संजय रॉय से पूछताछ के बाद जो जानकारी सामने आई है, वह बेहद चौंकाने वाली है। एक साइकोलॉजिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि संजय रॉय एक खतरनाक मानसिक स्थिति वाला व्यक्ति है। उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि वह एक जानवर की तरह व्यवहार करता है और यौन विकृति का शिकार है। पूछताछ के दौरान भी उसने एक बार भी शर्मिंदगी महसूस नहीं की, बल्कि वह हंसता रहा।

सीबीआई अधिकारियों द्वारा बताया गया कि अपराध स्थल पर संजय रॉय की उपस्थिति के प्रमाण तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों से बरामद किए गये हैं। हालांकि, अभी भी डीएनए परीक्षण के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है, ताकि मामले में और स्पष्टता आ सके। इससे अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ , जांच में यह भी पाया गया है कि संजय रॉय इस घटना से पहले रेडलाइट एरिया में शराब पीने के दौरान पोर्न क्लिप्स देख रहा था। इसके बाद वह अस्पताल पहुंचा और वहां भी उसने अश्लील वीडियो देखा और फिर शराब का सेवन किया।

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घटना के बाद देशभर में इस जघन्य अपराध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए। डॉक्टरों ने इस हत्या के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा भी की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की अपील के बाद डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली और काम पर लौट आए। इस हत्या ने चिकित्सा जगत को झकझोर कर रख दिया है। इसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश है और न्याय की मांग की जा रही है। सीबीआई की जांच में इस मामले में तेजी आई है और उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी।

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अब सभी की नजरें डीएनए परीक्षण के परिणामों पर हैं, जो इस मामले को पूरी तरह से स्पष्ट कर सकते हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे देशभर में बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है, और न्याय की प्रक्रिया पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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1993 से 2024: ममता बनर्जी के नेतृत्व पर बलात्कार मामलों की छाया, कैसे 31 साल पहले हुए एक रेप पर ममता की कसम ने डुबोया था वामपंथ का सूरज। https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/1993-to-2024-led-by-mamata-banerjee/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/20/1993-to-2024-led-by-mamata-banerjee/#respond Tue, 20 Aug 2024 08:18:26 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4375 पश्चिम बंगाल में इन दिनों एक घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, और ममता बनर्जी की …

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पश्चिम बंगाल में इन दिनों एक घटना ने पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है। कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए रेप और मर्डर के मामले ने न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। लोग इस जघन्य अपराध के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं, और ममता बनर्जी की सरकार पर सवालों की बौछार हो रही है। इस घटना के कारण 11 दिनों से राज्य में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है, और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की जांच सीबीआई के हाथों में है, लेकिन अब भी कई अनसुलझे सवाल बाकी हैं। इस घटना ने 31 साल पुरानी एक और घटना की यादें ताजा कर दी हैं, जिसमें ममता बनर्जी का एक अहम किरदार था और तब भी सरकार सवालों के घेरे में थी।

1993 के शुरुआती दिनों में पश्चिम बंगाल में ज्योति बसु की वामपंथी सरकार थी। उसी दौरान नदिया जिले में एक दिव्यांग लड़की के साथ बलात्कार की घटना हुई थी। इस घटना ने राज्य में हड़कंप मचा दिया और ज्योति बसु की सरकार पर हमले शुरू हो गए। ममता बनर्जी, जो उस समय एक उभरती हुई नेता थीं, पीड़िता को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के सचिवालय, राइटर्स बिल्डिंग, पहुंच गईं। ममता ने आरोप लगाया कि दोषियों को राजनीतिक संबंधों के कारण गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है और उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु से मुलाकात की मांग की। जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो उन्होंने सीएम के चेंबर के सामने धरना देना शुरू कर दिया।

