USA - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 17 Sep 2024 13:40:42 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg USA - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 भारत-अमेरिका के बढ़ते संबंधों से चीन और रूस चिंतित, वैश्विक राजनीति में नया मोड़. https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/growing-relations-between-india-and-usa/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/17/growing-relations-between-india-and-usa/#respond Tue, 17 Sep 2024 13:40:42 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4943 भारत और अमेरिका के बीच के मजबूत होते संबंधों ने वैश्विक राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। खासकर चीन और रूस जैसे देशों के लिए यह गठबंधन चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस बढ़ती मित्रता का आधार दोनों देशों के समान विचारधारा पर आधारित है, जो विभिन्न आवाजों का आदर, समावेशिता, शांति …

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भारत और अमेरिका के बीच के मजबूत होते संबंधों ने वैश्विक राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। खासकर चीन और रूस जैसे देशों के लिए यह गठबंधन चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस बढ़ती मित्रता का आधार दोनों देशों के समान विचारधारा पर आधारित है, जो विभिन्न आवाजों का आदर, समावेशिता, शांति और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को प्राथमिकता देती है। अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी और अमेरिका के प्रबंधन एवं संसाधन के उपविदेश मंत्री, रिचर्ड वर्मा ने इस संबंध की मजबूती पर जोर दिया है। वर्मा, जो भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके हैं, ने हाल ही में वॉशिंगटन डीसी स्थित हडसन इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम में भारत-अमेरिकी संबंधों पर विचार साझा किए। उन्होंने कहा, “भारत-अमेरिका संबंध ठोस बुनियाद और उज्ज्वल भविष्य के साथ एक नए युग में प्रवेश कर चुके हैं।”

रिचर्ड वर्मा के अनुसार, अमेरिका और भारत के संबंधों में हर मुद्दे पर सहमति संभव नहीं है, लेकिन यह संबंध राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में पहले से कहीं अधिक मजबूत हुए हैं। दोनों देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और वैश्विक स्थिरता को लेकर न केवल संवाद बढ़ा है, बल्कि नई-नई साझेदारियाँ भी आकार ले रही हैं। उदाहरण के तौर पर ‘क्वाड’ को देखा जा सकता है, जो अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के बीच एक सुरक्षा सहयोग है। ‘क्वाड’ का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देना है। हाल ही में रिचर्ड वर्मा ने इस पर भी टिप्पणी की कि यह सहयोग सिर्फ किसी देश के खिलाफ नहीं, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।

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वर्मा ने यह भी स्वीकार किया कि भारत-अमेरिका संबंधों में चुनौतियाँ हैं, विशेषकर रूस और चीन के बढ़ते सहयोग के संदर्भ में। उन्होंने कहा, “मुझे रूस-चीन के बढ़ते सुरक्षा सहयोग को लेकर चिंता है, क्योंकि यह सहयोग रूस को यूक्रेन के खिलाफ अपने गैरकानूनी युद्ध में मदद कर सकता है।” यह साझेदारी न केवल रूस को यूक्रेन में अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने में मदद कर सकती है, बल्कि चीन को भी नए सुरक्षा संसाधन उपलब्ध करा सकती है, जो कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए एक चुनौती साबित हो सकती है। यह क्षेत्र पहले से ही भू-राजनीतिक संघर्ष का केंद्र बना हुआ है, और चीन की बढ़ती आक्रामकता इसे और जटिल बना सकती है।

वर्मा ने भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक सहयोग को और अधिक मजबूत करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक सहयोग को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए दोनों देशों को कड़ी मेहनत करनी होगी। इससे न केवल व्यापार संबंध मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर दोनों देशों का प्रभाव भी बढ़ेगा। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दोनों देशों को अपने सामूहिक नागरिक समाजों का समर्थन जारी रखना चाहिए ताकि बोलने की स्वतंत्रता और विभिन्न विचारों को महत्व दिया जा सके।

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क्वाड को लेकर हाल ही में हुई चर्चाओं में यह भी बताया गया कि इसका चौथा शिखर सम्मेलन अगले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा उनके डेलवेयर स्थित आवास पर आयोजित किया जाएगा। इस साल क्वाड की मेजबानी भारत को करनी थी, लेकिन अब वह इसे अगले साल आयोजित करेगा। यह शिखर सम्मेलन भारत-अमेरिका और उनके सहयोगी देशों के बीच सुरक्षा और आर्थिक रणनीतियों को मजबूत करने का एक और मौका साबित होगा।

