up cm yogi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 20 Jul 2024 11:44:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg up cm yogi - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 “कांवड़ यात्रा के दौरान नेम प्लेट आदेश पर विवाद, योगी सरकार की आलोचना और एनडीए में मतभेद” https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/during-the-kanwar-yatra/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/during-the-kanwar-yatra/#respond Sat, 20 Jul 2024 11:44:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3974 उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों और ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने के आदेश के बाद योगी सरकार की आलोचना हो रही है। इस मुद्दे पर एनडीए के भीतर भी विभिन्न मत हैं। जहां कुछ दलों ने इसका विरोध किया है, वहीं कुछ दलों ने इसका समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश की …

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उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानदारों और ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने के आदेश के बाद योगी सरकार की आलोचना हो रही है। इस मुद्दे पर एनडीए के भीतर भी विभिन्न मत हैं। जहां कुछ दलों ने इसका विरोध किया है, वहीं कुछ दलों ने इसका समर्थन किया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा वाले मार्ग पर दुकानदारों और ढाबा मालिकों को अपनी दुकानों के आगे नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है। इस फैसले के बाद इसकी खूब आलोचना हो रही है। विपक्षी दलों ने इस फैसले को समाज को बांटने वाला बताते हुए इसका विरोध किया है। एनडीए के सहयोगी दलों में भी इसको लेकर अलग-अलग राय है। एनडीए में शामिल जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) (एलजेपी (आर)) ने इस फैसले का विरोध किया है। वहीं, सहयोगी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने इसका समर्थन किया है और कहा है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शनिवार को कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश में ‘कांवड़ यात्रा’ मार्ग पर फल विक्रेताओं को उनके स्टॉलों पर अपना नाम लिखने के लिए कहे जाने में कुछ भी गलत नहीं दिखता है।

मांझी द्वारा इस फैसले से जुड़े विवाद को लेकर पूछे गए सवालो के उत्तर में यूपी सरकार का समर्थन किया गया । इसके बाद पार्टी प्रमुख मांझी दवारा कहा गया की “मैं अन्य दलों के लिए नहीं बोल सकता, परन्तु मुझे इस तरह के आदेश में कुछ भी गलत नहीं दिखाई नहीं दिया , यदि व्यवसायों में शामिल लोगों को अपना नाम और पता प्रमुखता से उजागर करने के लिए कहा जाता है तो इसमें नुकसान ही क्या है?”जिसके बाद उन्होंने आगे कहा, की “असल में, नेम प्लेट से खरीदारों के लिए पसंदीदा स्टॉल देखना आसान हो जाएगा। और इस मामले को धर्म के चश्मे से देखना कतई गलत है।

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जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता के सी त्यागी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे का जिक्र करते हुए यूपी पुलिस के आदेश की आलोचना की थी और कहा था कि बिहार, झारखंड और कांवड़ यात्रा से जुड़े अन्य राज्यों में इसी तरह के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। त्यागी ने कहा कि यूपी सरकार का यह कदम समाज में विभाजन पैदा कर सकता है और लोगों के बीच संदेह और अविश्वास को बढ़ा सकता है। इस फैसले के खिलाफ उठ रही आवाजों के बावजूद, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने अपने समर्थन को दोहराया है। मांझी का मानना है कि नेम प्लेट्स का उपयोग व्यापार में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस आदेश को धर्म के दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।

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विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि इस तरह के आदेश से समाज में धार्मिक विभाजन बढ़ सकता है। कुछ दलों का यह भी कहना है कि इस फैसले का उद्देश्य विशेष समुदाय को निशाना बनाना है। विपक्षी नेताओं ने यूपी सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग की है और इसे समाज में सामंजस्य बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है। हालांकि, योगी सरकार ने अपने आदेश का बचाव किया है। सरकार का कहना है कि यह आदेश केवल व्यापार में पारदर्शिता लाने और ग्राहकों के अनुभव को सुधारने के लिए है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस आदेश का उद्देश्य किसी भी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है।

