TMC - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 01 Oct 2024 10:10:52 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg TMC - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स का फिर से काम बंद, सुरक्षा और अन्य मांगों पर सरकार से जवाब की मांग. https://chaupalkhabar.com/2024/10/01/west-bengal-in-junior-d/ https://chaupalkhabar.com/2024/10/01/west-bengal-in-junior-d/#respond Tue, 01 Oct 2024 10:10:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5177 पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार को एक बार फिर काम बंद कर दिया है। यह फैसला ममता बनर्जी सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा और अन्य मांगों पर सरकार से स्पष्ट और ठोस जवाब मिल सके। इस आंदोलन में शामिल डॉक्टर्स का कहना है कि जब …

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पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स ने मंगलवार को एक बार फिर काम बंद कर दिया है। यह फैसला ममता बनर्जी सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि उनकी सुरक्षा और अन्य मांगों पर सरकार से स्पष्ट और ठोस जवाब मिल सके। इस आंदोलन में शामिल डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे। इससे पहले भी जूनियर डॉक्टर्स ने 42 दिनों तक काम बंद रखा था और फिर 21 सितंबर को ड्यूटी पर लौटे थे। इससे जुड़ी प्रमुख घटना 9 अगस्त को हुई, जब कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में एक ऑन-ड्यूटी ट्रेनी डॉक्टर का रेप और मर्डर हुआ। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। जूनियर डॉक्टर्स ने अपनी सुरक्षा और अन्य मांगों के लिए काम रोक दिया था।

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आंदोलन के 52वें दिन, जूनियर डॉक्टर्स की मांगें अभी भी पूरी नहीं हुई हैं। एक जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो ने बताया कि राज्य सरकार उनकी सुरक्षा से जुड़ी मांगों को लेकर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दे रही है। उन्होंने कहा, “हमारे ऊपर अब भी हमले हो रहे हैं और राज्य सरकार ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बावजूद हमें हमारी समस्याओं का समाधान नहीं मिला है। इसलिए अब हमारे पास काम बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।” डॉक्टर्स का कहना है कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर स्पष्ट कार्रवाई नहीं करती, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे।

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से भी कुछ समय पहले बयान जारी किया गया था। राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि सरकार हॉस्पिटल्स में डॉक्टर्स की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है और जल्द ही इसका परिणाम देखने को मिलेगा। हालांकि, आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर्स से पंत ने अपील की कि वे धैर्य बनाए रखें और अपनी जिम्मेदारियों को समझें। 9 अगस्त की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट ने भी असंतोष जताया है। कोर्ट ने मेडिकल कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और शौचालयों एवं रेस्टरूम्स का निर्माण करने में राज्य सरकार की धीमी गति पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 15 अक्टूबर तक काम पूरा करने का निर्देश दिया है।

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मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि अस्पतालों में सुरक्षा बढ़ाई जाए और इस दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स से यह भी उम्मीद जताई कि वे अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए मरीजों का इलाज जारी रखेंगे। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टर्स का यह आंदोलन उनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग को लेकर है। डॉक्टर्स ने साफ किया है कि जब तक राज्य सरकार उनकी मांगों पर अमल नहीं करती, तब तक वे काम पर लौटने के लिए तैयार नहीं हैं।

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आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर की मौत, सीबीआई जांच में पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया पर सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/28/rg-kar-hospital-in-junior/#respond Sat, 28 Sep 2024 08:15:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5147 आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के …

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर की दर्दनाक मौत के बाद हुई पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया में गंभीर सवाल उठाए गए हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में जांच करते हुए पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को लेकर चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को अस्पताल के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष ने पूरी तरह नियंत्रित किया था। उन्होंने अपने करीबी और विश्वसनीय डॉक्टरों के जरिए यह सुनिश्चित किया कि पोस्टमॉर्टम की पूरी प्रक्रिया उनके हिसाब से हो।

CBI ने मुर्दाघर सहायक से पूछताछ के दौरान पाया कि पोस्टमॉर्टम के समय सहायक को शव के पास आने तक नहीं दिया गया था। उसे कमरे के एक कोने में बिठाकर रखा गया, जबकि सामान्य स्थिति में उसका काम होता है शव के क्षतिग्रस्त अंगों को चिन्हित करना और पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया को पूरा करने में डॉक्टरों की मदद करना। इसके अलावा, सहायक का काम शव को सिलने का भी होता है, लेकिन इस बार उसे यह करने से रोका गया।