भारत-अमेरिका संबंधों का यह नया अध्याय न केवल इन दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वैश्विक राजनीति पर भी इसका व्यापक असर पड़ रहा है। चीन और रूस जैसे देशों के लिए यह एक संकेत है कि विश्व की शक्ति संरचना में बदलाव हो रहा है। जहां अमेरिका और भारत जैसे लोकतांत्रिक देश मिलकर वैश्विक स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं, वहीं रूस और चीन अपने-अपने हितों के लिए नई साझेदारियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस बदलते परिदृश्य में भारत की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है, खासकर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में।

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अमेरिका के पूर्व एनएसए एचआर मैकमास्टर ने आईएसआई के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों का किया खुलासा. https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/usa-ex-nsa-h/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/usa-ex-nsa-h/#respond Sat, 31 Aug 2024 11:41:33 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4574 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों को उजागर किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आईएसआई का आतंकवादी संगठनों के साथ सीधा संबंध है और इसमें कोई संदेह नहीं है। मैकमास्टर ने कहा …

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के आतंकवाद से जुड़े काले कारनामों को उजागर किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आईएसआई का आतंकवादी संगठनों के साथ सीधा संबंध है और इसमें कोई संदेह नहीं है। मैकमास्टर ने कहा कि पाकिस्तान का आईएसआई न केवल आतंकवादी संगठनों का समर्थन करता है, बल्कि उन्हें सुरक्षित पनाहगाह भी मुहैया कराता है। उनका यह बयान उस समय का है जब अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति थे और उन्होंने पाकिस्तान को दी जाने वाली अमेरिकी सहायता पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। ट्रंप प्रशासन का यह कदम पाकिस्तान की आतंकवाद को समर्थन देने की नीति के खिलाफ था, लेकिन इस निर्णय को लागू करने में व्हाइट हाउस को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा था।

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उन्होंने खुलासा किया कि ट्रंप प्रशासन के दौरान, व्हाइट हाउस ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सुरक्षा सहायता को रोकने के लिए विदेश विभाग और पेंटागन के विरोध का सामना किया। यह विरोध इसलिए था क्योंकि कई अधिकारियों का मानना था कि पाकिस्तान के साथ संबंध बनाए रखना अमेरिका के रणनीतिक हित में है। हालांकि, ट्रंप ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बनने से रोकने के लिए सभी प्रकार की सहायता पर रोक लगाने का निर्णय लिया था। मैकमास्टर ने अपने अनुभवों और जानकारी के आधार पर बताया कि पाकिस्तान में आतंकवाद का गढ़ बन चुके कई संगठन, जैसे लश्कर-ए-तैयबा, तालिबान और हक्कानी नेटवर्क, आईएसआई की छत्रछाया में पनपे हैं। उनका कहना था कि इन संगठनों को आईएसआई की तरफ से न केवल वित्तीय सहायता मिलती है बल्कि उन्हें सुरक्षित ठिकाने भी उपलब्ध कराए जाते हैं।

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यहां तक कि जब भी अमेरिका या अन्य पश्चिमी देश इन संगठनों पर कार्रवाई करने का प्रयास करते हैं, तो आईएसआई अपने प्रभाव का उपयोग करके उन्हें बचाने का प्रयास करता है। इस प्रकार, आईएसआई का आतंकवाद से जुड़ा चेहरा अब दुनिया के सामने उजागर हो चुका है। मैकमास्टर के इन बयानों ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान की नीतियों में आतंकवाद का समर्थन एक गंभीर मुद्दा है, और इस समस्या के समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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Sunita Williams: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने के लिए NASA के सामने दो विकल्प. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/sunita-williams-from-space-to-earth-on-earth/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/sunita-williams-from-space-to-earth-on-earth/#respond Fri, 23 Aug 2024 12:29:09 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4404 सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष में लगभग दो महीने से फंसे हुए हैं। वे दोनों 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अब तक उनकी धरती पर वापसी नहीं हो पाई है। उनके यात्रा का उद्देश्य अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह बिताना था, लेकिन तकनीकी …

