West Bengal - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Mon, 23 Sep 2024 06:58:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg West Bengal - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बदलाव, अधीर रंजन की जगह शुभंकर सरकार बने नए अध्यक्ष. https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/west-bengal-congress/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/west-bengal-congress/#respond Mon, 23 Sep 2024 06:49:00 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5061 पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को हटाकर शुभंकर सरकार को राज्य कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। शुभंकर सरकार, जो अभी …

The post पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बदलाव, अधीर रंजन की जगह शुभंकर सरकार बने नए अध्यक्ष. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक बदलाव हुआ है। कांग्रेस आलाकमान ने अधीर रंजन चौधरी को हटाकर शुभंकर सरकार को राज्य कांग्रेस का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। शुभंकर सरकार, जो अभी तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव पद पर कार्यरत थे, अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस की कमान संभालेंगे। हालिया लोकसभा चुनावों में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की स्थिति निराशाजनक रही। राज्य में पार्टी सिर्फ एक सीट, मालदा दक्षिण, पर जीत दर्ज कर सकी। अधीर रंजन चौधरी, जो बंगाल कांग्रेस के प्रमुख थे, खुद अपनी बहरामपुर सीट से हार गए। कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अधीर रंजन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस प्रदर्शन के बाद से ही उनके पद से हटने की अटकलें तेज हो गई थीं।

खबर भी पढ़ें : तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी की रिपोर्ट पर सियासी घमासान, जांच के लिए SIT गठित.

अधीर रंजन चौधरी का ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ संबंध तनावपूर्ण रहा। वह ममता बनर्जी के कट्टर आलोचक माने जाते हैं, और इसी कारण टीएमसी के साथ कांग्रेस का गठबंधन नहीं हो सका। माना जाता है कि उनके इस रुख के कारण राज्य में कांग्रेस को टीएमसी के साथ हाथ मिलाने का मौका नहीं मिला, जो पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर भारी पड़ा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी चुनाव के दौरान अधीर रंजन की इस नकारात्मक भूमिका पर उन्हें सार्वजनिक रूप से फटकार लगाई थी। शुभंकर सरकार को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है और कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में उनकी गिनती होती है। शुभंकर का कांग्रेस में लंबा अनुभव रहा है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाली हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें कांग्रेस का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था और साथ ही अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, और मिजोरम का प्रभारी भी नियुक्त किया गया था। इससे पहले 2013 से 2018 तक वह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और ओडिशा राज्य के प्रभारी के रूप में कार्यरत थे। उनकी संगठनात्मक क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही उन्हें अब पश्चिम बंगाल कांग्रेस की जिम्मेदारी दी गई है।

खबर भी पढ़ें : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,बच्चों की अश्लील फिल्म देखना और डाउनलोड करना अपराध

शुभंकर सरकार के नेतृत्व में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह पश्चिम बंगाल में पार्टी को एक नई दिशा दे सकेंगे और पार्टी के गिरते ग्राफ को रोकने के लिए नए सिरे से रणनीति बना सकेंगे। उनकी नियुक्ति को कांग्रेस की ओर से राज्य में संगठन को मजबूत करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में अपनी स्थिति सुधारनी है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए शुभंकर सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। राज्य में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला होने के कारण कांग्रेस की जमीन खिसकती जा रही है। ऐसे में शुभंकर सरकार को न केवल पार्टी के आंतरिक ढांचे को मजबूत करना होगा, बल्कि कार्यकर्ताओं में जोश और विश्वास भी भरना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह टीएमसी और ममता बनर्जी के साथ संबंधों को किस तरह से संभालते हैं, क्योंकि राज्य की राजनीति में टीएमसी का वर्चस्व है।

इस बड़े फेरबदल से कांग्रेस आलाकमान ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी पश्चिम बंगाल में फिर से खुद को एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करने की कोशिश करेगी। शुभंकर सरकार की नियुक्ति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

The post पश्चिम बंगाल कांग्रेस में बदलाव, अधीर रंजन की जगह शुभंकर सरकार बने नए अध्यक्ष. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/23/west-bengal-congress/feed/ 0
पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/#respond Fri, 20 Sep 2024 13:25:59 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5021 पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी …

The post पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी सरकार इन्हें रद्द कर देगी। उनके अनुसार, डीवीसी द्वारा “एकतरफा” पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि डीवीसी द्वारा बिना किसी योजना के भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में तबाही हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर केंद्रीय निधि को तुरंत जारी किया जाए ताकि राहत और पुनर्वास के कामों में तेजी लाई जा सके।

ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बताया कि डीवीसी द्वारा नियंत्रित मैथन और पंचेत बांधों से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो बाढ़ की मुख्य वजह बना। उन्होंने कहा कि यह अनियोजित और एकतरफा कदम था, जिसकी वजह से दामोदर नदी के निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। उन्होंने इस बाढ़ को वर्ष 2009 के बाद से सबसे भीषण बताया और कहा कि इससे राज्य में व्यापक पैमाने पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से तुरंत वित्तीय मदद की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दें कि केंद्रीय निधि को मंजूरी देकर उसे जल्द से जल्द जारी किया जाए।

खबर भी पढ़ें : चंद्रयान-4 मिशन को मिली कैबिनेट से मंजूरी, 2104.06 करोड़ रुपये का फंड स्वीकृत.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ राहत कार्य कर रही है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के काम तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेष ध्यान दें और इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया कि अगर डीवीसी के साथ मौजूदा समझौतों पर फिर से विचार नहीं किया गया तो राज्य सरकार सभी समझौतों को रद्द करने पर मजबूर हो जाएगी। उन्होंने डीवीसी के पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि इसे सुव्यवस्थित तरीके से नहीं किया गया, जिससे हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

खबर भी पढ़ें : जेपी नड्डा पर प्रियंका गांधी का तीखा हमला, कांग्रेस-भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी

मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई तबाही की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो गई हैं, घरों को नुकसान पहुंचा है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह बाढ़ किसी आपदा से कम नहीं है और इसके निपटारे के लिए केंद्र की मदद बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि केंद्रीय निधि को शीघ्र जारी किया जाए ताकि राज्य सरकार प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचा सके और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का प्रभावी ढंग से समाधान कर सके।

The post पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/floods-in-west-bengal/feed/ 0
कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, ममता बनर्जी ने दिया जूनियर डॉक्टरों को समर्थन, दोषियों को सजा दिलाने का वादा https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-medical-college-in/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-medical-college-in/#respond Sat, 14 Sep 2024 09:52:41 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4872 पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए स्वास्थ्य भवन पहुंची। यह हड़ताल एक महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या के मामले के बाद शुरू हुई, जिसमें दोषियों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है। ममता बनर्जी …

The post कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, ममता बनर्जी ने दिया जूनियर डॉक्टरों को समर्थन, दोषियों को सजा दिलाने का वादा first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए स्वास्थ्य भवन पहुंची। यह हड़ताल एक महिला डॉक्टर से हुए रेप और हत्या के मामले के बाद शुरू हुई, जिसमें दोषियों को सजा दिलाने की मांग की जा रही है। ममता बनर्जी ने डॉक्टर्स की इस मांग पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया और उन्हें हड़ताल समाप्त करने की अपील की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से कहा कि वह इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ हैं। उन्होंने डॉक्टर्स से कहा, “आप बारिश में प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे मैं पूरी रात सो नहीं पाई। मैं आपका दर्द समझती हूं और आपके साथ खड़ी हूं। मुझे अपने पद की चिंता नहीं है, बल्कि आपकी सुरक्षा की ज्यादा फिक्र है।”

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के सामने अपने छात्र जीवन का जिक्र करते हुए कहा, “मैंने भी अपने छात्र जीवन में बहुत आंदोलन किए हैं, इसलिए मैं आपके आंदोलन का समर्थन करती हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी। उन्होंने सीबीआई से मामले की जांच की मांग करते हुए कहा, “मैं सीबीआई से दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग करती हूं। दोषियों को सजा जरूर मिलेगी।” ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में राजनीतिक लाभ लेने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं आपकी आवाज़ सुनने और आपकी मांगों को समझने के लिए यहां आई हूं। मुझे इस पद की कोई चिंता नहीं है।”

खबर भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर में नव वत्सा ‘दीपज्योति’ का आगमन.

मुख्यमंत्री के समर्थन और आश्वासन के बावजूद, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने उनकी उपस्थिति में नारेबाजी की और अपना विरोध जारी रखा। हालांकि, ममता बनर्जी ने शांति और संयम से डॉक्टरों की बात सुनी और कहा कि वह हरसंभव कोशिश करेंगी कि उनकी मांगों को पूरा किया जाए। डॉक्टरों का कहना है कि इस हड़ताल का मकसद केवल महिला डॉक्टर को न्याय दिलाना ही नहीं है, बल्कि यह अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके कार्यस्थल की सुरक्षा को मजबूत करने की मांग भी है। डॉक्टरों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने अब तक उनके खिलाफ हो रही हिंसा और असुरक्षा को गंभीरता से नहीं लिया है।

खबर भी पढ़ें : ज्ञानव्यापी पर योगी आदित्यनाथ का बयान, ‘यह साक्षात शिव हैं, मस्जिद कहना दुर्भाग्य.