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CBI की इस जांच से यह संकेत मिलता है कि पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया गया था, जो कि इस घटना की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। पोस्टमॉर्टम के समय की यह परिस्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि मामले को दबाने या छिपाने की कोशिश की जा रही थी। इस घटना के बाद राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की छात्र शाखा से जुड़े प्रांतिक चक्रवर्ती और राजन्या हलदर ने इस घटना पर आधारित “आगमनी तिलोत्तमार गल्पो” नामक एक लघु फिल्म तैयार की है, जिसे लेकर पार्टी के भीतर विवाद उत्पन्न हो गया है। फिल्म का पोस्टर सामने आने के बाद TMC ने इन दोनों को पार्टी से निलंबित कर दिया है।

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हालांकि, दोनों का कहना है कि फिल्म का पोस्टर देखकर इसके कंटेंट पर कोई निष्कर्ष निकालना गलत होगा। उनका कहना है कि वे फिल्म के जरिए किसी भी तरह का अन्याय उजागर करना चाहते हैं, और वे फिल्म को प्रदर्शित करने के अपने निर्णय पर अडिग हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि फिल्म का तृणमूल कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है और पार्टी का इसमें कोई हाथ नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी आरजी कर अस्पताल में हुई घटना के मामले में न्याय चाहती है और वह इस मुद्दे को लेकर गंभीर है।

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पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बदलाव, अधीर रंजन की जगह शुभंकर सरकार बने नए अध्यक्ष. https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/west-bengal-congress/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/west-bengal-congress/#respond Mon, 23 Sep 2024 06:49:00 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5061 पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को हटाकर शुभंकर सरकार को राज्य कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। शुभंकर सरकार, जो अभी …

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पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को हटाकर शुभंकर सरकार को राज्य कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। शुभंकर सरकार, जो अभी तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव पद पर कार्यरत थे, अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस की कमान संभालेंगे। हालिया लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति निराशाजनक रही। राज्य में पार्टी सिर्फ एक सीट, मालदा दक्षिण, पर जीत दर्ज कर सकी। अधीर रंजन चौधरी, जो बंगाल कांग्रेस के प्रमुख थे, खुद अपनी बहरामपुर सीट से हार गए। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अधीर रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस प्रदर्शन के बाद से ही उनके पद से हटने की अटकलें तेज हो गई थीं।

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अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ संबंध तनावपूर्ण रहा। वह ममता बनर्जी के कट्टर आलोचक माने जाते हैं, और इसी कारण टीएमसी के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो सका। माना जाता है कि उनके इस रुख के कारण राज्य में कांग्रेस को टीएमसी के साथ हाथ मिलाने का मौका नहीं मिला, जो पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर भारी पड़ा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चुनाव के दौरान अधीर रंजन की इस नकारात्मक भूमिका पर उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी। शुभंकर सरकार को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती है। शुभंकर का कांग्रेस में लंबा अनुभव रहा है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था और साथ ही अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, और मिजोरम का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था। इससे पहले 2013 से 2018 तक वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और ओडिशा राज्य के प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। उनकी संगठनात्मक क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई है।

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शुभंकर सरकार के नेतृत्व में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह पश्चिम बंगाल में पार्टी को एक नई दिशा दे सकेंगे और पार्टी के गिरते ग्राफ को रोकने के लिए नए सिरे से रणनीति बना सकेंगे। उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की ओर से राज्य में संगठन को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति सुधारनी है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए शुभंकर सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। राज्य में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने के कारण कांग्रेस की जमीन खिसकती जा रही है। ऐसे में शुभंकर सरकार को न केवल पार्टी के आंतरिक ढांचे को मजबूत करना होगा, बल्कि कार्यकर्ताओं में जोश और विश्वास भी भरना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह टीएमसी और ममता बनर्जी के साथ संबंधों को किस तरह से संभालते हैं, क्योंकि राज्य की राजनीति में टीएमसी का वर्चस्व है।

इस बड़े फेरबदल से कांग्रेस आलाकमान ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी पश्चिम बंगाल में फिर से खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करने की कोशिश करेगी। शुभंकर सरकार की नियुक्ति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/#respond Fri, 20 Sep 2024 13:25:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5021 पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी …

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पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी सरकार इन्हें रद्द कर देगी। उनके अनुसार, डीवीसी द्वारा “एकतरफा” पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि डीवीसी द्वारा बिना किसी योजना के भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में तबाही हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर केंद्रीय निधि को तुरंत जारी किया जाए ताकि राहत और पुनर्वास के कामों में तेजी लाई जा सके।

ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बताया कि डीवीसी द्वारा नियंत्रित मैथन और पंचेत बांधों से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो बाढ़ की मुख्य वजह बना। उन्होंने कहा कि यह अनियोजित और एकतरफा कदम था, जिसकी वजह से दामोदर नदी के निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। उन्होंने इस बाढ़ को वर्ष 2009 के बाद से सबसे भीषण बताया और कहा कि इससे राज्य में व्यापक पैमाने पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से तुरंत वित्तीय मदद की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दें कि केंद्रीय निधि को मंजूरी देकर उसे जल्द से जल्द जारी किया जाए।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ राहत कार्य कर रही है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के काम तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेष ध्यान दें और इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया कि अगर डीवीसी के साथ मौजूदा समझौतों पर फिर से विचार नहीं किया गया तो राज्य सरकार सभी समझौतों को रद्द करने पर मजबूर हो जाएगी। उन्होंने डीवीसी के पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि इसे सुव्यवस्थित तरीके से नहीं किया गया, जिससे हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई तबाही की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो गई हैं, घरों को नुकसान पहुंचा है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह बाढ़ किसी आपदा से कम नहीं है और इसके निपटारे के लिए केंद्र की मदद बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि केंद्रीय निधि को शीघ्र जारी किया जाए ताकि राज्य सरकार प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचा सके और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का प्रभावी ढंग से समाधान कर सके।

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41 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर आज से करेंगे काम पर वापसी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/41-day-long-protest/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/41-day-long-protest/#respond Fri, 20 Sep 2024 10:55:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5011 कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया गया, जहां उन्होंने डॉक्टरों …

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कोलकाता के जूनियर डॉक्टरों का 41 दिनों से जारी धरना प्रदर्शन आखिरकार समाप्त हो गया है। धरने पर बैठे डॉक्टरों ने शुक्रवार, 20 सितंबर को प्रदर्शन मार्च निकालने के बाद घोषणा की कि वे शनिवार से फिर से काम पर लौटेंगे। यह फैसला मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद लिया गया, जहां उन्होंने डॉक्टरों की कुछ प्रमुख मांगों को मानते हुए जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया। 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म के बाद डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया था। इस घटना के बाद जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने न्याय की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्वास्थ्य सेवाएं इस प्रदर्शन से बुरी तरह प्रभावित हुईं, जिससे राज्य की चिकित्सा व्यवस्था लगभग ठप हो गई थी।

स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही इस रुकावट को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। इसके अलावा, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी डॉक्टरों से प्रदर्शन समाप्त कर अपनी सेवाएं फिर से शुरू करने का आग्रह किया था। डॉक्टरों की प्रमुख मांगों को सुनते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनसे मुलाकात की और उनकी शिकायतों को गंभीरता से लेने का आश्वासन दिया। इसके बाद, डॉक्टरों ने अपना धरना समाप्त करने और शनिवार से काम पर लौटने का फैसला किया।

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1. दुष्कर्म और हत्या के मामले में न्याय : ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में सबूतों को नष्ट करने वालों की जिम्मेदारी तय की जाए और उन्हें सजा दी जाए।
2. पूर्व प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई : आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
3. स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा: डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि वे बिना डर के अपनी सेवाएं दे सकें।
4. सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में धमकी की संस्कृति का अंत: डॉक्टरों ने सरकारी संस्थानों में लगातार बढ़ रही “धमकी की संस्कृति” को समाप्त करने की मांग की थी।
5. उच्च अधिकारियों के इस्तीफे : डॉक्टरों ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की भी मांग की थी।

