Samajwadi Party - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 28 Oct 2024 10:20:17 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Samajwadi Party - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 शिवपाल यादव का योगी सरकार पर हमला: ‘पीडीए ना बटेगा, ना कटेगा; अधिकारियों से वोट मांगती है बीजेपी’. https://chaupalkhabar.com/2024/10/28/shivpal-yadav-of-yogi-government/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/28/shivpal-yadav-of-yogi-government/#respond Mon, 28 Oct 2024 10:20:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5295 समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर पलटवार किया। शिवपाल ने बयान दिया कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीडीए) ना बटेगी, ना कटेगी और जो ऐसा कहेगा, वो बाद में खुद ही पछताएगा। उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डालने के भाजपा के आरोपों का ज़िक्र करते …

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर पलटवार किया। शिवपाल ने बयान दिया कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (पीडीए) ना बटेगी, ना कटेगी और जो ऐसा कहेगा, वो बाद में खुद ही पछताएगा। उन्होंने अधिकारियों पर दबाव डालने के भाजपा के आरोपों का ज़िक्र करते हुए कहा कि वे संविधान की रक्षा चाहते हैं और निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रयासरत हैं। शिवपाल यादव का कहना है कि भाजपा अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए अधिकारियों का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा, “भाजपा के लोग जनता से वोट नहीं मांगते बल्कि अधिकारियों के जरिए वोट मंगवाते हैं। जो सत्ता में होते हैं, वे जनता को धमकाते हैं ताकि उनके पक्ष में वोट डलवाए जा सकें।” शिवपाल ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा प्रशासनिक ताकत का गलत उपयोग कर रही है और अधिकारियों को जनता के साथ धोखा करने के लिए उकसाया जा रहा है।

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शिवपाल सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तेज प्रताप यादव के प्रचार के लिए इटावा पहुंचे थे। वहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनुजेश यादव को भगोड़ा बताया और कहा कि अब उनके साथ रिश्तेदारी भी समाप्त हो चुकी है। शिवपाल ने स्पष्ट कर दिया कि पार्टी में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं होगी जो अपने निष्ठा से भटक जाते है कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने हाल ही में बयान दिया कि राम मंदिर के निर्माण के बाद ही दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए। इस पर शिवपाल यादव ने कहा कि दीपावली एक पारंपरिक त्योहार है, जो सभी धर्म और समुदायों में मनाया जाता है। शिवपाल ने कहा कि “हर व्यक्ति अपनी श्रद्धा अनुसार दीपक जलाता है और दीपावली के त्योहार में कोई रोकटोक नहीं होनी चाहिए।” साथ ही उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दीपोत्सव का आयोजन करके इसे राजनीतिक रूप से भुनाने का प्रयास कर रही है।

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प्रशासन की तरफ से बीएसएफ की 13 बटालियन मंगाए जाने पर शिवपाल ने कहा कि चुनाव में प्रशासन का हस्तक्षेप निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया को कमजोर करता है। शिवपाल ने चुनाव आयोग से अपील की कि वह संविधान के अनुसार कार्रवाई करे। उन्होंने अधिकारियों से संविधान का पालन करने और निष्पक्षता बनाए रखने की अपील की। शिवपाल यादव ने जनता से निष्पक्ष चुनाव में भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सपा संविधान की रक्षा करना चाहती है, जबकि भाजपा जनता को धमकाने में लगी है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अधिकारी और प्रशासन निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करें ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

By Neelam singh.

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सपा विधायक के बयान से विवाद, मुस्लिम जनसंख्या और भाजपा पर टिप्पणी का वीडियो वायरल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/30/%e0%a4%b8%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%be/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/30/%e0%a4%b8%e0%a4%aa%e0%a4%be-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%95-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%be/#respond Mon, 30 Sep 2024 10:46:46 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5163 उत्तर प्रदेश के अमरोहा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक महबूब अली का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। विधायक ने बिजनौर में एक सभा के दौरान मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने और इसके परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन के खत्म होने का दावा किया। इस बयान ने …

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उत्तर प्रदेश के अमरोहा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक महबूब अली का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। विधायक ने बिजनौर में एक सभा के दौरान मुसलमानों की जनसंख्या बढ़ने और इसके परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन के खत्म होने का दावा किया। इस बयान ने भाजपा समर्थकों के बीच नाराजगी पैदा कर दी है।