इससे एक दिन पहले, ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से मुलाकात की कोशिश की थी, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने जूनियर डॉक्टरों से मिलने के लिए दो घंटे इंतजार किया, लेकिन वे बैठक स्थल पर नहीं आए।” उन्होंने कहा कि यदि उनकी बात नहीं सुनी जाती, तो वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए भी तैयार हैं। हालांकि, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि वे नबन्ना (मुख्यमंत्री का कार्यालय) गए थे, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई थी। इस पूरे घटनाक्रम से स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई है, लेकिन ममता बनर्जी ने डॉक्टर्स को हरसंभव समर्थन देने का वादा किया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस पहल के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होती है और सरकार उनकी मांगों पर क्या ठोस कदम उठाती है।

The post कोलकाता मेडिकल कॉलेज में हड़ताल, ममता बनर्जी ने दिया जूनियर डॉक्टरों को समर्थन, दोषियों को सजा दिलाने का वादा first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/14/kolkata-medical-college-in/feed/ 0
ममता बनर्जी ने दिया इस्तीफे का संकेत, डॉक्टरों की हड़ताल से 27 मौतें, समाधान की कोशिशें विफल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/mamata-banerjee-gave-isti/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/mamata-banerjee-gave-isti/#respond Fri, 13 Sep 2024 06:09:27 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4833 पश्चिम बंगाल में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे इस पद की चिंता नहीं है, मेरी प्राथमिकता न्याय है। …

The post ममता बनर्जी ने दिया इस्तीफे का संकेत, डॉक्टरों की हड़ताल से 27 मौतें, समाधान की कोशिशें विफल. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल में कोलकाता रेप-मर्डर केस के बाद राजनीतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पूरे मामले को लेकर बड़ा बयान दिया है। ममता बनर्जी ने कहा, “मैं पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं। मुझे इस पद की चिंता नहीं है, मेरी प्राथमिकता न्याय है। मुझे न्याय चाहिए और न्याय मिलने की ही चिंता है।” इस बीच, रेप केस को लेकर डॉक्टरों की जारी हड़ताल ने सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करने से इनकार कर दिया। इससे पहले, गुरुवार शाम को ममता बनर्जी ने वीडियो संदेश के जरिए बड़ा ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने हड़ताली डॉक्टरों से अपील की थी कि वे बातचीत के लिए आएं और मामले को सुलझाने में सहयोग करें।

पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर डॉक्टरों से बातचीत के लिए बैठक बुलाने की कोशिश की थी। इस पर ममता बनर्जी खुद डॉक्टरों से बातचीत के लिए पहुंचीं। हालांकि, दो घंटे के लंबे इंतजार के बावजूद डॉक्टरों ने बैठक में शामिल होने से मना कर दिया। इसके बाद ममता बनर्जी ने जनता से माफी मांगते हुए कहा, “मैं बंगाल की जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगती हूं कि हम डॉक्टरों को काम पर वापस नहीं ला सके।” उन्होंने यह भी खुलासा किया कि हड़ताल के चलते अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है, क्योंकि उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल सका। ममता ने कहा, “मैंने तीन बार डॉक्टरों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन यह बैठक नहीं हो सकी। अब अगर कोई बैठक होगी, तो उसमें मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी शामिल होंगे।”

खबर भी पढ़ें : अमित शाह का पलटवार, राहुल गांधी के आरक्षण और सिखों पर दिए गए बयान से राजनीति गरमाई.

ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में कुछ लोग उनकी कुर्सी चाहते हैं और उनकी सत्ता को लेकर साजिशें कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। मुझे सत्ता की भूख नहीं है। मेरी प्राथमिकता जनता और राज्य की भलाई है।” मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों की बातचीत को बाधित करने के पीछे बाहरी ताकतें काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, “बैठक में आने के लिए कई डॉक्टर तैयार थे, लेकिन कुछ लोगों को बाहर से निर्देश दिए गए थे कि बातचीत में हिस्सा न लें।”

खबर भी पढ़ें : पीएम पद को लेकर इंडिया गठबंधन में मतभेद, तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव को बताया प्रधानमंत्री पद का दावेदार

ममता बनर्जी ने जनता से माफी मांगते हुए कहा, “बंगाल की जनता इंतजार कर रही थी कि इस संकट का कोई समाधान निकलेगा, लेकिन मुझे खेद है कि हम ऐसा नहीं कर पाए।” उन्होंने जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने डॉक्टरों को बातचीत के लिए मनाने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन डॉक्टरों के हड़ताल से राज्य में हालात गंभीर बने हुए हैं। डॉक्टरों की इस हड़ताल से पश्चिम बंगाल के कई अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं और अब तक 27 मौतें हो चुकी हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि वे लगातार डॉक्टरों से वार्ता करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई हल नहीं निकल पाया है।

