s-jaishankar - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 05 Oct 2024 11:28:08 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg s-jaishankar - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा, वार्ता का कोई इरादा नहीं https://chaupalkhabar.com/2024/10/05/indian-foreign-minister-s-jay/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/05/indian-foreign-minister-s-jay/#respond Sat, 05 Oct 2024 11:27:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5234 भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आगामी 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता का कोई इरादा …

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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर आगामी 15 और 16 अक्टूबर को पाकिस्तान में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के दौरे पर जा रहे हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी तरह की द्विपक्षीय वार्ता का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा एक बहुपक्षीय आयोजन के लिए की जा रही है और इसे केवल एससीओ शिखर सम्मेलन की अनिवार्यता के कारण ही किया जा रहा है।

जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया, “यह यात्रा एक बहुपक्षीय आयोजन के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने नहीं जा रहा हूं। मेरा उद्देश्य एससीओ का एक सक्रिय सदस्य बनना है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस यात्रा को लेकर मीडिया का ध्यान आकर्षित होना स्वाभाविक है, लेकिन यह यात्रा किसी वार्ता के लिए नहीं है।

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पाकिस्तान इस बार एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद (सीएचजी) की बैठक की मेज़बानी कर रहा है, और इस बैठक में सभी सदस्य देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। जयशंकर ने अपने दौरे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह यात्रा एक परंपरा के अनुसार है, जिसमें प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री उच्च स्तरीय बैठक के लिए जाते हैं। “इस वर्ष, यह बैठक इस्लामाबाद में हो रही है, और यह एक नया अनुभव है, जैसा कि हम पहले भी देख चुके हैं,” उन्होंने कहा।

जयशंकर ने एससीओ की कार्यप्रणाली और इसके सदस्यों की अपेक्षाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि एससीओ अपने उद्देश्यों को पूरा करने में विफल रहा है। इसके पीछे की मुख्य वजह आतंकवाद का मुद्दा है। उन्होंने यह भी बताया कि एक पड़ोसी देश आतंकवाद को समर्थन दे रहा है, जो इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है। उन्होंने कहा, “आतंकवाद को स्वीकार नहीं किया जा सकता। हमारे पड़ोसी देश की गतिविधियों के परिणामस्वरूप स्थिति में बदलाव आएगा। यही कारण है कि पिछले कुछ वर्षों में सार्क की बैठकें नहीं हुई हैं।”

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हालांकि, जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि इसका यह मतलब नहीं है कि क्षेत्रीय गतिविधियां ठप हो गई हैं। वास्तव में, पिछले 5-6 वर्षों में भारतीय उपमहाद्वीप में क्षेत्रीय एकीकरण के कई संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा, “अगर आप बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार और श्रीलंका के साथ हमारे संबंधों का अवलोकन करें, तो आपको पता चलेगा कि रेलवे लाइनों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, सड़कों का विकास हो रहा है, और बिजली ग्रिड का निर्माण हो रहा है।”

इस प्रकार, यह स्पष्ट है कि जयशंकर की यात्रा का मुख्य उद्देश्य एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत की भागीदारी को सुनिश्चित करना है, न कि पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय वार्ता करना। उन्होंने अपनी बातों में यह भी जोड़ते हुए कहा कि वह एक सभ्य व्यक्ति के रूप में व्यवहार करेंगे और सम्मेलन के दौरान सभी देशों के नेताओं के साथ बातचीत का अवसर उठाएंगे।

इस यात्रा के संदर्भ में जयशंकर ने यह भी कहा, “हम क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं, लेकिन आतंकवाद के मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के प्रति सजग है और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए एक मजबूत रुख बनाए रखेगा।

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बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पर सर्वदलीय बैठक: शेख हसीना भारत में, सरकार ने बांग्लादेशी सेना से जारी रखा संपर्क https://chaupalkhabar.com/2024/08/06/politics-in-bangladesh/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/06/politics-in-bangladesh/#respond Tue, 06 Aug 2024 06:53:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4174 बांग्लादेश में चल रहे हालातों के मद्देनजर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संसद में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेताओं को वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके देश छोड़कर भारत आने से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता …

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बांग्लादेश में चल रहे हालातों के मद्देनजर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को संसद में एक सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नेताओं को वहां की स्थिति के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके देश छोड़कर भारत आने से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। जयशंकर ने बैठक में कहा कि शेख हसीना वर्तमान में भारत में हैं और भारत सरकार उनके साथ संपर्क में है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार बांग्लादेशी सेना के साथ लगातार संवाद बनाए हुए है। सूत्रों के अनुसार, जयशंकर ने कहा कि सरकार इस स्थिति पर नजर रखे हुए है और उचित समय पर कार्रवाई करेगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि बांग्लादेश में 20,000 भारतीय नागरिक मौजूद हैं, जिनमें से अब तक 8,000 लोग सुरक्षित रूप से भारत वापस लौट आए हैं। बाकी भारतीय नागरिकों के सुरक्षित लौटने के लिए भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग भी इस काम में सक्रिय रूप से लगा हुआ है और लगातार भारतीय नागरिकों से संपर्क बनाए हुए है। जयशंकर ने बैठक के दौरान इस बात पर भी जोर दिया कि बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है और स्थिति का गहराई से विश्लेषण कर रही है।

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सर्वदलीय बैठक के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर बैठक की तस्वीरें साझा करते हुए सभी दलों के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी दलों ने बांग्लादेश के हालिया घटनाक्रमों पर समर्थन और तालमेल की प्रतिबद्धता जताई है। बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों के कारण राजनीतिक स्थिति गंभीर हो गई थी। छात्रों द्वारा सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली के विरोध में शुरू हुए प्रदर्शनों ने जल्द ही सरकार विरोधी आंदोलन का रूप ले लिया। इन प्रदर्शनों के कारण बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया और बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गईं। सूत्रों के अनुसार, शेख हसीना का लंदन जाने का इरादा है।

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ढाका में चल रहे प्रदर्शनों के बीच भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के नेताओं ने एक अंतरिम सरकार की मांग की है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने का प्रस्ताव रखा है, ताकि बांग्लादेश के मौजूदा संकट से निपटा जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। इस बैठक में बांग्लादेश की स्थिति पर चर्चा की गई और भारत की दीर्घकालिक और अल्पकालिक रणनीति पर विचार किया गया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में भारत की रणनीति के बारे में सवाल किए, जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया कि स्थिति लगातार बदल रही है और सरकार इसका विस्तार से अध्ययन कर रही है। बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए भारत सरकार हर स्तर पर सतर्क है और सभी संबंधित पक्षों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए है।

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मोदी के इन मंत्रियों ने दिखाया दम, कार्यभार संभालते ही जुटे काम में; जयशंकर से लेकर सुरेश गोपी तक… जानिए किसने क्या कहा? https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/these-ministers-of-modi/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/these-ministers-of-modi/#respond Tue, 11 Jun 2024 10:06:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3555 विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। जयशंकर ने कहा कि भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि दूसरे देशों की सोच के संदर्भ में भी। उन्होंने …

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विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। जयशंकर ने कहा कि भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि दूसरे देशों की सोच के संदर्भ में भी। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को लगता है कि भारत वास्तव में उनका मित्र है और उन्होंने देखा है कि संकट के समय अगर कोई एक देश ग्लोबल साउथ के साथ खड़ा है तो वह भारत है। जब हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया और हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमें भी विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान निश्चित रूप से बढ़ेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री ने मुझे संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। उनके नेतृत्व में इस विभाग में क्रांति आई है। मैं दृढ़ता से काम करने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने की शपथ लेता हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम प्रधानमंत्री और भारत के 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करें।”

