SBI - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 18 Mar 2024 07:21:58 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg SBI - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 10 करोड़ के बॉन्ड दरवाजे पर छोड़ गया JDU का सीक्रेट दानवीर, बिहार का सबसे बड़ा सियासी रहस्य https://chaupalkhabar.com/2024/03/18/10-crore-bonds-at-the-door/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/18/10-crore-bonds-at-the-door/#respond Mon, 18 Mar 2024 07:21:58 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2619 Electroral bond  का 2019 का डेटा भी इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है  जिससे की पता चला कि JDU को 2019 में कुल 13 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी इनमें दिखाया गया है की पार्टी को 10 करोड़ रुपये किसी ‘अनजान शख्स’ ने फंडिंग की थी। और पार्टी को उसका …

The post 10 करोड़ के बॉन्ड दरवाजे पर छोड़ गया JDU का सीक्रेट दानवीर, बिहार का सबसे बड़ा सियासी रहस्य first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
Electroral bond  का 2019 का डेटा भी इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है  जिससे की पता चला कि JDU को 2019 में कुल 13 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी इनमें दिखाया गया है की पार्टी को 10 करोड़ रुपये किसी ‘अनजान शख्स’ ने फंडिंग की थी। और पार्टी को उसका ‘कुछ पता ही नहीं चला.’ इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चुनावी चंदे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के इस बड़े फैसले के बाद अब इस मामले पर सियासत भी खूब हो रही है हालाँकि लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है और बीजेपी के विरोधी उसे इलेक्टोरल बॉन्ड के सवाल पर हर तरह से घेरने पर लगे हैं इसी बीच बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में एक दिलचस्प कहानी देखने को मिली हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चली लंबी सुनवाई के दौरान सभी राजनीतिक दलों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में कोर्ट ने जानकारी भी मांगी थी। जिसके बाद  कोर्ट ने निर्णायक फैसले के पहले एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड लेने वालों का पूरा डाटा उपलब्ध कराने को आदेश दिया था। हालाँकि एक बार तो कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों से इस मामले में जवाब मांगा था साल 2019 में जनता दल यूनाइटेड को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 13 करोड़ रुपए मिले थे और  इस बाबत जेडीयू की तरफ से कोर्ट को जानकारी दी गई थी दिलचस्प बात सामने यह आयी कि जेडीयू की तरफ से जो जवाब दिया गया उसमें 10 करोड़ रुपए के इलेक्टोरल बॉन्ड देने वाले शख्स के बारे में कोई भी जानकारी जेडीयू ने साझा नहीं की थी।

सुप्रीम कोर्ट में इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चली लंबी सुनवाई के दौरान सभी राजनीतिक दलों को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड के बारे में कोर्ट ने जानकारी भी मांगी थी। जिसके बाद कोर्ट ने निर्णायक फैसले के पहले एसबीआई को इलेक्टोरल बॉन्ड लेने वालों का पूरा डाटा उपलब्ध कराने को आदेश दिया था।

इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर जेडीयू ने 2019 में जो जवाब दिया था उसके अनुसार  10 अप्रैल 2019 को किसी अनजान व्यक्ति ने पार्टी को 10 करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड दिए थे। हालाँकि जेडीयू के तत्कालीन प्रदेश महासचिव नवीन आर्य की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 3 अप्रैल 2019 को किसी अनजान शख्स ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आकर एक सीलबंद लिफाफा दे दिया था इस लिफाफे को खोला गया तो उसमें एक-एक करोड़ रुपए के 10 इलेक्टोरल बॉन्ड पाए गए, जिसके बाद जेडीयू ने पटना के एसबीआई मेन ब्रांच में एक खाता खोलकर इन सभी इलेक्टोरल बॉन्ड को कैश करा लिया था।

ये खबर भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी SBI की दलील, कहा ‘इलेक्टोरल बॉन्ड पर कल तक ही दें पूरा डेटा……

जेडीयू को मिले इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी यह कहानी बेहद दिलचस्प है  इस मामले पर पार्टी का कोई भी नेता कुछ बोलने को तैयार नहीं है जानकारी के मुताबिक, 2019 में जेडीयू को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कुल 13 करोड़ रुपए मिले थे. 10 करोड़ रुपए किसी अनजान शख्स से मिले, जबकि एक सीमेंट निर्माता कंपनी से जेडीयू को एक-एक करोड़ रुपए के दो बॉन्ड मिले थे इसके अलावा एक मोबाइल कंपनी ने भी जेडीयू को एक करोड़ रुपए का इलेक्टोरल बॉन्ड दिया था।