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सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष में लगभग दो महीने से फंसे हुए हैं। वे दोनों 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अब तक उनकी धरती पर वापसी नहीं हो पाई है। उनके यात्रा का उद्देश्य अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह बिताना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हो रही है। स्टारलाइनर की परीक्षण उड़ान के दौरान थ्रस्टर विफलताओं का सामना करना पड़ा और हीलियम का रिसाव इतनी गंभीर हो गई कि नासा ने स्टारलाइनर को अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉक करने का निर्णय लिया। अब नासा उनकी सुरक्षित वापसी के लिए एक नई योजना पर काम कर रहा है। इस पर निर्णय आज होने की संभावना है।

नासा की योजनाओं में एक विकल्प यह है कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से वापस लाया जाए। इसके लिए उन्हें फरवरी तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहना पड़ सकता है। यदि नासा यह निर्णय लेता है कि उनकी वापसी स्पेसएक्स के माध्यम से होगी, तो स्टारलाइनर खाली होकर सितंबर में पृथ्वी पर लौटेगा।

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वर्तमान में, नासा के प्रशासक बिल नेल्सन और अन्य शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे पर बैठक करेंगे ताकि एक ठोस निर्णय लिया जा सके। इंजीनियरों ने स्टारलाइनर के पांच खराब थ्रस्टरों में से चार को मरम्मत कर दिया है, लेकिन अभी भी यह सुनिश्चित करना बाकी है कि यान पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कर सकेगा या नहीं।

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इस पूरी स्थिति को देखते हुए, अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष यान के परीक्षण के महत्व को समझना आवश्यक है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम कर रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना कम से कम हो और अंतरिक्ष यात्रा की सफलता सुनिश्चित की जा सके।

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अमेरिका ने शेख हसीना के इस्तीफे में हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया, कहा: ‘यह हास्यास्पद और झूठा है. https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/america-has-sheikh-hasina-of-this/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/america-has-sheikh-hasina-of-this/#respond Wed, 14 Aug 2024 12:16:48 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4315 अमेरिका ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि शेख हसीना की सरकार को हटाने की साजिश में उसका कोई हाथ नहीं था। अमेरिकी विदेश विभाग ने शेख हसीना के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ और ‘झूठा’ करार दिया है। शेख …

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अमेरिका ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि शेख हसीना की सरकार को हटाने की साजिश में उसका कोई हाथ नहीं था। अमेरिकी विदेश विभाग ने शेख हसीना के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ और ‘झूठा’ करार दिया है। शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश छोड़ दिया था। उनके इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में कई हफ्तों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिली। इन प्रदर्शनों की वजह से उनकी सरकार पर दबाव बढ़ गया और अंततः उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

हसीना ने आरोप लगाया था कि इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका का हाथ था और यह कि अमेरिका ने जानबूझकर इस स्थिति को उत्पन्न किया ताकि उनकी सरकार को गिराया जा सके। हसीना का कहना था कि अमेरिका ने इन प्रदर्शनों के जरिए उनके खिलाफ साजिश की और उन्हें सत्ता से हटाया।

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इसके जवाब में, अमेरिका के विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह से गलत और हास्यास्पद हैं। पटेल ने कहा, “शेख हसीना के इस्तीफे में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।” उन्होंने यह भी कहा कि हाल के हफ्तों में कई गलत सूचनाएं फैलाई गई हैं और अमेरिका इस तरह की गलत सूचनाओं का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध है। वेदांत पटेल ने यह भी बताया कि अमेरिका दक्षिण एशिया में अपने भागीदारों के साथ सूचना की गोपनीयता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अमेरिका ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात की है और राष्ट्रपति जो बाइडन ने मानवाधिकार के मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखने का आश्वासन दिया है। अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर निगरानी रखेगा और इस बात पर जोर देगा कि मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मानकों को बनाए रखा जाए।

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इस बीच, हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इस अंतरिम सरकार का उद्देश्य बांग्लादेश में स्थिरता और शांति को बहाल करना है और आगामी चुनावों की तैयारी करना है। अमेरिका का यह बयान बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को लेकर चल रही बहस के बीच आया है। अमेरिका ने बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है और किसी भी प्रकार की बाहरी साजिश से इनकार किया है।