The post ममता बनर्जी ने दिया इस्तीफे का संकेत, डॉक्टरों की हड़ताल से 27 मौतें, समाधान की कोशिशें विफल. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/mamata-banerjee-gave-isti/feed/ 0
पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/#respond Tue, 10 Sep 2024 13:01:21 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4798 पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक …

The post पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल के चर्चित आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। सीबीआई द्वारा की गई 8 दिनों की हिरासत पूरी होने के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला अब राजनीतिक और कानूनी तौर पर गहराता जा रहा है, और इस पर वकीलों के प्रदर्शन ने भी इसे और संवेदनशील बना दिया है। सीबीआई ने इस मामले में संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 8 दिन की हिरासत के बाद उन्हें अलीपुर जज कोर्ट में पेश किया गया। सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले को लेकर कॉलेज प्रशासन और समाज में काफी नाराजगी है, और लोगों की निगाहें इस मामले पर टिकी हैं।

खबर भी पढ़ें : जो राम को लाए हैं’ गाने के गायक कन्हैया ने अचानक लिया यू-टर्न, कांग्रेस में शामिल होने का इरादा छोड़ा; दी यह वजह.

अलीपुर में जब संदीप घोष को कोर्ट में पेश किया गया, तो वकीलों का एक बड़ा समूह उनके खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आया। प्रदर्शनकारी वकील घोष के लिए कड़ी सजा की मांग कर रहे थे। वे फांसी की सजा की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे। वकीलों ने कहा, “संदीप घोष को फांसी होनी चाहिए। वह बलात्कारी है, हत्यारा है, चोर है। उसे समाज के सामने शर्मिंदा किया जाना चाहिए।” प्रदर्शनकारियों की नाराजगी और आक्रोश का स्तर इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने कोर्ट परिसर में घोष का चेहरा दिखाने और उन्हें सजा देने की मांग की। कई वकील और छात्र इस मामले को लेकर गंभीर चिंता जता रहे हैं, और कुछ ने मांग की है कि जांच और तेज की जानी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।

खबर भी पढ़ें : भाजपा ने जारी की दूसरी सूची, जुलाना में कैप्टन योगेश बैरागी बनाम विनेश फोगाट

आरजी कर मेडिकल कॉलेज का यह मामला बेहद संवेदनशील है और इसमें शामिल सभी आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हुए हैं। सीबीआई द्वारा की जा रही जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं, जिनके आधार पर इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। संदीप घोष पर लगे आरोपों ने पश्चिम बंगाल की राजनीति और समाज दोनों में हलचल मचा दी है।सीबीआई की जांच के दौरान अब तक कई अहम दस्तावेज और गवाह सामने आए हैं, जिससे मामले की जटिलता और बढ़ गई है। अब सभी की नजरें 23 सितंबर की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि न्यायालय क्या फैसला करता है।

मामले के संबंध में वकीलों और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं की मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि इस तरह के मामलों में न्याय सुनिश्चित करना जरूरी है, ताकि समाज में कानून का डर बना रहे। इस मामले ने समाज में एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि शिक्षा संस्थानों में नैतिकता और कानून का पालन कितना जरूरी है। संदीप घोष और तीन अन्य आरोपियों को अब न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और आगे की जांच जारी रहेगी। 23 सितंबर की सुनवाई के दौरान मामले के और भी महत्वपूर्ण पहलुओं का खुलासा होने की संभावना है, जिससे यह पता चलेगा कि दोषियों को किस तरह की सजा दी जाएगी।

The post पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और तीन अन्य को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/10/ex-principal-sandeep-gho/feed/ 0
कोलकाता मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सीबीआई को ताजा रिपोर्ट जमा करने का निर्देश. https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/#respond Mon, 09 Sep 2024 08:11:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4756 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार …

The post कोलकाता मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सीबीआई को ताजा रिपोर्ट जमा करने का निर्देश. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से सुनवाई शुरू कर दी है। इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के दौरान बंगाल सरकार से कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को लेकर भी कई प्रश्न उठाए। इसके बाद, उन्होंने सीबीआई को आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से यह जानकारी मांगी कि क्या रात 8:30 से 10:45 बजे तक की गई तलाशी और जब्ती प्रक्रिया की वीडियो फुटेज उन्हें सौंप दी गई है। इस पर एसजी मेहता ने बताया कि 27 मिनट की अवधि की 4 क्लिप्स उपलब्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई ने नमूनों को एम्स और अन्य केंद्रीय फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में भेजने का निर्णय लिया है।

खबर भी पढ़ें : हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: कांग्रेस की रणनीतिक दूसरी सूची, बृजेंद्र सिंह बनाम दुष्यंत, भाई-बहन की टक्कर से बने 9 नए समीकरण.