बिजनौर में आयोजित एक “संविधान सम्मान” सभा के दौरान सपा विधायक महबूब अली ने कहा कि मुसलमानों की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है और यही वजह है कि आने वाले समय में भाजपा का राज खत्म हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार को मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि से खतरा है। उनका यह बयान उस समय आया है जब देशभर में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण के मुद्दों पर हमले किए जा रहे हैं।

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भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने महबूब अली के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सपा विधायक का यह बयान न सिर्फ भड़काऊ है बल्कि संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ भी है। मालवीय ने इसे भाजपा के खिलाफ एक “धमकी” करार दिया और कहा कि ऐसे बयान स्वीकार्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि महबूब अली का यह बयान राजनीतिक ध्रुवीकरण की कोशिश है, जो देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है।

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उत्तर प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनावों को देखते हुए इस तरह के बयान खासे महत्व रखते हैं। राज्य में भाजपा और सपा के बीच कड़ा मुकाबला होता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में मजबूत जनाधार तैयार किया है, जिसमें हिंदू मतदाताओं का प्रमुख योगदान रहा है। वहीं सपा मुस्लिम और पिछड़े वर्गों पर आधारित अपनी राजनीति को आगे बढ़ा रही है।

विवादित बयान से राजनीतिक माहौल गरमा गया है और इसके संभावित परिणाम 2024 के चुनावों पर भी देखने को मिल सकते हैं। सपा विधायक का यह बयान उनके समर्थकों के बीच लोकप्रिय हो सकता है, लेकिन भाजपा इसे सांप्रदायिकता भड़काने के प्रयास के रूप में देख रही है।

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पीएम पद को लेकर इंडिया गठबंधन में मतभेद, तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव को बताया प्रधानमंत्री पद का दावेदार https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/india-alliance-regarding-pm-post/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/india-alliance-regarding-pm-post/#respond Wed, 11 Sep 2024 13:12:49 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4827 लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही विपक्षी इंडिया गठबंधन के भीतर प्रधानमंत्री पद को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई देने लगे हैं। हालाँकि, इस गठबंधन ने अभी तक किसी भी नेता को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेताओं के विचारों में मतभेद …

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लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही विपक्षी इंडिया गठबंधन के भीतर प्रधानमंत्री पद को लेकर अलग-अलग सुर सुनाई देने लगे हैं। हालाँकि, इस गठबंधन ने अभी तक किसी भी नेता को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है, लेकिन गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेताओं के विचारों में मतभेद सामने आने लगे हैं। आरजेडी के वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव के दोनों बेटे, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव, प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं। जहां तेजस्वी यादव कांग्रेस नेता राहुल गांधी का समर्थन करते हुए देखे जाते हैं, वहीं उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार बताया है।

हाल ही में तेज प्रताप यादव ने एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि वे चाहते हैं कि अखिलेश यादव देश के अगले प्रधानमंत्री बनें। जब उनसे पूछा गया कि इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के लिए उनका समर्थन किसके पक्ष में है, तो तेज प्रताप ने पहले राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पद की क्षमताओं की प्रशंसा की और कहा कि राहुल गांधी ने इसके लिए कड़ी मेहनत की है। हालांकि, बाद में उन्होंने अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करते हुए कहा कि उनका दिल चाहता है कि अखिलेश यादव ही देश के प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अखिलेश यादव के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं, जिससे यह संबंध और भी गहरा हो जाता है।

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इंटरव्यू के दौरान तेज प्रताप यादव ने यह दावा भी किया कि आने वाले कुछ महीनों में नरेंद्र मोदी सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के गिरने के बाद देश में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की सरकार बनेगी। उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि विपक्षी दलों को लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्हें मजबूत समर्थन मिलेगा।

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दूसरी तरफ, तेज प्रताप यादव के भाई और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बारे में माना जाता है कि वे राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार मानते हैं। तेजस्वी का मानना है कि राहुल गांधी का अनुभव और देशभर में उनकी छवि उन्हें इस पद के लिए सबसे बेहतर दावेदार बनाती है। राहुल गांधी ने पिछले कुछ वर्षों में विपक्ष की तरफ से एक मजबूत नेता के रूप में उभरते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर मोदी सरकार की नीतियों का विरोध किया है। इंडिया गठबंधन के भीतर प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार का नाम तय करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। इसमें कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आरजेडी समेत कई अन्य दल शामिल हैं, जिनके अपने-अपने दावेदार हो सकते हैं।