इस मुद्दे पर विभिन्न दलों के अलग-अलग मत होने के बावजूद, यूपी सरकार ने अपने फैसले को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है। सरकार का कहना है कि नेम प्लेट्स लगाने से व्यापार में पारदर्शिता आएगी और ग्राहक आसानी से अपने पसंदीदा दुकानों और स्टॉल्स को पहचान सकेंगे।

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“हाथरस दुर्घटना: एसआईटी की जांच में कार्यक्रम आयोजक और प्रशासनिक लापरवाही उजागर, कई अधिकारी निलंबित” https://chaupalkhabar.com/2024/07/09/hathras-accident-sit-ki/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/09/hathras-accident-sit-ki/#respond Tue, 09 Jul 2024 08:19:54 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3880 हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में दो जुलाई को हुई दुर्घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ के नेतृत्व में घटनास्थल का निरीक्षण किया और अपनी जांच में कार्यक्रम …

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हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में दो जुलाई को हुई दुर्घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया। एसआईटी ने एडीजी जोन आगरा और मंडलायुक्त अलीगढ़ के नेतृत्व में घटनास्थल का निरीक्षण किया और अपनी जांच में कार्यक्रम आयोजक, तहसील स्तरीय पुलिस और प्रशासन को दोषी पाया। जांच के दौरान एसआईटी ने दो, तीन, और पांच जुलाई को घटनास्थल का निरीक्षण किया। कुल 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए, जिनमें प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ आम जनता और प्रत्यक्षदर्शी भी शामिल थे। एसआईटी ने समाचार पत्रों, स्थलीय वीडियोग्राफी, छायाचित्रों, और वीडियो क्लिपिंग्स का भी अध्ययन किया।

प्रारंभिक जांच में, एसआईटी ने चश्मदीद गवाहों और अन्य साक्ष्यों के आधार पर कार्यक्रम आयोजकों को मुख्य रूप से दोषी ठहराया। जांच समिति ने दुर्घटना के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया है और गहन जांच की जरूरत बताई है। एसआईटी ने कार्यक्रम आयोजक और तहसील स्तरीय पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को भी जिम्मेदार माना। उप जिला मजिस्ट्रेट सिकंदराराऊ ने बिना स्थल का मुआयना किए कार्यक्रम की अनुमति प्रदान की और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं किया।

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एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर, राज्य सरकार ने एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, इंस्पेक्टर, चौकी इंचार्ज कचौरा, और चौकी इंचार्ज पोरा को सस्पेंड कर दिया है। आयोजकों ने तथ्यों को छिपाकर कार्यक्रम की अनुमति ली और अनुमति के शर्तों का अनुपालन नहीं किया। अप्रत्याशित भीड़ को आमंत्रित कर पर्याप्त और सुचारू व्यवस्था नहीं की गई।आयोजक मंडल से जुड़े लोग अव्यवस्था फैलाने के दोषी पाए गए। उन्होंने पुलिस वेरिफिकेशन के बिना लोगों को जोड़ा, जिससे अव्यवस्था फैली। आयोजक मंडल ने पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया और स्थानीय पुलिस को कार्यक्रम स्थल पर निरीक्षण से रोका। सत्संगकर्ता और भीड़ को बिना सुरक्षा प्रबंध के आपस में मिलने की छूट दी गई। भारी भीड़ के बावजूद यहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग या पैसेज की व्यवस्था नहीं बनाई गई थी।

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दुर्घटना के बाद, आयोजक मंडल के सदस्य घटनास्थल से भाग गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। इस घटना ने प्रशासनिक और पुलिस प्रणाली की खामियों को उजागर किया। राज्य सरकार ने एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर कठोर कार्रवाई की है और दोषी अधिकारियों और आयोजकों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। इस घटना ने हाथरस जिले में सुरक्षा और व्यवस्था के मानकों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कार्यक्रम आयोजकों की लापरवाही और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी ने इस त्रासदी को जन्म दिया। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और प्रशासनिक तंत्र में सुधार हो।