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जब ज्योति बसु ने ममता बनर्जी से मुलाकात करने से इंकार कर दिया, तो पुलिस ने उन्हें और पीड़िता को बलपूर्वक सचिवालय से बाहर निकाल दिया। ममता को महिला पुलिसकर्मियों ने घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे उतारा, जिससे उनके कपड़े भी फट गए थे। इस घटना के बाद ममता ने कसम खाई कि वह दोबारा तभी इस इमारत में कदम रखेंगी जब वह मुख्यमंत्री बनेंगी। 18 साल के संघर्ष के बाद, ममता ने 20 मई 2011 को मुख्यमंत्री के रूप में इस इमारत में प्रवेश किया, और पश्चिम बंगाल में वामपंथ की जड़ें हिला दीं। ममता बनर्जी ने 18 सालों तक वामपंथी सरकार के खिलाफ लगातार धरने और विरोध प्रदर्शन किए। उनके इस संघर्ष ने वामपंथी शासन की नींव को हिला दिया और अंततः ममता बनर्जी सत्ता में आईं। कहा जाता है कि पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु ममता की राजनीति से इतने नाराज थे कि उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से उनका नाम तक नहीं लिया। वे हमेशा उन्हें ‘वह महिला’ कहकर संबोधित करते थे।

ममता बनर्जी का राजनीतिक करियर संघर्ष और विवादों से भरा रहा है। हाल के कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुए डॉक्टर के रेप-मर्डर मामले ने ममता को फिर से सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। लेकिन यह पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी की भूमिका पर बलात्कार के मामलों में सवाल उठे हों। हंसखाली में एक घटना हुई थी, जिसमें ममता ने रेप की घटना को “अफेयर” कहकर खारिज कर दिया था। इसी तरह, कामुदनी में हुई एक बलात्कार की घटना का विरोध कर रहे लोगों को उन्होंने माकपा समर्थक बता दिया था। ममता बनर्जी के कार्यकाल में बलात्कार के मामलों पर उनके विवादित बयान अक्सर सुर्खियों में रहे हैं, खासकर जब आरोप उनकी पार्टी के सदस्यों पर लगे हों। ममता ने अपनी सत्ता के वर्षों के दौरान कई बलात्कार के मामलों को “झूठा” करार दिया है। एक महिला नेता के रूप में जब उनसे बलात्कार के मामलों पर जवाब मांगा जाता है, तो वे खुद को पीड़िता के रूप में प्रस्तुत करती हैं। यदि विपक्ष उन पर सवाल उठाता है, तो ममता उल्टा उन पर ही आरोप लगाने से भी नहीं चूकतीं।

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कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर के मामले ने ममता बनर्जी के नेतृत्व को एक बार फिर से कठघरे में खड़ा कर दिया है। बलात्कार के मामलों में उनकी सरकार की भूमिका और उनके द्वारा दिए गए बयान आज भी लोगों की स्मृतियों में ताजा हैं। पश्चिम बंगाल की जनता, जो ममता बनर्जी के संघर्ष और साहस की गवाह रही है, अब उन्हीं से सवाल पूछ रही है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों पर उनका रवैया इतना निष्क्रिय क्यों है। क्या आज ममता बनर्जी उसी तरह का साहस दिखा पाएंगी जैसा उन्होंने 1993 में दिखाया था, यह सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है।

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कोलकाता के RG KAR MEDICAL COLLEGE में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या के विरोध में 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला. https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/women-dr-in-rg-kar-medical-college-kolkata/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/women-dr-in-rg-kar-medical-college-kolkata/#respond Sat, 17 Aug 2024 09:25:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4354 कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में हाल ही में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भयावह घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी हैं, जिसमें लोगों ने न्याय की मांग की है। इस बीच, 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में हुई …

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कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल में हाल ही में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस भयावह घटना के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन लगातार जारी हैं, जिसमें लोगों ने न्याय की मांग की है। इस बीच, 14 अगस्त की रात को आरजी कर अस्पताल में हुई हिंसा और तोड़फोड़ की घटना के बाद अस्पताल के 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ का तबादला कर दिया गया है। राज्य सरकार ने इस हिंसा की घटना के बाद कोलकाता मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों के कई डॉक्टरों का भी तबादला किया है। शुक्रवार को बंगाल सरकार की ओर से इन तबादलों के आदेश जारी किए गए हैं। आरोप है कि ये डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ महिला चिकित्सक के साथ हुए अपराध के खिलाफ चल रहे हड़ताल में शामिल थे। डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ के तबादले का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब वे महिला डॉक्टर के खिलाफ हुए अपराध के विरोध में सक्रिय थे।