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मंगेश यादव एनकाउंटर केस, विपक्ष का हमला, भाजपा सरकार पर उठे सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/mangesh-yadav-encounter-case-v/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/mangesh-yadav-encounter-case-v/#respond Wed, 11 Sep 2024 09:05:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4815 उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में हुए एक लाख के इनामी डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद राज्य की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर योगी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एनकाउंटर की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। एनकाउंटर को लेकर …

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उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जिले में हुए एक लाख के इनामी डकैत मंगेश यादव के एनकाउंटर के बाद राज्य की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बार फिर योगी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए एनकाउंटर की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। एनकाउंटर को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए।

“एनकाउंटर का पैटर्न सेट हो गया है” अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में लिखा, “भाजपा राज में एनकाउंटर का एक पैटर्न सेट हो गया है। पहले किसी को उठाओ, फिर झूठी मुठभेड़ की कहानी बनाओ और फिर दुनिया को झूठी तस्वीरें दिखाओ।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों पर दबाव डालकर उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर किया जाता है। साथ ही, विपक्ष द्वारा इन घटनाओं का भंडाफोड़ होने पर भाजपा अपने छोटे नेताओं को आगे कर मामले को दबाने की कोशिश करती है।

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सपा प्रमुख ने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा अपने समर्थन में काम करने वाले मीडिया के जरिए इन एनकाउंटरों को सही ठहराने का काम करती है। उन्होंने कहा कि सरकार के तथाकथित बड़े नेताओं से गैरकानूनी एनकाउंटर को तर्कहीन बयानबाजी के जरिए सही साबित कराया जाता है। अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जब भी जनता का आक्रोश बढ़ता है, तो सरकार औपचारिक रूप से जांच का आदेश दे देती है, लेकिन जांच के नाम पर कुछ खास नहीं होता। उन्होंने इसे दिखावटी जांच करार देते हुए आरोप लगाया कि ऐसे मामलों को जांच के बहाने धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।

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बता दें कि 28 अगस्त को सुलतानपुर के ठठेरी बाजार में सर्राफ भरत सोनी के यहां डकैती के मामले में वांछित डकैत मंगेश यादव उर्फ कुंभे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। यादव पर एक लाख का इनाम घोषित था, और उसे सुलतानपुर के मिश्रपुर पुरैना के पास एसटीएफ की टीम ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया। इस डकैती में अन्य 14 आरोपित भी वांछित थे, जिनमें से तीन को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। गिरोह का सरगना विपिन सिंह पहले ही रायबरेली न्यायालय में सरेंडर कर चुका है, जबकि बाकी आरोपितों की तलाश में पुलिस द्वारा सात टीमें गठित की गई हैं।

इस मुठभेड़ के बाद जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी किए हैं। जांच की जिम्मेदारी लंभुआ की एसडीएम विदुषी सिंह को सौंपी गई है। सरकार की ओर से कहा गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी ताकि किसी प्रकार की गलतफहमी या संदेह को दूर किया जा सके।

 

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सपा ने नसीम सोलंकी को बनाया प्रत्याशी, अखिलेश यादव ने संभाली चुनावी कमान” https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/sp-made-naseem-solanki/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/sp-made-naseem-solanki/#respond Tue, 10 Sep 2024 06:05:44 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4772 समाजवादी पार्टी (सपा) ने कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए नसीम सोलंकी को ही प्रत्याशी घोषित किया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित पार्टी नेताओं की एक बैठक में इस बात के संकेत दिए कि चुनाव की पूरी योजना लखनऊ में बनाई जाएगी। इस चुनावी अभियान की जिम्मेदारी प्रदेश …

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समाजवादी पार्टी (सपा) ने कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए नसीम सोलंकी को ही प्रत्याशी घोषित किया है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने लखनऊ में आयोजित पार्टी नेताओं की एक बैठक में इस बात के संकेत दिए कि चुनाव की पूरी योजना लखनऊ में बनाई जाएगी। इस चुनावी अभियान की जिम्मेदारी प्रदेश स्तरीय चार से पांच नेताओं की टीम को सौंपी गई है, जो कानपुर के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम करेंगे।