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मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों की मांगों में से तीन प्रमुख मांगों को मानते हुए त्वरित कार्रवाई की। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा निदेशक और स्वास्थ्य सेवा निदेशक को उनके पदों से हटा दिया है। इसके अलावा, पुलिस उपायुक्त पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों के चलते उसे भी पद से हटा दिया गया है। धरना खत्म करने के बाद, डॉक्टरों ने घोषणा की कि वे सबसे पहले दक्षिण बंगाल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जाकर लोगों की सहायता करेंगे। इसके साथ ही, 41 दिनों से बंद पड़ी आपातकालीन सेवाएं फिर से शुरू होंगी। हालांकि, ओपीडी सेवाओं को अभी बहाल नहीं किया जाएगा।

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कोलकाता एसएन बनर्जी रोड पर जोरदार धमाका, कचरा बीनने वाला घायल, पुलिस जांच में जुटी https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-sn-banerjee-road-p/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-sn-banerjee-road-p/#respond Sat, 14 Sep 2024 11:21:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4879 कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड और ब्लोचमैन सेंट के समीप शनिवार दोपहर को एक जोरदार धमाके की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह विस्फोट दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ, जिसमें एक कचरा बीनने वाला शख्स घायल हो गया। पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गए, और घटनास्थल को तत्काल घेर …

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कोलकाता के एसएन बनर्जी रोड और ब्लोचमैन सेंट के समीप शनिवार दोपहर को एक जोरदार धमाके की घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। यह विस्फोट दोपहर करीब डेढ़ बजे हुआ, जिसमें एक कचरा बीनने वाला शख्स घायल हो गया। पुलिस और बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंच गए, और घटनास्थल को तत्काल घेर लिया गया ताकि क्षेत्र को सुरक्षित बनाया जा सके। कोलकाता पुलिस ने जानकारी दी कि धमाका करीब 1:30 से 1:45 के बीच हुआ। इस धमाके की जानकारी पुलिस को 1:45 बजे मिली, जिसके बाद तुरंत पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पहले घायलों को अस्पताल पहुंचाने और फिर इलाके को सुरक्षित करने की प्रक्रिया शुरू की।

घायल शख्स, जो कचरा बीनने का काम करता था, को तुरंत एनआरएस अस्पताल ले जाया गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, उसकी दाहिनी कलाई पर गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल में उसकी चिकित्सा जांच की जा रही है, और फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना के तुरंत बाद, कोलकाता पुलिस ने इलाके को चारों ओर से घेर लिया। सुरक्षा टेप के जरिए इलाके को सील कर दिया गया ताकि किसी अनाधिकृत व्यक्ति की पहुंच वहां न हो सके। इसके अलावा, बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) को भी घटनास्थल पर बुलाया गया। बीडीडीएस कर्मियों ने वहां मौजूद बैग और अन्य संदिग्ध वस्तुओं की गहन जांच शुरू की।

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धमाके के कारण एसएन बनर्जी रोड पर कुछ समय के लिए यातायात को रोक दिया गया था। पुलिस ने सड़क को सुरक्षित मानने तक वाहन और लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी। बीडीडीएस की मंजूरी मिलने के बाद ही यातायात को फिर से बहाल किया गया। धमाके के सही कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है। पुलिस विभिन्न एंगल से जांच कर रही है, और यह संभावना जताई जा रही है कि धमाका किसी विस्फोटक सामग्री से हो सकता है, जिसे कचरा बीनने वाले ने गलती से छेड़ा हो। बम निरोधक दस्ते के विशेषज्ञ विस्फोट स्थल पर मौजूद बैग और अन्य वस्तुओं की बारीकी से जांच कर रहे हैं, ताकि धमाके के स्रोत और प्रकार की पुष्टि हो सके।

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इस घटना के बाद कोलकाता पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु को छूने या हटाने से पहले तुरंत पुलिस को सूचित करें। इसके साथ ही, आसपास के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। घटना के बाद से कोलकाता के नागरिकों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है। प्रशासन का कहना है कि वह स्थिति पर पूरी नजर बनाए हुए हैं, और शहर की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जाएगी।

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ममता बनर्जी ने दिया इस्तीफे का संकेत, डॉक्टरों की हड़ताल से 27 मौतें, समाधान की कोशिशें विफल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/mamata-banerjee-gave-isti/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/mamata-banerjee-gave-isti/#respond Fri, 13 Sep 2024 06:09:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4833 पश्चिम बंगाल में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे इस पद की चिंता नहीं है, मेरी प्राथमिकता न्याय है। …