भाजपा ने इस तबादले के फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि जिन डॉक्टरों ने राज्य सरकार की आलोचना की थी, उनका तबादला कर दिया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ममता बनर्जी की सरकार के इस फैसले को “तालिबानी फतवा” करार दिया है। पूनावाला ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि जिन डॉक्टरों ने इस जघन्य घटना के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आदेश पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने व्हाट्सएप चैट के स्क्रिनशॉट भी साझा किए हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि राज्य सरकार ने उन लोगों को निशाना बनाया है जो घटना के खिलाफ बोल रहे थे।

शुक्रवार को बंगाल सरकार की ओर से 10 डॉक्टरों और 190 नर्सिंग स्टाफ के तबादलों के आदेश जारी किए गए हैं। आरोप है कि ये डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ महिला चिकित्सक के साथ हुए अपराध के खिलाफ चल रहे हड़ताल में शामिल थे।

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भाजपा के आईटी सेल प्रमुख और पार्टी के बंगाल सह प्रभारी अमित मालवीय ने भी इस तबादले को लेकर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, “16 अगस्त को बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने तबादलों की आठ पेज लंबी सूची जारी की है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।” मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी कोलकाता मेडिकल कॉलेज और कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज को अपना निशाना बना रही हैं। इन दोनों संस्थानों में वरिष्ठ चिकित्सकों को सिलीगुड़ी, तमलुक, और झाड़ग्राम जैसे स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने इसे सरकार के द्वारा एक हताशा का प्रयास करार दिया, जिसमें वरिष्ठ डॉक्टरों को डराकर उनका समर्थन प्राप्त किया जा रहा है।

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आरजी कर अस्पताल में 14-15 अगस्त की रात को हुई हिंसा की घटना ने एक नया मोड़ ले लिया। लगभग 40 लोगों के एक समूह ने अस्पताल के परिसर में घुसकर व्यापक तोड़फोड़ की और जमकर उत्पात मचाया। इस घटना के बाद अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ सुरक्षा की मांग को लेकर हड़ताल पर चला गया और प्रिंसिपल के खिलाफ माहौल बनाया। इसके अलावा, अस्पताल के जूनियर डॉक्टर भी लंबे समय से काम बंद कर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य सरकार का यह कदम उन आलोचनाओं के बीच आया है जिनमें आरोप लगाया गया है कि सरकार ने विरोध करने वाले डॉक्टरों को निशाना बनाया है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के उपाय असंतोष को दबाने और वंचितों को उनकी आवाज उठाने से रोकने के प्रयास के रूप में देखे जा सकते हैं।

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सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल अस्पताल पर दोबारा की छानबीन, संजय राय की गतिविधियों और अन्य पहलुओं की हो रही है जांच. https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/cbi-ne-rg-kar-medical-a/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/cbi-ne-rg-kar-medical-a/#respond Sat, 17 Aug 2024 08:31:16 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4351 शनिवार सुबह, सीबीआई की एक टीम ने एक बार फिर आरजी कर मेडिकल अस्पताल का दौरा किया। सीबीआई के अधिकारी अपनी कार से उतरकर सीधे घटनास्थल पर पहुंचे और मौका-ए-वारदात की डिजिटल मैपिंग करने लगे। यह कार्रवाई उन पहलुओं की जांच के तहत की जा रही है जो पीड़िता और आरोपी के बीच का संबंध …

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शनिवार सुबह, सीबीआई की एक टीम ने एक बार फिर आरजी कर मेडिकल अस्पताल का दौरा किया। सीबीआई के अधिकारी अपनी कार से उतरकर सीधे घटनास्थल पर पहुंचे और मौका-ए-वारदात की डिजिटल मैपिंग करने लगे। यह कार्रवाई उन पहलुओं की जांच के तहत की जा रही है जो पीड़िता और आरोपी के बीच का संबंध उजागर कर सकती है। सीबीआई की यह टीम लगातार दूसरे दिन पूर्व प्रिसिंपल डॉक्टर संदीप घोष से पूछताछ कर रही है। यह पूछताछ प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में हो रही है। साथ ही, सीबीआई का ध्यान उन सभी व्यक्तियों पर भी है जो पीड़िता से सीधे जुड़े हुए थे और घटना के समय उसके संपर्क में थे।

