West Bengal government - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 16 Aug 2024 09:29:38 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg West Bengal government - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 कोलकाता कांड के बीच केंद्र सरकार का अहम कदम, डॉक्टरों पर हिंसा के मामले में 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज होगी. https://chaupalkhabar.com/2024/08/16/kolkata-center-of-scandal/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/16/kolkata-center-of-scandal/#respond Fri, 16 Aug 2024 09:29:38 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4334 कोलकाता के RG Kar Medical College में बुधवार को रात आधी रात के समय कुछ अज्ञात लोगों द्वारा अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की गयी । इस घटना पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गहरी चिंता व्यक्त की गयी हैऔर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार अब एक्शन मोड में आ चुकी है। स्वास्थ्य …

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कोलकाता के RG Kar Medical College में बुधवार को रात आधी रात के समय कुछ अज्ञात लोगों द्वारा अस्पताल परिसर में घुसकर आपातकालीन विभाग में तोड़फोड़ की गयी । इस घटना पर स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा गहरी चिंता व्यक्त की गयी हैऔर डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार अब एक्शन मोड में आ चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि अगर डॉक्टरों पर कोई हमला या हिंसा होती है तो संबंधित संस्थानों को घटना के छह घंटे के अंदर एफआईआर दर्ज करवानी होगी। मंत्रालय ने इस संबंध में सभी स्वास्थ्य संस्थानों को एक मेमो जारी किया है। इसके तहत, अगर किसी भी डॉक्टर पर हमला होता है, तो एफआईआर को समय पर दर्ज कराना अनिवार्य होगा।

गौरतलब है कि बुधवार रात को आरजी कर अस्पताल के पास पुलिस बैरिकेड तोड़कर एक भीड़ अस्पताल परिसर में घुस गई। इस दौरान उन्होंने कई कुर्सियों और बोर्डों को तोड़ दिया। यह तोड़फोड़ उस समय की गई जब जूनियर डॉक्टरों के लिए न्याय की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन कर रही थीं। इस स्थिति ने अस्पताल में अराजकता पैदा कर दी और मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

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आरजी कर अस्पताल में हुई इस तोड़फोड़ की घटना पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी चिंता जताई है। कोर्ट ने राज्य की मशीनरी को इस मामले को संभालने में पूरी तरह नाकाम बताया और सुझाव दिया कि बेहतर होगा कि अस्पताल को बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही, अस्पताल में मौजूद मरीजों को किसी अन्य अस्पताल में शिफ्ट करने की सलाह भी दी गई है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय और राज्य सरकार की ओर से इस घटना पर गंभीर कार्रवाई की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस समय अस्पताल प्रशासन और पुलिस को मिलकर इस स्थिति को सुलझाने और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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राहुल गांधी ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई क्रूरता पर चुप्पी तोड़ी, ‘न्याय देने की बजाय आरोपियों को बचाने की कोशिश’ https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/rahul-gandhi-ne-trainee-doc/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/rahul-gandhi-ne-trainee-doc/#respond Wed, 14 Aug 2024 11:42:11 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4312 कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बर्बर अपराध ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है। इस बीच, राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को इस मामले पर अपनी चिंता जताते …

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कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बर्बर अपराध ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस जघन्य घटना की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही है। इस बीच, राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को इस मामले पर अपनी चिंता जताते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वीभत्स घटना ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। इस क्रूर और अमानवीय कृत्य की जिस तरह से परत दर परत जानकारी सामने आ रही है, उससे डॉक्टरों और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल उत्पन्न हो गया है। पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय अगर आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है, तो यह अस्पताल और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाता है।”

राहुल गांधी ने इस घटना को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यह घटना हमें सोचने पर मजबूर कर रही है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, तो अभिभावक अपनी बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने में किस भरोसे के साथ भेजेंगे? निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोकने में असफल क्यों हो रहे हैं? हाथरस, उन्नाव, कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ बढ़ती घटनाओं पर हर दल और वर्ग को मिलकर गंभीर विचार विमर्श करके ठोस उपाय करने चाहिए।”