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पश्चिम बंगाल में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे इस पद की चिंता नहीं है, मेरी प्राथमिकता न्याय है। मुझे न्याय चाहिए और न्याय मिलने की ही चिंता है।” इस बीच, रेप केस को लेकर डॉक्टरों की जारी हड़ताल ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करने से इनकार कर दिया। इससे पहले, गुरुवार शाम को ममता बनर्जी ने वीडियो संदेश के जरिए बड़ा ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की थी कि वे बातचीत के लिए आएं और मामले को सुलझाने में सहयोग करें।

पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर डॉक्टरों से बातचीत के लिए बैठक बुलाने की कोशिश की थी। इस पर ममता बनर्जी खुद डॉक्टरों से बातचीत के लिए पहुंचीं। हालांकि, दो घंटे के लंबे इंतजार के बावजूद डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। इसके बाद ममता बनर्जी ने जनता से माफी मांगते हुए कहा, “मैं बंगाल की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं कि हम डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं ला सके।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हड़ताल के चलते अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है, क्योंकि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल सका। ममता ने कहा, “मैंने तीन बार डॉक्टरों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी। अब अगर कोई बैठक होगी, तो उसमें मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी शामिल होंगे।”

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ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में कुछ लोग उनकी कुर्सी चाहते हैं और उनकी सत्ता को लेकर साजिशें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। मुझे सत्ता की भूख नहीं है। मेरी प्राथमिकता जनता और राज्य की भलाई है।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की बातचीत को बाधित करने के पीछे बाहरी ताकतें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “बैठक में आने के लिए कई डॉक्टर तैयार थे, लेकिन कुछ लोगों को बाहर से निर्देश दिए गए थे कि बातचीत में हिस्सा न लें।”

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ममता बनर्जी ने जनता से माफी मांगते हुए कहा, “बंगाल की जनता इंतजार कर रही थी कि इस संकट का कोई समाधान निकलेगा, लेकिन मुझे खेद है कि हम ऐसा नहीं कर पाए।” उन्होंने जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने डॉक्टरों को बातचीत के लिए मनाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल से राज्य में हालात गंभीर बने हुए हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल से पश्चिम बंगाल के कई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और अब तक 27 मौतें हो चुकी हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि वे लगातार डॉक्टरों से वार्ता करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है।

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पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/#respond Tue, 10 Sep 2024 13:01:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4798 पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक …

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पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी तौर पर गहराता जा रहा है, और इस पर वकीलों के प्रदर्शन ने भी इसे और संवेदनशील बना दिया है। सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 8 दिन की हिरासत के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन और समाज में काफी नाराजगी है, और लोगों की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं।

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अलीपुर में जब संदीप घोष को कोर्ट में पेश किया गया, तो वकीलों का एक बड़ा समूह उनके खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आया। प्रदर्शनकारी वकील घोष के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे थे। वे फांसी की सजा की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वकीलों ने कहा, “संदीप घोष को फांसी होनी चाहिए। वह बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है। उसे समाज के सामने शर्मिंदा किया जाना चाहिए।” प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और आक्रोश का स्तर इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कोर्ट परिसर में घोष का चेहरा दिखाने और उन्हें सजा देने की मांग की। कई वकील और छात्र इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, और कुछ ने मांग की है कि जांच और तेज की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज का यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें शामिल सभी आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिनके आधार पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। संदीप घोष पर लगे आरोपों ने पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी है।सीबीआई की जांच के दौरान अब तक कई अहम दस्तावेज और गवाह सामने आए हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। अब सभी की नजरें 23 सितंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि न्यायालय क्या फैसला करता है।

मामले के संबंध में वकीलों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस तरह के मामलों में न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि समाज में कानून का डर बना रहे। इस मामले ने समाज में एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और कानून का पालन कितना जरूरी है। संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और आगे की जांच जारी रहेगी। 23 सितंबर की सुनवाई के दौरान मामले के और भी महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है, जिससे यह पता चलेगा कि दोषियों को किस तरह की सजा दी जाएगी।

