waqf-amendment-bill-2024- - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 10 Sep 2024 06:42:11 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.6.2 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg waqf-amendment-bill-2024- - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 वक्फ संशोधन विधेयक 2024: सत्ता और विपक्ष के बीच विवाद, वायरल वीडियो से उठे सवाल https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/waqf-amendment-bill-2024-power/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/waqf-amendment-bill-2024-power/#respond Tue, 10 Sep 2024 06:36:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4776 वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देश के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। सत्ता और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर तीखी बहस चल रही है, वहीं एक वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। वीडियो में लोगों से वक्फ विधेयक का विरोध करने की अपील की जा रही है …

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर देश के राजनीतिक गलियारों में घमासान मचा हुआ है। सत्ता और विपक्ष के बीच इस विधेयक पर तीखी बहस चल रही है, वहीं एक वायरल वीडियो ने इस मुद्दे को और गरमा दिया है। वीडियो में लोगों से वक्फ विधेयक का विरोध करने की अपील की जा रही है और लाउडस्पीकर के माध्यम से विधेयक के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है, वीडियो में लोगों से अपील की जा रही है कि वे वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध करें। यह भी कहा जा रहा है कि अगर यह विधेयक पास हो गया तो मस्जिदें, मजारें और कब्रिस्तान छिन जाएंगे। लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को बताया जा रहा है कि संसद की संयुक्त समिति ने इस विधेयक पर राय मांगी है और सभी को ईमेल के माध्यम से अपनी राय भेजनी चाहिए। इसमें यह भी दावा किया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर भी सरकार का कब्जा हो जाएगा अगर यह बिल पारित हो जाता है।

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वायरल वीडियो किसी बाजार या सार्वजनिक स्थान का प्रतीत हो रहा है। इसमें एक व्यक्ति लाउडस्पीकर लेकर घूम रहा है और दूसरा माइक के माध्यम से लोगों से अपील कर रहा है। लगभग एक मिनट के इस वीडियो में बताया गया है कि वक्फ संशोधन विधेयक को फिलहाल संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया है। वीडियो में कहा जा रहा है कि सभी नागरिक, विशेषकर मुस्लिम समुदाय के लोग, समिति को ईमेल के माध्यम से अपनी राय भेजें ताकि इस विधेयक को रोका जा सके। वीडियो में यह भी बताया गया कि 13 अगस्त तक राय भेजने का समय है और अगर विधेयक पारित हो गया तो मस्जिदों, मजारों और कब्रिस्तानों पर खतरा मंडरा सकता है।

वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था, लेकिन विपक्ष के भारी विरोध और दबाव के चलते इसे संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा गया। समिति ने मुस्लिम संगठनों और आम नागरिकों से इस विधेयक पर राय मांगी है। समिति की राय जानने के बाद ही विधेयक पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस वायरल वीडियो पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया दी है। दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर लिखा कि वक्फ संशोधन विधेयक पर जिस तरह से भ्रम फैलाया जा रहा है, वह दुखद और विचलित करने वाला है। उन्होंने कहा कि वे खुद इस विधेयक का गहराई से अध्ययन कर चुके हैं और इसे कम से कम 100 बार पढ़ चुके हैं। दुबे ने जोर देकर कहा कि इस विधेयक में कहीं भी मस्जिद, मजार, कब्रिस्तान, या मदरसों पर सरकार का कब्जा करने का प्रावधान नहीं है।

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दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि यह वीडियो झूठी सूचनाओं पर आधारित है और इसे मुस्लिम समुदाय के बीच भ्रम और डर फैलाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष और मोदी सरकार विरोधी ताकतें इस विधेयक का गलत इस्तेमाल कर एक विशेष वर्ग के मन में नफरत भरने का प्रयास कर रही हैं। दुबे ने इस प्रकार की राजनीति को “वोट बैंक की राजनीति” और “अंधी राजनीति” करार दिया। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 का भविष्य अब संसद की संयुक्त समिति की सिफारिशों पर निर्भर करेगा। इस बीच, मुस्लिम संगठनों और आम जनता को अपनी राय प्रस्तुत करने का समय दिया गया है। समिति इस राय के आधार पर विधेयक में सुधार कर सकती है या फिर इसे नए रूप में पेश किया जा सकता है।