सुनवाई के दौरान एसजी तुषार मेहता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा से संबंधित मुद्दे को उठाया। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी और सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी मिलकर यह सुनिश्चित करें कि सुरक्षा कर्मियों को उचित आवास उपलब्ध कराया जाए। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि सीआईएसएफ कर्मियों की आवश्यकताओं को आज ही संकलित किया जाए और सुरक्षा उपकरण रात 9 बजे तक उपलब्ध कराए जाएं।

खबर भी पढ़ें : भारत के लिए राहत की खबर! रोहिंग्या मुद्दे पर बांग्लादेश ने किया महत्वपूर्ण फैसला.

वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि जब डॉक्टरों की हड़ताल चल रही थी, तब 23 लोगों की मौत हो गई। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और प्रश्नों के मद्देनजर, इस मामले की जांच और सुरक्षा प्रबंधों को लेकर आने वाले समय में महत्वपूर्ण निर्णय संभव हैं।

The post कोलकाता मेडिकल कॉलेज बलात्कार और हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, सीबीआई को ताजा रिपोर्ट जमा करने का निर्देश. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/09/kolkata-medical-college-bala/feed/ 0
पश्चिम बंगाल में अपराजिता बिल की मंजूरी में देरी, गवर्नर आनंद बोस ने ममता सरकार पर उठाए सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/09/06/undefeated-in-west-bengal/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/06/undefeated-in-west-bengal/#respond Fri, 06 Sep 2024 07:33:11 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4702 पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार ने अपराजिता बिल को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी की है। गवर्नर के अनुसार, ममता सरकार ने इस बिल के साथ जरूरी तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी है, जिससे इसे मंजूरी नहीं मिल …

The post पश्चिम बंगाल में अपराजिता बिल की मंजूरी में देरी, गवर्नर आनंद बोस ने ममता सरकार पर उठाए सवाल. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस ने ममता बनर्जी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सरकार ने अपराजिता बिल को मंजूरी देने में अनावश्यक देरी की है। गवर्नर के अनुसार, ममता सरकार ने इस बिल के साथ जरूरी तकनीकी रिपोर्ट नहीं भेजी है, जिससे इसे मंजूरी नहीं मिल पा रही है। इस समस्या के कारण बिल पेंडिंग है और यह समस्या पुरानी है, क्योंकि ममता सरकार पहले भी कई बार विधानसभा से पास हुए बिलों की तकनीकी रिपोर्ट राजभवन को नहीं भेजी है। राजभवन ने 5 सितंबर को जारी बयान में बताया कि गवर्नर आनंद बोस ममता सरकार के इस रवैये से नाखुश हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की सरकार ने महिलाओं से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल की पूरी तैयारी नहीं की है। उनका आरोप है कि ममता सरकार ऐसी स्थिति उत्पन्न करती रही है, जिससे बिलों को मंजूरी मिलने में बाधा आती है और फिर इसका दोष राजभवन पर लगाया जाता है।

3 सितंबर को, ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में एक महत्वपूर्ण एंटी-रेप बिल पेश किया था। यह बिल विशेष रूप से कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठे सवालों के संदर्भ में पेश किया गया था। इस घटना के बाद राज्य भर में विरोध प्रदर्शन हो रहे थे, जिसने सरकार को यह कदम उठाने पर मजबूर किया। एंटी-रेप बिल के अनुसार, पुलिस को रेप के मामलों की जांच 21 दिन के भीतर पूरी करनी होगी। विधानसभा में इस बिल को पास करने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद, यह बिल राष्ट्रपति के पास जाएगा और वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही यह कानून में बदल सकेगा।

खबर भी पढ़ें : अगर ट्रंप जीतते हैं, तो एलन मस्क होंगे ‘चीफ’, पूर्व राष्ट्रपति ने बताया- Tesla CEO को कौन सी जिम्मेदारी मिलेगी.

गवर्नर आनंद बोस ने ममता सरकार पर साधा निशाना, यह आरोप लगाते हुए कि एंटी-रेप बिल आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बिलों की नकल है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे बिल पहले से राष्ट्रपति के पास पेंडिंग हैं और ममता बनर्जी धरना-प्रदर्शनों में भाग लेकर लोगों को धोखा दे रही हैं। उनका कहना है कि ममता सरकार ने विरोध प्रदर्शन की आड़ में कानून बनाने के मामले में वास्तविक प्रगति नहीं की है।

खबर भी पढ़ें : दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका, विधायक राजेंद्र पाल गौतम ने AAP से इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थामा.