अब तक की जांच में सीसीटीवी फुटेज में दिखाया गया है कि गिरफ्तार आरोपी संजय राय ने गुरुवार रात लगभग 11:00 बजे अस्पताल का दौरा किया। राय अस्पताल में लगभग 30 मिनट तक रहा, जिसमें उसकी गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से दर्ज की गई हैं। इसके बाद, वह रात 3:45 से 3:50 के बीच फिर से अस्पताल आया और सेमिनार हॉल के अंदर गया। यहां पर वह करीब 35 मिनट तक रहा और फिर बाहर निकल आया।

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स्रोतों के अनुसार, पीड़िता और उसके दोस्तों ने रात के लगभग 12 बजे खाना ऑर्डर किया था, जिसे एक ऑनलाइन ऐप के माध्यम से मंगवाया गया था। कोलकाता पुलिस ने डिलीवरी बॉय के बयान भी दर्ज किए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की मौत खाना खाने के चार घंटे बाद हुई थी। सीबीआई ने उन चार डॉक्टरों के बयान भी दर्ज किए हैं जिन्होंने रात में पीड़िता के साथ मिलकर ऑनलाइन ऐप से खाना मंगवाया और खाया। सीबीआई की टीम उन सभी लोगों के बयान भी ले रही है जो पीड़िता से सीधे जुड़े हुए थे और घटना से पहले उससे मिले थे। इस दौरान, सीबीआई संजय राय के मोबाइल फोन की डिटेल्स और उसकी मोबाइल लोकेशन का भी विश्लेषण कर रही है। यह जानकारी उन घटनाओं को समझने में सहायक हो सकती है जो उस रात के दौरान हुईं।

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अभी तक की जांच में यह भी सामने आया है कि सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से अस्पताल में संजय राय की गतिविधियाँ स्पष्ट रूप से देखी जा सकती हैं। सीबीआई इस महत्वपूर्ण सबूत को ध्यान में रखते हुए, आगे की कार्रवाई कर रही है और अन्य सभी संभावित सुरागों को खंगाल रही है। सीबीआई की इस गहन जांच से उम्मीद की जा रही है कि मामले की जटिलताओं को सुलझाया जा सके और दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

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आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ और हत्या, तृणमूल नेताओं के करीबी पर आरोप, पुलिस पर भी पक्षपात के आरोप. https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/rg-do-hospital-break-in-frg-do-h/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/17/rg-do-hospital-break-in-frg-do-h/#respond Sat, 17 Aug 2024 07:44:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4349 आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 14 अगस्त की रात हुई हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और इस मामले में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के करीबी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 14 अगस्त की रात हुई हिंसा और तोड़फोड़ को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। घटना के बाद से इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और इस मामले में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के करीबी होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस जानबूझकर हमलावरों को गिरफ्तार नहीं कर रही है, क्योंकि वे तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के नजदीकी लोग हैं। बताया जा रहा है कि इस हमले के आरोपियों में से कुछ बेलगछिया और दमदम के रहने वाले हैं। जनता का मानना है कि पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण है और वह सत्ताधारी पार्टी के नेताओं को बचाने का प्रयास कर रही है।

इस पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अब तक 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की जांच अभी चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे गिरफ्तार किया जाएगा। इस बीच, आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है। इस सिलसिले में अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष से लगातार पूछताछ की जा रही है। शनिवार को सीबीआई ने उनसे दूसरे दिन भी पूछताछ की।

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डॉक्टर संदीप घोष सुबह सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई के कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे कई घंटों तक पूछताछ हुई। शुक्रवार को भी उनसे अपराह्न से लेकर देर शाम तक पूछताछ की गई थी। इस घटना के सामने आने के बाद डॉक्टर घोष ने अपने प्रिंसिपल के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस पूरे मामले ने अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों में दहशत का माहौल है, और वे प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। इस घटना ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसमें विपक्षी दल पुलिस और सत्ताधारी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं।

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अस्पताल में हुई तोड़फोड़ और महिला डॉक्टर की हत्या के मामले ने राज्य के स्वास्थ्य तंत्र और कानून व्यवस्था को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि इस मामले में कानून का शासन कैसे बहाल किया जाता है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।

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