बैठक में अखिलेश यादव ने बताया कि सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र पार्टी की सबसे पुरानी और मजबूत सीटों में से एक है। यहां से इरफान सोलंकी के जेल जाने के बाद ही यह तय कर लिया गया था कि उनकी पत्नी नसीम सोलंकी को ही चुनाव लड़ाया जाएगा। अखिलेश यादव ने विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथों का गहन विश्लेषण किया और उन बूथों की स्थिति पर चर्चा की जहां सपा को मजबूत और कमजोर समर्थन मिल रहा है। चुनावी तैयारियों को लेकर विधायकों, पूर्व विधायकों, महानगर अध्यक्ष और अन्य पार्टी पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं।

खबर भी पढ़ें : भारत के लिए राहत की खबर! रोहिंग्या मुद्दे पर बांग्लादेश ने किया महत्वपूर्ण फैसला.महानगर अध्यक्ष फजल महमूद ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी की चुनावी तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) वोटबैंक को और अधिक मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। नसीम सोलंकी की उम्मीदवारी पक्की है और यहां किसी अन्य राजनीतिक दल या प्रत्याशी की चुनौती को बेकार बताया गया है।

खबर भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट ने इज़राइल को हथियार निर्यात पर रोक लगाने की याचिका खारिज की, विदेश नीति में हस्तक्षेप से किया इनकार. बैठक में सपा विधायक अमिताभ वाजपेयी, मो. हसन रूमी, जिलाध्यक्ष मुनीन्द्र शुक्ला, राष्ट्रीय महासचिव सुरेन्द्र मोहन अग्रवाल, पूर्व सांसद राजाराम पाल, पूर्व विधायक सतीश निगम और प्रदेश सचिव आशीष चौबे भी शामिल थे। अखिलेश यादव ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि चुनाव से पहले वह खुद सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी रणनीति की समीक्षा करेंगे। सपा का पूरा ध्यान इस चुनाव को जीतने पर है, क्योंकि यह सीट पार्टी के लिए ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण मानी जाती है।

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सुलतानपुर लूटकांड, मंगेश यादव के एनकाउंटर और सोने की कम बरामदगी पर अखिलेश का सरकार पर तीखा हमला https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/sultanpur-robbery-mangesh/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/sultanpur-robbery-mangesh/#respond Sat, 07 Sep 2024 11:19:49 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4731 समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुलतानपुर ज्वैलर्स लूटकांड में शामिल मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाने के बाद एक बार फिर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। इस बार उन्होंने लूट के माल की बरामदगी पर सवाल खड़ा किया है। शनिवार को अखिलेश यादव ने पीड़ित सर्राफ का एक वीडियो …

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समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुलतानपुर ज्वैलर्स लूटकांड में शामिल मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठाने के बाद एक बार फिर प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया है। इस बार उन्होंने लूट के माल की बरामदगी पर सवाल खड़ा किया है। शनिवार को अखिलेश यादव ने पीड़ित सर्राफ का एक वीडियो जारी किया, जिसमें सर्राफ ने बताया कि पुलिस द्वारा बरामद माल लूट का 10 प्रतिशत भी नहीं है। खासकर, सोना पूरी तरह से गायब है। अखिलेश ने इस मुद्दे पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि लूट का माल लुटेरों से किसने लूट लिया? अखिलेश यादव ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर सारे लुटेरे पकड़े जा चुके हैं, तो फिर लूटा गया सोना किसके खजाने में चला गया? उन्होंने सीधे तौर पर प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल खड़ा किया और कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं कि जो लुटेरे बनकर आए थे, वे किसी के प्रतिनिधि थे? ये सवाल प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर आरोप लगाते हैं और सरकार की भूमिका पर शक जाहिर करते हैं।

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अखिलेश यादव पहले भी मंगेश यादव के एनकाउंटर पर सवाल उठा चुके हैं। सुलतानपुर में हुए इस लूटकांड के मुख्य आरोपी मंगेश यादव को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस एनकाउंटर को लेकर कई तरह के सवाल उठाए थे, खासकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में एनकाउंटर के नाम पर निर्दोषों को निशाना बनाया जा रहा है और असली अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। इस पूरी घटना को लेकर अखिलेश यादव ने फिल्म “डकैत” के एक पोस्टर को रीपोस्ट किया है। इस फिल्म में सनी देओल ने अर्जुन यादव नामक एक डकैत का किरदार निभाया था, जिसे समाज द्वारा सताया गया था। अखिलेश का यह पोस्ट इस बात की ओर इशारा करता है कि मंगेश यादव के एनकाउंटर को इस फिल्म की कहानी से जोड़कर देखा जा रहा है। इस पोस्ट के जरिए उन्होंने यह सवाल खड़ा किया कि क्या मंगेश यादव को भी उसी तरह से सताया गया जैसा फिल्म के किरदार अर्जुन यादव के साथ हुआ था?