शिवराज सिंह चौहान ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के तौर पर अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री ने कल जो पहला फैसला लिया, वह किसानों के हित में था। उन्होंने किसान सम्मान निधि जारी करने का फैसला किया। अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए सरकार इन कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है, उस पर लगातार काम चल रहा है। हम सब मिलकर उसमें और भी तेजी से काम करेंगे और किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। आज ही मैं अधिकारियों को संकल्प पत्र सौंपने जा रहा हूं।” जीतन राम मांझी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे बताया कि यह उनके विजन का मंत्रालय है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय समाज के गरीब वर्ग के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य दिया है। पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संस्कृति मंत्रालय ने काम किया है और विभिन्न स्तरों और विभिन्न आयामों के माध्यम से पूरे विश्व में भारत की एक नई पहचान और छवि बनाई गई है, मुझे इस काम को आगे बढ़ाने का सौभाग्य मिला है।” केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “पीएम मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है और मैं इसके लिए कड़ी मेहनत करूंगा। भविष्य खाद्य प्रसंस्करण का है और इसमें असीमित संभावनाएं हैं। आने वाले समय में इस विभाग में भारत की भागीदारी बढ़ेगी। इस विभाग में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमें इस विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।”

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा कहा गया ,की “आज मैंने कार्यभार संभाल लिया है। कपड़ा क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम सब इसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे क्योंकि यह मंत्रालय किसानों से भी जुड़ा हुआ है।” सूचना एवं प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने बोला ,की “लोगों ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी को देश की सेवा करने का आशीर्वाद दिया है। कल अपने पहले कार्यकाल के पहले ही दिन प्रधानमंत्री ने गरीबों और किसानों को समर्पित फैसले लिए हैं। युवाओं के लिए बहुत मजबूत नींव रखनी है। मुझे यह अवसर देने के लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत आभार व्यक्त करता हूं।”

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अमित शाह द्वारा एक बार सहकारिता मंत्री का कार्यभार संभाला हैं । अर्जुन राम मेघवाल ने विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्यभार संभाला। अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री का कार्यभार संभाला। प्रहलाद जोशी ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री का कार्यभार संभाला। प्रतापराव गणपतराव जाधव ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इस नए कैबिनेट का गठन और विभिन्न मंत्रियों की जिम्मेदारियों का वितरण दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सुधार और विकास की योजनाओं को प्राथमिकता दी है। मंत्रियों ने अपने-अपने कार्यभार संभालने के बाद दिए गए वक्तव्यों में यह स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री के विजन और दिशा-निर्देशों के तहत अपने मंत्रालयों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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ईरान से डील पर अमेरिका की प्रतिबंधों की धमकी पर जयशंकर ने दिया जवाब, चुनाव को लेकर भी दी प्रतिक्रिया https://chaupalkhabar.com/2024/05/15/americas-deal-with-iran/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/15/americas-deal-with-iran/#respond Wed, 15 May 2024 10:34:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3247 “भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेशी मीडिया को निशाना साधते हुए कहा कि यह भारत की लोकतंत्रिक प्रक्रिया को ‘नकारात्मक ढंग’ से दिखा रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों के मीडिया को भारतीय लोकसभा चुनाव के विषय में अधिक नकारात्मकता दिखाने पर आलोचना की। उन्होंने अमेरिका के साथ होने वाले बिजनेस समझौते को लेकर अमेरिकी …

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“भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेशी मीडिया को निशाना साधते हुए कहा कि यह भारत की लोकतंत्रिक प्रक्रिया को ‘नकारात्मक ढंग’ से दिखा रहा है। उन्होंने पश्चिमी देशों के मीडिया को भारतीय लोकसभा चुनाव के विषय में अधिक नकारात्मकता दिखाने पर आलोचना की। उन्होंने अमेरिका के साथ होने वाले बिजनेस समझौते को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों के खिलाफ भी अपने विचार व्यक्त किये । जयशंकर ने कोलकाता में अपनी पुस्तक ‘Why Bharat Matters’ के बांग्ला संस्करण के लॉन्च के दौरान विदेशी मीडिया की भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि विदेशी मीडिया को भारतीय चुनाव को लेकर अपनी ‘ज्ञान’ देने के बजाय नकारात्मक ढंग से दिखा रहा है।