विपक्ष का आरोप है कि इस विधेयक से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण बढ़ जाएगा और इससे अल्पसंख्यक समुदायों की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को खतरा हो सकता है। वहीं, सरकार का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को और पारदर्शी और जिम्मेदार बनाना है। वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर मचे घमासान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। वायरल वीडियो और इससे जुड़ी चर्चाओं ने इस मुद्दे को और भड़का दिया है। हालांकि, अब देखना यह होगा कि संयुक्त समिति इस पर क्या निर्णय लेती है और विधेयक का अंतिम रूप क्या होगा।

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वक्फ संशोधन विधेयक की समीक्षा के लिए संसद की संयुक्त समिति का गठन, जगदंबिका पाल होंगे अध्यक्ष. https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/summary-of-waqf-amendment-bill/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/13/summary-of-waqf-amendment-bill/#respond Tue, 13 Aug 2024 11:22:38 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4295 वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद में हाल ही में बड़ी बहस और विवाद देखने को मिला है। इस विधेयक को लेकर संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में तीव्र हंगामा हुआ। इसके बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इस विवादास्पद विधेयक को और अधिक अध्ययन और समीक्षा के लिए संसद की …

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद में हाल ही में बड़ी बहस और विवाद देखने को मिला है। इस विधेयक को लेकर संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में तीव्र हंगामा हुआ। इसके बाद सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने इस विवादास्पद विधेयक को और अधिक अध्ययन और समीक्षा के लिए संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया है। अब यह खबर सामने आई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल को इस समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति का काम इस विधेयक के सभी प्रावधानों की गहराई से जांच करना होगा और रिपोर्ट तैयार करना होगा।

विपक्षी दलों ने लोकसभा में इस विधेयक के विभिन्न प्रावधानों पर गहरा विरोध व्यक्त किया। विशेष रूप से, उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। विधेयक में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिनसे वक्फ बोर्डों और संबंधित हितधारकों के अधिकारों और जिम्मेदारियों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं। विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदायों के हितों के खिलाफ है और इससे उनकी संपत्तियों पर सरकार का अधिकार बढ़ सकता है।

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केंद्र सरकार ने विपक्ष के इन आरोपों और विवादों को ध्यान में रखते हुए इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का निर्णय लिया। यह समिति इस विधेयक के प्रावधानों की जांच करेगी और इसमें संभावित सुधारों के लिए सुझाव पेश करेगी। संयुक्त समिति में कुल 31 सदस्य शामिल हैं, जिनमें से 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सदस्य राज्यसभा से हैं। लोकसभा के सदस्य जो इस समिति का हिस्सा हैं, उनमें जगदंबिका पाल के अलावा डॉ. निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, संजय जायसवाल, दिलीप शाक्य, अभिजीत गंगोपाध्याय, डी.के. अरुणा, गौरव गोगोई, इमरान मसूद, डॉ. मोहम्मद जावेद, मोहिबुल्लाह, कल्याण बनर्जी, ए. राजा, लावु श्री कृष्ण देवरायलु, दिलेश्वर कामेत, अरविंद सावंत, सुरेश गोपीनाथ, नरेश गणपत म्हस्के, अरुण भारती और असदुद्दीन ओवैसी शामिल हैं।

राज्यसभा के सदस्यों में बृज लाल, मेधा कुलकर्णी, गुलाम अली, डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, डॉ. सईद नसीर हुसैन, मोहम्मद नदीमुल हक, वी. वियसाई रेड्डी, एम. मोहम्मद अब्दुल्ला, संजय सिंह और डॉ. धर्मस्थल वीरेंद्र हेगड़े शामिल हैं। विधेयक की जटिलताओं और इसके प्रभावों को देखते हुए, यह संभावना है कि समिति गहन समीक्षा के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। संसद के अगले सत्र में समिति द्वारा इस विधेयक पर विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाएगी, जो इस मुद्दे पर आगे की दिशा निर्धारित करेगी। यह रिपोर्ट विधेयक में संभावित संशोधनों और सुधारों की सिफारिश कर सकती है, जिसे फिर से संसद के दोनों सदनों में बहस के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