राहुल गांधी ने पीड़िता के परिवार के साथ अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस असहनीय कष्ट में उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा कि दोषियों को ऐसी सजा दी जानी चाहिए जो समाज के लिए एक नजीर बने। इस बीच, भाजपा और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। भाजपा ने ममता बनर्जी की सरकार पर आरोप लगाया है कि वह दोषियों को बचाने में जुटी है। भाजपा नेताओं का कहना है कि ममता सरकार इस मामले में सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रही है। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने कहा, “जो कुछ भी हो रहा है, वह ममता बनर्जी की राजनीति का परिणाम है। आरोपियों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।”

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वहीं, टीएमसी ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। टीएमसी नेताओं का कहना है कि सच्चाई को सामने आना चाहिए, लेकिन उन्होंने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं। टीएमसी का कहना है कि सीबीआई जांच के परिणाम को लेकर उनकी आशंकाएं हैं। इस बीच, डॉक्टरों की ओर से व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। मंगलवार को पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल की, जिससे दिल्ली के एम्स और अन्य अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) और अन्य रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने यह घोषणा की है कि जब तक चिकित्सा कर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून लागू नहीं हो जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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मंगलवार की हड़ताल के बाद, बुधवार को भी एम्स और FAIMA ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया। डॉक्टरों ने कहा है कि चिकित्सा कर्मियों पर हमलों को रोकने के लिए सख्त और प्रभावी कानून की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो सकें। कोलकाता में हुए इस जघन्य अपराध की सीबीआई जांच जारी है, और देशभर में इस मामले को लेकर गहरा आक्रोश व्याप्त है। सभी पक्षों से जल्द न्याय की उम्मीद की जा रही है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें और समाज में सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित किया जा सके।

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“पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई के दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, राज्य को मिली राहत” https://chaupalkhabar.com/2024/07/10/west-bengal-government-ne-seeb/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/10/west-bengal-government-ne-seeb/#respond Wed, 10 Jul 2024 06:32:24 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3883 पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कथित दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों को बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई को जांच के लिए सौंपा जाता है, जिससे इन मामलों की एकतरफा …

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पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कथित दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों को बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई को जांच के लिए सौंपा जाता है, जिससे इन मामलों की एकतरफा जांच होती है और केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने माना कि इस याचिका पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई द्वारा जांच कराना संविधान के अनुच्छेद 131 का उल्लंघन है।

ममता सरकार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई की कार्रवाई राज्य की स्वायत्तता को कमजोर करती है और इससे निष्पक्ष जांच प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई की जांच प्रक्रिया कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का मुकदमा संविधान के अनुसार शीर्ष अदालत में आगे बढ़ेगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज किया जाता है और इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।

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पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, सीबीआई के दुरुपयोग से राज्य के मामलों में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता है, जिससे राज्य की स्वायत्तता और न्याय प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है। ममता सरकार का यह भी आरोप है कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया राजनीतिक उद्देश्यों के तहत होती है और इससे राज्य सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों और जिम्मेदारियों को लेकर विवाद को हल करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 131 का पालन किया जाएगा। कोर्ट का यह फैसला पश्चिम बंगाल सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जो राज्य की स्वायत्तता और न्याय प्रक्रिया की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है।

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‘आखिर सरकार को क्यों है इसमें दिलचस्पी ‘ संदेशखाली केस में TMC को सुप्रीम कोर्ट से मिला झटका, जारी रहेगी CBI जांच. https://chaupalkhabar.com/2024/07/08/why-does-the-government-have-to-do-this/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/08/why-does-the-government-have-to-do-this/#respond Mon, 08 Jul 2024 08:50:26 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3866 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण, जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों की …

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कोलकाता हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण, जमीन हथियाने और राशन घोटाले से जुड़े सभी मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि इस मामले में उन्हें इतनी दिलचस्पी क्यों है और वे किसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं?

हाईकोर्ट के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि संदेशखाली में महिलाओं के यौन शोषण, जमीन हथियाने और राशन घोटाले जैसे गंभीर मामलों की सीबीआई जांच आवश्यक है। राज्य सरकार ने अपने तर्क में कहा था कि हाईकोर्ट के आदेश से पुलिस बल और पूरे राज्य तंत्र का मनोबल गिरा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा धक्का लगा है, क्योंकि इससे साफ हो गया है कि हाईकोर्ट के आदेश को मान्यता मिली है और अब इन मामलों की जांच सीबीआई द्वारा की जाएगी।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने राज्य सरकार से सवाल किया कि इस मामले में उन्हें इतनी दिलचस्पी क्यों है और वे किसे बचाने का प्रयास कर रहे हैं?