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अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट में शायर मुनव्वर राणा की पंक्तियों का भी इस्तेमाल किया है। यह पंक्तियां उन लोगों के प्रति सहानुभूति दर्शाती हैं, जिन्हें बिना किसी ठोस कारण के अपराधी साबित कर दिया जाता है। इस पोस्ट के जरिए अखिलेश यादव ने मंगेश यादव के एनकाउंटर पर एक बार फिर से सवाल उठाया और इसे एक पूर्व-नियोजित योजना का हिस्सा बताया। अखिलेश यादव ने वीडियो के साथ जो सवाल उठाए, वह प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं। पीड़ित सर्राफ ने बताया कि लूटा गया माल अभी तक बरामद नहीं हुआ है, और पुलिस द्वारा बरामद की गई चीजें लूट का 10 प्रतिशत भी नहीं हैं। खासकर, सोना पूरी तरह से गायब है। यह सवाल उठता है कि अगर सभी लुटेरे पकड़े जा चुके हैं, तो फिर सोना कहां गायब हो गया? अखिलेश यादव ने अपने पोस्ट के जरिए सरकार पर तीखा हमला किया और यह दावा किया कि लूट का असली माल किसी और के खजाने में जमा हो गया है। उन्होंने इस घटना को प्रदेश की कानून व्यवस्था की नाकामी के रूप में पेश किया और सरकार पर आरोप लगाया कि वह असली अपराधियों को बचाने का काम कर रही है।

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सुलतानपुर एनकाउंटर पर अखिलेश यादव का हमला, नकली एनकाउंटर से सत्ता पक्ष की संलिप्तता का आरोप. https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/sultanpur-encounter-at-akh/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/05/sultanpur-encounter-at-akh/#respond Thu, 05 Sep 2024 07:48:46 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4669 समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुलतानपुर में हाल ही में हुए एनकाउंटर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस घटना में सत्ता पक्ष की संलिप्तता हो सकती है। अखिलेश यादव का कहना है कि सुलतानपुर की डकैती के …

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समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुलतानपुर में हाल ही में हुए एनकाउंटर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस घटना में सत्ता पक्ष की संलिप्तता हो सकती है। अखिलेश यादव का कहना है कि सुलतानपुर की डकैती के मुख्य आरोपी से पहले ही संपर्क साध लिया गया था और उसे नकली एनकाउंटर से पहले सरेंडर कराने के लिए मजबूर किया गया था। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा, “मुख्य आरोपी के सरेंडर करने के बाद, लूट का पूरा माल वापस होना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को पीड़ितों को मुआवज़ा देना चाहिए क्योंकि इस तरह की घटनाएं मानसिक आघात पहुँचाती हैं, जिससे व्यापार को नुकसान होता है। इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जानी चाहिए।”

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उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे नकली एनकाउंटर केवल एक दिखावा हैं, और इससे कानून-व्यवस्था मजबूत नहीं होती। उनका आरोप है कि सत्ता पक्ष अपराधियों के साथ मिलीभगत करता है और जब जनता का दबाव बढ़ता है, तब नकली एनकाउंटर का सहारा लिया जाता है ताकि जनता को शांत किया जा सके। सपा प्रमुख ने सत्ताधारी भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए इसे “अपराधियों का अमृतकाल” करार दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जनता का आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँचता, तब तक अपराधियों को संरक्षण मिलता रहता है। अखिलेश यादव का आरोप है कि जब सरकार को लगता है कि जनता घेर लेगी, तब जाकर नकली एनकाउंटर का नाटक किया जाता है, ताकि अपराधियों को बचाया जा सके और निर्दोष लोगों को फंसाया जा सके।

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अखिलेश यादव का दावा है कि सुलतानपुर एनकाउंटर में जातिगत भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में कुछ लोगों के पैरों पर केवल दिखावटी गोली मारी गई, जबकि कुछ को “जात” देखकर जान से मार दिया गया। उन्होंने सरकार पर जातिगत आधार पर न्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि न्याय की व्यवस्था केवल कानूनी ढांचे के माध्यम से ही संभव हो सकती है, न कि नकली एनकाउंटर के जरिए। अखिलेश यादव ने मांग की कि डकैती से हुए नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पीड़ितों के व्यापारिक नुकसान की भरपाई भी करनी चाहिए, क्योंकि इस प्रकार की घटनाओं का व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ता है।