गवर्नर के आरोपों और ममता सरकार के रवैये पर राजनीतिक हलकों में विवाद हो सकता है, और यह मुद्दा राज्य की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। ममता सरकार को अब तकनीकी रिपोर्टों को सही समय पर राजभवन भेजने की आवश्यकता है, ताकि अपराजिता बिल को मंजूरी मिल सके और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम प्रभावी बन सकें।

The post पश्चिम बंगाल में अपराजिता बिल की मंजूरी में देरी, गवर्नर आनंद बोस ने ममता सरकार पर उठाए सवाल. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/06/undefeated-in-west-bengal/feed/ 0
कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/#respond Tue, 03 Sep 2024 10:24:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4596 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा …

The post कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा का यह सत्र खास तौर पर इस मुद्दे पर चर्चा और विधेयक के पारित करने के लिए बुलाया गया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस पर बोलते हुए देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में 20 साल की दलित महिला के साथ रेप और बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में 2013 में एक कॉलेज छात्रा की रेप और बर्बर हत्या के मामलों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जयपुर में हाल ही में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के साथ रेप की घटना को भी सामने रखा। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर असामान्य रूप से अधिक है, और वहां महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं को न्याय मिलेगा और इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून तुरंत प्रभाव से लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस विधेयक को लागू किया जाए और इसका परिणाम दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को सुनने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस बिल को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।

खबर भी पढ़ें : आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष गिरफ्तार, वित्तीय अनियमितताओं और रेप मर्डर केस में सीबीआई की कार्रवाई.

एंटी रेप बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक में रेप और हत्या के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:

1. मौत की सजा:  रेप और हत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

2. चार्जशीट और सजा:  चार्जशीट दाखिल करने के 36 दिनों के भीतर दोषी को सजा-ए-मौत का प्रावधान है।

3. तेजी से जांच:  इस विधेयक के तहत 21 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

4. अपराधियों की मदद करने पर सजा:  अपराधियों की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

5. स्पेशल टास्क फोर्स:  हर जिले में स्पेशल “अपराजिता टास्क फोर्स” का गठन किया जाएगा, जो रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ के मामलों में तुरंत कार्रवाई करेगी।

6. एसिड अटैक पर सजा:  एसिड अटैक के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

7. पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा:  पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।

8. तेजी से सुनवाई:  विधेयक में BNSS प्रावधानों में संशोधन करते हुए सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान शामिल है।

खबर भी पढ़ें : राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीन IAS अभ्यर्थियों की मौत के मामले में छह आरोपियों को CBI की 4 दिन की हिरासत में भेजा.

विधेयक का कानून बनना

इस विधेयक के कानून बनने के लिए अब राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है। विधानसभा में इस बिल का पारित होना इसलिए आसान रहा क्योंकि 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 223 विधायकों का समर्थन है। लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इसका उदाहरण 2019 के आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक और 2020 के महाराष्ट्र शक्ति विधेयक हैं, जिनमें सभी रेप मामलों के लिए सिर्फ मौत की सजा का प्रावधान था, लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी आज तक नहीं मिली है। इस विधेयक में BNSS और 2012 के पोक्सो अधिनियम के कुछ हिस्सों में संशोधन करते हुए, पीड़िता की उम्र चाहे जो भी हो, यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की घटना के बाद जनता के गुस्से और न्याय की मांग के बीच, ममता बनर्जी ने इस एंटी रेप बिल को लाने का निर्णय लिया। अब इस विधेयक का कानून बनना इस पर निर्भर करेगा कि इसे राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है या नहीं।

The post कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/feed/ 0
कोलकाता घटना के बाद आईएमए सर्वे में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल: 35.5% नाइट शिफ्ट में असुरक्षित. https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/kolkata-incident-after-ima/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/kolkata-incident-after-ima/#respond Sat, 31 Aug 2024 10:48:53 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4568 कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने डॉक्टरों की सुरक्षा के बारे में एक सर्वे किया, जिसके परिणामों ने स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत कर्मियों की सुरक्षा को लेकर …

The post कोलकाता घटना के बाद आईएमए सर्वे में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल: 35.5% नाइट शिफ्ट में असुरक्षित. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले ने पूरे देश में चिकित्सा समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने डॉक्टरों की सुरक्षा के बारे में एक सर्वे किया, जिसके परिणामों ने स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत कर्मियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ उजागर की हैं। इस सर्वे के अनुसार, देशभर के 22 राज्यों से 3,885 डॉक्टरों ने इसमें भाग लिया, जिनमें से 63% महिला डॉक्टर थीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन डॉक्टरों में से 35.5% ने कहा कि वे नाइट शिफ्ट के दौरान ‘असुरक्षित या बहुत असुरक्षित’ महसूस करते हैं। इसमें विशेष रूप से महिला डॉक्टरों की संख्या अधिक है।