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा का हमला, कांग्रेस पर आर्थिक अस्थिरता फैलाने का आरोप. https://chaupalkhabar.com/2024/08/12/hindenburg-report-on-part/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/12/hindenburg-report-on-part/#respond Mon, 12 Aug 2024 08:26:18 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4269 हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस, उसके सहयोगियों और …

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हाल ही में भाजपा ने अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर गंभीर सवाल उठाए हैं। सोमवार को भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर आरोप लगाया कि वे इस रिपोर्ट का सहारा लेकर देश में आर्थिक अस्थिरता फैलाने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने इसे कांग्रेस, उसके सहयोगियों और तथाकथित टूलकिट गैंग द्वारा भारत के खिलाफ एक सोची-समझी साजिश करार दिया, जो देश की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। रविशंकर प्रसाद ने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को जारी की गई, और इसके तुरंत बाद रविवार को इस पर हंगामा मच गया। सोमवार को इसके प्रभाव से पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि भारतीय शेयर बाजार दुनिया के अन्य बाजारों की तुलना में सुरक्षित और स्थिर है, और इसके नियमन की जिम्मेदारी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) पर है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब सेबी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच के बाद हिंडनबर्ग को नोटिस भेजा, तो हिंडनबर्ग ने इसके बजाय भारत के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने शुरू कर दिए।

भाजपा ने यह भी सवाल उठाया कि हिंडनबर्ग के पीछे कौन से ताकतें काम कर रही हैं। प्रसाद ने कहा कि जॉर्ज सोरोस, जो अक्सर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाते रहे हैं, हिंडनबर्ग के प्रमुख निवेशक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस, जो नरेंद्र मोदी के खिलाफ नफरत फैलाती है, अब भारत के खिलाफ भी इसी प्रकार की नफरत पैदा करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत का शेयर बाजार प्रभावित होता है, तो इससे छोटे निवेशकों को नुकसान होगा, लेकिन कांग्रेस को इसकी कोई परवाह नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस पर टूलकिट पॉलिटिक्स का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं का उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार को ध्वस्त करना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकने और भारत में आर्थिक निवेश को हतोत्साहित करने की कोशिश कर रही है।

गौरतलब है कि 10 अगस्त को हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें यह दावा किया गया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में निवेश किया था, जिसके माध्यम से अदाणी समूह की कंपनियों में निवेश कर अदाणी ने लाभ उठाया। हालांकि, सेबी और माधबी बुच ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेबी की चेयरपर्सन ने समय-समय पर सभी प्रासंगिक खुलासे किए हैं और अदाणी समूह के खिलाफ लगे सभी आरोपों की जांच की है।

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भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट को निशाने पर लिया और इसे बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग ने सेबी द्वारा जुलाई में जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का बदला लेने के लिए यह रिपोर्ट जारी की। केसवन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन इंडिया इस रिपोर्ट का सहारा लेकर भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय प्रणाली को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राहुल गांधी की तुलना ग्रेग चैपल से करते हुए कहा कि यह हिट एंड रन की राजनीति है, जिसमें कांग्रेस और विपक्षी दल हिंडनबर्ग रिपोर्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। केसवन ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2023 में अदाणी समूह के मामले में सेबी को दी गई जांच का जिक्र किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच से इंकार कर दिया था और सेबी की जांच को भरोसेमंद बताया था। उन्होंने यह भी कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच की है और जहां आवश्यक हुआ, कार्रवाई भी की है।

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कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केसवन ने कहा कि 2014 में यूपीए सरकार के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था कमजोर स्थिति में थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो चुकी है और जल्द ही हम विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में असफल होने के बाद अब डर और दहशत का माहौल पैदा करने की कोशिश कर रही है, लेकिन वह इसमें सफल नहीं होगी।

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हिंडनबर्ग रिसर्च की नई चेतावनी, भारतीय शेयर बाजार में एक और बड़े खुलासे की आहट. https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/hindenburg-research-new-che/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/hindenburg-research-new-che/#respond Sat, 10 Aug 2024 09:14:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4261 अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है। शनिवार सुबह हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक …

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अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर भारतीय कंपनियों को लेकर बड़ा खुलासा करने का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार उन्होंने यह नहीं बताया है कि उनके निशाने पर कौन सी कंपनी है और किस प्रकार का खुलासा होने वाला है। शनिवार सुबह हिंडनबर्ग ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट में बस इतना ही कहा कि “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है।” इस चेतावनी ने भारतीय शेयर बाजार में एक बार फिर से हलचल मचा दी है।

आपको याद दिला दें कि पिछले साल 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में अडानी समूह की आलोचना करते हुए कई वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई थी। आंकड़ों के अनुसार, उस समय अडानी समूह के शेयरों के बाजार मूल्य में लगभग 86 बिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई थी। इसके अलावा, समूह के विदेशी लिस्टेड बॉन्ड्स की भी बड़ी मात्रा में बिक्री हुई थी। इस बार हिंडनबर्ग ने अपनी पोस्ट में किसी भी कंपनी का नाम नहीं लिया है, जिससे यह अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि इस बार उनकी रिपोर्ट किसके खिलाफ होगी। लेकिन हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट्स को देखते हुए, यह संभावना जताई जा रही है कि इस बार भी भारतीय शेयर बाजार में एक बड़ा तूफान आ सकता है।

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गौरतलब है कि इस साल जून में भारतीय शेयर बाजार नियामक संस्था सेबी (SEBI) ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले में नए खुलासे किए थे। इसमें अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च और न्यूयॉर्क के हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के बीच के संबंधों को उजागर किया गया था। सेबी ने बताया था कि हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले ही मार्क किंगडन के साथ साझा किया था, जिससे उन्होंने रणनीतिक ट्रेडिंग के जरिए बड़ा लाभ कमाया था।

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सेबी की जांच से यह भी पता चला था कि किंगडन कैपिटल ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) में महत्वपूर्ण निवेश किया था और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) में शॉर्ट पोजीशन लेने के लिए 43 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किया था। इसके बाद किंगडन कैपिटल ने इस पोजीशन को बंद कर दिया, जिससे उन्हें 2.25 बिलियन डॉलर का भारी लाभ हुआ था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब एक बार फिर हिंडनबर्ग की चेतावनी ने भारतीय निवेशकों के बीच चिंता बढ़ा दी है कि आखिरकार अब कौन सी कंपनी उनके निशाने पर है।

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गाजा में इस्राइली हमले से 100 से अधिक की मौत, पश्चिम एशिया में बढ़ा तनाव. https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/israeli-attack-in-gaza-100/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/israeli-attack-in-gaza-100/#respond Sat, 10 Aug 2024 07:34:17 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4251 गाजा के अल-तबैइन स्कूल पर हुए एक भीषण हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं। यह स्कूल गाजा सिटी के अल-सहाबा इलाके में स्थित है, जहां विस्थापित शरणार्थियों ने शरण ली हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले का आरोप इस्राइली …

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गाजा के अल-तबैइन स्कूल पर हुए एक भीषण हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए हैं। यह स्कूल गाजा सिटी के अल-सहाबा इलाके में स्थित है, जहां विस्थापित शरणार्थियों ने शरण ली हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले का आरोप इस्राइली सेना पर लगाया गया है, जिन्होंने कथित तौर पर हमास के एक कमांड सेंटर को निशाना बनाया था। गाजा के सरकारी मीडिया ने दावा किया कि जब लोग फज्र की नमाज पढ़ रहे थे, तब इस्राइली हवाई हमले में शरणार्थियों को निशाना बनाया गया। प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, हमले में 40 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन बाद में यह संख्या बढ़कर 100 के पार हो गई। इस्राइली सेना ने इस संबंध में बयान जारी कर कहा है कि उन्होंने हमास के आतंकियों के एक कमांड सेंटर पर हमला किया था, जिसमें आम नागरिकों का उपयोग ढाल के रूप में किया गया था।

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गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में इस्राइल और हमास के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में गोलन हाइट्स में हुए एक हिजबुल्ला रॉकेट हमले में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। इस हमले के जवाब में इस्राइल ने बेरूत में हिजबुल्ला के एक शीर्ष कमांडर को मार गिराया था। इसके कुछ ही समय बाद, तेहरान में हमास के शीर्ष नेता इस्माइल हानिया की हत्या कर दी गई थी, जिसका आरोप भी इस्राइल पर लगाया गया था। इस हत्या के बाद, ईरान और इस्राइल के बीच तनाव और बढ़ गया, और ईरान ने इस्राइल पर हमले की धमकी दे दी है।

