SEBI - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 07 Sep 2024 11:51:30 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg SEBI - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 SEBI प्रमुख माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस के आरोप, वोकहार्ट से किराए के लेन-देन पर उठे सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/sebi-chief-madhabi-puri-butch-on-a/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/sebi-chief-madhabi-puri-butch-on-a/#respond Sat, 07 Sep 2024 11:51:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4734 हाल ही में कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। ये आरोप मुख्य रूप से एक कंपनी वोकहार्ट की सहयोगी कंपनी कैरोल इंफो सर्विसेज से संबंधित हैं, जिसने कथित तौर पर बुच को उनकी संपत्ति के किराए के रूप में एक बड़ी रकम …

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हाल ही में कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर कुछ गंभीर आरोप लगाए हैं। ये आरोप मुख्य रूप से एक कंपनी वोकहार्ट की सहयोगी कंपनी कैरोल इंफो सर्विसेज से संबंधित हैं, जिसने कथित तौर पर बुच को उनकी संपत्ति के किराए के रूप में एक बड़ी रकम का भुगतान किया है। कांग्रेस के अनुसार, यह मामला SEBI के वर्तमान प्रमुख द्वारा वोकहार्ट से जुड़े मामलों की जांच के दौरान एक हितों के टकराव का संकेत देता है। हालांकि, वोकहार्ट ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद करार दिया है। कांग्रेस के मीडिया और पब्लिसिटी डिपार्टमेंट के प्रमुख पवन खेड़ा ने 6 सितंबर 2023 को माधबी पुरी बुच पर आरोप लगाया कि उन्होंने 2018 से 2024 के बीच, पहले SEBI की होल-टाइम सदस्य और बाद में चेयरपर्सन रहते हुए, अपनी एक संपत्ति कैरोल इंफो सर्विसेज को किराए पर दी। खेड़ा का दावा है कि इस अवधि में बुच को कैरोल इंफो सर्विसेज से 2.16 करोड़ रुपए की किराए की राशि मिली।

आरोपों के अनुसार, 2018 में SEBI की होल-टाइम सदस्य बनने के बाद बुच ने अपनी संपत्ति को किराए पर देना शुरू किया। 2018-19 में उन्हें इस संपत्ति से 7 लाख रुपए का किराया मिला, जबकि 2019-20 में यह राशि बढ़कर 36 लाख हो गई। वर्तमान वर्ष में यह राशि और अधिक बढ़कर 46 लाख रुपए हो गई। कांग्रेस का कहना है कि इस तरह की वित्तीय लेन-देन SEBI के नियमों और नैतिकता के खिलाफ है, क्योंकि SEBI उस कंपनी की जांच कर रहा है जिससे बुच ने यह किराया प्राप्त किया।

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वोकहार्ट ने कांग्रेस के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि आरोपों का SEBI द्वारा उस पर की जा रही किसी भी जांच से कोई लेना-देना नहीं है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने हमेशा कानूनों का पालन किया है और यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी नियम का उल्लंघन न हो। हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या उसने वास्तव में बुच से कोई प्रॉपर्टी किराए पर ली थी या नहीं। यदि वोकहार्ट ने स्पष्ट रूप से यह कह दिया होता कि उसने बुच से कोई संपत्ति किराए पर नहीं ली और इसका प्रमाण भी पेश किया होता, तो इन आरोपों का प्रभाव शायद कम हो सकता था।

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का कहना है कि जिस कंपनी को बुच ने अपनी संपत्ति किराए पर दी, वह कैरोल इंफो सर्विसेज है, जो वोकहार्ट की सहयोगी कंपनी है। यह वही वोकहार्ट है जिसके खिलाफ SEBI कई मामलों की जांच कर रहा है। इन मामलों में 2023 में हुए इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला भी शामिल है। कांग्रेस का आरोप है कि बुच का किराए का यह सौदा वोकहार्ट के साथ SEBI की जांच के दौरान हितों के टकराव का एक उदाहरण है, जो उनकी भूमिका की निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।