उन्होंने चाबहार बंदरगाह के समझौते को लेकर अमेरिका की चेतावनी पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि लोगों को अपना संकीर्ण नजरिया छोड़ना चाहिए। इससे पूरे क्षेत्र को फायदा होगा। भारत ने हाल ही में ईरान के साथ चाबहार बंदरगाह के विकास को लेकर 10 साल का समझौता किया है। इसके परिणामस्वरूप, अमेरिका ने भारत को प्रतिबंधों की चेतावनी दी है। जयशंकर ने कहा, ‘चाबहार बंदरगाह के विकास और उसके ऑपरेशनल होने से पूरे क्षेत्र को फायदा होगा।’ उन्होंने पूर्व में अमेरिका के द्वारा चाबहार बंदरगाह के फायदों की सराहना भी की है।

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जयशंकर ने पश्चिमी मीडिया की कवरेज पर भी सवाल उठाए और कहा, ‘उनके अखबार भारत को लेकर इतने नकारात्मक क्यों हैं? क्या इसलिए कि वो एक ऐसा भारत देख रहे हैं जो भारत के लिए उनकी बनाई छवि के जैसा नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘वे लोग, विचारधारा या जीवन जीने का एक तरीका चाहते हैं… वे चाहते हैं कि उसी वर्ग के लोग इस देश पर शासन करें, और जब भारतीय आबादी इससे अलग महसूस करती है तो वो परेशान हो जाते हैं।’ जयशंकर ने विदेशी मीडिया पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा, ‘कुछ मामलों में पश्चिमी मीडिया ने खुलकर कुछ उम्मीदवारों और पार्टियों का समर्थन किया है… वो अपनी पसंद- नापसंद छिपाते नहीं है। वो बहुत स्मार्ट हैं… आखिर 300 सालों से वो दबदबा बनाए हुए हैं… उन्होंने बहुत कुछ सीखा है… अनुभवी लोग हैं, चतुर लोग हैं।’

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जयशंकर ने पश्चिमी देशों पर दोहरा रवैया रखने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘जिन देशों को अपने चुनाव के नतीजे तय करने के लिए कोर्ट जाना पड़ता है वो हमें ज्ञान दे रहे हैं कि चुनाव कैसे कराए जाएं। यह दिमाग का खेल दुनिया में चल रहा है।

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भारत ने ट्रूडो प्रशासन को दिखाया आईना, कहा कनाडा न दे भारत के आंतरिक मामलो में दखल https://chaupalkhabar.com/2024/04/06/india-to-trudeau-administration/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/06/india-to-trudeau-administration/#respond Sat, 06 Apr 2024 09:52:44 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2851 कनाडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) ने अभियान चुनावों में भारत से होने वाले संभावित हस्तक्षेप के आरोपों के संदर्भ में उद्धृति की है। CSIS के एक दस्तावेज में कहा गया है कि भारत सरकार के प्रॉक्सी एजेंट द्वारा चुनावों में हस्तक्षेप करने की संभावना है। इसके अलावा, इस दस्तावेज में भारत सरकार के द्वारा भारत …

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कनाडियन सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (CSIS) ने अभियान चुनावों में भारत से होने वाले संभावित हस्तक्षेप के आरोपों के संदर्भ में उद्धृति की है। CSIS के एक दस्तावेज में कहा गया है कि भारत सरकार के प्रॉक्सी एजेंट द्वारा चुनावों में हस्तक्षेप करने की संभावना है। इसके अलावा, इस दस्तावेज में भारत सरकार के द्वारा भारत समर्थक उम्मीदवारों को अवैध वित्तीय सहायता प्रदान करके लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने की भी इशारा किया गया है। भारत की ओर से इस आरोप का तख्ती-ताजा करते हुए, भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे ‘निराधार’ बताया है और कहा है कि यह आरोप ओटावा के खिलाफ बेबुनियाद है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुद्दे पर विवाद किया और कहा कि भारत की नीति है कि वह किसी भी दूसरे देश की लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप नहीं करता।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस बजाय, कनाडा ही है जो भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है। CSIS के दस्तावेजों के अनुसार, संघीय जांच आयोग ने 2019 और 2021 में चुनावों में भारत समेत कई विदेशी देशों के संभावित हस्तक्षेप की जांच की है। इन दस्तावेजों में उल्लेख किया गया है कि 2021 में भारत सरकार का एक प्रॉक्सी एजेंट कनाडा में हस्तक्षेप करने की साजिश कर रहा था और शायद ही गुप्त गतिविधियों को संचालित किया गया था। CSIS के अनुसार, भारत सरकार ने 2021 में हस्तक्षेप के लिए गतिविधियाँ चलाई जो कम संख्या वाले चुनावी जिलों पर केंद्रित थीं। उनके दस्तावेजों में उल्लेख किया गया है कि भारत ने उन जिलों को निशाना बनाया क्योंकि वहां की भारतीय मूल की कनाडियन नागरिकों की एक समूह को खालिस्तानी आंदोलन या पाकिस्तान समर्थक राजनीतिक रुख के प्रति सहानुभूति हो सकती थी।