एसआईटी की जांच रिपोर्ट ने स्पष्ट किया कि सुरक्षा मानकों का पालन न करने और कार्यक्रम की अनुमति देने में लापरवाही बरतने के कारण यह दुर्घटना हुई। इस मामले ने दिखाया कि कैसे स्थानीय प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की लापरवाही ने इतनी बड़ी त्रासदी को जन्म दिया। यह घटना एक चेतावनी है कि सुरक्षा और व्यवस्था को प्राथमिकता देने की जरूरत है। एसआईटी की सिफारिशों के आधार पर, राज्य सरकार ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यह कदम प्रशासनिक तंत्र को सुधारने और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उठाया गया है। इस घटना से सबक लेते हुए, भविष्य में कार्यक्रमों की अनुमति देने में सतर्कता बरतने और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन करने की आवश्यकता है।

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हाथरस भगदड़ मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया, आयोजक के खिलाफ एक लाख का इनाम घोषित; गैर जमानती वारंट किया जाएगा जारी. https://chaupalkhabar.com/2024/07/04/hathras-stampede-case-in-now/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/04/hathras-stampede-case-in-now/#respond Thu, 04 Jul 2024 11:14:40 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3846 मंगलवार को हाथरस में एक सत्संग में भगदड़ हो गई, जिसमें नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादार गिरफ्तार किए गए हैं। इस घटना में बाबा के सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी, जिसके बाद सेवादारों ने मौके से भाग जाने का फैसला किया था। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी …

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मंगलवार को हाथरस में एक सत्संग में भगदड़ हो गई, जिसमें नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादार गिरफ्तार किए गए हैं। इस घटना में बाबा के सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी, जिसके बाद सेवादारों ने मौके से भाग जाने का फैसला किया था। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी, जहां उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद वे आरोपी प्रकाश मधुकर की तलाश में हैं। सत्संग के माहौल में जब यह घटना हुई, तो सेवादारों ने भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने शवों को उठाने की कोशिश की, लेकिन सेवादारों ने इसमें सहायता नहीं की। आईजी माथुर ने यह भी कहा कि गिरफ्तार सेवादारों पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया जाएगा, और जल्द ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा।

सत्संग के मुख्य आयोजक पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटना के बाद वह बचाव में नहीं आए और इसे बड़े पैमाने पर छिपाने की कोशिश की गई। सीएम ने भी इस सम्बंध में साजिश की आशंका जताई है। आईजी माथुर ने दावा किया कि अगर जरूरत पड़ेगी, तो नारायण साकार या भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। इस घटना से जुड़े एफआईआर में उनका नाम नहीं है, बल्कि आयोजक का नाम है। उन्होंने साफ किया कि उन सेवादारों ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन जब स्थिति बिगड़ी तो वे भीड़ से भाग गए।

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सत्संग के घटना का समय मंगलवार को करीब पौने दो बजे का है। इस समय, जब बाबा का काफिला निकल रहा था, तो सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ हो गई। एसडीएम ने इसकी रिपोर्ट भेजी है और वहां पर मौजूद चश्मदीद भी इस बात की जांच कर रहे हैं।  सत्संग में भगदड़ की घटना के बाद सेवादारों और आयोजकों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। इसके बावजूद, कई लोग इसे एक साजिश का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें सत्संग के व्यवस्थापकों की भूमिका भी उजागर हो रही है।

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हाथरस में त्रासदी: धार्मिक सभा में मची भगदड़ से 121 लोगों की मौत, अधिकतर महिलाएं; एसआईटी करेगी जांच. https://chaupalkhabar.com/2024/07/03/tragedy-in-hathras-religious/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/03/tragedy-in-hathras-religious/#respond Wed, 03 Jul 2024 11:41:02 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3832 हाथरस, उत्तर प्रदेश में हुए दुखद हादसे में मरने वालों की संख्या अब 121 हो गई है। मृतकों में से अधिकांश महिलाएं हैं। कुल मृतकों में से 102 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 19 शव अज्ञात हैं। पहचाने गए शवों का वितरण इस प्रकार है: 38 शव अलीगढ़ भेजे गए, 34 हाथरस, 21 …