राज्य सरकार की दलील थी कि स्थानीय पुलिस और अन्य राज्य एजेंसियां इन मामलों की जांच के लिए सक्षम हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को नकार दिया। कोर्ट का कहना था कि इस तरह के गंभीर और संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष जांच जरूरी है, जिसे सीबीआई जैसे केंद्रीय एजेंसी द्वारा ही सुनिश्चित किया जा सकता है। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। विपक्ष ने इस फैसले का स्वागत करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर सवाल उठाए हैं कि वे किसे बचाने की कोशिश कर रहे थे। दूसरी ओर, ममता बनर्जी सरकार का कहना है कि वे सिर्फ राज्य के प्रशासनिक तंत्र के मनोबल को बनाए रखना चाहते थे और किसी को बचाने का कोई इरादा नहीं था।

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इस फैसले का संदेश यह है कि न्यायपालिका की नजर में निष्पक्ष जांच सर्वोपरि है और इसे सुनिश्चित करने के लिए अगर केंद्रीय एजेंसियों की मदद लेनी पड़े तो इसमें कोई बुराई नहीं है। राज्य सरकार को इस फैसले से सबक लेना चाहिए और भविष्य में ऐसी परिस्थितियों से बचने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।

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ममता बनर्जी पर BJP नेता दिलीप घोष का तंज खुद को शेरनी बताती थी, जो घर में’, घायल https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/mamata-banerjee-on-bjp-leader-dilip/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/16/mamata-banerjee-on-bjp-leader-dilip/#respond Sat, 16 Mar 2024 08:30:23 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2611 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक दुखद घटना का सामना किया। वह अपने घर में एक रैली से लौटते समय एक दुर्घटना का शिकार हो गई। ममता बनर्जी को गंभीर चोटें भी आईं, जिसके  बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद दिलीप घोष ने बड़ी ही तीव्रता …

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक दुखद घटना का सामना किया। वह अपने घर में एक रैली से लौटते समय एक दुर्घटना का शिकार हो गई। ममता बनर्जी को गंभीर चोटें भी आईं, जिसके  बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।

घटना के बाद दिलीप घोष ने बड़ी ही तीव्रता से अपने भाषण में ममता बनर्जी पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह घटना स्पष्ट करती है कि ममता बनर्जी अपने ही घर में सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें उस बिल्ली की तरह दिखाया गया है, जो खुद को शेरनी मानती थी, लेकिन अंततः गिर गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के रिश्तेदार उनके खिलाफ विद्रोह कर रहे हैं, जो उनकी राजनीति को भ्रष्ट कर रहे हैं। हालांकि, इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ममता बनर्जी को पीछे से धक्का देने से गिरने का संदर्भ नहीं था। वे इसे एक दुर्घटना के रूप में देखते हैं, जिसमें किसी ने उन्हें धक्का नहीं दिया।

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ममता बनर्जी की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में अस्पताल के डायरेक्टर ने कहा कि वह (सीएम) पीछे से धक्का देने की वजह से गिरी’ थीं । हालांकि, उनके इस बयान को तृणमूल कांग्रेस ने खारिज किया है। साथ ही, ममता बनर्जी की सेहत के बारे में जानकारी देते हुए टीएमसी के मंत्री ने कहा कि उन्हें गिरने के बाद चोट आई थी, लेकिन डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं।  इस दौरान, सामाजिक मीडिया पर भी इस घटना पर विवाद छिड़ रहा है। कुछ लोग ममता बनर्जी के समर्थक हैं, जबकि कुछ उनके विरोधी हैं। राजनीतिक दलों के बीच भी इस घटना को लेकर विवाद है। सार्वजनिक रूप से, इस घटना ने ममता बनर्जी की सुरक्षा का सवाल उठाया है। एक बार फिर, राजनीतिक दलों के बीच की तनाव भरी संघर्ष को लेकर विवाद बढ़ गया है। आखिरकार, इस घटना ने दिखाया है कि राजनीति कितनी तनावपूर्ण हो सकती है। ममता बनर्जी की सुरक्षा का मुद्दा भी सामाजिक और राजनीतिक विवादों को और भी तेज कर दिया है। इस परिस्थिति में, सरकार को अपनी सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी घटनाएं फिर से न हों।