इस मामले में, CSIS ने ‘खुफिया जानकारी’ एकत्र की है जो सूचित करती है कि भारत सरकार के प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को अवैधवित्तीय सहायता प्रदान करके लोकतंत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया हो सकता है। हालांकि, CSIS के निदेशक ने इसे खारिज किया है और कहा है कि इस तरह की जानकारी को तथ्य स्वीकार नहीं किया जा सकता, और मामले में गहन जांच की आवश्यकता है। उनके अनुसार, इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी अधूरी और अपुष्ट हो सकती है। इस बयान के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि संभावित हस्तक्षेप की इस संदेहात्मक सिद्धि को प्रमाणित किया जाए ताकि विश्वस्तरीय और निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जा सके। दोनों देशों के बीच संबंधों के दृढ़ीकरण के लिए भी यह महत्वपूर्ण है कि विवादों को समाधान के लिए सही माध्यम चुना जाए।

ये खबर भी पढ़ें: भारत में चुनाव को लेकर UN की टिप्पणी पर जयशंकर ने कही यह बात.

इइस बयान के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि संभावित हस्तक्षेप की इस संदेहात्मक सिद्धि को प्रमाणित किया जाए ताकि विश्वस्तरीय और निष्पक्ष तरीके से कार्रवाई की जा सके। दोनों देशों के बीच संबंधों के दृढ़ीकरण के लिए भी यह महत्वपूर्ण है कि विवादों को समाधान के लिए सही माध्यम चुना जाए।

ये भी देखें:

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भारत में चुनाव को लेकर UN की टिप्पणी पर जयशंकर ने कही यह बात. https://chaupalkhabar.com/2024/04/05/un-key-regarding-elections-in-india/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/05/un-key-regarding-elections-in-india/#respond Fri, 05 Apr 2024 10:55:37 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2842 विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्रिक प्रणाली में, भारत, लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को मजबूती से प्रतिष्ठापित करने का संकल्प ले रहा है। भारतीय चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठने पर, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रों की तरफ से आई टिप्पणियों ने राजनीतिक मंथन को उत्तेजित किया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो …

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विश्व की सबसे बड़ी लोकतंत्रिक प्रणाली में, भारत, लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को मजबूती से प्रतिष्ठापित करने का संकल्प ले रहा है। भारतीय चुनाव प्रक्रिया की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठने पर, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रों की तरफ से आई टिप्पणियों ने राजनीतिक मंथन को उत्तेजित किया है। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने हाल ही में बयान जारी किया कि उम्मीद है कि भारत में होने वाले चुनाव में अन्य देशों की तरह ही राजनीतिक और नागरिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे। इससे हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा।

इसके साथ ही, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी यह दावा किया है कि भारतीय लोग ही चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने की गारंटी हैं।इस विवाद के बीच, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों की भी चिंता और टिप्पणियाँ आई हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि वे केजरीवाल की गिरफ्तारी की रिपोर्ट पर नजर रख रहे हैं और एक निष्पक्ष कानूनी प्रक्रिया का समर्थन कर रहे हैं। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भी यह दावा किया है कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता के मानकों को अपनाने की जरूरत है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने हाल ही में बयान जारी किया कि उम्मीद है कि भारत में होने वाले चुनाव में अन्य देशों की तरह ही राजनीतिक और नागरिक अधिकार सुरक्षित रहेंगे।