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024: विपक्ष के विरोध और सरकार के तर्कों के बीच लोकसभा में पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक. https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/#respond Thu, 08 Aug 2024 09:16:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4216 केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत …

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केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को अस्वीकार्य बताते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेता केसी वेणुगोपाल ने इस विधेयक को संविधान की बुनियाद पर हमला करार दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा, “हम हिंदू हैं, लेकिन हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक महाराष्ट्र और हरियाणा में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। पिछली बार जनता ने साफ संदेश दिया था, लेकिन सरकार ने उससे कुछ नहीं सीखा। यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है।”

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार वक्फ गवर्निंग काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान कर रही है, जोकि धर्म की स्वतंत्रता पर हमले को दर्शाता है। “इससे पहले आप ईसाइयों के पास जाएंगे, फिर जैनियों के पास। यह विधेयक विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहा है, जिसे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी,” वेणुगोपाल ने कहा। वहीं, सरकार ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी मानने से इनकार किया है। जेडीयू और टीडीपी जैसी एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने विधेयक का समर्थन किया। जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने भी इस पर अपना पक्ष रखा और कहा, की “यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि इस विधेयक को वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया है। विपक्ष इसे मंदिरों के मुद्दे से जोड़ रहा है, जो कि बिलकुल निराधार है। सरकार का अधिकार है कि वह किसी भी निरंकुश संस्था पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए।”

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने भी इस विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ मानने से इनकार करते हुए कहा, “यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे हो सकता है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। विपक्ष इसे मंदिरों के साथ तुलना कर रहा है और मुख्य मुद्दे से भटका रहा है।” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों की एक बैठक बुलाई जिसमें वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने इस विधेयक का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस भी दिया था।

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कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस विधेयक के जरिए राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के बजाय सरकार इन शक्तियों को कमजोर कर रही है। वेणुगोपाल ने कहा, “यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है और संविधान की बुनियाद पर चोट करता है।” सरकार का दावा है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को हल करने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने के उद्देश्य से इस विधेयक में कई प्रावधान किए गए हैं, जो वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

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संशोधन विधेयक 2024 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखा मतभेद देखने को मिल रहा है। जहां सरकार इसे वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक आवश्यक कदम मानती है, वहीं विपक्ष इसे धर्म की स्वतंत्रता और संविधान की मूल भावना पर हमला बताकर विरोध कर रहा है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में माहौल गर्म रहा, और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक बहस की संभावना है।

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तृणमूल की शहीद दिवस रैली कल, ममता और अखिलेश यादव के संभावित बड़े एलान पर सबकी निगाहें https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/trinamools-martyrs-day-rally/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/trinamools-martyrs-day-rally/#respond Sat, 20 Jul 2024 13:33:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3981 टीएमसी का शहीद दिवस ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रतिवर्ष 21 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 21 जुलाई, 1993 को हुई एक महत्वपूर्ण घटना से होती है। उस समय ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी की नेता थीं और पश्चिम बंगाल में माकपा के नेतृत्व वाली वाममोर्चा सरकार का शासन था। ममता ने …

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टीएमसी का शहीद दिवस ममता बनर्जी के नेतृत्व में प्रतिवर्ष 21 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिन की शुरुआत 21 जुलाई, 1993 को हुई एक महत्वपूर्ण घटना से होती है। उस समय ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी की नेता थीं और पश्चिम बंगाल में माकपा के नेतृत्व वाली वाममोर्चा सरकार का शासन था। ममता ने कोलकाता में एक प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, जिसमें फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र की मांग की जा रही थी। इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें 13 कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। इस हृदयविदारक घटना ने बंगाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। इन 13 कार्यकर्ताओं की शहादत को स्मरण करने के लिए ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। यह दिवस अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन गया है।

