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रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संघर्ष को हल कराने के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से वार्ता की, बल्कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी बातचीत की। रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत शांति और संघर्ष विराम की पहल करता रहा है और इसके लिए भारत ने हमेशा शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर इस मुलाकात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से न्यूयॉर्क में मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए यूक्रेन यात्रा के दौरान हुए फैसलों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” पीएम मोदी ने संघर्ष के समाधान और शांति स्थापना में भारत के समर्थन को दोहराया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा की सराहना की और युद्ध रोकने के लिए भारत के प्रयासों के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के साथ यह हमारी तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर मिलकर काम कर रहे हैं। जेलेंस्की ने आगे कहा कि दोनों नेताओं की बातचीत का मुख्य विषय शांति सूत्र को लागू करना और अगले शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी करना था। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी-20 में यूक्रेन के मुद्दों पर भारत के साथ सहयोग पर भी जोर दिया।
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अक्टूबर में रूस के कजान शहर में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता की संभावना जताई जा रही है। इस मुलाकात में रूस-यूक्रेन संघर्ष पर और अधिक बातचीत की उम्मीद है। पीएम मोदी पहले भी पुतिन से स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है और शांति की बहाली के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने हाल ही में रूस का दौरा किया था, जहां उन्होंने पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी का शांति संदेश दिया। इस मुलाकात का वीडियो पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना। संभावना है कि साल के अंत तक राष्ट्रपति जेलेंस्की भी भारत की यात्रा कर सकते हैं।
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]]>The post भारत, चीन और ब्राजील मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त कर सकते हैं? पुतिन ने शांति वार्ता के लिए किया बड़ा खुलासा. first appeared on chaupalkhabar.com.
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पिछले महीने पीएम मोदी दो दिवसीय यात्रा पर रूस गए थे। यह रूस-यूक्रेन युद्ध के आरंभ के बाद से उनकी पहली रूस यात्रा थी। उस दौरान प्रधानमंत्री ने मासूम लोगों के जीवन की क्षति को नकारते हुए शांति के महत्व पर जोर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि भावी पीढ़ियों के भविष्य के लिए शांति आवश्यक है और युद्ध से किसी समाधान की उम्मीद करना व्यर्थ है। उन्होंने युद्ध को समाप्त करने के लिए वार्ता को एकमात्र रास्ता बताया। भारत की बढ़ती भूमिका पर अमेरिकी दृष्टिकोण भी सकारात्मक है। कई मौकों पर अमेरिका ने इस बात को दोहराया है कि भारत जैसे देश युद्ध को रोकने में सक्षम हो सकते हैं।
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यूक्रेन की ओर से भी भारत की मध्यस्थता को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया गया है। पीएम मोदी जब यूक्रेन के दौरे पर गए थे, तब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत के नाम का प्रस्ताव रखा था। जेलेंस्की ने व्यक्तिगत तौर पर पीएम मोदी से इस शिखर सम्मेलन का नेतृत्व करने की अपील की थी। यह कूटनीतिक रूप से भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका साबित हो सकती है, क्योंकि जून में स्विट्जरलैंड में आयोजित प्रथम यूक्रेन शांति शिखर सम्मेलन में 90 से अधिक देशों ने भाग लिया था। भारत के पास यह अवसर है कि वह इस संकट के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके।
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]]>The post पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच फोन पर वार्ता, यूक्रेन युद्ध पर चर्चा. first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, “आज राष्ट्रपति पुतिन से बात की। हमने विशेष और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।” उन्होंने आगे उल्लेख किया कि रूस-यूक्रेन संघर्ष और यूक्रेन की हाल की यात्रा पर मिले दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया गया। पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत संघर्ष के शीघ्र, स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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इसके पूर्व, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच भी फोन पर बातचीत हुई थी। इस वार्ता के बाद, विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की। हालांकि, व्हाइट हाउस के बयान में केवल रूस-यूक्रेन युद्ध का ही उल्लेख किया गया था। PM मोदी द्वारा 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा किया गया था। और इस यात्रा के दौरान, उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से द्विपक्षीय वार्ता की और इस युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीति और बातचीत के माध्यमों की वकालत की। राष्ट्रपति जेलेंस्की ने भी इस दौरान कहा कि यदि भारत शांति वार्ता की मेज़बानी करता है, तो वह इसके लिए तैयार हैं।
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इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी की हाल की यात्राओं और वार्ताओं से स्पष्ट होता है कि भारत अंतर्राष्ट्रीय मंच पर शांति और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है। भारत ने रूस-यूक्रेन संघर्ष और अन्य वैश्विक मुद्दों पर संतुलित और सृजनात्मक दृष्टिकोण अपनाया है, जो उसकी विदेश नीति की गंभीरता और जिम्मेदारी को दर्शाता है।
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]]>The post प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक कीव यात्रा: भारतीय समुदाय और यूक्रेन-रूस युद्ध पर महत्वपूर्ण चर्चा. first appeared on chaupalkhabar.com.
]]>कीव पहुंचने के तुरंत बाद, पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासी समुदाय के लोगों से संवाद किया। उन्होंने यूक्रेन में मौजूद भारतीय छात्रों से भी बातचीत की और उनकी समस्याओं और अनुभवों को सुना। प्रधानमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कीव यात्रा की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें वह भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं। प्रधानमंत्री के कीव पहुंचने पर यूक्रेन सरकार के उच्च अधिकारियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। समाचार एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ‘रेल फोर्स वन’ से उतरते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और लोगों ने प्रधानमंत्री की इस ऐतिहासिक यात्रा पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं।
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पीएम मोदी की इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से उनकी मुलाकात होगी। दोनों नेता रूस-यूक्रेन युद्ध के मौजूदा हालात पर चर्चा करेंगे और इस संबंध में संभावित उपायों पर विचार करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच यह बातचीत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की नजरों में विशेष महत्व रखती है, क्योंकि भारत का रूसी-यूक्रेनी विवाद में संतुलनपूर्ण दृष्टिकोण रहा है।
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प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल 7 घंटे की होगी, लेकिन इसे भारत-यूक्रेन द्विपक्षीय संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों को यह संदेश दिया कि भारत सरकार उनके साथ है और उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड में थे, जहां उन्होंने यूक्रेन के हालात और यूरोप की सुरक्षा पर चर्चा की थी। कीव दौरे के बाद, पीएम मोदी वापस पोलैंड लौटेंगे और वहां से आगे की यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा ने भारतीय समुदाय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। यूक्रेन के साथ भारत के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह दौरा एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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