भारतीय सरकार ने इसे तर्कसंगतता से ठुकराया है और कहा है कि ऐसी टिप्पणियाँ भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करती हैं। भारत के न्यायिक प्रक्रियाओं को उन्नत, स्वतंत्र और विश्वसनीय माना जाता है, जो कि देश के लोकतंत्र की पीठ होती है।इसके अलावा, भारत में आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी में दलों की चुप्पी भंग हो रही है।

ये खबर भी पढ़ें: अमेरिका, जर्मनी के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आंतरराष्ट्रीय चिंता, UN ने की टिप्पणी.

चुनाव प्रक्रिया के दौरान, राजनीतिक पार्टियों को न्यायिक प्रक्रियाओं का समर्थन करने और निष्पक्षता का पालन करने की जरूरत है। यह सिद्ध होता है कि भारतीय चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए न केवल देश की बल्कि विश्व समुदाय की भी जिम्मेदारी है।भारतीय लोकतंत्र को समृद्ध और स्थिर बनाए रखने के लिए, सभी दलों को चुनावी प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए।

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जयशंकर ने मुइज्जू को अपने ही अंदाज में सुनाया, ‘दबंगई करने वाले 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं देते…. https://chaupalkhabar.com/2024/03/04/%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%b6%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%87%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/04/%e0%a4%9c%e0%a4%af%e0%a4%b6%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%87%e0%a4%9c%e0%a5%8d%e0%a4%9c%e0%a5%82-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%85%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%87/#respond Mon, 04 Mar 2024 09:25:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2430 भारतीय विदेश मंत्री डॉ. सुजात सिंह के नेतृत्व में भारत ने हाल ही में अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए एक अहम पहल की है। डॉ. जयशंकर ने अपनी किताब ‘व्हाइ भारत मैटर्स’ के लॉन्चिंग इवेंट में संकट में फंसे पड़ोसी देशों की मदद पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जब किसी पड़ोसी देश …

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भारतीय विदेश मंत्री डॉ. सुजात सिंह के नेतृत्व में भारत ने हाल ही में अपने पड़ोसी देशों की मदद के लिए एक अहम पहल की है। डॉ. जयशंकर ने अपनी किताब ‘व्हाइ भारत मैटर्स’ के लॉन्चिंग इवेंट में संकट में फंसे पड़ोसी देशों की मदद पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जब किसी पड़ोसी देश की स्थिति मुश्किल होती है, तो विशेष रूप से ‘बिग बुलीज’ 4.5 अरब डॉलर की मदद नहीं करते। उन्होंने कहा कि यह समय है कि हम भारत के और उसके पड़ोसी देशों के बीच के संबंधों को समझें और सुधारें।

जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत को बुली के तौर पर देखा जाता है, तो उन्होंने विपक्षी राष्ट्रों के ‘बिग बुलीज’ के बयान को याद किया। उन्होंने बताया कि वे जो देशों को अपने हितों के लिए तनाव में रखते हैं, वे उन्हें मदद नहीं करते। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच बदलाव आया है, जैसे कि बांग्लादेश और नेपाल के साथ व्यापारिक संबंधों में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि यह सुधार नेपाल, श्रीलंका, भूटान और बांग्लादेश के साथ निवेश और व्यापार में वृद्धि के साथ आया है इस बात को लेकर जितना विवाद तंग था, उतना ही भारत और मालदीव के बीच भी था। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने हाल ही में चीन का दौरा किया था, जिससे भारत के साथ उसके संबंधों में नई चुनौतियों का सामना हुआ। उन्होंने भारत के खिलाफ किए गए टिप्पणियों को समर्थन दिया था, जिनसे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा था।

डॉ. जयशंकर ने अपनी किताब ‘व्हाइ भारत मैटर्स’ के लॉन्चिंग इवेंट में संकट में फंसे पड़ोसी देशों की मदद पर जोर दिया।