नाइट शिफ्ट में काम करने वाले डॉक्टरों में से 45% ने बताया कि उनके कार्यस्थल पर नाइट ड्यूटी के लिए अलग से कोई ड्यूटी रूम नहीं है। यह कमी खासतौर पर उन युवा डॉक्टरों के लिए चिंता का विषय है जो अभी प्रशिक्षण या पीजी ट्रेनिंग के दौर से गुजर रहे हैं। सर्वे के परिणामों से यह भी पता चलता है कि 20-30 वर्ष के डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना सबसे ज्यादा है। यह भयावह स्थिति उन महिलाओं में भी देखी गई जो अपनी सुरक्षा के लिए चाकू या पेपर स्प्रे जैसे उपकरणों का सहारा ले रही हैं। महिला डॉक्टरों की बड़ी संख्या इस बात की ओर इशारा करती है कि अस्पतालों और मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजामों की कमी है। डॉक्टर जो जीवन रक्षा के कार्य में जुटे होते हैं, उनके लिए नाइट शिफ्ट के दौरान कार्यस्थल पर असुरक्षा का अनुभव करना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

खबर भी पढ़ें : ममता बनर्जी के पास अपने बच्चे नहीं हैं, वो हमारे दर्द को नहीं समझ सकतीं’; दुष्कर्म पीड़िता की मां का गुस्सा फूटा.

आईएमए के इस सर्वे में शामिल 85% युवा डॉक्टरों ने अपने असुरक्षा के अनुभवों को साझा किया, जिनमें से अधिकांश डॉक्टर ट्रेनी या पीजी ट्रेनी थे। यह तथ्य चिकित्सा समुदाय के लिए एक चेतावनी की तरह है कि जब युवा डॉक्टर, जो भविष्य की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनने वाले हैं, खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करते, तो यह चिकित्सा प्रणाली के लिए एक गंभीर चुनौती है।

खबर भी पढ़ें :  कांग्रेस ने आम चुनाव में उम्मीदवारों को दी गई फंडिंग का खुलासा किया, राहुल गांधी समेत कई प्रत्याशियों को मिला बड़ा आर्थिक समर्थन

सर्वे में भाग लेने वाले डॉक्टरों का कहना है कि नाइट शिफ्ट के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होना बेहद जरूरी है। नाइट ड्यूटी के लिए अलग ड्यूटी रूम न होना न केवल असुरक्षा की भावना को बढ़ाता है, बल्कि यह चिकित्सा संस्थानों की ढांचागत कमियों को भी उजागर करता है। इस अध्ययन से यह भी पता चलता है कि महिलाओं के लिए सुरक्षित कार्यस्थल का अभाव उन्हें अपने कार्यस्थल पर डर और असुरक्षा के माहौल में काम करने के लिए मजबूर करता है। चूंकि महिलाएं चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखती हैं, उनके लिए सुरक्षित कार्यस्थल का निर्माण आवश्यक है।

The post कोलकाता घटना के बाद आईएमए सर्वे में डॉक्टरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल: 35.5% नाइट शिफ्ट में असुरक्षित. first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/08/31/kolkata-incident-after-ima/feed/ 0
कोलकाता रेप-मर्डर केस: CJI के सवालों पर ममता की ओर से सवालों का जवाब नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, शव मिलने से अब तक की पूरी कहानी। https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/#respond Fri, 23 Aug 2024 13:20:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4413 कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल …

The post कोलकाता रेप-मर्डर केस: CJI के सवालों पर ममता की ओर से सवालों का जवाब नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, शव मिलने से अब तक की पूरी कहानी। first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में FIR दर्ज करने में 14 घंटे की देरी पर गंभीर चिंता जताई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार से पूछा कि आखिर FIR दर्ज करने में इतनी देरी क्यों हुई। इस पूरे मामले में पुलिस और अस्पताल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। घटना के बारे में सबसे पहले 9 अगस्त 2024 की सुबह 9:30 बजे पता चला, जब आरजी कर अस्पताल की एक प्रशिक्षु डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की बॉडी को देखा। इसके बाद उन्होंने अपने वरिष्ठ डॉक्टरों को जानकारी दी, जिन्होंने तुरंत अस्पताल प्रशासन को सतर्क किया। सुबह 10:10 बजे, अस्पताल की पुलिस चौकी ने टाला पुलिस थाने को घटना की जानकारी दी। बताया गया कि आपातकालीन भवन की तीसरी मंजिल पर एक सेमिनार कक्ष में एक महिला अचेत अवस्था में पड़ी है। पुलिस ने इसे जनरल डायरी एंट्री के तौर पर दर्ज किया और घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। सुबह 10:30 बजे पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद सीनियर अधिकारियों को सूचित किया गया और अपराध स्थल को सील कर दिया गया।