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सिक्किम में अचानक आई बाढ़ के अगले दिन मरने वालों की संख्या बढ़कर 14 हो गई, 102 में से 22 सैनिक अब भी लापता, तलाश जारी https://chaupalkhabar.com/2023/10/06/sikkim-flash-floods-14-dead-over-102-missing/ https://chaupalkhabar.com/2023/10/06/sikkim-flash-floods-14-dead-over-102-missing/#respond Fri, 06 Oct 2023 07:36:05 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1822 सिक्किम में बुधवार तड़के आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सेना कर्मियों सहित 102 से अधिक लोग लापता हैं।   सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है और 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। 22 लापता सैनिकों …

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सिक्किम में बुधवार तड़के आई बाढ़ में 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सेना कर्मियों सहित 102 से अधिक लोग लापता हैं।

 

सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) ने अपने नवीनतम बुलेटिन में कहा कि अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है और 22,034 लोग प्रभावित हुए हैं। 22 लापता सैनिकों की तलाश अभी भी जारी है, जिसमें निचले इलाकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है क्योंकि तेजी से बहने वाली नदी उन्हें निचले इलाकों और शायद पश्चिम बंगाल तक भी ले जाने की संभावना है।

 

 

सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि जो सेना के जवान बह गए, उनके पास “काफिले का एक वाहन था जो राजमार्ग के पास खड़ा था जो कीचड़ में डूब गया।” एसएसडीएमए बुलेटिन के अनुसार, राज्य सरकार ने चार प्रभावित जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं। गंगटोक में आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोग शरण ले रहे हैं, जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में लोगों की संख्या के बारे में तत्काल जानकारी नहीं मिल पाई है।

 

बाद में पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी किए गए एक विज्ञप्ति में मरने वालों की संख्या अधिक बताई गई। “अब तक अठारह शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से छह शवों (चार जवानों और दो नागरिकों) की पहचान कर ली गई है। बाकी की पहचान की प्रक्रिया की जा रही है।

 

इस बीच, सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, “मौजूदा स्थिति का आकलन करने और नुकसान की सीमा का मूल्यांकन करने के लिए मिंटोकगांग में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई थी। मैंने सभी संबंधित अधिकारियों, विभागों, जिला मजिस्ट्रेटों और पुलिस अधीक्षकों को कड़ी सतर्कता बनाए रखने और प्रभावित जनता की आवश्यकताओं को पूरी तत्परता से पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। सटीक और समय पर सूचना प्रसार सुनिश्चित करने के लिए, मुख्य सचिव प्रेस को दैनिक अपडेट प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनसे सम्पर्क कर स्थिति का जाएजा लिया है.

 

उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण भारी मात्रा में पानी जमा हो गया, जो चुंगथांग बांध की तरफ मुड़ गया, जिसके नीचे की ओर बढ़ने से बिजली के बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए, जिससे कस्बों और गांवों में बाढ़ आ गई। सरकार के अनुसार, बाढ़ ने राज्य में 11 पुलों को नष्ट कर दिया, अकेले मंगन जिले में आठ पुल बह गए। नामची में दो और गंगटोक में एक पुल नष्ट हो गया। चार प्रभावित जिलों में पानी की पाइपलाइन, सीवेज लाइनें और कच्चे और कंक्रीट दोनों तरह के 277 घर नष्ट हो गए हैं।

 

चुंगथांग शहर को बाढ़ का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा और राज्य की जीवन रेखा माने जाने वाले एनएच-10 को कई स्थानों पर व्यापक क्षति हुई। एसएसडीएमए के मुताबिक, पाकयोंग जिले में सात, मंगन में चार और गंगटोक में तीन लोगों की मौत हो गई है। लापता 102 लोगों में से 59 पाकयोंग के हैं, जिनमें सेना के जवान भी शामिल हैं।

 

एसएसडीएमए ने लोगों को तीस्ता से दूर रहने की सलाह दी है क्योंकि ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश के कारण जल स्तर बढ़ रहा है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगभग 3000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य पर्यटन विभाग उनके संपर्क में है।

 

Brajesh Kumar

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