मालदीव और भारत के बीच इस संबंध में कुछ और महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद, मालदीव के तीन मंत्रियों ने उनकी  कुछ तस्वीरों पर टिप्पणी की थी, जिससे उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। इससे बड़े पैमाने पर दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ा है। भारत और मालदीव के बीच विवाद के पीछे की वजहें और उनके संबंधों में हो रहे परिवर्तनों को लेकर निश्चित रूप से समझना और उन्हें सुलझाने का प्रयास करना महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच अच्छे संबंध रखने के लिए साथ मिलकर काम करना आवश्यक है, ताकि क्षेत्र में स्थिरता और विकास हो सके। समय निकल रहा है कि भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच के संबंधों में नए दृष्टिकोण और उन्हें सुधारने की दिशा में कदम उठाए जाएं। यह सुनिश्चित करना होगा कि इस विवाद को हल करने के लिए सभी पक्षों के बीच बातचीत और समझौते हों। इसके बिना, क्षेत्र में स्थिरता की कोई संभावना नहीं है।

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दिल्ली में रायसीना डायलॉग का उद्घाटन फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनन भी करेगी शिरकत…. https://chaupalkhabar.com/2024/02/21/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b2%e0%a5%89/ https://chaupalkhabar.com/2024/02/21/%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%b2%e0%a5%80-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b8%e0%a5%80%e0%a4%a8%e0%a4%be-%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%b2%e0%a5%89/#respond Wed, 21 Feb 2024 11:33:16 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2346 भारतीय विदेश मंत्रालय और इंडियन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले रायसीना डायलॉग का आज से शुभारंभ हो रहा है। इस उत्सव के माध्यम से विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता का मंच प्रदान किया जाएगा। इस साल के रायसीना डायलॉग …

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भारतीय विदेश मंत्रालय और इंडियन ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए जाने वाले रायसीना डायलॉग का आज से शुभारंभ हो रहा है। इस उत्सव के माध्यम से विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी और विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता का मंच प्रदान किया जाएगा।

इस साल के रायसीना डायलॉग का उद्घाटन दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जा रहा है, वह इस कार्यक्रम के 9वें संस्करण को संबोधित करेंगे। ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस भी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे। रायसीना डायलॉग के तीन दिनों के संवाद में, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों, सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों, और पत्रकारों को शामिल किया जाएगा। इसके साथ ही, यहां अन्य देशों के बड़े नामों की भी उपस्थिति होगी।

9वें संस्करण मेंग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोटाकिस भी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।

इस वर्ष के रायसीना डायलॉग में फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनन भी अपनी शिरकत के लिए भारत की यात्रा पर जा रही हैं। उनकी यात्रा के दौरान, वे नई दिल्ली में आएंगी और रायसीना डायलॉग 2024 में भाग लेंगी। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री वाल्टोनन अपने संदेश को साझा करने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ मिलेंगी। जिसके बाद भारतीय विदेश मंत्री सुजयशंकर के साथ एक वर्किंग लंच का आयोजन भी किया जाएगा। इस वर्ष के रायसीना डायलॉग में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। फिनलैंड के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इसे साझा करते हुए कहा है कि इस अवसर पर विभिन्न राष्ट्रों के बीच संबंधों, भविष्य के सहयोग के अवसरों, और वर्तमान समय में विशेष ध्यान देने वाले अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचार किया जाएगा।

इस समायोजन में विदेश मंत्री वाल्टोनन भी उच्च स्तरीय पैनल चर्चा के दौरान आर्कटिक सहयोग और सुरक्षा नीति पर अपने दृष्टिकोण को साझा करेंगी। इस उत्सव के माध्यम से, विभिन्न राष्ट्रों के बीच संबंधों में सामर्थ्य और सहयोग के माध्यम से संवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां विशेषज्ञों और नेताओं की भी उपस्थिति से विभिन्न मुद्दों पर गहराई से चर्चा की जाएगी और विभिन्न देशों के बीच साझा समझौतों और सहयोग के अवसर तलाशे जाएंगे। इस बार की रायसीना डायलॉग में फिनलैंड की विदेश मंत्री एलिना वाल्टोनन की उपस्थिति भारत-फिनलैंड संबंधों को मजबूत करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। उनके द्वारा शेयर किए जाने वाले दृष्टिकोण और सुझाव इस अवसर को और भी महत्वपूर्ण बना देंगे।