अस्पताल के सहायक अधीक्षक ने सुबह 10:52 बजे पीड़िता के परिवार को सूचना दी और जल्दी आने का आग्रह किया। इसके बाद दोपहर 12:44 बजे, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने महिला डॉक्टर की मौत की पुष्टि की। इस बीच, पुलिस ने दोपहर 1:47 बजे अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट और डेथ सर्टिफिकेट प्राप्त किए और अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया। पीड़िता के परिवार और सहकर्मियों ने तुरंत पोस्टमार्टम की मांग की, जो न्यायिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में शाम 6:10 बजे से 7:10 बजे के बीच किया गया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई। रात 8:00 बजे डॉग स्क्वाड मौके पर पहुंचा और रात 8:37 बजे से 8:52 बजे के बीच अपराध स्थल की 3डी मैपिंग की गई। इसके बाद फॉरेंसिक टीम ने 40 से अधिक वस्तुओं को जांच के लिए सुरक्षित किया।रात 11:45 बजे, पीड़िता के पिता की शिकायत पर रेप और मर्डर के आरोपों में FIR दर्ज की गई। पुलिस ने कहा कि पीड़िता के सहकर्मियों से पूछताछ और संदिग्धों की जांच 9 अगस्त से ही शुरू कर दी गई थी, और अगले दिन सुबह 10 बजे आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया गया।

खबर भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर अमित शाह के तीखे सवाल.

सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना के दौरान हुई प्रक्रियाओं में विसंगतियों पर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने खासकर पोस्टमार्टम के बाद अप्राकृतिक मौत की एंट्री दर्ज किए जाने को लेकर सरकार की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अगर पोस्टमार्टम हो चुका है, तो इसका मतलब है कि अप्राकृतिक मौत की पुष्टि हो चुकी है, फिर एंट्री पोस्टमार्टम के बाद क्यों हुई? जस्टिस पार्डीवाला ने भी इस पर टिप्पणी की कि उनके 30 साल के करियर में उन्होंने ऐसा मामला नहीं देखा है। कोर्ट के सवालों पर बंगाल सरकार की ओर से पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल कई बार निरुत्तर दिखे।

कलकत्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट ने पूछा कि अप्राकृतिक मौत के रूप में मामला दर्ज होने के बावजूद FIR दर्ज करने में 14 घंटे क्यों लगे? ऐसे गंभीर मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब पीड़िता का शव सुबह 9:30 बजे देखा गया था, तो मौत की पुष्टि में तीन घंटे का समय क्यों लगा? डॉक्टर ने पुलिस को महिला के अचेत अवस्था में होने की सूचना दी थी, फिर इलाज की कोशिश क्यों नहीं की गई? कोलकाता पुलिस का दावा है कि क्राइम सीन को सुबह 10:30 बजे सील कर दिया गया था। लेकिन सीबीआई ने इसे नकारते हुए कहा कि जब हमने पांच दिन बाद जांच शुरू की, तब अपराध स्थल को बदल दिया गया था, जिससे जांच में चुनौती आ रही है।

खबर भी पढ़ें : Defense Minister Rajnath Singh’s visit to America: द्विपक्षीय संबंधों में नई मजबूती और वैश्विक साझेदारी की दिशा में कदम.

मृतक डॉक्टर के माता-पिता ने कलकत्ता हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा कि उन्हें तीन घंटे तक इंतजार कराया गया और फिर बॉडी देखने की इजाजत दी गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें सुबह 10:53 बजे फोन पर बेटी की बीमारी की सूचना दी गई और फिर 11:15 बजे आत्महत्या की बात कही गई, जबकि पुलिस की टाइमलाइन में आत्महत्या का कोई जिक्र नहीं है। कोलकाता रेप और मर्डर केस में हुए घटनाक्रम और पुलिस की देरी पर ममता सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर मामला करार देते हुए बंगाल सरकार को जल्द से जल्द जवाब देने का निर्देश दिया है। मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है, जिससे पीड़िता के परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।

The post कोलकाता रेप-मर्डर केस: CJI के सवालों पर ममता की ओर से सवालों का जवाब नहीं दे पाए कपिल सिब्बल, शव मिलने से अब तक की पूरी कहानी। first appeared on chaupalkhabar.com.

]]>
https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/kolkata-rape-murder-case-cji-k-s/feed/ 0