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पश्चिम एशिया में इस तनाव के बीच, अमेरिका ने भी इस्राइल की मदद के लिए अपने युद्धपोत और लड़ाकू विमानों की एक स्क्वाड्रन पश्चिम एशिया में भेज दी है। हिजबुल्ला ने भी इस्राइल के खिलाफ हमले की चेतावनी दी है। गाजा में हालिया हमले में 100 से अधिक लोगों की मौत से पश्चिम एशिया का यह तनाव और बढ़ सकता है। यह घटनाक्रम इस क्षेत्र में एक बड़े संघर्ष का संकेत दे सकता है, जिसमें कई और देशों के शामिल होने की संभावना है। पश्चिम एशिया में बढ़ते इस तनाव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता को और बढ़ा दिया है, और आने वाले दिनों में इस्राइल और हमास के बीच स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है।

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ट्रंप पर हमले की साजिश? मिल्वौकी में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान पुलिस की गोलीबारी से व्यक्ति की मौत, सुरक्षा पर उठे सवाल, AK-47 बरामद https://chaupalkhabar.com/2024/07/17/plot-to-attack-trump-found/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/17/plot-to-attack-trump-found/#respond Wed, 17 Jul 2024 05:36:47 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3935 अमेरिका के मिल्वौकी में आयोजित रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान एक हिंसक घटना घटी है, जिसमें पांच ओहियो पुलिस अधिकारियों ने एक व्यक्ति पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब मिल्वौकी में ट्रंप को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा रहा था। मिल्वौकी के पुलिस प्रमुख जेफरी …

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अमेरिका के मिल्वौकी में आयोजित रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन के दौरान एक हिंसक घटना घटी है, जिसमें पांच ओहियो पुलिस अधिकारियों ने एक व्यक्ति पर गोली चलाई, जिससे उसकी मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब मिल्वौकी में ट्रंप को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया जा रहा था। मिल्वौकी के पुलिस प्रमुख जेफरी नॉर्मन ने बताया कि यह घटना कन्वेंशन स्थल के पास घटी। जिस व्यक्ति को गोली मारी गई, उसके दोनों हाथों में चाकू थे और उसने पुलिस के आदेशों को मानने से इंकार कर दिया था। जांच के दौरान व्यक्ति के पास से दो चाकू और AK-47 बरामद हुए हैं। इस घटना ने कन्वेंशन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इससे पहले, ट्रंप पर गोली चलाने की भी घटना हो चुकी है। इसके बाद, ट्रंप रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में भाग लेने के लिए मिल्वौकी गए थे। इस घटना ने ट्रंप पर संभावित हमले की आशंका को और बढ़ा दिया है। रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और कई न्यायक्षेत्रों के हजारों अधिकारी मिल्वौकी में तैनात किए गए हैं। गोलीबारी की घटना से स्थानीय निवासियों में आक्रोश फैल गया है। उन्होंने सवाल उठाया कि राज्य के बाहर के अधिकारी उनके पड़ोस में क्यों थे। मिल्वौकी काउंटी मेडिकल ऑफिसर ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा।

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मिल्वौकी के मेयर के चीफ ऑफ स्टाफ और सम्मेलन के संयुक्त कमांड सेंटर के प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है जिससे पता चले कि गोलीबारी सम्मेलन से संबंधित थी। घटना स्थल पर दर्जनों पुलिस अधिकारी मौजूद थे, लेकिन उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। मिल्वौकी निवासी और कार्यकर्ता तुरंत शूटिंग स्थल पर एकत्र हो गए, और उन्होंने सम्मेलन के कारण शहर में पुलिस की भागीदारी के बारे में नाराजगी व्यक्त की। गोलीबारी की घटना ने मिल्वौकी में एक बार फिर से सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता पैदा कर दी है।