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हाथरस, उत्तर प्रदेश में हुए दुखद हादसे में मरने वालों की संख्या अब 121 हो गई है। मृतकों में से अधिकांश महिलाएं हैं। कुल मृतकों में से 102 शवों की पहचान हो चुकी है, जबकि 19 शव अज्ञात हैं। पहचाने गए शवों का वितरण इस प्रकार है: 38 शव अलीगढ़ भेजे गए, 34 हाथरस, 21 आगरा और 28 एटा भेजे गए। मृतकों में एक व्यक्ति फिरोजाबाद से, 16 आगरा से, 12 अलीगढ़ से, 19 हाथरस से, नौ एटा से और नौ कासगंज से हैं। इसके अतिरिक्त एक व्यक्ति गौतम बुद्ध नगर और ललितपुर से, आठ मथुरा से, एक संभल से, एक अनुपशहर से, छह बदायूं से, एक पीलीभीत से, चार शाहजहांपुर से, दो औरैया से और चार बुलंदशहर से अपनी जान गंवा चुके हैं।

अन्य राज्यों से भी लोग सत्संग में शामिल हुए थे, जिसमें तीन फरीदाबाद से, एक पलवल से, एक राजस्थान से और एक ग्वालियर से हैं। यह भयानक घटना, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया, तब हुई जब भक्त नारायण सकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद उनके आशीर्वाद लेने और उनके चरण स्पर्श करने के लिए दौड़े। मृतकों में अधिकांश महिलाएं हैं। यह त्रासदी राज्य में प्रयागराज महाकुंभ में 1954 में हुई भगदड़ के बाद दूसरी सबसे बड़ी है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भगदड़ के कारणों का पता लगाने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की, जिसमें 121 भक्तों की मौत हो गई। जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि यह एक दुर्घटना थी या जानबूझकर की गई साजिश। जांच में हाई कोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। घटना के बचे हुए लोगों के प्रत्यक्षदर्शी बयानों को भी जांच के लिए एकत्र किया गया है। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए पूरी जांच की जाएगी। उन्होंने प्रभावित परिवारों के लिए तत्काल राहत उपायों की भी घोषणा की और वादा किया कि घटना के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए बड़े आयोजनों में सुरक्षा उपायों की राज्यव्यापी समीक्षा की है।

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यह दुखद घटना बड़े आयोजनों, विशेष रूप से धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है, जो बड़ी भीड़ को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार अब सख्त नियमों को लागू करने और यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है कि ऐसे आयोजनों में भाग लेने वाले भक्तों और लोगों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाएं। हाथरस की घटना के बाद का असर परिवारों को शोक में और समुदायों को सदमे में छोड़ गया है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, जवाबदेही और भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचने के लिए रोकथाम के उपायों की मांग बढ़ रही है। सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के परिणाम सार्वजनिक विश्वास बहाल करने और बड़े सार्वजनिक आयोजनों के दौरान लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने में महत्वपूर्ण होंगे।

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुआ बड़ा हादसा, सत्संग के दौरान मची भगदड़, 107 लोगो की मौत, कई घायल . https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/in-hathras-of-uttar-pradesh/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/02/in-hathras-of-uttar-pradesh/#respond Tue, 02 Jul 2024 13:11:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3819 उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बड़े हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है। भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 107 लोगों की मौत हो गई है और सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। आगरा जोन के एडीजी ने इस घटना में 107 …

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उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक बड़े हादसे ने सबको झकझोर कर रख दिया है। भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में कम से कम 107 लोगों की मौत हो गई है और सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। आगरा जोन के एडीजी ने इस घटना में 107 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। यह हादसा हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में हुआ, जहां भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था। उम्मीद से कहीं ज्यादा भीड़ जुट गई थी, अनुमानित रूप से सवा लाख लोग सत्संग में शामिल हुए थे। इतनी बड़ी भीड़ और भीषण गर्मी के चलते कुछ लोग बेहोश होकर गिरने लगे। जैसे ही कुछ लोग गिरकर बेहोश हुए, भगदड़ मच गई। इसमें सैकड़ों लोग गिर पड़े और बाकी लोग उन्हें कुचलते हुए भागने लगे। बेहोश हुए लोगों को अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया गया, लेकिन भगदड़ के चलते स्थिति और बिगड़ गई।

