Social Media - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 28 Aug 2024 11:27:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Social Media - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 सोशल मीडिया पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ के नाम से ठगी, सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज कराई साइबर क्राइम शिकायत. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/social-media-on-cji-dy-chand/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/social-media-on-cji-dy-chand/#respond Wed, 28 Aug 2024 11:27:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4501 दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नाम का इस्तेमाल कर ठगी करने के एक मामले में एक सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ कंप्लेंट दर्ज की है। यह मामला 27 अगस्त 2024 को सामने आया, जब एक जालसाज ने सोशल मीडिया पर खुद को सीजेआई के …

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दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ के नाम का इस्तेमाल कर ठगी करने के एक मामले में एक सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ कंप्लेंट दर्ज की है। यह मामला 27 अगस्त 2024 को सामने आया, जब एक जालसाज ने सोशल मीडिया पर खुद को सीजेआई के रूप में पेश करते हुए लोगों से पैसे मांगने की कोशिश की। यह घटना तब उजागर हुई, जब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक संदेश के स्क्रीनशॉट पर ध्यान दिया। इस मैसेज में जालसाज ने खुद को सीजेआई के रूप में प्रस्तुत किया था और कैब के किराए के लिए एक एक्स यूजर से पैसे मांगे थे। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा विभाग ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई।

सोशल मीडिया पर जालसाज ने एक फर्जी प्रोफाइल बनाई, जिसमें उसका नाम डीवाई चंद्रचूड़ दिखाया गया था। उसने प्रोफाइल में मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर का भी इस्तेमाल किया। इस फर्जी प्रोफाइल का इस्तेमाल कर जालसाज ने दावा किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हैं और एक महत्वपूर्ण कॉलेजियम बैठक में भाग लेने के लिए कैब की आवश्यकता है। पोस्ट में जालसाज ने लिखा, “नमस्ते, मैं सीजेआई हूं और मुझे एक जरूरी कॉलेजियम बैठक के लिए कैब की जरूरत है। मैं इस समय दिल्ली के कनॉट प्लेस में फंसा हुआ हूं। क्या आप मुझे कैब के लिए 500 रुपये भेज सकते हैं?” इस मैसेज के अंत में, जालसाज ने इसे और भी वास्तविक दिखाने के लिए “sent from iPad” लिखा, ताकि लोगों को यह लगे कि यह मैसेज सचमुच सीजेआई की ओर से भेजा गया है।

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इस मामले में ठगी का तरीका बेहद चालाकी से तैयार किया गया था, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश जैसे उच्च पदाधिकारी का नाम और तस्वीर का गलत इस्तेमाल किया गया। यह न सिर्फ मुख्य न्यायाधीश की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाता है, बल्कि लोगों की सुरक्षा और सोशल मीडिया के बढ़ते खतरों के प्रति आगाह भी करता है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम सेल ने तुरंत कार्रवाई की और एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस अब इस फर्जी प्रोफाइल के पीछे के व्यक्ति की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा विभाग ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है और आगे की जांच के लिए साइबर क्राइम सेल को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है।

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यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की ठगी का मामला सामने आया है। इससे पहले भी मार्च 2024 में एक अन्य घटना में, एक 42 वर्षीय व्यक्ति को दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर बनकर लोगों से ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस मामले में, आरोपी ने दिल्ली की अदालतों के माध्यम से नीलाम की गई लग्जरी कारों और महंगे मोबाइल फोन को सस्ते दामों पर बेचने का झांसा देकर दो लोगों से ₹4 लाख ठगे थे। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि लोग सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति से आने वाले संदेशों पर विश्वास न करें, खासकर जब वह पैसे की मांग करता हो। किसी भी संदिग्ध संदेश या प्रोफाइल की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए। इसके अलावा, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को भी अपने उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर नीतियों और तकनीकों का उपयोग करना चाहिए।

 

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UPSC दिव्यांग कोटा विवाद: पूजा खेडकर की पोस्ट से सोशल मीडिया पर मचा हंगामा….. https://chaupalkhabar.com/2024/07/22/upsc-disabled-quota-controversy-worship/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/22/upsc-disabled-quota-controversy-worship/#respond Mon, 22 Jul 2024 11:48:28 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4002 हाल ही में UPSC के दिव्यांग कोटा विवाद में सीनियर IAS अधिकारी पूजा खेडकर की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। यह विवाद UPSC परीक्षाओं में दिव्यांग कोटे के तहत मिलने वाले आरक्षण के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें कई मुद्दे और सवाल खड़े हो गए हैं। पूजा खेडकर, जो …

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हाल ही में UPSC के दिव्यांग कोटा विवाद में सीनियर IAS अधिकारी पूजा खेडकर की पोस्ट ने सोशल मीडिया पर एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है। यह विवाद UPSC परीक्षाओं में दिव्यांग कोटे के तहत मिलने वाले आरक्षण के इर्द-गिर्द घूमता है, जिसमें कई मुद्दे और सवाल खड़े हो गए हैं। पूजा खेडकर, जो खुद एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में UPSC द्वारा दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए निर्धारित किए गए आरक्षण पर सवाल उठाए। उन्होंने इस प्रणाली को अनुचित बताया और दावा किया कि इस कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। उनकी पोस्ट ने तुरंत ही सोशल मीडिया पर बवाल मचा दिया, और विभिन्न लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ देना शुरू कर दीं।

UPSC के दिव्यांग कोटा के तहत कुछ प्रतिशत सीटें दिव्यांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होती हैं। यह आरक्षण दिव्यांग उम्मीदवारों को उनके शारीरिक चुनौतियों के बावजूद एक समान अवसर देने के उद्देश्य से है। पूजा खेडकर का आरोप है कि कुछ लोग इस कोटे का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और जो वास्तव में इस आरक्षण के हकदार नहीं हैं, वे इसका फायदा उठा रहे हैं। पूजा खेडकर की पोस्ट के बाद, सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएँ देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया और कहा कि दिव्यांग कोटे का दुरुपयोग हो रहा है। वहीं, कई लोगों ने उनकी आलोचना भी की और कहा कि यह बयान दिव्यांग समुदाय के खिलाफ है और उनकी उपलब्धियों को कम करके आंकने का प्रयास है।

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एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने लिखा, “पूजा खेडकर की पोस्ट ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाया है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम दिव्यांग समुदाय की कठिनाइयों को समझें और उन्हें उचित सम्मान दें।” वहीं, एक अन्य उपयोगकर्ता ने लिखा, “यह बयान दिव्यांग उम्मीदवारों के संघर्ष और मेहनत को अनदेखा करता है। हमें उनके लिए और भी अधिक समर्थन की जरूरत है, न कि उनकी क्षमताओं पर सवाल उठाने की।

इस विवाद के बाद, सरकारी अधिकारियों और विभिन्न संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि वे इस मामले की जांच करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो उचित कदम उठाएंगे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान करना है और यदि कोई प्रणाली में खामी है तो हम उसे सुधारने के लिए तैयार हैं।” UPSC दिव्यांग कोटा विवाद ने एक महत्वपूर्ण मुद्दे को प्रकाश में लाया है। यह आवश्यक है कि इस मुद्दे पर संवेदनशीलता और समझ के साथ विचार किया जाए। दिव्यांग उम्मीदवारों को समान अवसर देना महत्वपूर्ण है, और यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि इस प्रणाली का दुरुपयोग न हो। पूजा खेडकर की पोस्ट ने इस मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाई है, लेकिन इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी समुदाय के अधिकारों और सम्मान को ठेस न पहुंचे।

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