इस घटना के बाद रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में सुरक्षा को लेकर और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रंप पर संभावित हमले की आशंका को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियां हर संभव प्रयास कर रही हैं कि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो। मिल्वौकी पुलिस विभाग ने गोलीबारी की घटना पर अभी और जानकारी नहीं दी है, लेकिन यह स्पष्ट है कि इस घटना ने सम्मेलन की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पेंसिल्वेनिया हमले के बाद मिल्वॉकी में RNC में आत्मविश्वास से भरे ट्रंप की पहली उपस्थिति: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामांकन प्राप्त… https://chaupalkhabar.com/2024/07/16/pennsylvania-attacks/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/16/pennsylvania-attacks/#respond Tue, 16 Jul 2024 06:51:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3921 पेंसिल्वेनिया में हुए एक हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को विस्कॉन्सिन के मिल्वॉकी शहर में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (RNC) में पहली बार दिखाई दिए। इस दौरान उनके कान पर बैंडेज लगा हुआ था और वे आत्मविश्वास से भरे हुए मंच पर आए। रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी सभा के …

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पेंसिल्वेनिया में हुए एक हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को विस्कॉन्सिन के मिल्वॉकी शहर में रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (RNC) में पहली बार दिखाई दिए। इस दौरान उनके कान पर बैंडेज लगा हुआ था और वे आत्मविश्वास से भरे हुए मंच पर आए। रविवार को पेंसिल्वेनिया में एक चुनावी सभा के दौरान डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ। इस हमले में ट्रंप को मामूली चोट आई, लेकिन वे बाल-बाल बच गए। हमले के बाद यह उनका पहला सार्वजनिक उपस्थिति था।

मिल्वॉकी में हुए RNC में ट्रंप को आधिकारिक तौर पर रिपब्लिकन पार्टी का राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। उन्हें 2,387 डेलिगेट्स के वोट मिले, जबकि उम्मीदवारी के लिए केवल 1,215 वोटों की आवश्यकता थी। इसके साथ ही ट्रंप ने ओहायो के सीनेटर जेम्स डेविड वेंस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना। जेडी वेंस 2022 में पहली बार ओहायो से सीनेटर चुने गए थे। वेंस, जो पहले ट्रंप के कट्टर विरोधी थे, ने 2015 में एक इंटरव्यू में ट्रंप की लीडरशिप पर सवाल उठाए थे। लेकिन अब वे ट्रंप के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

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रविवार को पेंसिल्वेनिया में चुनावी सभा के दौरान अचानक गोलियों की आवाज़ गूंजने लगी। एक गोली ट्रंप के दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को छूकर निकल गई, जिससे उनके कान से खून बहने लगा। सिक्योरिटी गार्ड्स ने तुरंत ट्रंप को घेर लिया और सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वहीं, सीक्रेट सर्विस ने हमलावर को मौके पर ही मार गिराया। हमले के बाद ट्रंप ने कहा कि टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल न करने का उनका फैसला उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ। सभा के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वे टेलीप्रॉम्पटर का इस्तेमाल नहीं करेंगे और सीधे अपने समर्थकों से संवाद करेंगे। इसी दौरान फायरिंग हुई और गोली उनके कान को छूकर निकल गई।

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हमले के बाद ट्रंप ने अपने समर्थकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आपके विचारों और प्रार्थनाओं के लिए आप सभी का धन्यवाद। सिर्फ ईश्वर ने ही इस अकल्पनीय घटना को होने से रोका। लेकिन हम डरेंगे नहीं, बल्कि अपने विश्वास में दृढ़ रहेंगे। हमारा प्यार अन्य पीड़ितों और उनके परिवारों के लिए है। हम उन लोगों के ठीक होने की प्रार्थना करते हैं जो हमले में घायल हुए थे और हमारे दिलों में उस इंसान की याद है, जो इतनी बुरी तरह मारा गया। अब ये ज्यादा जरूरी है कि हम एकजुट रहें और अमेरिकियों के रूप में अपना सच्चा चरित्र दिखाएं, मजबूत और दृढ़ रहें। बुराई को जीतने न दें। मैं अपने देश से प्यार करता हूं और आप सभी से प्यार करता हूं।”

ट्रंप की इस घटना के बाद उनके समर्थकों में और अधिक उत्साह देखा गया। उन्होंने ट्रंप की साहस और आत्मविश्वास की सराहना की। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह घटना किस प्रकार से प्रभावित करती है।