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कोलकाता मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सीबीआई को ताजा रिपोर्ट जमा करने का निर्देश. https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/#respond Mon, 09 Sep 2024 08:11:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4756 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर भी कई प्रश्न उठाए। इसके बाद, उन्होंने सीबीआई को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से यह जानकारी मांगी कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की वीडियो फुटेज उन्हें सौंप दी गई है। इस पर एसजी मेहता ने बताया कि 27 मिनट की अवधि की 4 क्लिप्स उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने नमूनों को एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजने का निर्णय लिया है।

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सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे को उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि सुरक्षा कर्मियों को उचित आवास उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों की आवश्यकताओं को आज ही संकलित किया जाए और सुरक्षा उपकरण रात 9 बजे तक उपलब्ध कराए जाएं।

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वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि जब डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी, तब 23 लोगों की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और प्रश्नों के मद्देनजर, इस मामले की जांच और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर आने वाले समय में महत्वपूर्ण निर्णय संभव हैं।

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आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार, वित्तीय अनियमितताओं और रेप मर्डर केस में सीबीआई की कार्रवाई. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/rg-kar-medical-college-k-pu-2/#respond Tue, 03 Sep 2024 06:45:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4585 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न …

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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। सीबीआई ने कुछ दिनों पहले इस प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी, जिसके तहत यह गिरफ्तारी की गई है। इस कार्रवाई ने न केवल मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है बल्कि इसके साथ ही बंगाल के राजनीतिक और चिकित्सा क्षेत्र में भी हलचल मचा दी है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज एक लंबे समय से अपने उत्कृष्ट चिकित्सा सेवा के लिए जाना जाता है, लेकिन हाल ही में कॉलेज पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे। सीबीआई ने इस मामले में कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन व्यापारिक संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आरोपों के अनुसार, इन अनियमितताओं के कारण सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ और कॉलेज के प्रशासनिक कार्यों में गड़बड़ियां पाई गईं।

सीबीआई ने अपनी जांच के दौरान कई सबूतों को इकट्ठा किया, जिनसे यह प्रतीत होता है कि इन वित्तीय अनियमितताओं में संदीप घोष की भूमिका संदिग्ध है। इसके आधार पर, एजेंसी ने संदीप घोष को गिरफ्तार किया। इस मामले में, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) भी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है। ईडी, सीबीआई के एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर (एन्फोर्समेंट केस इनफॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर चुकी है, और अब मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना को लेकर जांच जारी है आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल इन दिनों लगातार विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में, इस कॉलेज के एक जूनियर डॉक्टर के साथ घटित एक भयानक घटना ने पूरे राज्य को झकझोर दिया। 9 अगस्त की रात, नाइट ड्यूटी के दौरान, इस डॉक्टर के साथ रेप किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। यह घटना अस्पताल के भीतर हुई और इसके बाद से कॉलेज प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में भी सीबीआई ने जांच शुरू की है और संदीप घोष से पूछताछ की जा रही है।

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संदीप घोष से इस मामले में पूछताछ के दौरान उनके बयान लगातार बदलते रहे, जिससे जांच एजेंसियों का शक और भी गहरा हो गया। फिलहाल, यह मामला भी सीबीआई के लिए एक महत्वपूर्ण जांच का विषय बना हुआ है। इस केस ने कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी और सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाए हैं, और इसने राज्य में चिकित्सा पेशे की नैतिकता पर भी गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। संदीप घोष की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। उन्होंने कहा, “बंगाल के लोग इस मामले में न्याय चाहते थे और यह गिरफ्तारी उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। मुझे पहले से ही अंदेशा था कि संदीप घोष को सीबीआई गिरफ्तार करेगी। यह कार्रवाई राज्य में बढ़ती भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जरूरी है।” सीबीआई और ईडी की जांच अभी भी जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने बंगाल के राजनीतिक माहौल को भी गरमा दिया है, क्योंकि यह मामला केवल एक मेडिकल कॉलेज तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की चिकित्सा व्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठा रहा है।

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इस मामले में संदीप घोष के साथ-साथ तीन व्यापारिक संस्थाओं की भूमिका भी जांच के दायरे में है, और यह देखना बाकी है कि जांच में और क्या खुलासे होते हैं। फिलहाल, इस पूरे मामले को लेकर बंगाल के लोग और राज्य का चिकित्सा समुदाय बेचैनी से आगे की घटनाओं का इंतजार कर रहे हैं।

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