शहीद दिवस के अवसर पर टीएमसी के नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं और उन 13 शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। ममता बनर्जी खुद इस दिन अपने भाषण के माध्यम से जनता को संबोधित करती हैं और शहीदों के बलिदान की याद दिलाती हैं। इस अवसर पर ममता जनता के सामने अपने पार्टी के विचारों और आगामी योजनाओं को भी प्रस्तुत करती हैं। शहीद दिवस के माध्यम से ममता बनर्जी ने एक संदेश दिया है कि वे हमेशा अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ी हैं और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। यह दिवस ममता के राजनीतिक संघर्ष और उनके अदम्य साहस का प्रतीक है। ममता के नेतृत्व में टीएमसी ने बंगाल की राजनीति में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई है और शहीद दिवस इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

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इस दिवस का आयोजन हर साल बड़े धूमधाम से होता है और इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। इस दिन ममता बनर्जी अपने भाषण में राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर भी अपने विचार रखती हैं। शहीद दिवस के अवसर पर ममता अपने कार्यकर्ताओं को प्रेरित करती हैं और उन्हें अपने संघर्ष में आगे बढ़ने का साहस देती हैं।

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कौशांबी में भाजपा को ध्वस्त करने वाले पुष्पेंद्र सरोज ने राजा भैया से मुलाकात की,कुंडा जाकर किया धन्यवाद. https://chaupalkhabar.com/2024/06/07/bjps-destruction-in-kaushambi/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/07/bjps-destruction-in-kaushambi/#respond Fri, 07 Jun 2024 06:16:49 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3477 उत्तर प्रदेश के कुंडा से हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। इस तस्वीर में बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज साथ नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद …

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उत्तर प्रदेश के कुंडा से हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। इस तस्वीर में बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज साथ नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद की यह मुलाकात न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी गहरे हैं। पुष्पेंद्र सरोज, जिन्होंने इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से चुनाव जीता है, राजा भैया से मिलने कुंडा के बेंती महल आए थे। यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक समीकरण भी काम कर रहे थे। कहा जा रहा है कि राजा भैया के समर्थक सपा के साथ थे, इसलिए पुष्पेंद्र उन्हें धन्यवाद देने आए थे।

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राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज के बीच करीब आधे घंटे तक गुफ्तगू हुई। इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जनसत्ता दल के सोशल मीडिया पेज से इस फोटो को शेयर किया गया है। इसके कैप्शन में लिखा है- “आज राजभवन बेंती (कुंडा) में जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय राजा भैया से शिष्टाचार भेंट करने पहुंचे कौशांबी लोकसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज।” लोकसभा चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से राजा भैया की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में शाह ने राजा भैया से बीजेपी का समर्थन करने का अनुरोध किया था। इसके बाद राजा भैया ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि हम किसी को समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन मेरे समर्थक जिसका चाहें समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, इसके बाद राजा भैया के ज्यादातर समर्थक सपा उम्मीदवार के साथ नजर आए थे। उन्होंने सपा के कौशांबी और प्रतापगढ़ प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटाया था। जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव की रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि राजा भैया के समर्थकों का रुझान सपा की ओर था। 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में पुष्पेंद्र सरोज ने बीजेपी के दो बार के सांसद विनोद सोनकर को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया। 25 साल के सरोज इस बार सबसे कम उम्र के सांसद बने हैं। उनकी इस जीत ने सियासी पंडितों को चौंका दिया है। यह जीत न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सपा के लिए भी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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राजा भैया की भूमिका इस चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने सीधे तौर पर किसी का समर्थन नहीं किया, लेकिन उनके समर्थकों ने सपा के लिए माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस मुलाकात के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले समय में राजा भैया और सपा के बीच कोई नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है? राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज की मुलाकात की चर्चा सियासी गलियारों में जोरों पर है। यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भेंट नहीं मानी जा रही, बल्कि इसके पीछे गहरे राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले चुनावों के लिए एक संकेत हो सकती है। सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की फोटो तेजी से वायरल हो रही है। जनसत्ता दल और सपा के समर्थक इस फोटो को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ लोग इसे सियासी गठजोड़ की शुरुआत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे केवल एक शिष्टाचार भेंट के रूप में देख रहे हैं। यह मुलाकात और इसके बाद की चर्चाएं आने वाले समय में राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करेंगी, यह देखने वाली बात होगी। राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज के बीच की यह मुलाकात सपा और जनसत्ता दल के बीच एक नए समीकरण का संकेत हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। कुंडा की यह तस्वीर और इसके पीछे की राजनीतिक घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलाव की लहरें चल रही हैं। राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज की मुलाकात आने वाले समय में क्या रंग लाए।

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