 

 

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भारतीय विदेश मंत्री ने लगाई फटकार तो UN में कनाडा देने लगा लोकतंत्र की दुहाई, कहा- विदेशी दखल से खतरा https://chaupalkhabar.com/2023/09/27/indian-external-affairs-minister-s-jaishankar-spoke-in-un-canada-on-the-killing-of-terrorist-nijjar/ https://chaupalkhabar.com/2023/09/27/indian-external-affairs-minister-s-jaishankar-spoke-in-un-canada-on-the-killing-of-terrorist-nijjar/#respond Wed, 27 Sep 2023 08:18:10 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1763 विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकी निज्जर की हत्या में कनाडा सरकार द्वारा भारत पर लगाए आरोप के मामले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि सियासी सहूलियत के आतंकवाद पर एक्शन लेना सही नहीं है. इसके जवाब में कनाडाई दूत बॉब राय ने कहा कि विदेशी हस्तक्षेप के …

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकी निज्जर की हत्या में कनाडा सरकार द्वारा भारत पर लगाए आरोप के मामले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा है कि सियासी सहूलियत के आतंकवाद पर एक्शन लेना सही नहीं है. इसके जवाब में कनाडाई दूत बॉब राय ने कहा कि विदेशी हस्तक्षेप के कारण लोकतंत्र खतरे में है.

बता दें कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद तब शुरू हुआ था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया कि उनकी सरकार के पास जून में कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के “विश्वसनीय आरोप” हैं. विदेश मंत्री जय शंकर ने निज्जर हत्याकांड में भारत पर आरोपों को लेकर कहा कि ये आरोप बिलकुल गलत हैं. भारत अपनी तय नीतियों पर चलता है और जिसके तहत भारत इन चीजों में का हिस्सा कभी भी नहीं होता.

कनाडाई दूत बॉब राय ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि जैसा की हम समानता पर बहुत जोर देते हैं. हमें स्वतंत्र और लोकतांत्रिक समाज के मूल्यों को भी बरक़रार रखना है. विदेशी हस्तक्षेप के माध्यम से लोकतंत्र खतरे में है इसलिए सियासती सहूलियत के लिए संबंधों को जाहिर करते हुए हम देश के नियमो के साथ छेड़-छाड़ नहीं कर सकते.

मंगलवार को न्यूयॉर्क में काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस कनाडा में संगठित आपराध, अलगाववादी ताकतों, हिंसा, और उग्रवाद से जुड़े मामलों पर जय शंकर ने कनाडा के राजनितिक कारणों से आतंकी गतिविधियों में एक्शन के लिए गहरी चिंता जताई. इस मामले में अमेरिकी राजनयिक के द्वारा फाइव आइज़ साझेदारों के बीच ख़ुफ़िया जानकारी साझा की गयी थी जिसके आधार पर कानाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था. अमेरिकी राजनयिक के इस आरोप से विवाद और भी बढ़ गया.

विदेशी मंत्री जयशंकर ने इस विषय पर एक रिपोर्टर द्वारा पूछे गये सवाल पर कहा कि वे द फाइव आइज़ का हिस्सा नहीं है, वे निश्चित रूप से एफबीआई का भी हिस्सा नहीं हैं. इसलिए गलत आदमी से गलत सवाल पूछा जा रहा है.

भारत पर कनाडा द्वारा लगाए गए आरोपों को व्हाइट हाउस ने भी गलत क़रार दिया था. व्हाइट हाउस ने कहा था कि अमेरिका कनाडा के इन आरोपों पर कि कनाडा की भूमि पर एक सिख अलगाववादी की हत्या मामले में भारत के साथ लगातार संपर्क में है. इसके साथ ही व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा था कि कनाडाई सरकार के साथ भी अमेरिका नियमित संपर्क में है.

 

Deedar Kumar

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