ये भी देखें:

The post 10 करोड़ के बॉन्ड दरवाजे पर छोड़ गया JDU का सीक्रेट दानवीर, बिहार का सबसे बड़ा सियासी रहस्य first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/03/18/10-crore-bonds-at-the-door/feed/ 0
कांग्रेस के सशक्त राज्यों में इलेक्टोरल बॉन्ड की अलग दिखी स्थिति, डेटा का विश्लेषण। https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/congress-strong-state/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/congress-strong-state/#respond Fri, 15 Mar 2024 08:12:33 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2595 भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है जो नागरिकों की भागीदारी को सुनिश्चित करता है और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। चुनाव आयोग और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच चंदा प्राप्ति के मामले में दर्शाया गया है कि कांग्रेस …

The post कांग्रेस के सशक्त राज्यों में इलेक्टोरल बॉन्ड की अलग दिखी स्थिति, डेटा का विश्लेषण। first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
भारतीय राजनीति में चुनावी प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है जो नागरिकों की भागीदारी को सुनिश्चित करता है और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करता है। चुनाव आयोग और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच चंदा प्राप्ति के मामले में दर्शाया गया है कि कांग्रेस कई राज्यों में अच्छी रफ़्तार से अपने नाम को बढ़ा रही है, जबकि बीजेपी ने विभिन्न राज्यों में चंदा प्राप्ति में वृद्धि दर्ज की है।

चुनावी चंदे के मामले में तमिलनाडु, पुडुचेरी, और केरल के चुनावी माहौल विशेष ध्यान वाले हैं, जहां कांग्रेस को स्थिति मजबूत रहती है। इन राज्यों में कांग्रेस ने बीजेपी को चंदा प्राप्ति में पीछे छोड़ा है। जनवरी 2021 और जुलाई 2021 के चरण 15 और 17 में, कांग्रेस ने बीजेपी को चंदा प्राप्ति में पीछे छोड़ा है। तमिलनाडु में, उसने 7.1 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया, जबकि पुडुचेरी में उसकी चंदा प्राप्ति 24.7 करोड़ रुपये थी। चुनावी चंदे के साथ-साथ, इलेक्टोरल बॉन्ड्स के मामले में भी कांग्रेस की स्थिति मजबूत दिखाई गई है। अक्टूबर 2023 के आसपास, कांग्रेस ने सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड्स हासिल किए, जब उसने बीजेपी को 401.9 करोड़ रुपये के मुकाबले 359 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया। इस अवधि के दौरान, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, और मिजोरम में चुनाव हुए थे और इन राज्यों में कांग्रेस की प्रदर्शन की उम्मीद थी।

ये खबर भी पढ़ें:कौन है वह फ्यूच गेमिंग कंपनी जो इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे अधिक चंदा देती है?

चुनावी चंदे के मामले में कर्नाटक ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहां कांग्रेस ने बीजेपी को पीछे छोड़ा। अप्रैल 2023 के चुनावों में, कांग्रेस ने 190.6 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया, जबकि बीजेपी ने 334 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया। एक और अंतर्निहित चरण में, जुलाई 2022 में, कांग्रेस ने बीजेपी को पीछे छोड़ा और 57.5 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया। चुनावी चंदे के अलावा, इलेक्टोरल बॉन्ड्स के डोलने के मामले में भी कांग्रेस ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अप्रैल 2019 में, चरण 9 में, कांग्रेस ने बीजेपी को 1064 करोड़ रुपये के मुकाबले 118 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया। इसके अलावा, कांग्रेस ने बीजेपी को अप्रैल 2019 के चरण 9 के दौरान 707 करोड़ रुपये के चंदे का प्राप्त किया।

इस सभी डेटा के साथ-साथ, चुनावी चंदे के मामले में बीजेपी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बीजेपी ने लोकसभा चुनावों में सबसे अधिक इलेक्टोरल बॉन्ड्स प्राप्त किए हैं। चरण 9 में, अप्रैल 2019 में, बीजेपी ने कांग्रेस को 1064 करोड़ रुपये के मुकाबले 118 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त किया। चुनाव आयोग और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चुनावी चंदे के मामले में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही अहम भूमिका निभा रहे हैं।