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गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया था। इसके बाद हुए विवाद और विपक्ष के विरोध को देखते हुए, सरकार ने इस विधेयक को संयुक्त समिति को सौंपने का निर्णय लिया। अधिकारियों का कहना है कि समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल की अगुवाई में जल्द ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी की जा सकती है, जिसके बाद समिति अपने कार्य में तेजी से जुटेगी। इस विधेयक की समीक्षा और इसके संभावित प्रभावों पर नजर रखने के लिए सभी संबंधित हितधारकों और राजनीतिक दलों की निगाहें अब इस संयुक्त समिति की कार्यवाही पर लगी रहेंगी।

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वक्फ संशोधन विधेयक 2024: विपक्ष के विरोध और सरकार के तर्कों के बीच लोकसभा में पेश किया गया वक्फ संशोधन विधेयक. https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/08/waqf-amendment-bill-2024-opposition/#respond Thu, 08 Aug 2024 09:16:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4216 केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत …

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केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश किया। लोकसभा में इस विधेयक को पेश करते समय काफी हंगामा हुआ, जहां विपक्षी दलों ने इसे संविधान की बुनियादी धारणाओं पर हमला बताते हुए विरोध किया। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (SP), और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) समेत कई विपक्षी दलों ने इस विधेयक को अस्वीकार्य बताते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस के प्रमुख नेता केसी वेणुगोपाल ने इस विधेयक को संविधान की बुनियाद पर हमला करार दिया। उन्होंने लोकसभा में कहा, “हम हिंदू हैं, लेकिन हम दूसरे धर्मों की आस्था का भी सम्मान करते हैं। यह विधेयक महाराष्ट्र और हरियाणा में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। पिछली बार जनता ने साफ संदेश दिया था, लेकिन सरकार ने उससे कुछ नहीं सीखा। यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है।”

उन्होंने आगे यह भी कहा कि इस विधेयक के जरिए सरकार वक्फ गवर्निंग काउंसिल में गैर-मुस्लिमों को शामिल करने का प्रावधान कर रही है, जोकि धर्म की स्वतंत्रता पर हमले को दर्शाता है। “इससे पहले आप ईसाइयों के पास जाएंगे, फिर जैनियों के पास। यह विधेयक विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहा है, जिसे भारत की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी,” वेणुगोपाल ने कहा। वहीं, सरकार ने इस विधेयक को मुस्लिम विरोधी मानने से इनकार किया है। जेडीयू और टीडीपी जैसी एनडीए की सहयोगी पार्टियों ने विधेयक का समर्थन किया। जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने भी इस पर अपना पक्ष रखा और कहा, की “यह विधेयक मुस्लिम विरोधी नहीं है, बल्कि इस विधेयक को वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लाया गया है। विपक्ष इसे मंदिरों के मुद्दे से जोड़ रहा है, जो कि बिलकुल निराधार है। सरकार का अधिकार है कि वह किसी भी निरंकुश संस्था पर नियंत्रण के लिए कानून बनाए।”

केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने भी इस विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ मानने से इनकार करते हुए कहा, “यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे हो सकता है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। विपक्ष इसे मंदिरों के साथ तुलना कर रहा है और मुख्य मुद्दे से भटका रहा है।” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसदों की एक बैठक बुलाई जिसमें वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा की गई। कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल और हिबी ईडेन ने इस विधेयक का विरोध करने के लिए नियम 72 के तहत एक नोटिस भी दिया था।

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कांग्रेस का आरोप है कि सरकार इस विधेयक के जरिए राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के बजाय सरकार इन शक्तियों को कमजोर कर रही है। वेणुगोपाल ने कहा, “यह विधेयक संघीय ढांचे पर सीधा आक्रमण है और संविधान की बुनियाद पर चोट करता है।” सरकार का दावा है कि वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, सर्वेक्षण और अतिक्रमणों को हटाने के मुद्दों को हल करने के लिए यह विधेयक आवश्यक है। राज्य वक्फ बोर्डों की शक्तियों को सीमित करने के उद्देश्य से इस विधेयक में कई प्रावधान किए गए हैं, जो वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।

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संशोधन विधेयक 2024 को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखा मतभेद देखने को मिल रहा है। जहां सरकार इसे वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक आवश्यक कदम मानती है, वहीं विपक्ष इसे धर्म की स्वतंत्रता और संविधान की मूल भावना पर हमला बताकर विरोध कर रहा है। इस विधेयक पर चर्चा के दौरान लोकसभा में माहौल गर्म रहा, और आने वाले दिनों में इस पर और अधिक बहस की संभावना है।

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