Union Minister Ashwini Vaishnav - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 27 Sep 2024 08:57:43 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Union Minister Ashwini Vaishnav - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 भारत में तकनीकी आत्मनिर्भरता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणाली का उद्घाटन किया. https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/technological-self-made-in-india/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/27/technological-self-made-in-india/#respond Fri, 27 Sep 2024 08:57:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5125 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन नए सुपर कंप्यूटरों “परम रुद्र” और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियों का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इन कंप्यूटिंग प्रणालियों को विशेष रूप से मौसम और जलवायु …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन नए सुपर कंप्यूटरों “परम रुद्र” और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियों का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इन कंप्यूटिंग प्रणालियों को विशेष रूप से मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारत के विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को एक नई दिशा देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, “यह दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है। 21वीं सदी का भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता देते हुए प्रगति कर रहा है। हमारा देश आज नई संभावनाओं को तलाशने के साथ-साथ वैज्ञानिक नवाचारों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।”

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प्रधानमंत्री ने बताया कि ये तीन सुपरकंप्यूटर “परम रुद्र” दिल्ली, पुणे और कोलकाता में स्थापित किए गए हैं। इन सुपरकंप्यूटरों के माध्यम से भौतिक विज्ञान, भूविज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जो आने वाले समय में भारत के विज्ञान और तकनीकी नवाचारों को और मजबूत करेंगे। इसके साथ ही, ‘अर्का’ और ‘आरुणिक’ नामक दो उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणालियों का भी उद्घाटन किया गया, जो जलवायु और मौसम अनुसंधान में मददगार साबित होंगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा, “आज का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह भारत में डिज़ाइन किए गए और भारत में निर्मित सुपरकंप्यूटरों का परिचय कराता है। जलवायु परिवर्तन वर्तमान में दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। ऐसे में ये सुपरकंप्यूटर न केवल अनुसंधान को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी समुदायों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक मॉडल तैयार करने में भी सहायक होंगे।”

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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि डिजिटल युग में कंप्यूटिंग क्षमता किसी भी राष्ट्र की प्रगति का पर्याय बन चुकी है। अब ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो तकनीकी और कंप्यूटिंग क्षमता पर निर्भर न हो। ये सुपरकंप्यूटर उद्योग 4.0 में भारत की सफलता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने इस साल के बजट में घोषित 1 लाख करोड़ रुपए के शोध फंड का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का लक्ष्य दुनिया को अपने नवाचार और अनुसंधान से सशक्त बनाना है। आज का भारत न केवल नए निर्णय ले रहा है, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नई नीतियां बना रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और अन्य एचपीसी प्रणालियां विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत बनाएंगी। इन प्रणालियों के माध्यम से, न केवल जलवायु अनुसंधान और कृषि विज्ञान में मदद मिलेगी, बल्कि ब्रह्मांड विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण नवाचार होंगे। इस प्रकार, भारत कंप्यूटिंग और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है, जो आने वाले समय में दुनिया के सामने एक नया उदाहरण पेश करेगा।

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक: किसानों के लिए 7 कल्याणकारी योजनाओं को मिली मंजूरी, 14,000 करोड़ रुपये का आवंटन. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/central-cabinet-meeting/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/central-cabinet-meeting/#respond Tue, 03 Sep 2024 12:16:22 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4607 सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए 7 प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों …

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सोमवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में किसानों के कल्याण के लिए 7 प्रमुख योजनाओं को मंजूरी दी गई है। यह जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कृषि क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनका उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। इन योजनाओं के लिए कुल 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

1. फसल विज्ञान में निवेश:
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने फसल विज्ञान, खाद्य और पोषण के क्षेत्र में निवेश के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। यह योजना किसानों को बेहतर उत्पादन तकनीकों और पोषण संबंधी फसलों की खेती में मदद करेगी।

2. डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन:
कैबिनेट ने डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन के लिए 2,817 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी है। इस योजना का उद्देश्य देश में कृषि क्षेत्र में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है। यह डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर किसानों को नई तकनीकों का उपयोग करने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा।

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3. कृषि शिक्षा और प्रबंधन:
कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,292 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य कृषि विज्ञान में नवाचार और शिक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि युवा किसानों को उन्नत तकनीकों के बारे में जानकारी मिल सके और वे कृषि प्रबंधन में कुशल बन सकें।

4. टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य:
कृषि के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्र में सुधार के लिए भी कदम उठाए गए हैं। टिकाऊ पशुधन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत पशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और टिकाऊ पशुपालन के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

5. बागवानी में वृद्धि:
बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 860 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत फलों, सब्जियों, फूलों और अन्य बागवानी उत्पादों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

6. कृषि विज्ञान केंद्र:
कृषि विज्ञान केंद्रों के विकास के लिए 1,202 करोड़ रुपये की योजना को स्वीकृति दी गई है। यह केंद्र किसानों को कृषि विज्ञान के नए तरीकों और तकनीकों के बारे में जागरूक करने के लिए स्थापित किए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों के प्रति संवेदनशील बनाना है।

7. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन:
प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन और उनके संरक्षण के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गई है। इस योजना के तहत कृषि क्षेत्र में जल, मिट्टी और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रबंधन किया जाएगा, जिससे सतत विकास सुनिश्चित हो सके।