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डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी रैली में गोलीबारी, पेंसिल्वेनिया में गंभीर हमला” बाल बाल बचे ट्रंप… https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/donald-trumps-election-and/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/donald-trumps-election-and/#respond Mon, 15 Jul 2024 06:23:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3905 पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ। यह घटना तब घटी जब ट्रंप मंच से अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान अचानक गोलियों की आवाजें सुनाई दीं और मंच पर भगदड़ मच गई। रैली का …

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पेंसिल्वेनिया के बटलर में एक चुनावी रैली के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ। यह घटना तब घटी जब ट्रंप मंच से अपने समर्थकों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान अचानक गोलियों की आवाजें सुनाई दीं और मंच पर भगदड़ मच गई। रैली का जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि डोनाल्ड ट्रंप मंच से भाषण दे रहे थे। तभी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई दी और सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स तुरंत हरकत में आ गए। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रंप ने अपने दाहिने कान पर हाथ रखा और पोडियम के नीचे झुक गए। इस दौरान मंच पर और आसपास की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे और कुछ लोग अपनी-अपनी जगह पर लेट गए।

सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने तुरंत ट्रंप को घेर लिया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाने की कोशिश की। ट्रंप को मंच से उतारकर तुरंत कार में बैठाया गया और वहां से सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। घटना के बाद ट्रंप ने हवा में मुट्ठी भींचकर कुछ बोलते हुए दिखाई दिए, हालांकि उनके चेहरे और कान के नीचे खून देखा गया। घटना के वक्त बटलर की रैली में हज़ारों लोग मौजूद थे। वहां मौजूद भीड़ में से कई लोग चीखते हुए सुने गए और सुरक्षा कर्मियों को डॉक्टर को बुलाने की आवाजें भी सुनाई दीं। बीवर काउंटी रिपब्लिकन पार्टी के उपाध्यक्ष रिको एल्मोर, जो विशेष अतिथियों के लिए बने सेक्शन में बैठे थे, ने बताया कि उन्हें पटाखों जैसी आवाज सुनाई दी। एल्मोर ने तुरंत चिल्लाकर लोगों से नीचे झुकने को कहा।

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एल्मोर ने बताया कि उन्होंने देखा कि भीड़ में एक व्यक्ति को गोली लगी थी। सेना में रहने के दौरान प्राथमिक उपचार और सीपीआर की जानकारी होने के कारण, एल्मोर ने अपनी टाई उतारी और बैरिकेड को लांघकर घायल व्यक्ति के पास पहुंचे। उन्होंने उस व्यक्ति का सिर पकड़ा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था। सीक्रेट सर्विस ने घटना के बाद एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि हमलावर ने रैली स्थल के बाहर एक ऊंची जगह से मंच की ओर कई राउंड फायर किए। बयान के अनुसार, हमले में एक दर्शक की मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स ने हमलावर को घटनास्थल पर ही मार गिराया।

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सीक्रेट सर्विस का बयान : “13 जुलाई की शाम को करीब 6:15 बजे बटलर, पेंसिल्वेनिया में पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप की अभियान रैली के दौरान, एक संदिग्ध शूटर के द्वारा रैली स्थल के बाहर एक ऊंची जगह से मंच की तरफ कई गोलियां चलाईं गयी। घटना के तुरंत बाद अमेरिकी सीक्रेट सर्विस कर्मियों द्वारा शूटर को मार गिराया गया । सीक्रेट सर्विस ने तुरंत सुरक्षात्मक उपाय किए और पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप सुरक्षित बचा किया गया। हालाँकि इन सब के बिच एक दर्शक की मौत हो गई, और दो दर्शक गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की अभी जांच चल रही है और सीक्रेट सर्विस ने एफबीआई को सूचित कर दिया है।
घटना के बाद की स्थिति

घटना के बाद रैली स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया और जांच शुरू कर दी गई। एफबीआई भी इस मामले में शामिल हो गई है और हमलावर की पहचान और मकसद का पता लगाने का प्रयास कर रही है। यह घटना आगामी चुनावों के बीच हुई है, जहां सुरक्षा की चिंताएं पहले से ही बढ़ी हुई हैं। डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों और राजनीतिक विरोधियों ने इस घटना की निंदा की है और सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग की है। इस हमले ने चुनावी माहौल को और भी तनावपूर्ण बना दिया है और लोगों में भय का माहौल पैदा कर दिया है।

 

 

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