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यह पहला मौका नहीं है जब SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लेकर विवाद सामने आया है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से उनके खिलाफ कई प्रकार के आरोप और आलोचनाएं हो चुकी हैं। SEBI के अंदर भी कई अधिकारी उनकी कार्यशैली से असंतुष्ट हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुच के कुछ फैसले और कार्यशैली को लेकर उनके अपने कर्मचारी भी सवाल उठा रहे हैं।

इस पूरे मामले में वोकहार्ट ने कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताया है और यह सुनिश्चित किया है कि कंपनी ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। हालांकि, वोकहार्ट ने आरोपों के मुख्य बिंदु, यानी प्रॉपर्टी किराए पर लेने की बात पर स्पष्टता नहीं दी है। कांग्रेस के आरोपों ने SEBI के प्रमुख की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं, खासकर तब जब SEBI वोकहार्ट की जांच कर रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर SEBI और वोकहार्ट के बीच क्या संवाद होता है और जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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अदाणी विवाद पर कांग्रेस का आक्रामक रुख, 22 अगस्त को देशभर में प्रदर्शन की घोषणा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/adani-dispute-on-congress/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/adani-dispute-on-congress/#respond Tue, 13 Aug 2024 10:23:37 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4293 अदाणी समूह से जुड़े विवाद पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है और अब इसे संसद से सड़कों तक ले जाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने 22 अगस्त को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की प्रमुख माधबी पुरी …

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अदाणी समूह से जुड़े विवाद पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है और अब इसे संसद से सड़कों तक ले जाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने 22 अगस्त को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग प्रमुख होगी। इसके अलावा, पार्टी ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) से जांच की भी मांग कर रही है। इस संदर्भ में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और सेबी प्रमुख को इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे को उठाया और पार्टी की आगामी रणनीति का खुलासा किया।

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वेणुगोपाल का कहना है की , “कांग्रेस इस मामले को लेकर बिल्कुल भी पीछे हटने वाली नहीं है। हम सड़कों पर उतरेंगे और जनता की आवाज को बुलंद करेंगे। 22 अगस्त को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे , जिसमें SEBI प्रमुख के इस्तीफे और JPC जांच की मांग भी की जाएगी।” इस बीच, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि “अदाणी मामले पर गहन चर्चा की आवश्यकता है और हम इस मुद्दे को लेकर गंभीर हैं।”

कांग्रेस का यह रुख बताता है कि पार्टी अदाणी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर और दबाव बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।अदाणी समूह से जुड़े विवाद पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपना लिया है और अब इसे संसद से सड़कों तक ले जाने का फैसला किया है। कांग्रेस ने 22 अगस्त को देशभर में विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जिसमें सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग प्रमुख होगी। इसके अलावा, पार्टी ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी (जेपीसी) से जांच की भी मांग कर रही है।

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इस संदर्भ में, हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें गंभीर आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस का कहना है कि इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए और सेबी प्रमुख को इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस मुद्दे को उठाया और पार्टी की आगामी रणनीति का खुलासा किया। “कांग्रेस का यह रुख बताता है कि पार्टी अदाणी मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर और दबाव बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा का हमला, कांग्रेस पर आर्थिक अस्थिरता फैलाने का आरोप. https://chaupalkhabar.com/2024/08/12/hindenburg-report-on-part/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/12/hindenburg-report-on-part/#respond Mon, 12 Aug 2024 08:26:18 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4269 हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस, उसके सहयोगियों और …

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हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस, उसके सहयोगियों और तथाकथित टूलकिट गैंग द्वारा भारत के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश करार दिया, जो देश की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। रविशंकर प्रसाद ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई, और इसके तुरंत बाद रविवार को इस पर हंगामा मच गया। सोमवार को इसके प्रभाव से पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में सुरक्षित और स्थिर है, और इसके नियमन की जिम्मेदारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के बाद हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा, तो हिंडनबर्ग ने इसके बजाय भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने शुरू कर दिए।