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारी मौके पर पहुंचे और सैकड़ों गंभीर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया। घायलों का इलाज एटा, हाथरस और अलीगढ़ के अस्पतालों में चल रहा है। श्रद्धालुओं के शव भी इन स्थानों पर भेजे गए हैं। हादसे के बाद अस्पतालों में स्ट्रेचर कम पड़ गए और सीएचसी के बाहर लोगों को तड़पते हुए देखा गया। हाथरस प्रशासन ने प्राइवेट अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया और बेड रिजर्व रखने के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और जांच के आदेश दिए हैं। आगरा जोन के एडीजी और अलीगढ़ के कमिश्नर को जांच का काम सौंपा गया है। मुख्यमंत्री ने लखनऊ से मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, संदीप सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार को घटनास्थल पर तत्काल पहुंचने का निर्देश दिया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और अधिकारियों को पीड़ितों के इलाज के समुचित इंतजाम करने का आदेश दिया है।

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आगरा जोन के एडीजी ने इस घटना में 107 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जिनमें ज्यादातर महिलाएं शामिल हैं। यह हादसा हाथरस के सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के गांव फुलराई में हुआ, जहां भोले बाबा का प्रवचन चल रहा था।

हाथरस प्रशासन ने इस घटना को देखते हुए स्थानीय और प्राइवेट अस्पतालों को बेड रिजर्व रखने और अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों में घायलों का इलाज किया जा रहा है और बेहोश हुए लोगों को प्राथमिक चिकित्सा दी जा रही है। हादसे के बाद इतने घायल लोग अस्पताल पहुंचे कि सरकारी अस्पतालों में स्ट्रेचर कम पड़ गए। इस स्थिति को संभालने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को भी सहयोग में लिया गया है। इस घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। स्थानीय प्रशासन की तत्परता से कई लोगों की जान बचाई जा सकी, लेकिन फिर भी इतनी बड़ी जनहानि हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना की जांच का आदेश देते हुए अधिकारियों को हर संभव मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर हालात को संभाला और घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान की।

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सत्संग के दौरान इतनी बड़ी भीड़ की स्थिति को संभालने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था की कमी सामने आई है। अनुमानित सवा लाख लोगों की भीड़ में कुछ लोगों के बेहोश होने के बाद भगदड़ मच गई और यह हादसा हो गया। भीषण गर्मी और भारी भीड़ के कारण यह स्थिति और भी विकट हो गई। इस हादसे के बाद से स्थानीय लोग और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर स्थिति को सामान्य करने में जुटे हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने लोगों को संयम बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। सभी घायलों को चिकित्सा सहायता दी जा रही है और उनके परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।

इस हादसे ने सत्संग और धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की महत्ता को रेखांकित किया है। इतने बड़े स्तर पर लोगों के जुटने पर सुरक्षा और व्यवस्थापन की खामियों को दूर करना आवश्यक है। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही इस पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और सभी धार्मिक और सामाजिक आयोजनों में सुरक्षा की पूर्ण व्यवस्था हो।

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CM योगी की विपक्ष को चेतावनी, कहा गोकशी तो दूर UP में ऐसा सोचने वालों के लिए जहन्नुम के रास्ते खुल जाएंगे. https://chaupalkhabar.com/2024/05/04/cm-says-yogi-says-cow-slaughter-to-do/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/04/cm-says-yogi-says-cow-slaughter-to-do/#respond Sat, 04 May 2024 08:51:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3098 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरीदपुर की रैली में एक बार फिर अपने चरित्रवादी दृष्टिकोण को अजमाया। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और सपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राम के अस्तित्व को नकारता था, लेकिन अब जब अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने के साकार हो रहा है, तो उनके नेता कह …