ये भी देखें:

The post कांग्रेस के सशक्त राज्यों में इलेक्टोरल बॉन्ड की अलग दिखी स्थिति, डेटा का विश्लेषण। first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/congress-strong-state/feed/ 0
कौन है वह फ्यूच गेमिंग कंपनी जो इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे अधिक चंदा देती है? https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/who-is-that-future-gaming-comp/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/who-is-that-future-gaming-comp/#respond Fri, 15 Mar 2024 07:40:13 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2589 सुप्रीम कोर्ट की तय समय-सीमा से एक दिन पहले, चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर SBI के डेटा को अपलोड कर दिया है। इस डेटा के मुताबिक, राजनीतिक दलों के लिए सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज है। इस खबर के मुताबिक, मार्टिन …

The post कौन है वह फ्यूच गेमिंग कंपनी जो इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे अधिक चंदा देती है? first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
सुप्रीम कोर्ट की तय समय-सीमा से एक दिन पहले, चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर SBI के डेटा को अपलोड कर दिया है। इस डेटा के मुताबिक, राजनीतिक दलों के लिए सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज है। इस खबर के मुताबिक, मार्टिन ने इस अवधि में अधिकतम चंदा दिया है। यह राजनीतिक दलों के लिए चुनावी चंदे की मान्यता के बारे में एक महत्वपूर्ण और उच्चरहित मुद्दा है। मार्टिन के बारे में और अधिक जानकारी के अनुसार, उन्होंने म्यांमार में मजदूरी से शुरुआत की, जहां से उन्होंने अपने परिवार का पालन-पोषण किया। फिर उन्होंने भारत आकर लॉटरी व्यवसाय शुरू किया। 1988 में कोयंबटूर में मार्टिन ने लॉटरी एजेंसीज लिमिटेड की स्थापना की। इसके बाद, उन्होंने अपने व्यापार को धीरे-धीरे बढ़ाते हुए उत्तर-पश्चिम भारत में विस्तार किया।

मार्टिन की कंपनी के खिलाफ कई केस दर्ज हैं, जिसमें लॉटरी रेगुलेशन एक्ट 1998 के तहत आईपीसी के तहत कई मामले शामिल हैं। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को 1991 में बनाया गया था और यह बिजनेस सिक्किम, नगालैंड, और पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में लॉटरी के टिकट बेचती है।

 

डेटा के मुताबिक, राजनीतिक दलों के लिए सबसे ज्यादा इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनी ‘लॉटरी किंग’ सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स सर्विसेज है।

चुनावी बॉन्ड खरीदने वालीं अन्य 10 कंपनियों में शामिल हैं:

  1. फ्यूचर गेमिंग और होटल सर्विसेज (₹ 1,368 करोड़)
  2. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (₹ 966 करोड़)
  3. क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड (₹ 410 करोड़)
  4. वेदांता लिमिटेड (₹400 करोड़)
  5. हल्दिया एनर्जी लिमिटेड (₹ 377 करोड़)
  6. भारती ग्रुप (₹ 247 करोड़)
  7. एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड (₹ 224 करोड़)
  8. वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (₹ 220 करोड़)
  9. केवेंटर फूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड (₹195 करोड़)
  10. मदनलाल लिमिटेड (₹185 करोड़)

ये खबर भी पढ़ें: एक राष्ट्र, एक चुनाव” पर रिपोर्ट: कोविंद समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी एक देश-एक चुनाव पर रिपोर्ट

इस लेख में उपर्युक्त जानकारी के अलावा, अन्य बड़ी कंपनियों में ग्रासिम इंडस्ट्रीज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, अपोलो टायर्स, लक्ष्मी मित्तल, एडलवाइस, पीवीआर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एंड महिंद्रा, डीएलएफ, पीवीआर, बिड़ला, बजाज, जिंदल, स्पाइसजेट, इंडिगो, और गोयनका शामिल हैं।

ये भी देखें:

The post कौन है वह फ्यूच गेमिंग कंपनी जो इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे अधिक चंदा देती है? first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/03/15/who-is-that-future-gaming-comp/feed/ 0
सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी SBI की दलील, कहा ‘इलेक्टोरल बॉन्ड पर कल तक ही दें पूरा डेटा…… https://chaupalkhabar.com/2024/03/11/supreme-court-did-not-accept-sbis-argument-said-give-complete-data-on-electoral-bonds-by-tomorrow-only/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/11/supreme-court-did-not-accept-sbis-argument-said-give-complete-data-on-electoral-bonds-by-tomorrow-only/#respond Mon, 11 Mar 2024 08:45:50 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2548 इस समय, सुप्रीम कोर्ट में चल रही एक महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने SBI को 12 मार्च तक ही पूरी डिटेल देने का आदेश दिया है। यहां तक कि सुनवाई के दौरान SBI की सभी दलीलें फेल हो गईं। …

The post सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी SBI की दलील, कहा ‘इलेक्टोरल बॉन्ड पर कल तक ही दें पूरा डेटा…… first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
इस समय, सुप्रीम कोर्ट में चल रही एक महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने SBI को 12 मार्च तक ही पूरी डिटेल देने का आदेश दिया है। यहां तक कि सुनवाई के दौरान SBI की सभी दलीलें फेल हो गईं। यह आदेश इस बिंदु पर जारी किया गया था कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुनवाई के दौरान SBI को सुप्रीम कोर्ट से विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने का आदेश दिया जाए। इस मामले में, सुनवाई के दौरान सीनियर वकील हरीश साल्वे ने SBI की तरफ से 30 जून तक का वक्त मांगा था ताकि उन्हें अधिक जानकारी प्रस्तुत करने का मौका मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बॉन्ड की खरीद की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं, जिसमें खरीदारों के साथ-साथ बॉन्ड की कीमत जैसी जानकारी शामिल है।

 

इसके अलावा, साल्वे ने कहा कि राजनीतिक दलों का विवरण और यह जानकारी भी प्रस्तुत करनी है, लेकिन इसको निकालने के लिए एक पूरी प्रक्रिया को उलटना पड़ेगा। उन्होंने सुनवाई के दौरान इसे सुनिश्चित किया कि बॉन्ड के खरीदार और बॉन्ड की जानकारी के बीच कोई संबंध नहीं रखा जाए और यह सभी जानकारी गुप्त रखनी चाहिए। सुनवाई के दौरान, सीजेआई ने SBI से पूछा कि वह फैसले का अनुपालन क्यों नहीं कर रहे हैं। उन्होंने  FAQ में भी दिखाया था कि हर खरीद के लिए एक अलग केवाईसी है।

 

 

इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि सभी विवरण सीलबंद लिफाफे में हैं और उन्हें बस सीलबंद कवर खोलकर विवरण देना है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच में 5 जज हैं, जिनमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं। इसके अलावा, दो गैर-सरकारी संगठनों एडीआर और कॉमन कॉज के साथ ही भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें तर्क दिया गया है कि वित्त अधिनियमों को धन विधेयक के रूप में पारित किया गया था, जिससे राज्यसभा से जांच को रोका जा सके। जनवरी 2022 से मामले को सुनवाई किए जाने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने एक फर्जी योजना को रद्द करते हुए फैसला सुनाया और कहा कि यह भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ सूचना के अधिकार के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच में 5 जज हैं, जिनमें चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं।

इस घटना के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉन्ड का विवरण भारत निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करने के आदेश दिए। इसके बाद, SBI ने भुनाए गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 13 मार्च तक की मोहलत की मांग की है। अब सुप्रीम कोर्ट ने SBI के आवेदन को खारिज कर दिया है और उन्हें 15 मार्च की शाम तक विवरण का खुलासा करने को कहा है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की बेंच द्वारा लिया गया है, जो कि विशेषज्ञ न्यायाधीशों द्वारा गठित है।

इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया की गहराई और सुनीयत की प्राथमिकताओं के साथ, एक स्पष्ट और विश्वसनीय निर्णय की उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, लोगों को विश्वास है कि न्यायपालिका उनके संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेगी और निर्देशित तरीके से जांच करेगी।

The post सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मानी SBI की दलील, कहा ‘इलेक्टोरल बॉन्ड पर कल तक ही दें पूरा डेटा…… first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/03/11/supreme-court-did-not-accept-sbis-argument-said-give-complete-data-on-electoral-bonds-by-tomorrow-only/feed/ 0