भाजपा ने यह भी सवाल उठाया कि हिंडनबर्ग के पीछे कौन से ताकतें काम कर रही हैं। प्रसाद ने कहा कि जॉर्ज सोरोस, जो अक्सर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाते रहे हैं, हिंडनबर्ग के प्रमुख निवेशक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैलाती है, अब भारत के खिलाफ भी इसी प्रकार की नफरत पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत का शेयर बाजार प्रभावित होता है, तो इससे छोटे निवेशकों को नुकसान होगा, लेकिन कांग्रेस को इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस पर टूलकिट पॉलिटिक्स का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार को ध्वस्त करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकने और भारत में आर्थिक निवेश को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि 10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें यह दावा किया गया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में निवेश किया था, जिसके माध्यम से अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश कर अदाणी ने लाभ उठाया। हालांकि, सेबी और माधबी बुच ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेबी की चेयरपर्सन ने समय-समय पर सभी प्रासंगिक खुलासे किए हैं और अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है।

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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को निशाने पर लिया और इसे बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग ने सेबी द्वारा जुलाई में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का बदला लेने के लिए यह रिपोर्ट जारी की। केसवन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया इस रिपोर्ट का सहारा लेकर भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना ग्रेग चैपल से करते हुए कहा कि यह हिट एंड रन की राजनीति है, जिसमें कांग्रेस और विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। केसवन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 में अदाणी समूह के मामले में सेबी को दी गई जांच का जिक्र किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच से इंकार कर दिया था और सेबी की जांच को भरोसेमंद बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की है और जहां आवश्यक हुआ, कार्रवाई भी की है।

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केसवन ने कहा कि 2014 में यूपीए सरकार के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर स्थिति में थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो चुकी है और जल्द ही हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में असफल होने के बाद अब डर और दहशत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी।

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हिंडनबर्ग रिसर्च की नई चेतावनी, भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़े खुलासे की आहट. https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/hindenburg-research-new-che/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/hindenburg-research-new-che/#respond Sat, 10 Aug 2024 09:14:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4261 अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है। शनिवार सुबह हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक …

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अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है। शनिवार सुबह हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में बस इतना ही कहा कि “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है।” इस चेतावनी ने भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।

आपको याद दिला दें कि पिछले साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह की आलोचना करते हुए कई वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। आंकड़ों के अनुसार, उस समय अडानी समूह के शेयरों के बाजार मूल्य में लगभग 86 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। इसके अलावा, समूह के विदेशी लिस्टेड बॉन्ड्स की भी बड़ी मात्रा में बिक्री हुई थी। इस बार हिंडनबर्ग ने अपनी पोस्ट में किसी भी कंपनी का नाम नहीं लिया है, जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि इस बार उनकी रिपोर्ट किसके खिलाफ होगी। लेकिन हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट्स को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा तूफान आ सकता है।

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गौरतलब है कि इस साल जून में भारतीय शेयर बाजार नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में नए खुलासे किए थे। इसमें अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और न्यूयॉर्क के हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के बीच के संबंधों को उजागर किया गया था। सेबी ने बताया था कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले ही मार्क किंगडन के साथ साझा किया था, जिससे उन्होंने रणनीतिक ट्रेडिंग के जरिए बड़ा लाभ कमाया था।

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सेबी की जांच से यह भी पता चला था कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) में महत्वपूर्ण निवेश किया था और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) में शॉर्ट पोजीशन लेने के लिए 43 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किया था। इसके बाद किंगडन कैपिटल ने इस पोजीशन को बंद कर दिया, जिससे उन्हें 2.25 बिलियन डॉलर का भारी लाभ हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब एक बार फिर हिंडनबर्ग की चेतावनी ने भारतीय निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है कि आखिरकार अब कौन सी कंपनी उनके निशाने पर है।

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