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किसानों की योजनाओं के अलावा, मोदी कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में एक सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के लिए 3,300 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी है। यह यूनिट प्रतिदिन 60 लाख चिप का उत्पादन करेगी और इसका उपयोग औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, और मोबाइल फोन जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। इसके अलावा, कैबिनेट ने 309 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन परियोजना को भी मंजूरी दी है, जो मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटी रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। इस परियोजना के तहत महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के असंबद्ध क्षेत्रों को जोड़ा जाएगा और इसका निर्माण 2028-29 तक पूरा होने की संभावना है। इस परियोजना से 102 लाख मानव दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होगा। इन योजनाओं और परियोजनाओं का उद्देश्य देश के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करना है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समग्र विकास हो सके।

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मोदी कैबिनेट का बड़ा कदम, 12 नई स्मार्ट सिटी और 10 लाख नौकरियों की मंजूरी. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/modi-cabinets-big-step-12-no/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/modi-cabinets-big-step-12-no/#respond Wed, 28 Aug 2024 12:34:53 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4498 बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। इस फैसले की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने मंत्रिमंडल की बैठक …

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बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए देश में घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना को मंजूरी दी। इस फैसले की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Minister Ashwini Vaishnav) ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद की। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य भारत की औद्योगिक क्षमताओं को नए आयाम देना और देश की आर्थिक वृद्धि को तेज करना है।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत पहल

यह पहल राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के तहत शुरू की गई है, जिसमें 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना के लिए 28,602 करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश निर्धारित किया गया है। इन शहरों को देश के विभिन्न हिस्सों में छह प्रमुख औद्योगिक गलियारों के करीब रणनीतिक रूप से स्थापित किया जाएगा। इन शहरों का चयन इस तरह से किया गया है कि वे देश के प्रमुख आर्थिक और औद्योगिक केंद्रों के साथ अच्छे से जुड़ सकें, जिससे विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

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स्थापना के लिए चुने गए स्थान

इन औद्योगिक शहरों की स्थापना उत्तराखंड के खुरपिया, पंजाब के राजपुरा-पटियाला, महाराष्ट्र के दिघी, केरल के पलक्कड़, उत्तर प्रदेश के आगरा और प्रयागराज, बिहार के गया, तेलंगाना के जहीराबाद, आंध्र प्रदेश के ओर्वकल और कोपर्थी, तथा राजस्थान के जोधपुर-पाली में की जाएगी। ये सभी स्थान न केवल अपने क्षेत्रीय लाभ के कारण महत्वपूर्ण हैं, बल्कि देश के औद्योगिक नेटवर्क को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

औद्योगिक परिदृश्य में परिवर्तन

इन नए औद्योगिक शहरों की स्थापना से भारत के औद्योगिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन की उम्मीद है। सरकार ने इन शहरों को वैश्विक मानकों के अनुसार स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। ये शहर आधुनिक और टिकाऊ बुनियादी ढांचे से सुसज्जित होंगे, जो कुशल औद्योगिक संचालन और लंबे समय तक स्थिरता सुनिश्चित करेंगे।

रोजगार और आर्थिक वृद्धि

सरकार की इस योजना से लगभग 10 लाख प्रत्यक्ष और 30 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है। इन औद्योगिक शहरों के माध्यम से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। इसके अलावा, इन परियोजनाओं से देश की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि होगी, जो 1.52 लाख करोड़ रुपये के निवेश क्षमता को उत्पन्न करेगी। यह कदम देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को भी बढ़ावा देगा।

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वित्त वर्ष 2024-25 का बजट और ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क

इस योजना की परिकल्पना वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में की गई थी। बजट में घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों और निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी में देश के कई शहरों में या उनके आसपास ‘प्लग एंड प्ले’ औद्योगिक पार्क विकसित करने की घोषणा की गई थी। इस तरह के औद्योगिक पार्क विनिर्माण इकाइयों के लिए आवश्यक सभी बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के साथ तैयार किए जाएंगे, ताकि वे बिना किसी रुकावट के अपना उत्पादन शुरू कर सकें।

पहले से कार्यान्वित हो रहे औद्योगिक शहर

यह ध्यान देने योग्य है कि इस योजना से पहले भी सरकार ने आठ औद्योगिक शहरों की स्थापना की थी, जो अब कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक, मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी, और आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टनम शामिल हैं। इन शहरों में उद्योगों के लिए भूमि आवंटन का काम तेजी से चल रहा है। इसके अलावा, अन्य चार शहरों में भी सरकार का विशेष उद्देश्य वाहन (SPV) सड़क संपर्क, पानी और बिजली आपूर्ति जैसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की प्रक्रिया में है।

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नए औद्योगिक शहरों का महत्व

देश में 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना की घोषणा के साथ, इस तरह के शहरों की कुल संख्या 20 हो जाएगी। इन शहरों का लक्ष्य न केवल देश के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना है, बल्कि आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है। यह कदम भारत के औद्योगिक क्षेत्र को एक नई दिशा देने के साथ-साथ देश को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कुल मिलाकर, केंद्रीय मंत्रिमंडल का यह निर्णय भारत के औद्योगिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। 28,602 करोड़ रुपये के अनुमानित निवेश के साथ 12 नए औद्योगिक शहरों की स्थापना न केवल देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार सृजन, आर्थिक वृद्धि, और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। इन औद्योगिक शहरों का निर्माण और विकास भविष्य में भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य को नए आयाम देगा।

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