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फरीदपुर की रैली में एक बार फिर अपने चरित्रवादी दृष्टिकोण को अजमाया। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस और सपा के नेतृत्व वाला गठबंधन राम के अस्तित्व को नकारता था, लेकिन अब जब अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनने के साकार हो रहा है, तो उनके नेता कह रहे हैं कि राम सबके हैं। यह उनके द्विरूपी चरित्र को प्रकट करता है। उन्होंने फरीदपुर में चुनावी जनसभाओं में बबराला और आंवला उम्मीदवारों के समर्थन में उतरते हुए कांग्रेस के घोषणापत्र पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा अल्पसंख्यकों को गोकशी की छूट देना चाहते हैं, लेकिन वह उन्हें यह अनुमति नहीं देने देंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वादा पत्र में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की स्वतंत्रता देने का वादा है, लेकिन वह उन्हें ऐसा करने नहीं देंगे।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गोमाता के समर्थन में भी अपना दृढ़ स्थान दिखाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और सपा वालों को क्या गोमाता को काटने की छूट देंगे क्या? उन्होंने गोमाता की रक्षा करने के लिए अपनी जान देने का वादा किया और कहा कि वे गोमाता के बाल भी बांका नहीं होने देंगे। सीएम योगी ने कांग्रेस और सपा के विरोधी दलों की नीतियों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-सपा गठबंधन पर दलितों-पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी का प्रयास कर रही है। जिसके बाद उन्होंने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन कांग्रेस-सपा दलितों और पिछड़ों का आरक्षण मुसलमानों को देने की तैयारी कर रहे हैं।

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उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद की भट्ठी बताया और कहा कि उसने इस भट्ठी को सुलगाया है और आज खुद इसमें जल रहा है। उन्होंने कानून के राज की भावना को भी मजबूत किया और कहा कि प्रदेश में माफिया- गुंडों का राम नाम सत्य करना सरकार की जिम्मेदारी है और जो भी कानून से खेलेगा सीधा ऊपर जाएगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण में गंभीरता से दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, और देश के सुरक्षा को लेकर अपनी सरकार की नीतियों को प्रकट किया। उन्होंने अपने चरित्रवादी दृष्टिकोण और निष्ठा को दिखाया और उत्तर प्रदेश के विकास और सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानते हुए आगे बढ़ने का संकल्प दिया।

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ASI ने ज्ञानवापी क्षेत्र पर सर्वे शुरू किया, विवादित स्थानों को लेकर हो सकते हैं बड़े खुलासे https://chaupalkhabar.com/2023/08/04/asi-starts-survey-today-in-gyanvapi/ https://chaupalkhabar.com/2023/08/04/asi-starts-survey-today-in-gyanvapi/#respond Fri, 04 Aug 2023 05:55:08 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1327 वाराणसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद की जांच फिर से शुरू की है। क्या यह एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाया गया था, यह जानने की कोशिश जारी है। सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी है।   1.गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ मंजूर कर दिया, …

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वाराणसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी मस्जिद की जांच फिर से शुरू की है। क्या यह एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाया गया था, यह जानने की कोशिश जारी है। सुप्रीम कोर्ट में सर्वे को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी है।

 

1.गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ मंजूर कर दिया, क्योंकि यह न्याय के हित में आवश्यक था।

2. पीठ ने 16 पेज के फैसले में कहा, “न्यायालय की राय में, प्रस्तावित वैज्ञानिक सर्वेक्षण/जांच न्याय के हित में आवश्यक है और इससे वादी और प्रतिवादी दोनों को समान लाभ होगा और न्यायोचित निर्णय पर पहुंचने में ट्रायल कोर्ट को मदद मिलेगी।” (ट्रायल) कोर्ट का विवादग्रस्त आदेश पारित करना उचित है,’

 

3.बीजेपी के कई नेताओं ने हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि अब उस स्थान पर मंदिर के बारे में “सच्चाई” सामने आ जाएगी।

 

 

4.मस्जिद समिति ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जो आज बाद में सुनवाई होगी।

5.हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर कहा कि इस मामले में उनका पक्ष सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए।

6.हिंदू याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस स्थान पर पहले एक मंदिर था, लेकिन 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब ने इसे ध्वस्त कर दिया।

7.सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी मस्जिद परिसर में किसी भी जांच पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, मस्जिद का ‘वज़ुखाना’, जहां याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि वह संरचना ‘शिवलिंग’ थी, नए सर्वेक्षण के दायरे में नहीं आएगा।

8. 21 जुलाई को वाराणसी जिला अदालत ने एक “वैज्ञानिक सर्वेक्षण” का आदेश दिया जब चार महिलाओं ने एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने दावा किया कि ऐतिहासिक मस्जिद को एक हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाया गया था या नहीं।

 

Brajesh Kumar 

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ज्ञानवापी मामले में योगी आदित्यनाथ ने अपना रुख स्पस्ट किया है, मुख्यमंत्री ने कहा की ज्ञानवापी को मस्जिद कहना एक ऐतिहासिक गलती है …. https://chaupalkhabar.com/2023/07/31/cm-yogi-statement-on-gyanvapi-asi-survey/ https://chaupalkhabar.com/2023/07/31/cm-yogi-statement-on-gyanvapi-asi-survey/#respond Mon, 31 Jul 2023 08:47:15 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1255 सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी मश्जिद मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. अपने बयान में मुख्यमंत्री योगी ने कहा है की ज्ञानवापी मस्जिद है ही नही.उसकी दीवारे चीख चीख कर कहती है की वो मंदिर है.   समाचार एजेंसी ANI से बात …

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सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट के बाद अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ज्ञानवापी मश्जिद मामले में अपनी प्रतिक्रिया दी है. अपने बयान में मुख्यमंत्री योगी ने कहा है की ज्ञानवापी मस्जिद है ही नही.उसकी दीवारे चीख चीख कर कहती है की वो मंदिर है.

 

समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा है की ज्ञानवापी को मस्जिद कहना एक ऐतिहासिक गलती है . उन्होंने मुस्लिम पक्ष पर निशाना साधते हुए पूछा की आखिर मस्जिद परिसर की दीवारों पर त्रिशूल क्या कर रहा है. मस्जिद में त्रिशूल का क्या काम है .

अपने साक्षात्कार में योगी आदित्यनाथ ने कहा की उनकी सरकार लम्बे से चले आ रहे सभी मुद्दों को हल करना चाहती है.और रही बात ज्ञानवापी की तो इस मामले का समाधान तो खुद मुसलमान पक्ष से आना चाहिए. मुस्लिम पक्ष को ये स्वीकार करना चाहिए की यह एक ऐतिहासिक गलती थी .

विवाद के समाधान के समबन्ध में बोलते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा की अगर हम इसे मस्जिद कहते हैं ,तो यह एक विवाद जैसा होगा .आगे उन्होंने ने कहा की “मुझे ऐसा लगता है कि भगवान ने हमे आँखे दी है ,इसलिए हमे इसे देखना चाहिए. आखिर एक त्रिशूल मंदिर के अंदर क्या कर रहा है . हमने तो इसे वहाँ नही रखा ,फिर कैसे इसको मस्जिद कह दें .

मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर के अंदर ज्योतिर्लिंग और एनी देवी – देवताओं की मुर्तिया हैं. परिसर कि दीवारें अपने आप में ही सच चिल्ला रही हैं.मुस्लिम पक्ष को इस मामले खुद आगे आकर एक प्रस्ताव देना चाहिए कि उनके पूर्वजो के द्वारा यह एक ऐतिहासिक गलती हुई है और इसका समाधान होना चाहिए.

बता दें की मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपने तीखे बयानों के कारण ही सुर्खियों में बने रहते है. और उनके इस तरह के बयाँ से एक बार फिर उत्तर प्रदेश राजनीतिक गलियारों में गर्माहट आ गई है.हालांकि ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वेक्षण मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है जिसका फैसला 3 अगस्त को आने वाला है. .

 

Brajesh kumar

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